Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción India * - Índice de traducciones

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Traducción de significados Versículo: (65) Capítulo: Sura Az-Zumar
وَلَقَدْ اُوْحِیَ اِلَیْكَ وَاِلَی الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ— لَىِٕنْ اَشْرَكْتَ لَیَحْبَطَنَّ عَمَلُكَ وَلَتَكُوْنَنَّ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
और निःसंदेह तुम्हारी ओर एवं तुमसे पहले के नबियों की ओर वह़्य की गई है कि यदि तुमने शिर्क किया, तो निश्चय तुम्हारा कर्म अवश्य नष्ट हो जाएगा और तुम निश्चित रूप से हानि उठाने वालों में से हो जाओगे।[13]
13. इस आयत का भावार्थ यह है कि यदि मान लिया जाए कि आपके जीवन का अंत शिर्क पर हुआ, और क्षमा याचना नहीं की तो आपके भी कर्म नष्ट हो जाएँगे। ह़ालाँकि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और सभी नबी शिर्क से पाक थे। इसलिए कि उनका संदेश ही एकेश्वरवाद और शिर्क का खंडन है। फिर भी इसमें संबोधित नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को किया गया और यह साधारण नियम बताया गया कि शिर्क के साथ अल्लाह के हाँ कोई कर्म स्वीकार्य नहीं। तथा ऐसे सभी कर्म निष्फल होंगे जो एकेश्वरवाद की आस्था पर आधारित न हों। चाहे वह नबी हो या उसका अनुयायी हो।
Las Exégesis Árabes:
 
Traducción de significados Versículo: (65) Capítulo: Sura Az-Zumar
Índice de Capítulos Número de página
 
Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción India - Índice de traducciones

Traducción del significado del Noble Corán al indio por Azizul-Haqq Al-Umary

Cerrar