Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Indische Übersetzung * - Übersetzungen

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Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Maryam   Vers:

सूरा मर्यम

كٓهٰیٰعٓصٓ ۟
काफ़, हा, या, ऐन, स़ाद।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهٗ زَكَرِیَّا ۟ۖۚ
(यह) आपके पालनहार की अपने बंदे ज़करिय्या पर दया की चर्चा है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ نِدَآءً خَفِیًّا ۟
जब उसने अपने पालनहार को गुप्त स्वर में पुकारा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ وَهَنَ الْعَظْمُ مِنِّیْ وَاشْتَعَلَ الرَّاْسُ شَیْبًا وَّلَمْ اَكُنْ بِدُعَآىِٕكَ رَبِّ شَقِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निश्चय मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गईं और सिर बुढ़ापे से सफेद[1] हो गया, तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं तुझे पुकारकर कभी असफल नहीं हुआ।
1. अर्थात पूरे बाल सफ़ेद हो गए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِنِّیْ خِفْتُ الْمَوَالِیَ مِنْ وَّرَآءِیْ وَكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا فَهَبْ لِیْ مِنْ لَّدُنْكَ وَلِیًّا ۟ۙ
और निःसंदेह मैं अपने पीछे रिश्तेदारों से डरता हूँ, और मेरी पत्नी आरंभ से बाँझ है, अतः मुझे अपनी ओर से एक उत्तराधिकारी प्रदान कर दे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یَّرِثُنِیْ وَیَرِثُ مِنْ اٰلِ یَعْقُوْبَ ۗ— وَاجْعَلْهُ رَبِّ رَضِیًّا ۟
जो मेरा उत्तराधिकारी हो तथा याक़ूब के वंश का उत्तराधिकारी[2] हो और ऐ मेरे पालनहार! उसे पसंदीदा बना दे।
2. अर्थात नबी हो। आदरणीय ज़करिय्या (अलैहिस्सलाम) याक़ूब (अलैहिस्सलाम) के वंश में थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰزَكَرِیَّاۤ اِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلٰمِ ١سْمُهٗ یَحْیٰی ۙ— لَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ سَمِیًّا ۟
ऐ ज़करिय्या! निःसंदेह हम तुझे एक बालक की शुभ सूचना देते हैं, जिसका नाम यह़्या है। हमने इससे पहले उसका कोई समनाम नहीं बनाया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا وَّقَدْ بَلَغْتُ مِنَ الْكِبَرِ عِتِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे यहाँ बालक कैसे होगा, जबकि मेरी पत्नी शुरू से बाँझ है और मैं बुढ़ापे की अंतिम सीमा को पहुँच गया हूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ كَذٰلِكَ ۚ— قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ وَّقَدْ خَلَقْتُكَ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَیْـًٔا ۟
उसने कहा : ऐसा ही है, तेरे पालनहार ने कहा है : यह मेरे लिए सरल है, और निश्चय मैंने तुझे इससे पहले पैदा किया, जबकि तू कुछ भी नहीं था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّیْۤ اٰیَةً ؕ— قَالَ اٰیَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَ لَیَالٍ سَوِیًّا ۟
उस (ज़करिय्या) ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए कोई निशानी निर्धारित कर दे। (अल्लाह ने) फरमाया : तेरी निशानी यह है कि तू स्वस्थ होते हुए लोगों से तीन रातों तक बात नहीं करेगा।[3]
3. रात से अभिप्राय दिन तथा रात दोनों ही हैं। अर्थात जब बिना किसी रोग के लोगों से बात नहीं कर सकोगे तो यह शुभ सूचना की निशानी होगी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَخَرَجَ عَلٰی قَوْمِهٖ مِنَ الْمِحْرَابِ فَاَوْحٰۤی اِلَیْهِمْ اَنْ سَبِّحُوْا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
फिर वह उपासना-गृह से निकलकर अपनी जाति के पास आया और उन्हें संकेत द्वारा आदेश दिया कि सुबह और शाम (अल्लाह की) पवित्रता का वर्णन करो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰیَحْیٰی خُذِ الْكِتٰبَ بِقُوَّةٍ ؕ— وَاٰتَیْنٰهُ الْحُكْمَ صَبِیًّا ۟ۙ
ऐ यह़्या[4]! इस पुस्तक (तौरात) को मज़बूती से थाम लो। और हमने उसे बचपन ही में निर्णय-शक्ति प्रदान की।
4. अर्थात जब यह़्या का जन्म हो गया और कुछ बड़े हुए, तो अल्लाह ने उन्हें तौरात का ज्ञान दिया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّحَنَانًا مِّنْ لَّدُنَّا وَزَكٰوةً ؕ— وَكَانَ تَقِیًّا ۟ۙ
