Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Aaya: (133) Simoore: Simoore neemoraaɗi
وَرَبُّكَ الْغَنِیُّ ذُو الرَّحْمَةِ ؕ— اِنْ یَّشَاْ یُذْهِبْكُمْ وَیَسْتَخْلِفْ مِنْ بَعْدِكُمْ مَّا یَشَآءُ كَمَاۤ اَنْشَاَكُمْ مِّنْ ذُرِّیَّةِ قَوْمٍ اٰخَرِیْنَ ۟ؕ
और (ऐ रसूल!) आपका रब अपने बंदों से बेनियाज़ है। उसे न उनकी आवश्यकता है, न उनकी इबादत की, और न ही उनके इनकार से उसे कोई नुक़सान होता है। वह उनसे अपनी इस बेनियाज़ी के बावजूद, उनपर दया करता है। यदि वह (ऐ अवज्ञाकारी बंदो!) तुम्हें नष्ट करना चाहे, तो अपनी यातना भेजकर तुम्हें जड़ से उखाड़ फेंके और तुम्हें विनष्ट करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार ऐसे लोगों को ले आए, जो उसपर ईमान रखें और उसकी आज्ञा मानें। जैसा कि उसने तुम्हें अन्य लोगों के वंश से पैदा किया जो तुमसे पहले थे।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• تفاوت مراتب الخلق في أعمال المعاصي والطاعات يوجب تفاوت مراتبهم في درجات العقاب والثواب.
• जिस तरह गुनाह और नेकी के कामों में लोगों के अलग-अलग स्तर होते हैं, उसी तरह सज़ा और सवाब में भी उनके अलग-अलग स्तर होंगे।

• اتباع الشيطان موجب لانحراف الفطرة حتى تصل لاستحسان القبيح مثل قتل الأولاد ومساواة أصنامهم بالله سبحانه وتعالى.
• शैतान के अनुसरण से इनसान की फितरत बिगड़ जाती है। यहाँ तक कि उसे बुरी चीज़ें भी अच्छी लगने लगती हैं, जैसे संतान की हत्या करना और मूर्तियों को अल्लाह का समकक्ष मान लेना।

 
Firo maanaaji Aaya: (133) Simoore: Simoore neemoraaɗi
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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