কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - হিন্দি ভাষায় অনুবাদ * - অনুবাদসমূহের সূচী

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

অর্থসমূহের অনুবাদ সূরা: সূরা আজ-জারিয়াত   আয়াত:

सूरा अज़्-ज़ारियात

وَالذّٰرِیٰتِ ذَرْوًا ۟ۙ
क़सम है उन (हवाओं) की जो (धूल आदि) उड़ाने वाली हैं!
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَالْحٰمِلٰتِ وِقْرًا ۟ۙ
फिर पानी का बड़ा भारी बोझ उठाने वाले बादलों की!
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَالْجٰرِیٰتِ یُسْرًا ۟ۙ
फिर आसानी से चलने वाली नावों की!
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَالْمُقَسِّمٰتِ اَمْرًا ۟ۙ
फिर (अल्लाह का) आदेश बाँटने वाले (फ़रिश्तों की)!
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّمَا تُوْعَدُوْنَ لَصَادِقٌ ۟ۙ
निःसंदेह जो तुमसे वादा किया जाता है, निश्चय वह सत्य है।[1]
1. इन आयतों में हवाओं की शपथ ली गई है कि हवा (वायु) तथा वर्षा की यह व्यवस्था गवाह है कि प्रलय तथा परलोक का वचन सत्य तथा न्याय का होना आवश्यक है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَّاِنَّ الدِّیْنَ لَوَاقِعٌ ۟ؕ
तथा निःसंदेह हिसाब अनिवार्य रूप से घटित होने वाला है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَالسَّمَآءِ ذَاتِ الْحُبُكِ ۟ۙ
क़सम है रास्तों वाले आकाश की!
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّكُمْ لَفِیْ قَوْلٍ مُّخْتَلِفٍ ۟ۙ
निःसंदेह तुम निश्चय एक विवादास्पद बात[2] में पड़े हो।
2. अर्थात क़ुरआन तथा प्रलय के विषय में विभिन्न बातें कर रहे हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
یُّؤْفَكُ عَنْهُ مَنْ اُفِكَ ۟ؕ
उससे वही फेरा जाता है, जो (अल्लाह के ज्ञान में) फेर दिया गया है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
قُتِلَ الْخَرّٰصُوْنَ ۟ۙ
अटकल लगाने वाले मारे गए।
আরবি তাফসীরসমূহ:
الَّذِیْنَ هُمْ فِیْ غَمْرَةٍ سَاهُوْنَ ۟ۙ
जो बड़ी ग़फ़लत में भूले हुए हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
یَسْـَٔلُوْنَ اَیَّانَ یَوْمُ الدِّیْنِ ۟ؕ
वे पूछते[3] हैं कि बदले का दिन कब है?
3. अर्थात उपहास स्वरूप पूछते हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
یَوْمَ هُمْ عَلَی النَّارِ یُفْتَنُوْنَ ۟
जिस दिन वे आग पर तपाए जाएँगे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
ذُوْقُوْا فِتْنَتَكُمْ ؕ— هٰذَا الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
अपने फ़ितने (यातना) का मज़ा चखो, यही है जिसके लिए तुम जल्दी मचा रहे थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
निःसंदेह परहेज़गार लोग बाग़ों और जल स्रोतों में होंगे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اٰخِذِیْنَ مَاۤ اٰتٰىهُمْ رَبُّهُمْ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَبْلَ ذٰلِكَ مُحْسِنِیْنَ ۟ؕ
जो कुछ उनका रब उन्हें देगा, उसे वे लेने वाले होंगे। निश्चय ही वे इससे पहले नेकी करने वाले थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
كَانُوْا قَلِیْلًا مِّنَ الَّیْلِ مَا یَهْجَعُوْنَ ۟
वे रात के बहुत थोड़े भाग में सोते थे।[4]
4. अर्थात अपना अधिक समय अल्लाह के स्मरण में लगाते थे। जैसे तहज्जुद की नमाज़ और तस्बीह़ आदि।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَبِالْاَسْحَارِ هُمْ یَسْتَغْفِرُوْنَ ۟
तथा रात्रि की अंतिम घड़ियों[5] में वे क्षमा याचना करते थे।
5. ह़दीस में है कि अल्लाह प्रत्येक रात में जब तिहाई रात रह जाए, तो संसार के आकाश की ओर उतरता है। और कहता है : है कोई जो मुझे पुकारे, तो मैं उसकी पुकार सुनूँ? है कोई जो माँगे, तो मैं उसे दूँ? है कोई जो मुझ से क्षमा माँगे, तो मैं उसे क्षमा कर दूँ? ( बुख़ारी : 1145, मुस्लिम : 758)