तथा अपनी ओर से दया तथा पवित्रता (प्रदान की) और वह बड़ा संयमी (परहेज़गार) था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّبَرًّا بِوَالِدَیْهِ وَلَمْ یَكُنْ جَبَّارًا عَصِیًّا ۟
तथा अपने माता-पिता के साथ सुशील था। तथा वह क्रूर और अवज्ञाकारी नहीं था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَسَلٰمٌ عَلَیْهِ یَوْمَ وُلِدَ وَیَوْمَ یَمُوْتُ وَیَوْمَ یُبْعَثُ حَیًّا ۟۠
और उसपर सलामती हो जिस दिन वह पैदा हुआ और जिस दिन वह मरेगा और जिस दिन वह जीवित करके उठाया जाएगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مَرْیَمَ ۘ— اِذِ انْتَبَذَتْ مِنْ اَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِیًّا ۟ۙ
तथा इस किताब में मरयम[5] की चर्चा करें, जब वह अपने घरवालों से एक स्थान पर अलग हो गईं जो (उनसे) पूरब की ओर था।
5. मरयम आदरणीय इमरान की पुत्री, दाऊद अलैहिस्सलाम के वंश से थीं। उनके जन्म के विषय में सूरत आले इमरान देखिए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاتَّخَذَتْ مِنْ دُوْنِهِمْ حِجَابًا ۫— فَاَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهَا رُوْحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرًا سَوِیًّا ۟
फिर उसने उनकी ओर से एक परदा बना लिया, तो हमने उसकी ओर अपनी रूह़ (विशेष फ़रिश्ता)[6] को भेजा, तो उसने उसके लिए एक पूरे मनुष्य का रूप धारण कर लिया।
6. इससे अभिप्रेत फ़रिश्ता जिबरील (अलैहिस्सलाम) हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَتْ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِالرَّحْمٰنِ مِنْكَ اِنْ كُنْتَ تَقِیًّا ۟
उसने कहा : निःसंदेह मैं तुझसे रहमान (परम दयावान्) की शरण माँगती हूँ, यदि तू डर रखने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ اِنَّمَاۤ اَنَا رَسُوْلُ رَبِّكِ ۖۗ— لِاَهَبَ لَكِ غُلٰمًا زَكِیًّا ۟
उसने कहा : मैं तेरे पालनहार का भेजा हुआ हूँ, ताकि तुझे एक पवित्र लड़का प्रदान करूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَتْ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّلَمْ یَمْسَسْنِیْ بَشَرٌ وَّلَمْ اَكُ بَغِیًّا ۟
वह बोली : मुझे लड़का कैसे हो सकता है, जबकि किसी पुरुष ने मुझे छुआ तक नहीं है और न मैं कभी व्यभिचारिणी थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ كَذٰلِكِ ۚ— قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ ۚ— وَلِنَجْعَلَهٗۤ اٰیَةً لِّلنَّاسِ وَرَحْمَةً مِّنَّا ۚ— وَكَانَ اَمْرًا مَّقْضِیًّا ۟
उसने कहा : ऐसा ही है, तेरे पालनहार ने कहा है कि यह मेरे लिए आसान है और ताकि हम इसे लोगों के लिए एक निशानी[7] और अपनी ओर से रहमत बनाएँ और यह एक पूर्वनियत कार्य है।
7. अर्थात अपने सामर्थ्य की निशानी, कि हम नर-नारी के योग के बिना भी स्त्री के गर्भ से शिशु की उत्पत्ति कर सकते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَحَمَلَتْهُ فَانْتَبَذَتْ بِهٖ مَكَانًا قَصِیًّا ۟
फिर वह उस (लड़के) के साथ गर्भवती हो गई, तो उसे लेकर एक दूर स्थान पर अलग चली गई।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَجَآءَهَا الْمَخَاضُ اِلٰی جِذْعِ النَّخْلَةِ ۚ— قَالَتْ یٰلَیْتَنِیْ مِتُّ قَبْلَ هٰذَا وَكُنْتُ نَسْیًا مَّنْسِیًّا ۟
फिर प्रसव पीड़ा उसे खजूर के एक तने के पास ले लाई, कहने लगी : ऐ काश! मैं इससे पहले मर जाती और भूली-बिसरी होती।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَنَادٰىهَا مِنْ تَحْتِهَاۤ اَلَّا تَحْزَنِیْ قَدْ جَعَلَ رَبُّكِ تَحْتَكِ سَرِیًّا ۟
तो उसने उसके नीचे से पुकारा[8] कि शोकाकुल न हो, तेरे पालनहार ने तेरे नीचे[9] एक नदी (प्रवाह) कर दी है।
8. अर्थात जिबरील फ़रिश्ते ने घाटी के नीचे से आवाज़ दी। दूसरा कथन है कि ईसा अलैहिस्सलाम ने नीचे से आवाज़ दी। 9. अर्थात मरयम के चरणों के नीचे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَهُزِّیْۤ اِلَیْكِ بِجِذْعِ النَّخْلَةِ تُسٰقِطْ عَلَیْكِ رُطَبًا جَنِیًّا ۟ؗ
और खजूर के तने को अपनी ओर हिला, वह तुझपर ताज़ा पकी हुई खजूरें गिराएगा।[10]
10. अल्लाह ने अस्वाभाविक रूप से आदरणीय मरयम के लिए, खाने-पीने की व्यवस्था कर दी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَكُلِیْ وَاشْرَبِیْ وَقَرِّیْ عَیْنًا ۚ— فَاِمَّا تَرَیِنَّ مِنَ الْبَشَرِ اَحَدًا ۙ— فَقُوْلِیْۤ اِنِّیْ نَذَرْتُ لِلرَّحْمٰنِ صَوْمًا فَلَنْ اُكَلِّمَ الْیَوْمَ اِنْسِیًّا ۟ۚ
