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ترجمة معاني سورة: الدخان   آية:

سورة الدخان - सूरा अद्-दुख़ान

حٰمٓ ۟ۚۛ
ह़ा, मीम।
التفاسير العربية:
وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ
क़सम है स्पष्ट करने वाली पुस्तक की।
التفاسير العربية:
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने इसे[1] एक बरकत वाली रात में उतारा है। निःसंदेह हम डराने वाले थे।
1. बरकत वाली रात से अभिप्राय "लैलतुल क़द्र" है। यह रमज़ान के महीने के अंतिम दशक की एक विषम रात्रि होती है। यहाँ आगे बताया जा रहा है कि इसी रात्रि में पूरे वर्ष होने वाले विषय का निर्णय किया जाता है। इस शुभ रात की विशेषता तथा प्रधानता के लिए सूरतुल-क़द्र देखिए। इसी शुभ रात्रि में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर क़ुरआन उतरने का आरंभ हुआ। फिर 23 वर्षों तक आवश्यकतानुसार विभिन्न समय में उतरता रहा। (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत संख्या : 185)
التفاسير العربية:
فِیْهَا یُفْرَقُ كُلُّ اَمْرٍ حَكِیْمٍ ۟ۙ
इसी (रात) में प्रत्येक अटल मामले का निर्णय किया जाता है।
التفاسير العربية:
اَمْرًا مِّنْ عِنْدِنَا ؕ— اِنَّا كُنَّا مُرْسِلِیْنَ ۟ۚ
हमारी ओर से आदेश के कारण। निःसंदेह हम ही भेजने वाले थे।
التفاسير العربية:
رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ
आपके पालनहार की दया के कारण। निश्चय वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
التفاسير العربية:
رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۘ— اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِیْنَ ۟
जो आकाशों तथा धरती और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का पालनहार है, यदि तुम विश्वास करने वाले हो।
التفاسير العربية:
لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ ؕ— رَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
उसके अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं। वही जीवित करता और मारता है। तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादाओं का पालनहार है।
التفاسير العربية:
بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ یَّلْعَبُوْنَ ۟
बल्कि वे संदेह में पड़े खेल रहे हैं।
التفاسير العربية:
فَارْتَقِبْ یَوْمَ تَاْتِی السَّمَآءُ بِدُخَانٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
तो आप उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब आकाश प्रत्यक्ष धुआँ[2] लाएगा।
2. इस प्रत्यक्ष धुएँ तथा दुःखदायी यातना की व्याख्या सह़ीह़ ह़दीस में यह आयी है कि जब मक्कावासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कड़ा विरोध किया, तो आपने यह शाप दिया कि ऐ अल्लाह! उनपर सात वर्ष का अकाल भेज दे। और जब अकाल आया, तो भूख के कारण उन्हें धुआँ जैसा दिखाई देने लगा। तब उन्होंने आप से कहा कि आप अल्लाह से प्रार्थना कर दें। वह हमसे अकाल दूर कर देगा, तो हम ईमान ले आएँगे। और जब अकाल दूर हुआ तो फिर अपनी स्थिति पर लौट आए। फिर अल्लाह ने बद्र के युद्ध के दिन उनसे बदला लिया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4821, तथा सह़ीह़ मुस्लिम : 2798)
التفاسير العربية:
یَّغْشَی النَّاسَ ؕ— هٰذَا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
जो लोगों को ढाँप लेगा। यह दुःखदायी यातना है।
التفاسير العربية:
رَبَّنَا اكْشِفْ عَنَّا الْعَذَابَ اِنَّا مُؤْمِنُوْنَ ۟