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِیْۤ اَمْوَالِهِمْ حَقٌّ لِّلسَّآىِٕلِ وَالْمَحْرُوْمِ ۟
और उनके धनों में माँगने वाले तथा वंचित[6] के लिए एक हक़ (हिस्सा) था।
6. अर्थात जो निर्धन होते हुए भी नहीं माँगता था, इसलिए उसे नहीं मिलता था।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِی الْاَرْضِ اٰیٰتٌ لِّلْمُوْقِنِیْنَ ۟ۙ
तथा धरती में विश्वास करने वालों के लिए बहुत-सी निशानियाँ हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِیْۤ اَنْفُسِكُمْ ؕ— اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ۟
तथा स्वयं तुम्हारे भीतर (भी)। तो क्या तुम नहीं देखते?
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِی السَّمَآءِ رِزْقُكُمْ وَمَا تُوْعَدُوْنَ ۟
और आकाश ही में तुम्हारी रोज़ी[7] है तथा वह भी जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है।
7. अर्थात आकाश की वर्षा तुम्हारी जीविका का साधन बनती है। तथा स्वर्ग आकाश में है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَوَرَبِّ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ اِنَّهٗ لَحَقٌّ مِّثْلَ مَاۤ اَنَّكُمْ تَنْطِقُوْنَ ۟۠
सो क़सम है आकाश एवं धरती के पालनहार की! निःसंदेह यह बात निश्चित रूप से सत्य है, इस बात की तरह कि निःसंदेह तुम बोलते हो।[8]
8. अर्थात अपने बोलने का विश्वास है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
هَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ ضَیْفِ اِبْرٰهِیْمَ الْمُكْرَمِیْنَ ۟ۘ
क्या आपके पास इबराहीम के सम्मानित अतिथियों की सूचना आई है?
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِذْ دَخَلُوْا عَلَیْهِ فَقَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ سَلٰمٌ ۚ— قَوْمٌ مُّنْكَرُوْنَ ۟
जब वे उसके पास आए, तो उन्होंने सलाम कहा। उसने कहा : सलाम हो। कुछ अपरिचित लोग हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَرَاغَ اِلٰۤی اَهْلِهٖ فَجَآءَ بِعِجْلٍ سَمِیْنٍ ۟ۙ
फिर वह चुपके से अपने घरवालों के पास गया। फिर एक मोटा-ताज़ा (भुना हुआ) बछड़ा ले आया।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَقَرَّبَهٗۤ اِلَیْهِمْ قَالَ اَلَا تَاْكُلُوْنَ ۟ؗ
फिर उसे उनके सामने रख दिया। कहा : क्या तुम नहीं खाते?
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِیْفَةً ؕ— قَالُوْا لَا تَخَفْ ؕ— وَبَشَّرُوْهُ بِغُلٰمٍ عَلِیْمٍ ۟
तो उसने उनसे दिल में डर महसूस किया। उन्होंने कहा : डरो नहीं। और उन्होंने उसे एक बहुत ही ज्ञानी पुत्र की शुभ-सूचना दी।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَاَقْبَلَتِ امْرَاَتُهٗ فِیْ صَرَّةٍ فَصَكَّتْ وَجْهَهَا وَقَالَتْ عَجُوْزٌ عَقِیْمٌ ۟
यह सुनकर उसकी पत्नी चिल्लाती हुई आगे आई, तो उसने अपना चेहरा पीट लिया और बोली : बूढ़ी बाँझ!
আরবি তাফসীরসমূহ:
قَالُوْا كَذٰلِكِ ۙ— قَالَ رَبُّكِ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْحَكِیْمُ الْعَلِیْمُ ۟
उन्होंने कहा : तेरे पालनहार ने ऐसे ही फरमाया है। निश्चय वही पूर्ण हिकमत वाला, अत्यंत ज्ञानी है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
قَالَ فَمَا خَطْبُكُمْ اَیُّهَا الْمُرْسَلُوْنَ ۟
उसने कहा : ऐ भेजे हुए (दूतो!) तुम्हारा अभियान क्या है?
আরবি তাফসীরসমূহ:
قَالُوْۤا اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمٍ مُّجْرِمِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने कहा : निःसंदेह हम कुछ अपराधी लोगों की ओर भेजे गए हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
لِنُرْسِلَ عَلَیْهِمْ حِجَارَةً مِّنْ طِیْنٍ ۟ۙ
ताकि हम उनपर मिट्टी के पत्थर बरसाएँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