अतः खा और पी और आँख ठंडी कर। फिर यदि तू किसी आदमी को देखे, तो कह दे : मैंने तो रहमान के लिए रोज़े की मन्नत मानी है। अतः आज मैं कदापि किसी मनुष्य से बात नहीं करूँगी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَتَتْ بِهٖ قَوْمَهَا تَحْمِلُهٗ ؕ— قَالُوْا یٰمَرْیَمُ لَقَدْ جِئْتِ شَیْـًٔا فَرِیًّا ۟
फिर वह उसे उठाए हुए अपनी जाति के पास ले आई, उन्होंने कहा : ऐ मरयम! तूने बहुत बुरा काम किया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰۤاُخْتَ هٰرُوْنَ مَا كَانَ اَبُوْكِ امْرَاَ سَوْءٍ وَّمَا كَانَتْ اُمُّكِ بَغِیًّا ۟ۖۚ
ऐ हारून की बहन! न तेरा पिता कोई बुरा व्यक्ति था और न तेरी माँ कोई व्यभिचारिणी थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَشَارَتْ اِلَیْهِ ۫ؕ— قَالُوْا كَیْفَ نُكَلِّمُ مَنْ كَانَ فِی الْمَهْدِ صَبِیًّا ۟
तो उसने उस (शिशु) की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा : हम उससे कैसे बात करें, जो अभी तक गोद में बच्चा है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ اِنِّیْ عَبْدُ اللّٰهِ ۫ؕ— اٰتٰىنِیَ الْكِتٰبَ وَجَعَلَنِیْ نَبِیًّا ۟ۙ
वह (शिशु) बोल पड़ा : निःसंदेह मैं अल्लाह का बंदा हूँ। उसने मुझे पुस्तक (इन्जील) प्रदान की तथा मुझे नबी बनाया है।[11]
11. अर्थात मुझे पुस्तक प्रदान करने और नबी बनाने का निर्णय कर दिया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّجَعَلَنِیْ مُبٰرَكًا اَیْنَ مَا كُنْتُ ۪— وَاَوْصٰنِیْ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ مَا دُمْتُ حَیًّا ۟ۙ
तथा मुझे बरकत वाला बनाया है, जहाँ भी मैं रहूँ और मुझे नमाज़ तथा ज़कात का आदेश दिया है, जब तक मैं जीवित रहूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّبَرًّا بِوَالِدَتِیْ ؗ— وَلَمْ یَجْعَلْنِیْ جَبَّارًا شَقِیًّا ۟
तथा आपनी माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला (बनाया) और उसने मुझे क्रूर तथा अभागा[12] नहीं बनाया।
12. इसमें यह संकेत है कि माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करना क्रूरता तथा दुर्भाग्य है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَالسَّلٰمُ عَلَیَّ یَوْمَ وُلِدْتُّ وَیَوْمَ اَمُوْتُ وَیَوْمَ اُبْعَثُ حَیًّا ۟
तथा सलामती है मुझपर, जिस दिन मैं पैदा हुआ और जिस दिन मैं मरूँगा और जिस दिन मैं जीवित करके उठाया जाऊँगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ذٰلِكَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ ۚ— قَوْلَ الْحَقِّ الَّذِیْ فِیْهِ یَمْتَرُوْنَ ۟
यह है ईसा बिन मरयम। यही सत्य बात है, जिसमें वे संदेह कर रहे हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مَا كَانَ لِلّٰهِ اَنْ یَّتَّخِذَ مِنْ وَّلَدٍ ۙ— سُبْحٰنَهٗ ؕ— اِذَا قَضٰۤی اَمْرًا فَاِنَّمَا یَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟ؕ
अल्लाह के योग्य नहीं है कि वह कोई संतान बनाए। वह पवित्र है! जब वह किसी कार्य का निर्णय करता है, तो उससे केवल यह कहता है कि "हो जा", तो वह हो जाता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِنَّ اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
और निःसंदेह अल्लाह ही मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है, अतः उसी की इबादत करो, यही सीधा रास्ता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ مَّشْهَدِ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
फिर इन गिरोहों[13] ने आपस में मतभेद कर लिया, तो उन लोगों के लिए जिन्होंने कुफ़्र किया, एक बड़े दिन की उपस्थिति के कारण बड़ा विनाश है।
13. अर्थात अह्ले किताब के गिरोहों ने ईसा अलैहिस्सलाम की वास्तविकता जानने के पश्चात् उनके विषय में मतभेद किया। यहूदियों ने उसे जादूगर तथा वर्णसंकर (व्यभिचार से उत्पन्न व्यक्ति) कहा। और ईसाइयों के एक गिरोह ने कहा कि वह स्वयं अल्लाह है। दूसरे ने कहा : वह अल्लाह का पुत्र है। और उनके तीसरे कैथुलिक गिरोह ने कहा कि वह तीन में का तीसरा है। बड़े दिन से अभिप्राय प्रलय का दिन है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَسْمِعْ بِهِمْ وَاَبْصِرْ ۙ— یَوْمَ یَاْتُوْنَنَا لٰكِنِ الظّٰلِمُوْنَ الْیَوْمَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