ऐ हमारे पालनहार! हमसे यह यातना दूर कर दे। निःसंदेह हम ईमान लाने वाले हैं।
التفاسير العربية:
اَنّٰی لَهُمُ الذِّكْرٰی وَقَدْ جَآءَهُمْ رَسُوْلٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
उनके लिए नसीहत कहाँ? हालाँकि, निश्चित रूप से उनके पास स्पष्ट करने वाला रसूल आ चुका।
التفاسير العربية:
ثُمَّ تَوَلَّوْا عَنْهُ وَقَالُوْا مُعَلَّمٌ مَّجْنُوْنٌ ۟ۘ
फिर उन्होंने उससे मुँह फेर लिया और उन्होंने कहा : यह तो सिखाया हुआ है, यह पागल है।
التفاسير العربية:
اِنَّا كَاشِفُوا الْعَذَابِ قَلِیْلًا اِنَّكُمْ عَآىِٕدُوْنَ ۟ۘ
निःसंदेह हम इस यातना को थोड़ी देर के लिए दूर करने वाले हैं। (परंतु) निःसंदेह तुम फिर वही कुछ करने वाले हो।
التفاسير العربية:
یَوْمَ نَبْطِشُ الْبَطْشَةَ الْكُبْرٰی ۚ— اِنَّا مُنْتَقِمُوْنَ ۟
जिस दिन हम बड़ी पकड़[3] पकड़ेंगे, निःसंदेह हम बदला लेने वाले हैं।
3. यह बड़ी पकड़ का दिन बद्र के युद्ध का दिन है। जिसमें उनके बड़े-बड़े सत्तर प्रमुख मारे गए तथा इतनी ही संख्या में बंदी बनाए गए। और उनकी दूसरी पकड़ क़ियामत के दिन होगी, जो इससे भी बड़ी और गंभीर होगी।
التفاسير العربية:
وَلَقَدْ فَتَنَّا قَبْلَهُمْ قَوْمَ فِرْعَوْنَ وَجَآءَهُمْ رَسُوْلٌ كَرِیْمٌ ۟ۙ
तथा निःसंदेह हमने इनसे पूर्व फ़िरऔन की जाति की परीक्षा ली तथा उनके पास एक अति सम्मानित रसूल आया।
التفاسير العربية:
اَنْ اَدُّوْۤا اِلَیَّ عِبَادَ اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
यह कि अल्लाह के बंदों को मेरे हवाले कर दो। निश्चय मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।
التفاسير العربية:
وَّاَنْ لَّا تَعْلُوْا عَلَی اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْۤ اٰتِیْكُمْ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۚ
तथा यह कि अल्लाह के मुक़ाबले में सरकशी न करो, निःसंदेह मैं तुम्हारे पास स्पष्ट प्रमाण लाने वाला हूँ।
التفاسير العربية:
وَاِنِّیْ عُذْتُ بِرَبِّیْ وَرَبِّكُمْ اَنْ تَرْجُمُوْنِ ۟ۚ
तथा निःसंदेह मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की इससे शरण ली है कि तुम मुझपर पथराव कर मेरी जान ले लो।
التفاسير العربية:
وَاِنْ لَّمْ تُؤْمِنُوْا لِیْ فَاعْتَزِلُوْنِ ۟
और अगर तुम मेरी बात नहीं मानते, तो मुझसे दूर रहो।
التفاسير العربية:
فَدَعَا رَبَّهٗۤ اَنَّ هٰۤؤُلَآءِ قَوْمٌ مُّجْرِمُوْنَ ۟
अंततः उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह ये अपराधी लोग हैं।
التفاسير العربية:
فَاَسْرِ بِعِبَادِیْ لَیْلًا اِنَّكُمْ مُّتَّبَعُوْنَ ۟ۙ
अतः तुम मेरे बंदों को लेकर रातों-रात चले जाओ। निःसंदेह तुम्हारा पीछा किया जाएगा।
التفاسير العربية:
وَاتْرُكِ الْبَحْرَ رَهْوًا ؕ— اِنَّهُمْ جُنْدٌ مُّغْرَقُوْنَ ۟
तथा सागर को अपनी दशा पर ठहरा हुआ छोड़ दे। निःसंदेह वे एक ऐसी सेना हैं, जो डुबोए जाने वाले हैं।
التفاسير العربية:
كَمْ تَرَكُوْا مِنْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
वे कितने ही बाग़ और जल स्रोत छोड़ गए।
التفاسير العربية:
وَّزُرُوْعٍ وَّمَقَامٍ كَرِیْمٍ ۟ۙ
तथा खेतियाँ और बढ़िया स्थान।
التفاسير العربية:
وَّنَعْمَةٍ كَانُوْا فِیْهَا فٰكِهِیْنَ ۟ۙ
तथा सुख-सामग्री, जिनमें वे आनंद ले रहे थे।
التفاسير العربية:
كَذٰلِكَ ۫— وَاَوْرَثْنٰهَا قَوْمًا اٰخَرِیْنَ ۟
ऐसा ही हुआ और हमने उनका उत्तराधिकारी दूसरे[4] लोगों को बना दिया।
4. अर्थात बनी इसराईल (याक़ूब अलैहिस्सलाम की संतान) को।
التفاسير العربية:
