કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષાતર * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અસ્ સોફ્ફાત   આયત:

सूरा अस्-साफ़्फ़ात

وَالصّٰٓفّٰتِ صَفًّا ۟ۙ
क़सम है पंक्तिबद्ध (फ़रिश्तों) की!
અરબી તફસીરો:
فَالزّٰجِرٰتِ زَجْرًا ۟ۙ
फिर झिड़क कर डाँटने वालों की!
અરબી તફસીરો:
فَالتّٰلِیٰتِ ذِكْرًا ۟ۙ
फिर (अल्लाह के) ज़िक्र (वाणी) की तिलावत करने वालों की।[1]
1. ये तीनों गुण फ़रिश्तों के हैं जो आकाशों में अल्लाह की इबादत के लिए पंक्तिबद्ध रहते तथा बादलों को हाँकते और अल्लाह के स्मरण जैसे क़ुरआन तथा नमाज़ पढ़ने और उसकी पवित्रता का गान करने इत्यादि में लगे रहते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ اِلٰهَكُمْ لَوَاحِدٌ ۟ؕ
निःसंदेह तुम्हारा पूज्य निश्चय एक ही है।
અરબી તફસીરો:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا وَرَبُّ الْمَشَارِقِ ۟ؕ
जो आकाशों और धरती का तथा उन दोनों के बीच की समस्त चीज़ों का स्वामी है और सूर्य के उदय होने के सभी स्थानों का मालिक है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا زَیَّنَّا السَّمَآءَ الدُّنْیَا بِزِیْنَةِ ١لْكَوَاكِبِ ۟ۙ
निःसंदेह हमने संसार के आकाश को एक सुंदर शृंगार के साथ सुशोभित किया है, जो सितारे हैं।
અરબી તફસીરો:
وَحِفْظًا مِّنْ كُلِّ شَیْطٰنٍ مَّارِدٍ ۟ۚ
और प्रत्येक सरकश शैतान से सुरक्षित करने के लिए।
અરબી તફસીરો:
لَا یَسَّمَّعُوْنَ اِلَی الْمَلَاِ الْاَعْلٰی وَیُقْذَفُوْنَ مِنْ كُلِّ جَانِبٍ ۟
वे सर्वोच्च सभा (मला-ए-आ'ला) के फ़रिश्तों की बात नहीं सुन सकते, तथा वे हर ओर से (उल्काओं से) मारे जाते हैं।
અરબી તફસીરો:
دُحُوْرًا وَّلَهُمْ عَذَابٌ وَّاصِبٌ ۟ۙ
भगाने के लिए। तथा उनके लिए स्थायी यातना है।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا مَنْ خَطِفَ الْخَطْفَةَ فَاَتْبَعَهٗ شِهَابٌ ثَاقِبٌ ۟
परंतु जो कोई (शैतान फरिश्तों की किसी बात को) अचानक उचक ले जाए, तो एक दहकता हुआ अंगारा (उल्का)[2] उसका पीछा करता है।
2. फिर यदि उससे बचा रह जाए तो आकाश की बात अपने नीचे के शैतानों तक पहुँचाता है और वे उसे काहिनों तथा ज्योतिषियों को बताते हैं। फिर वे उसमें सौ झूठ मिलाकर लोगों को बताते हैं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6213, सह़ीह़ मुस्लिम : 2228)
અરબી તફસીરો:
فَاسْتَفْتِهِمْ اَهُمْ اَشَدُّ خَلْقًا اَمْ مَّنْ خَلَقْنَا ؕ— اِنَّا خَلَقْنٰهُمْ مِّنْ طِیْنٍ لَّازِبٍ ۟
तो आप इन (काफ़िरों) से पूछें कि क्या इन्हें पैदा करना अधिक कठिन है या उनका जिन्हें[3] हम पैदा कर चुके? निःसंदेह हमने उन्हें[4] एक लेसदार मिट्टी से पैदा किया है।
3. अर्थात फ़रिश्तों तथा आकाशों को। 4. अर्थात् उनके पिता आदम (अलैहिस्सलाम) को।
અરબી તફસીરો:
بَلْ عَجِبْتَ وَیَسْخَرُوْنَ ۪۟
बल्कि आपने आश्चर्य किया और वे उपहास करते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِذَا ذُكِّرُوْا لَا یَذْكُرُوْنَ ۪۟
और जब उन्हें नसीहत की जाए, तो वे क़बूल नहीं करते।
અરબી તફસીરો:
وَاِذَا رَاَوْا اٰیَةً یَّسْتَسْخِرُوْنَ ۪۟
और जब वे कोई निशानी देखते हैं, तो खूब उपहास करते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَقَالُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚۖ
तथा कहते हैं कि यह तो मात्र खुला जादू है।
અરબી તફસીરો:
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟ۙ
क्या जब हम मर गए और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो चुके, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?
અરબી તફસીરો:
اَوَاٰبَآؤُنَا الْاَوَّلُوْنَ ۟ؕ
और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी (उठाए जाएँगे)?
અરબી તફસીરો:
قُلْ نَعَمْ وَاَنْتُمْ دَاخِرُوْنَ ۟ۚ
आप कह दीजिए : हाँ! तथा तुम अपमानित (भी) होगे!