वे कितने सुनने वाले होंगे और कितने देखने वाले होंगे! जिस दिन वे हमारे पास आएँगे, किंतु अत्याचारी लोग आज खुली गुमराही में हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَنْذِرْهُمْ یَوْمَ الْحَسْرَةِ اِذْ قُضِیَ الْاَمْرُ ۘ— وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ وَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
और (ऐ नबी!) आप उन्हें पछतावे के दिन से डराएँ, जब हर काम का फैसला[14] कर दिया जाएगा, और वे पूरी तरह से ग़फ़लत में हैं और वे ईमान नहीं लाते।
14. अर्थात प्रत्येक के कर्मानुसार उसके लिए नरक अथवा स्वर्ग का निर्णय कर दिया जाएगा। फिर मौत को एक भेड़ के रूप में वध कर दिया जाएगा। तथा घोषणा कर दी जाएगी कि ऐ स्वर्गियो! तुम्हें सदा रहना है, और अब मौत नहीं है। और हे नारकियो! तुम्हें सदा नरक में रहना है, अब मौत नहीं है। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4730)
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْاَرْضَ وَمَنْ عَلَیْهَا وَاِلَیْنَا یُرْجَعُوْنَ ۟۠
निःसंदेह हम ही धरती के उत्तराधिकारी होंगे और उनके भी जो उसपर हैं और वे हमारी ही ओर लौटाए जाएँगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِبْرٰهِیْمَ ؕ۬— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟
तथा इस किताब में इबराहीम की चर्चा करें, निःसंदेह वह बहुत सच्चा (और) नबी था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ یٰۤاَبَتِ لِمَ تَعْبُدُ مَا لَا یَسْمَعُ وَلَا یُبْصِرُ وَلَا یُغْنِیْ عَنْكَ شَیْـًٔا ۟
जब उसने अपने पिता से कहा : ऐ मेरे पिता! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हैं, जो न सुनती है और न देखती है और न आपके किसी काम आती है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْ قَدْ جَآءَنِیْ مِنَ الْعِلْمِ مَا لَمْ یَاْتِكَ فَاتَّبِعْنِیْۤ اَهْدِكَ صِرَاطًا سَوِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! निःसंदेह मेरे पास वह ज्ञान आया है, जो आपके पास नहीं आया, अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰۤاَبَتِ لَا تَعْبُدِ الشَّیْطٰنَ ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ عَصِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! शैतान की पूजा न करें। निःसंदेह शैतान हमेशा से रहमान (परम दयालु अल्लाह) का अवज्ञाकारी है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یَّمَسَّكَ عَذَابٌ مِّنَ الرَّحْمٰنِ فَتَكُوْنَ لِلشَّیْطٰنِ وَلِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! वास्तव में, मुझे डर है कि आपको रहमान (परम दयालु) की ओर से कोई यातना आ लगे, फिर आप शैतान के मित्र हो जाएँगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ اَرَاغِبٌ اَنْتَ عَنْ اٰلِهَتِیْ یٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۚ— لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ لَاَرْجُمَنَّكَ وَاهْجُرْنِیْ مَلِیًّا ۟
उसने कहा : क्या तू हमारे पूज्यों से विमुख हो रहा है, ऐ इबराहीम!? निश्चय यदि तू बाज़ न आया, तो मैं अवश्य ही तुझे संगसार कर दूँगा और तू लंबे समय के लिए मुझसे अलग हो जा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالَ سَلٰمٌ عَلَیْكَ ۚ— سَاَسْتَغْفِرُ لَكَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِیْ حَفِیًّا ۟
(इबराहीम ने) कहा : आपपर सलाम हो! मैं अपने पालनहार से आपके लिए अवश्य क्षमा की प्रार्थना करूँगा। निःसंदेह वह हमेशा से मुझपर बहुत दयालु है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَعْتَزِلُكُمْ وَمَا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَاَدْعُوْا رَبِّیْ ۖؗ— عَسٰۤی اَلَّاۤ اَكُوْنَ بِدُعَآءِ رَبِّیْ شَقِیًّا ۟
तथा मैं आप लोगों से और उन चीज़ों से जिन्हें आप लोग अल्लाह के सिवा पुकारते हैं, किनारा करता हूँ और अपने पालनहार को पुकारता हूँ। आशा है कि मैं अपने रब को पुकारकर असफल नहीं रहूँगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَلَمَّا اعْتَزَلَهُمْ وَمَا یَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۙ— وَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— وَكُلًّا جَعَلْنَا نَبِیًّا ۟