فَمَا بَكَتْ عَلَیْهِمُ السَّمَآءُ وَالْاَرْضُ وَمَا كَانُوْا مُنْظَرِیْنَ ۟۠
फिर न उनपर आकाश और धरती रोए और न वे मोहलत पाने वाले हुए।
التفاسير العربية:
وَلَقَدْ نَجَّیْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ مِنَ الْعَذَابِ الْمُهِیْنِ ۟ۙ
तथा निःसंदेह हमने इसराईल की संतान को अपमानकारी यातना से बचा लिया।
التفاسير العربية:
مِنْ فِرْعَوْنَ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَالِیًا مِّنَ الْمُسْرِفِیْنَ ۟
फ़िरऔन से। निःसंदेह वह हद से बढ़ने वालों में से एक सरकश व्यक्ति था।
التفاسير العربية:
وَلَقَدِ اخْتَرْنٰهُمْ عَلٰی عِلْمٍ عَلَی الْعٰلَمِیْنَ ۟ۚ
तथा निःसंदेह हमने उन्हें ज्ञान के आधार पर संसार वासियों पर चुन लिया।
التفاسير العربية:
وَاٰتَیْنٰهُمْ مِّنَ الْاٰیٰتِ مَا فِیْهِ بَلٰٓؤٌا مُّبِیْنٌ ۟
तथा हमने उन्हें ऐसी निशानियाँ प्रदान कीं, जिनमें खुली परीछा थी।
التفاسير العربية:
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह ये[5] लोग निश्चय कहते हैं।
5. अर्थात मक्का के मुश्रिक कहते हैं कि सांसारिक जीवन ही अंतिम जीवन है। इसके पश्चात् परलोक का जीवन नहीं है।
التفاسير العربية:
اِنْ هِیَ اِلَّا مَوْتَتُنَا الْاُوْلٰی وَمَا نَحْنُ بِمُنْشَرِیْنَ ۟
कि हमारी इस पहली मृत्यु के सिवा कोई (मृत्यु) नहीं, और न हम कभी दोबारा उठाए जाएँगे।
التفاسير العربية:
فَاْتُوْا بِاٰبَآىِٕنَاۤ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तो तुम हमारे बाप-दादा को ले आओ, यदि तुम सच्चे हो?
التفاسير العربية:
اَهُمْ خَیْرٌ اَمْ قَوْمُ تُبَّعٍ ۙ— وَّالَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— اَهْلَكْنٰهُمْ ؗ— اِنَّهُمْ كَانُوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
क्या ये लोग बेहतर हैं, अथवा तुब्बा' की जाति[6] तथा वे लोग जो उनसे पूर्व थे? हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह वे अपराधी थे।
6. तुब्बा' की जाति से अभिप्राय यमन की जाति सबा है। जिसके विनाश का वर्णन सूरत सबा में किया गया है। तुब्बा' ह़िम्यर जाति के शासकों की उपाधि थी जिसे उनकी अवज्ञा के कारण ध्वस्त कर दिया गया। (देखिए : सूरत सबा की आयत : 15 से 19 तक।)
التفاسير العربية:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا لٰعِبِیْنَ ۟
और हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, खेलते हुए नहीं बनाया है।
التفاسير العربية:
مَا خَلَقْنٰهُمَاۤ اِلَّا بِالْحَقِّ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
हमने उन दोनों को सत्य ही के साथ पैदा किया है, किंतु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।
التفاسير العربية:
اِنَّ یَوْمَ الْفَصْلِ مِیْقَاتُهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
निश्चय फ़ैसले[7] का दिन उन सब का नियत समय है।
7. अर्थात आकाशों तथा धरती की रचना लोगों की परीक्षा के लिए की गई है। और परीक्षा फल के लिए प्रलय का समय निर्धारित कर दिया गया है।
التفاسير العربية:
یَوْمَ لَا یُغْنِیْ مَوْلًی عَنْ مَّوْلًی شَیْـًٔا وَّلَا هُمْ یُنْصَرُوْنَ ۟ۙ
जिस दिन कोई साथी किसी साथी के कुछ काम न आएगा और न उनकी सहायता की जाएगी।
التفاسير العربية:
اِلَّا مَنْ رَّحِمَ اللّٰهُ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
किंतु जिसपर अल्लाह ने दया की, निःसंदेह वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान है।
التفاسير العربية:
اِنَّ شَجَرَتَ الزَّقُّوْمِ ۟ۙ
