Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi Translation * - Translations’ Index

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Translation of the meanings Surah: At-Takwīr   Ayah:

सूरा अत्-तक्वीर

اِذَا الشَّمْسُ كُوِّرَتْ ۟
जब सूर्य लपेट दिया जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا النُّجُوْمُ انْكَدَرَتْ ۟
और जब सितारे प्रकाश रहित हो जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْجِبَالُ سُیِّرَتْ ۟
और जब पर्वत चलाए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْعِشَارُ عُطِّلَتْ ۟
और जब गाभिन ऊँटनियाँ छोड़ दी जाएँगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْوُحُوْشُ حُشِرَتْ ۟
और जब जंगली जानवर एकत्रित किए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْبِحَارُ سُجِّرَتْ ۟
और जब सागर भड़काए जाएँगे।[1]
1. (1-6) इनमें प्रलय के प्रथम चरण में ब्रह्मांड में जो उथल-पुथल होगी, उसको दिखाया गया है कि आकाश, धरती और पर्वत, सागर तथा जीव जंतुओं की क्या दशा होगी। और माया मोह में पड़ा इनसान इसी संसार में अपने प्रियवर धन से कैसा बेपरवाह हो जाएगा। वन पशु भी भय के मारे एकत्र हो जाएँगे। सागरों के जल-प्लावन से धरती पर जल ही जल दिखाई देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا النُّفُوْسُ زُوِّجَتْ ۟
और जब प्राण मिला दिए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْمَوْءٗدَةُ سُىِٕلَتْ ۟
और जब जीवित गाड़ी गई लड़की से पूछा जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
بِاَیِّ ذَنْۢبٍ قُتِلَتْ ۟ۚ
कि वह किस अपराध के कारण मारी गई?
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الصُّحُفُ نُشِرَتْ ۟
तथा जब कर्मपत्र (आमाल नामे) फैला दिए जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا السَّمَآءُ كُشِطَتْ ۟
और जब आकाश उधेड़ दिया जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْجَحِیْمُ سُعِّرَتْ ۟
और जब जहन्नम दहकाई जाएगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْجَنَّةُ اُزْلِفَتْ ۟
और जब जन्नत क़रीब लाई जाएगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
عَلِمَتْ نَفْسٌ مَّاۤ اَحْضَرَتْ ۟ؕ
तो प्रत्येक प्राणी जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है।[2]
2. (7-14) इन आयतों में प्रलय के दूसरे चरण की दशा को दर्शाया गया है कि इनसानों की आस्था और कर्मों के अनुसार श्रेणियाँ बनेंगी। नृशंसितों (मज़लूमों) के साथ न्याय किया जाएगा। कर्म-पत्र खोल दिए जाएँगे। नरक भड़काई जाएगी। स्वर्ग सामने कर दिया जाएगा। और उस समय सभी को वास्तविकता का ज्ञान हो जाएगा। इस्लाम के उदय के समय अरब में कुछ लोग पुत्रियों को जन्म लेते ही जीवित गाड़ दिया करते थे। इस्लाम ने नारियों को जीवन प्रदान किया। और उन्हें जीवित गाड़ देने को घोर अपराध घोषित किया। आयत संख्या 8 में उन्हीं नृशंस अपराधियों को धिक्कारा गया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَلَاۤ اُقْسِمُ بِالْخُنَّسِ ۟ۙ
मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटने वाले सितारों की।
Arabic explanations of the Qur’an:
الْجَوَارِ الْكُنَّسِ ۟ۙ
चलने वाले, छिप जाने वाले तारों की।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالَّیْلِ اِذَا عَسْعَسَ ۟ۙ
और रात की (क़सम), जब वह आती और जाती है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَالصُّبْحِ اِذَا تَنَفَّسَ ۟ۙ
तथा सुबह की, जब वह रौशन होने लगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِیْمٍ ۟ۙ
निःसंदेह यह (क़ुरआन) एक आदरणीय संदेशवाहक की लाई हुई वाणी है।
Arabic explanations of the Qur’an:
ذِیْ قُوَّةٍ عِنْدَ ذِی الْعَرْشِ مَكِیْنٍ ۟ۙ
जो शक्तिशाली है, अर्श (सिंहासन) वाले के पास उच्च पद वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
مُّطَاعٍ ثَمَّ اَمِیْنٍ ۟ؕ
उसकी वहाँ (आसमानों में) बात मानी जाती है और बड़ा विश्वसनीय है।[3]
3. (15-21) तारों की व्यवस्था गति तथा अँधेरे के पश्चात् नियमित रूप से उजाला की शपथ इस बात की गवाही है कि क़ुरआन ज्योतिष की बकवास नहीं। बल्कि यह ईश-वाणी है। जिसको एक शक्तिशाली तथा सम्मान वाला फ़रिश्ता लेकर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया। और अमानतदारी से इसे पहुँचाया।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا صَاحِبُكُمْ بِمَجْنُوْنٍ ۟ۚ
और तुम्हारा साथी कोई दीवाना नहीं हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَقَدْ رَاٰهُ بِالْاُفُقِ الْمُبِیْنِ ۟ۚ
और निश्चय उन्होंने उस (जिबरील) को स्पष्ट क्षितिज पर देखा है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا هُوَ عَلَی الْغَیْبِ بِضَنِیْنٍ ۟ۚ
और वह परोक्ष (ग़ैब) की बातें बताने में कृपण नहीं हैं।[4]
4. (22-24) इनमें यह चेतावनी दी गई है कि महा ईशदूत (मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जो सुना रहे हैं, और जो फ़रिश्ता वह़्य (प्रकाशना) लाता है, उन्होंने उसे देखा है। वह परोक्ष की बातें प्रस्तुत कर रहे हैं, कोई ज्योतिष की बात नहीं, जो धिक्कारे शौतान ज्योतिषियों को दिया करते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا هُوَ بِقَوْلِ شَیْطٰنٍ رَّجِیْمٍ ۟ۙ
और यह (क़ुरआन) किसी धिक्कारे हुए शैतान की वाणी नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَاَیْنَ تَذْهَبُوْنَ ۟ؕ
फिर तुम कहाँ जा रहे हो?
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
यह तो समस्त संसार वालों के लिए एक उपदेश है।
Arabic explanations of the Qur’an:
لِمَنْ شَآءَ مِنْكُمْ اَنْ یَّسْتَقِیْمَ ۟ؕ
उसके लिए, जो तुममें से सीधे मार्ग पर चलना चाहे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا تَشَآءُوْنَ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
तथा तुम कुछ नहीं चाह सकते, सिवाय इसके कि सर्व संसार का पालनहार अल्लाह चाहे।[5]
5. (27-29) इन साक्ष्यों के पश्चात सावधान किया गया है कि क़ुरआन मात्र याद-दहानी है। इस विश्व में इसके सत्य होने के सभी लक्षण सबके सामने हैं। इनका अध्ययन करके स्वयं सत्य की राह अपना लो, अन्यथा अपना ही बिगाड़ोगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
 
Translation of the meanings Surah: At-Takwīr
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Translation of the Quran meanings into Indian by Azizul-Haqq Al-Umary.

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