फिर जब वह उनसे और उन चीज़ों से जिनकी वे अल्लाह के सिवा पूजा करते थे, अलग हो गया, तो हमने उसे इसहाक़ और याक़ूब प्रदान किए और हर एक को हमने नबी बनाया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَوَهَبْنَا لَهُمْ مِّنْ رَّحْمَتِنَا وَجَعَلْنَا لَهُمْ لِسَانَ صِدْقٍ عَلِیًّا ۟۠
तथा हमने उन्हें अपनी रहमत से हिस्सा दिया और उन्हें बहुत ऊँची, सच्ची ख्याति प्रदान की।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مُوْسٰۤی ؗ— اِنَّهٗ كَانَ مُخْلَصًا وَّكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟
और आप इस पुस्तक में मूसा की चर्चा करें। निश्चय वह चुना हुआ था तथा रसूल एवं नबी था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَنَادَیْنٰهُ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ الْاَیْمَنِ وَقَرَّبْنٰهُ نَجِیًّا ۟
और हमने उसे पहाड़ की दाहिनी ओर से पुकारा तथा सरगोशी करते हुए उसे समीप कर लिया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَوَهَبْنَا لَهٗ مِنْ رَّحْمَتِنَاۤ اَخَاهُ هٰرُوْنَ نَبِیًّا ۟
और हमने उसे अपनी दया से उसके भाई हारून को नबी बनाकर प्रदान किया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِسْمٰعِیْلَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟ۚ
तथा इस किताब में इसमाईल[15] की चर्चा करें। निश्चय वह वादे का सच्चा तथा रसूल एवं नबी था।
15. आप इबराहीम अलैहिस्सलाम के बड़े पुत्र थे, इन्हीं से अरबों का वंश चला और आप ही के वंश से अंतिम नबी मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) नबी बनाकर भेजे गए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَكَانَ یَاْمُرُ اَهْلَهٗ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ ۪— وَكَانَ عِنْدَ رَبِّهٖ مَرْضِیًّا ۟
और वह अपने घरवालों को नमाज़ और ज़कात का आदेश देता था और वह अपने पालनहार के निकट पसंदीदा था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِدْرِیْسَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟ۗۙ
तथा इस किताब में इदरीस की चर्चा करें। निःसंदेह वह बड़ा सत्यवादी और नबी था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّرَفَعْنٰهُ مَكَانًا عَلِیًّا ۟
तथा हमने उसे बहुत ऊँचे स्थान पर उठाया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ مِّنَ النَّبِیّٖنَ مِنْ ذُرِّیَّةِ اٰدَمَ ۗ— وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؗ— وَّمِنْ ذُرِّیَّةِ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْرَآءِیْلَ ؗ— وَمِمَّنْ هَدَیْنَا وَاجْتَبَیْنَا ؕ— اِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُ الرَّحْمٰنِ خَرُّوْا سُجَّدًا وَّبُكِیًّا ۟
ये वे लोग हैं, जिनपर अल्लाह ने अनुग्रह किया नबियों में से, आदम की संतान में से तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने नूह़ के साथ सवार किया तथा इबराहीम और इसराईल की संतान में से तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने मार्गदर्शन प्रदान किया और चुन लिया। जब उनपर रहमान की आयतें पढ़ी जाती थीं, तो वे सजदा करते और रोते हुए गिर जाते थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَخَلَفَ مِنْ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ یَلْقَوْنَ غَیًّا ۟ۙ
फिर उनके बाद उनके स्थान पर ऐसे अयोग्य उत्तराधिकारी आए, जिन्होंने नमाज़ की उपेक्षा की और अपनी इच्छाओं का पालन किया, तो वे जल्द ही पथभ्रष्टता का सामना करेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاُولٰٓىِٕكَ یَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا یُظْلَمُوْنَ شَیْـًٔا ۟ۙ
परंतु जिसने तौबा कर ली और ईमान लाया और अच्छे कर्म किए, तो ये लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और उनपर कुछ भी अत्याचार नहीं किया जाएगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
جَنّٰتِ عَدْنِ ١لَّتِیْ وَعَدَ الرَّحْمٰنُ عِبَادَهٗ بِالْغَیْبِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ وَعْدُهٗ مَاْتِیًّا ۟
सदा निवास के बाग़ो में, जिनका रहमान ने अपने बंदों से (उनके) बिन देखे वादा किया है। निःसंदेह उसका वादा पूरा होकर रहने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا اِلَّا سَلٰمًا ؕ— وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِیْهَا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