مُّسَوَّمَةً عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُسْرِفِیْنَ ۟
जो तुम्हारे पालनहार के पास से सीमा से आगे बढ़ने वालों के लिए चिह्नित[9] हैं।
9. अर्थात प्रत्येक पत्थर पर पापी का नाम है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَاَخْرَجْنَا مَنْ كَانَ فِیْهَا مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
फिर हमने उस (बस्ती) में जो भी ईमानवाले थे उन्हें निकाल लिया।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَمَا وَجَدْنَا فِیْهَا غَیْرَ بَیْتٍ مِّنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟ۚ
तो हमने उसमें मुसलमानों के एक घर[10] के सिवा कोई और नहीं पाया।
10. जो आदरणीय लूत (अलैहिस्सलाम) का घर था।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَتَرَكْنَا فِیْهَاۤ اٰیَةً لِّلَّذِیْنَ یَخَافُوْنَ الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟ؕ
तथा हमने उसमें उन लोगों के लिए एक निशानी छोड़ दी, जो दुःखदायी यातना से डरते हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِیْ مُوْسٰۤی اِذْ اَرْسَلْنٰهُ اِلٰی فِرْعَوْنَ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
तथा मूसा (की कहानी) में (भी एक निशानी है), जब हमने उसे फ़िरऔन की ओर एक स्पष्ट प्रमाण देकर भेजा।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَتَوَلّٰی بِرُكْنِهٖ وَقَالَ سٰحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟
तो उसने अपनी शक्ति के कारण मुँह फेर लिया और उसने कहा : यह जादूगर है, या पागल।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَاَخَذْنٰهُ وَجُنُوْدَهٗ فَنَبَذْنٰهُمْ فِی الْیَمِّ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟ؕ
अंततः हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ लिया, फिर उन्हें समुद्र में फेंक दिया, जबकि वह एक निंदनीय काम करने वाला था।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِیْ عَادٍ اِذْ اَرْسَلْنَا عَلَیْهِمُ الرِّیْحَ الْعَقِیْمَ ۟ۚ
तथा आद में, जब हमने उनपर बाँझ[11] हवा भेजी दी।
11. अर्थात अशुभ। (देखिए : सूरतुल-ह़ाक़्क़ा, आयत : 7)
আরবি তাফসীরসমূহ:
مَا تَذَرُ مِنْ شَیْءٍ اَتَتْ عَلَیْهِ اِلَّا جَعَلَتْهُ كَالرَّمِیْمِ ۟ؕ
वह जिस चीज़ पर से भी गुज़रती, उसे सड़ी हुई हड्डी की तरह कर देती थी।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَفِیْ ثَمُوْدَ اِذْ قِیْلَ لَهُمْ تَمَتَّعُوْا حَتّٰی حِیْنٍ ۟
तथा समूद में, जब उनसे कहा गया कि एक समय तक के लिए लाभ उठा लो।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَعَتَوْا عَنْ اَمْرِ رَبِّهِمْ فَاَخَذَتْهُمُ الصّٰعِقَةُ وَهُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟
फिर उन्होंने अपने पालनहार के आदेश की अवज्ञा की, तो उन्हें कड़क ने पकड़ लिया और वे देख रहे थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَمَا اسْتَطَاعُوْا مِنْ قِیَامٍ وَّمَا كَانُوْا مُنْتَصِرِیْنَ ۟ۙ
फिर उनमें न तो खड़े होने की शक्ति थी और न ही वे प्रतिकार करने वाले थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَقَوْمَ نُوْحٍ مِّنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟۠
तथा इससे पहले नूह़ की जाति को (विनष्ट कर दिया)। निश्चय ही वे अवज्ञाकारी लोग थे।[12]
12. आयत 31 से 46 तक नबियों तथा विगत जातियों के परिणाम की ओर निरंतर संकेत करके सावधान किया गया है कि अल्लाह के बदले का नियम बराबर काम कर रहा है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَالسَّمَآءَ بَنَیْنٰهَا بِاَیْىدٍ وَّاِنَّا لَمُوْسِعُوْنَ ۟