निःसंदेह ज़क़्क़ूम (थूहड़) का वृक्ष।
التفاسير العربية:
طَعَامُ الْاَثِیْمِ ۟
पापी का भोजन है।
التفاسير العربية:
كَالْمُهْلِ ۛۚ— یَغْلِیْ فِی الْبُطُوْنِ ۟ۙ
पिघले हुए ताँबे (या तलछट) की तरह, पेटों में खौलता है।
التفاسير العربية:
كَغَلْیِ الْحَمِیْمِ ۟
गर्म पानी के खौलने की तरह।
التفاسير العربية:
خُذُوْهُ فَاعْتِلُوْهُ اِلٰی سَوَآءِ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
इसे पकड़ो, फिर इसे धधकती आग के बीच तक घसीटकर ले जाओ।
التفاسير العربية:
ثُمَّ صُبُّوْا فَوْقَ رَاْسِهٖ مِنْ عَذَابِ الْحَمِیْمِ ۟ؕ
फिर खौलते हुए पानी की कुछ यातना उसके सिर पर उँडेल दो।[8]
8. ह़दीस में है कि इससे जो कुछ उसके भीतर होगा पिघलकर दोनों पाँव के बीच से निकल जाएगा, फिर उसे अपनी पहली दशा पर कर दिया जाएगा। (तिर्मिज़ी : 2582, इस ह़दीस की सनद हसन है।)
التفاسير العربية:
ذُقْ ۖۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْعَزِیْزُ الْكَرِیْمُ ۟
चख, निःसंदेह तू ही वह व्यक्ति है जो बड़ा बलशाली और सम्माननीय है।
التفاسير العربية:
اِنَّ هٰذَا مَا كُنْتُمْ بِهٖ تَمْتَرُوْنَ ۟
निःसंदे यह वही है जिसके बारे में तुम संदेह करते थे।
التفاسير العربية:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ مَقَامٍ اَمِیْنٍ ۟ۙ
निःसंदेह परहेज़गार लोग शांति एवं सुरक्षा वाली जगह में होंगे।
التفاسير العربية:
فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۚۙ
बाग़ों तथा जल स्रोतों में।
التفاسير العربية:
یَّلْبَسُوْنَ مِنْ سُنْدُسٍ وَّاِسْتَبْرَقٍ مُّتَقٰبِلِیْنَ ۟ۚۙ
वे बारीक और गाढ़े रेशम के वस्त्र पहनेंगे, आमने-सामने बैठे होंगे।
التفاسير العربية:
كَذٰلِكَ ۫— وَزَوَّجْنٰهُمْ بِحُوْرٍ عِیْنٍ ۟ؕ
ऐसा ही होगा और हम उनका विवाह गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतों से कर देंगे, जो बड़ी-बड़ी आँखों वाली होंगी।
التفاسير العربية:
یَدْعُوْنَ فِیْهَا بِكُلِّ فَاكِهَةٍ اٰمِنِیْنَ ۟ۙ
वे उसमें निश्चिंत होकर हर प्रकार के फल मंगवाएँगे।
التفاسير العربية:
لَا یَذُوْقُوْنَ فِیْهَا الْمَوْتَ اِلَّا الْمَوْتَةَ الْاُوْلٰی ۚ— وَوَقٰىهُمْ عَذَابَ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
वे उसमें मृत्यु[9] का स्वाद नहीं चखेंगे, परंतु वह मृत्यु जो पहली थी, और वह (अल्लाह) उन्हें दहकती हुई आग के अज़ाब से बचा लेगा।
9. ह़दीस में है कि जब स्वर्गी स्वर्ग में और नारकी नरक में चले जाएँगे, तो मौत को स्वर्ग और नरक के बीच लाकर वध कर दिया जाएगा। और एलान कर दिया जाएगा कि अब मौत नहीं होगी। जिससे स्वर्गी प्रसन्न हो जाएँगे और नारकियों को शोक पर शोक हो जाएगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6548, सह़ीह़ मुस्लिम : 2850)
التفاسير العربية:
فَضْلًا مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
आपके पालनहार की ओर से अनुग्रह के कारण। यही बहुत बड़ी सफलता है।
التفاسير العربية:
فَاِنَّمَا یَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
सो तथ्य यही है कि हमने इसे आपकी भाषा में आसान कर दिया है, ताकि वे नसीहत ग्रहण करें।
التفاسير العربية:
فَارْتَقِبْ اِنَّهُمْ مُّرْتَقِبُوْنَ ۟۠
अतः आप प्रतीक्षा करें,[10] निःसंदेह वे भी प्रतीक्षा करने वाले हैं।
10. अर्थात परिणाम की।
التفاسير العربية:
 
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ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

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