वे उसमें 'सलाम' के सिवा कोई व्यर्थ बात नहीं सुनेंगे, तथा उनके लिए उसमें सुबह और शाम उनकी जीविका होगी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْ نُوْرِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَنْ كَانَ تَقِیًّا ۟
यह है वह जन्नत, जिसका वारिस हम अपने बंदों में से उसे बनाते हैं, जो परहेज़गार हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمَا نَتَنَزَّلُ اِلَّا بِاَمْرِ رَبِّكَ ۚ— لَهٗ مَا بَیْنَ اَیْدِیْنَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَیْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِیًّا ۟ۚ
और हम[16] नहीं उतरते, परंतु आपके पालनहार के आदेश से, उसी का है जो हमारे आगे है तथा जो हमारे पीछे है और जो इसके बीच है और आपका पालनहार कभी भूलने वाला नहीं है।
16. ह़दीस के अनुसार एक बार नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने (फ़रिश्ते) जिबरील से कहा कि क्या चीज़ आपको रोक रही है कि आप मुझसे और अधिक मिला करें। इसी पर यह आयत अवतरित हुई। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4731)
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا فَاعْبُدْهُ وَاصْطَبِرْ لِعِبَادَتِهٖ ؕ— هَلْ تَعْلَمُ لَهٗ سَمِیًّا ۟۠
जो आकाशों और धरती का और उन दोनों के बीच की चीज़ों का पालनहार है। अतः उसी की इबादत करें तथा उसकी इबादत पर पर दृढ़ रहें। क्या आप उसका समकक्ष किसी को जानते हैं?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَیَقُوْلُ الْاِنْسَانُ ءَاِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ اُخْرَجُ حَیًّا ۟
तथा मनुष्य कहता है : जब मैं मर गया, तो क्या मैं सचमुच फिर जीवित करके निकाला जाऊँगा?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَوَلَا یَذْكُرُ الْاِنْسَانُ اَنَّا خَلَقْنٰهُ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ یَكُ شَیْـًٔا ۟
और क्या मनुष्य याद नहीं करता कि निःसंदेह हम ही ने उसे इससे पूर्व पैदा किया, जबकि वह कुछ भी नहीं था?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَالشَّیٰطِیْنَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِیًّا ۟ۚ
तो क़सम है आपके पालनहार की! निःसंदेह हम उन्हें और शैतानों को ज़रूर इकट्ठा करेंगे, फिर निःसंदेह हम उन्हें जहन्नम के आसपास घुटनों के बल गिरे हुए ज़रूर उपस्थित करेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ثُمَّ لَنَنْزِعَنَّ مِنْ كُلِّ شِیْعَةٍ اَیُّهُمْ اَشَدُّ عَلَی الرَّحْمٰنِ عِتِیًّا ۟ۚ
फिर निश्चय ही हम प्रत्येक गिरोह में से उस व्यक्ति को अवश्य निकालेंगे, जो रहमान (परम दयावान) के प्रति सबसे बढ़कर सरकश है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ثُمَّ لَنَحْنُ اَعْلَمُ بِالَّذِیْنَ هُمْ اَوْلٰی بِهَا صِلِیًّا ۟
फिर, निश्चित रूप से, हम उन लोगों को अधिक जानने वाले हैं, जो इसमें झोंके जाने के अधिक योग्य हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِنْ مِّنْكُمْ اِلَّا وَارِدُهَا ۚ— كَانَ عَلٰی رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِیًّا ۟ۚ
और तुममें से जो भी है, उस पर से गुज़रने वाला[17] है। यह एक पूर्वनिर्धारित निर्णय है जिसे पूरा करना आपके पालनहार के ज़िम्मे है।
17. अर्थात नरक से जिस पर एक पुल बनाया जाएगा। उस पर से सभी ईमान वालों और काफ़िरों को अवश्य गुज़रना होगा। यह और बात है कि ईमान वालों को इससे कोई हानि न पहुँचे। इसकी व्याख्या सह़ीह़ ह़दीसों में वर्णित है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ثُمَّ نُنَجِّی الَّذِیْنَ اتَّقَوْا وَّنَذَرُ الظّٰلِمِیْنَ فِیْهَا جِثِیًّا ۟
फिर हम डरने वालों को बचा लेंगे तथा अत्याचारियों को उसमें मुँह के बल गिरे हुए छोड़ देंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا ۙ— اَیُّ الْفَرِیْقَیْنِ خَیْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِیًّا ۟
तथा जब उनके समक्ष हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, तो काफ़िर लोग ईमान लाने वालों से कहते हैं कि दोनों गिरोहों में से किसकी स्थिति बेहतर और सभा की दृष्टि से कौन अधिक अच्छा है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَحْسَنُ اَثَاثًا وَّرِﺋْﻴًﺎ ۟