तथा आकाश को हमने शक्ति के साथ बनाया और निःसंदेह हम निश्चय विस्तार करने वाले हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَالْاَرْضَ فَرَشْنٰهَا فَنِعْمَ الْمٰهِدُوْنَ ۟
तथा धरती को हमने बिछा दिया, तो हम क्या ही खूब बिछाने वाले हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَمِنْ كُلِّ شَیْءٍ خَلَقْنَا زَوْجَیْنِ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ۟
तथा हमने हर चीज़ के दो प्रकार बनाए, ताकि तुम नसीहत ग्रहण करो।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَفِرُّوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚ
अतः अल्लाह की ओर दौड़ो। निश्चय ही मैं तुम्हारे लिए उसकी ओर से स्पष्ट सचेतकर्ता हूँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَلَا تَجْعَلُوْا مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य मत बनाओ। निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए उसकी ओर से खुला डराने वाला हूँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
كَذٰلِكَ مَاۤ اَتَی الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا قَالُوْا سَاحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟۫
इसी प्रकार, उन लोगों के पास जो इनसे पहले थे, जब भी कोई रसूल आया, तो उन्होंने कहा : यह जादूगर है, या पागल।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اَتَوَاصَوْا بِهٖ ۚ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ طَاغُوْنَ ۟ۚ
क्या उन्होंने एक-दूसरे को इस (बात) की वसीयत[13] की है? बल्कि वे (स्वयं ही) सरकश लोग हैं।
13. जब सभी ने एक ही बात कही, तो सवाल उठता है कि क्या ये सब एक-दूसरे को वसीयत कर गए हैं? यह संभव नहीं है कि उन्होंने एक-दूसरे को इसकी वसीयत की हो। इसलिए तथ्य यह है कि वे सरकश लोग हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ فَمَاۤ اَنْتَ بِمَلُوْمٍ ۟ؗ
अतः आप उनसे मुँह फेर लें। क्योंकि आपपर कोई दोष नहीं है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَّذَكِّرْ فَاِنَّ الذِّكْرٰی تَنْفَعُ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तथा आप नसीहत करें। क्योंकि निश्चय नसीहत ईमानवालों को लाभ देताी है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْاِنْسَ اِلَّا لِیَعْبُدُوْنِ ۟
और मैंने जिन्नों तथा मनुष्यों को केवल इसलिए पैदा किया है कि वे मेरी इबादत करें।
আরবি তাফসীরসমূহ:
مَاۤ اُرِیْدُ مِنْهُمْ مِّنْ رِّزْقٍ وَّمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ یُّطْعِمُوْنِ ۟
मैं उनसे कोई रोज़ी नहीं चाहता और न यह चाहता हूँ कि वे मुझे खिलाएँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الرَّزَّاقُ ذُو الْقُوَّةِ الْمَتِیْنُ ۟
निःसंदेह अल्लाह ही बहुत रोज़ी देनेवाला, बड़ा शक्तिशाली, अत्यंत मज़बूत है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَاِنَّ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذَنُوْبًا مِّثْلَ ذَنُوْبِ اَصْحٰبِهِمْ فَلَا یَسْتَعْجِلُوْنِ ۟
अतः निश्चय उन लोगों के लिए जिन्होंने अत्याचार किया, उनके साथियों के हिस्से की तरह (यातना का) एक हिस्सा है। सो वे मुझसे जल्दी न मचाएँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ یَّوْمِهِمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟۠
अतः इनकार करने वालों के लिए उनके उस दिन[14] से बड़ा विनाश है, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है।
14. अर्थात प्रलय के दिन।
আরবি তাফসীরসমূহ:
 
অর্থসমূহের অনুবাদ সূরা: সূরা আজ-জারিয়াত
সূরাসমূহের সূচী পৃষ্ঠার নাম্বার
 
কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - হিন্দি ভাষায় অনুবাদ - অনুবাদসমূহের সূচী

হিন্দী ভাষায় আল-কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ। অনুবাদক: আযীযুল হক ‘উমরী

বন্ধ