और हम इनसे पहले कितनी ही जातियों को नष्ट कर चुके हैं, जो जीवन-साधन और शक्ल-सूरत (वेशभूषा) में कहीं अधिक अच्छी थीं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُلْ مَنْ كَانَ فِی الضَّلٰلَةِ فَلْیَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ۚ۬— حَتّٰۤی اِذَا رَاَوْا مَا یُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ؕ۬— فَسَیَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ۟
(हे नबी!) आप कह दें कि जो व्यक्ति गुमराही में पड़ा हुआ है, तो रहमान उसे एक अवधि तक मोहलत देता है। यहाँ तक कि जब वे उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है; या तो यातना और या क़ियामत, तो वे अवश्य जान लेंगे कि कौन स्थिति में अधिक बुरा और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमज़ोर है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَیَزِیْدُ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اهْتَدَوْا هُدًی ؕ— وَالْبٰقِیٰتُ الصّٰلِحٰتُ خَیْرٌ عِنْدَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَّخَیْرٌ مَّرَدًّا ۟
और अल्लाह हिदायत पाने वालों को हिदायत में आधिक कर देता है और शेष रहने वाली नेकियाँ आपके पालनहार के निकट सवाब की दृष्टि से बेहतर तथा परिणाम की दृष्टि से कहीं अच्छी हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَفَرَءَیْتَ الَّذِیْ كَفَرَ بِاٰیٰتِنَا وَقَالَ لَاُوْتَیَنَّ مَالًا وَّوَلَدًا ۟ؕ
तो क्या (ऐ नबी!) आपने उस व्यक्ति को देखा, जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा : मैं अवश्य ही धन तथा संतान दिया जाऊँगा?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَطَّلَعَ الْغَیْبَ اَمِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۙ
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या उसने रहमान से कोई वचन ले रखा है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
كَلَّا ؕ— سَنَكْتُبُ مَا یَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۟ۙ
कदापि नहीं! हम अवश्य लिखेंगे, जो कुछ वह कहता है और हम उसके लिए यातना में अत्यधिक वृद्धि कर देंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّنَرِثُهٗ مَا یَقُوْلُ وَیَاْتِیْنَا فَرْدًا ۟
और हम उसके वारिस होंगे उन चीज़ों में जो वह कर रहा है और वह अकेला[18] हमारे पास आएगा।
18. इन आयतों के अवतरित होने का कारण यह बताया गया है कि ख़ब्बाब बिन अरत्त का आस बिन वायल (काफ़िर) पर कुछ ऋण था। जिसे वह माँगने के लिए गए, तो उसने कहा : मैं तुझे उस समय तक नहीं दूँगा जब तक मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ कुफ़्र नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह काम तो तू मरकर पुनः जीवित हो जाए, तब भी नहीं करूँगा। उसने कहा : क्या मैं मरने के पश्चात् पुनः जीवित किया जाऊँगा? ख़ब्बाब ने कहा : हाँ। आस ने कहा : वहाँ मुझे धन और संतान मिलेगी, तो तुम्हारा ऋण चुका दूँगा। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4732)
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لِّیَكُوْنُوْا لَهُمْ عِزًّا ۟ۙ
तथा उन्होंने अल्लाह के सिवा अन्य पूज्य बना लिए, ताकि वे उनके लिए सम्मान का कारण हों।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
كَلَّا ؕ— سَیَكْفُرُوْنَ بِعِبَادَتِهِمْ وَیَكُوْنُوْنَ عَلَیْهِمْ ضِدًّا ۟۠
ऐसा कभी नहीं होगा, जल्द ही वे उनकी पूजा का इनकार[19] कर देंगे और उनके खिलाफ (विरोधी) हो जाएँगे।
19. अर्थात प्रलय के दिन।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَلَمْ تَرَ اَنَّاۤ اَرْسَلْنَا الشَّیٰطِیْنَ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ تَؤُزُّهُمْ اَزًّا ۟ۙ
क्या आपने नहीं देखा कि हमने शैतानों को काफ़िरों पर छोड़ रखा है, वे उन्हें ख़ूब उकसाते रहते हैं?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَلَا تَعْجَلْ عَلَیْهِمْ ؕ— اِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا ۟ۚ
अतः आपर उनपर जल्दी न करें [1], हम तो केवल उनके लिए (दिन) गिन रहे हैं।
20. अर्थात उनपर शीघ्र यातना उतारने की माँग ने करें। इसके लिए केवल उनकी आयु पूरी होने की देर है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِیْنَ اِلَی الرَّحْمٰنِ وَفْدًا ۟ۙ
जिस दिन हम परहेज़गारों को रहमान के पास मेहमान बनाकर इकट्ठा करेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّنَسُوْقُ الْمُجْرِمِیْنَ اِلٰی جَهَنَّمَ وِرْدًا ۟ۘ
तथा अपराधियों को नरक की ओर प्यासे हाँककर ले जाएँगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَا یَمْلِكُوْنَ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۘ
वे सिफारिश का अधिकार नहीं रखेंगे, सिवाय उसके जिसने रहमान के पास कोई प्रतिज्ञा प्राप्त कर ली हो।[21]
21. अर्थात अल्लाह की अनुमति से वही सिफ़ारिश करेगा जो ईमान लाया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا ۟ؕ
तथा उन्होंने कहा कि रहमान ने संतान बना रखी है।[22]
22. अर्थात ईसाइयों ने - जैसा कि इस सूरत के आरंभ में आया है - ईसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह का पुत्र बना लिया। और इस भ्रम में पड़ गए कि उन्होंने मनुष्य के पापों का प्रायश्चित कर दिया। इस आयत में इसी गलत धारणा का खंडन किया जा रहा है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَقَدْ جِئْتُمْ شَیْـًٔا اِدًّا ۟ۙ
निश्चय ही तुम एक बड़ी भारी बात गढ़कर लाए हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
تَكَادُ السَّمٰوٰتُ یَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنْشَقُّ الْاَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا ۟ۙ
समीप है कि इस कथन के कारण आकाश फट पड़ें तथा धरती चिर जाए और और पहाड़ ध्वस्त होकर गिर पड़ें।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَنْ دَعَوْا لِلرَّحْمٰنِ وَلَدًا ۟ۚ
इस बात पर कि उन्होंने रहमान की संतान होने का दावा किया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمَا یَنْۢبَغِیْ لِلرَّحْمٰنِ اَنْ یَّتَّخِذَ وَلَدًا ۟ؕ
हालाँकि, रहमान के योग्य नहीं कि कोई संतान बनाए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنْ كُلُّ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ اِلَّاۤ اٰتِی الرَّحْمٰنِ عَبْدًا ۟ؕ
आकाशों तथा धरती में जो कोई भी है, वह रहमान के पास दास के रूप में आने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَقَدْ اَحْصٰىهُمْ وَعَدَّهُمْ عَدًّا ۟ؕ
निश्चय उसने उन्हें (अपने ज्ञान के साथ) घेर रखा है तथा उन्हें अच्छी तरह गिन रखा है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَكُلُّهُمْ اٰتِیْهِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَرْدًا ۟
और उनमें से हर एक क़ियामत के दिन उसके पास अकेला आने वाला है।[23]
23. अर्थात उस दिन कोई किसी का सहायक न होगा। और न ही किसी को उसका धन-संतान लाभ देगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ سَیَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمٰنُ وُدًّا ۟
निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, शीघ्र ही रहमान उनके लिए प्रेम पैदा करेगा।[24]
24. अर्थात उनके ईमान और सत्कर्म के कारण, लोग उनसे प्रेम करने लगेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاِنَّمَا یَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ الْمُتَّقِیْنَ وَتُنْذِرَ بِهٖ قَوْمًا لُّدًّا ۟
अतः (ऐ नबी!) हमने इसे आपकी भाषा में सरल बना दिया है, ताकि आप इसके द्वारा डर रखने वालों को शुभ सूचना दें तथा इसके द्वारा उन लोगों को डराएँ जो सख़्त झगड़ालू हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ ؕ— هَلْ تُحِسُّ مِنْهُمْ مِّنْ اَحَدٍ اَوْ تَسْمَعُ لَهُمْ رِكْزًا ۟۠
और हमने उनसे पहले कितनी ही जातियों को विनष्ट कर दिया, तो क्या आप उनमें से किसी एक को महसूस करते हैं, या उनकी कोई भनक सुनते हैं?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
 
Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Maryam
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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Indische Übersetzung - Übersetzungen

die indische Übersetzung der Quran-Bedeutung von Maulana Azizul-Haqq Al-Umary , veröffentlicht von König Fahd Complex für den Druck des Heiligen Qur'an in Medina, gedruckt in 1433 H.

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