અરબી તફસીરો:
فَاِنَّمَا هِیَ زَجْرَةٌ وَّاحِدَةٌ فَاِذَا هُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟
वह बस एक ही झिड़की होगी, तो एकाएक वे देख रहे होंगे।
અરબી તફસીરો:
وَقَالُوْا یٰوَیْلَنَا هٰذَا یَوْمُ الدِّیْنِ ۟
तथा वे कहेंगे : हाय हमारा विनाश! यह तो बदले का दिन है।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا یَوْمُ الْفَصْلِ الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تُكَذِّبُوْنَ ۟۠
यही निर्णय का दिन है, जिसे तुम झुठलाया करते थे।
અરબી તફસીરો:
اُحْشُرُوا الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا وَاَزْوَاجَهُمْ وَمَا كَانُوْا یَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
(आदेश होगा कि) इकट्ठा करो उन लोगों को जिन्होंने अत्याचार किया तथा उनके साथियों को और जिनकी वे उपासना किया करते थे ।
અરબી તફસીરો:
مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ فَاهْدُوْهُمْ اِلٰی صِرَاطِ الْجَحِیْمِ ۟
अल्लाह के सिवा। फिर उन्हें जहन्नम की राह दिखा दो।
અરબી તફસીરો:
وَقِفُوْهُمْ اِنَّهُمْ مَّسْـُٔوْلُوْنَ ۟ۙ
और उन्हें ठहराओ[5], निःसंदेह वे प्रश्न किए जाने वाले हैं।
5. नरक में झोंकने से पहले।
અરબી તફસીરો:
مَا لَكُمْ لَا تَنَاصَرُوْنَ ۟
तुम्हें क्या हुआ कि तुम एक-दूसरे की सहायता नहीं करते?
અરબી તફસીરો:
بَلْ هُمُ الْیَوْمَ مُسْتَسْلِمُوْنَ ۟
बल्कि, आज वे सर्वथा आज्ञाकारी हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ یَّتَسَآءَلُوْنَ ۟
और वे एक-दूसरे की ओर रुख़ करके परस्पर प्रश्न करेंगे।[6]
6. अर्थात एक-दूसरे को धिक्कारेंगे।
અરબી તફસીરો:
قَالُوْۤا اِنَّكُمْ كُنْتُمْ تَاْتُوْنَنَا عَنِ الْیَمِیْنِ ۟
वे कहेंगे : निःसंदेह तुम हमारे पास दाहिने[7] से आया करते थे।
7. इससे अभिप्राय यह है कि धर्म तथा सत्य के नाम से आते थे। अर्थात यह विश्वास दिलाते थे कि यही मिश्रणवाद मूल तथा सत्धर्म है।
અરબી તફસીરો:
قَالُوْا بَلْ لَّمْ تَكُوْنُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
वे[8] कहेंगे : बल्कि तुम (स्वयं) ईमान वाले न थे।
8. इससे अभिप्राय उन के प्रमुख लोग हैं।
અરબી તફસીરો:
وَمَا كَانَ لَنَا عَلَیْكُمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ ۚ— بَلْ كُنْتُمْ قَوْمًا طٰغِیْنَ ۟
तथा हमारा तुमपर कोई ज़ोर[9] न था, बल्कि तुम (स्वंय) हद से बढ़ने वाले लोग थे।
9. देखिए : सूरत इबराहीम, आयत : 22
અરબી તફસીરો:
فَحَقَّ عَلَیْنَا قَوْلُ رَبِّنَاۤ ۖۗ— اِنَّا لَذَآىِٕقُوْنَ ۟
तो हमपर हमारे पालनहार का कथन सिद्ध हो गया। निःसंदेह हम निश्चय (यातना) चखने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
فَاَغْوَیْنٰكُمْ اِنَّا كُنَّا غٰوِیْنَ ۟
तो हमने तुम्हें गुमराह किया। निःसंदेह हम स्वयं गुमराह थे।
અરબી તફસીરો:
فَاِنَّهُمْ یَوْمَىِٕذٍ فِی الْعَذَابِ مُشْتَرِكُوْنَ ۟
तो निश्चय ही वे उस दिन यातना में सहभागी होंगे।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِیْنَ ۟
निःसंदेह हम अपराधियों के साथ ऐसा ही किया करते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهُمْ كَانُوْۤا اِذَا قِیْلَ لَهُمْ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ یَسْتَكْبِرُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह वे ऐसे लोग थे कि जब उनसे कहा जाता कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य (इबादत के योग्य) नहीं, तो वे अभिमान करते थे।
અરબી તફસીરો:
وَیَقُوْلُوْنَ اَىِٕنَّا لَتَارِكُوْۤا اٰلِهَتِنَا لِشَاعِرٍ مَّجْنُوْنٍ ۟ؕ
तथा कहते थे : क्या सचमुच हम अपने पूज्यों को एक दीवाने कवि के कारण छोड़ देने वाले हैं?
અરબી તફસીરો:
بَلْ جَآءَ بِالْحَقِّ وَصَدَّقَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
बल्कि वह सत्य लेकर आए हैं तथा उन्होंने सभी रसूलों की पुष्टि की है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّكُمْ لَذَآىِٕقُوا الْعَذَابِ الْاَلِیْمِ ۟ۚ
निःसंदेह तुम निश्चय दुःखदायी यातना चखने वाले हो।
અરબી તફસીરો:
وَمَا تُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟ۙ
तथा तुम्हें केवल उसी का बदला दिया जाएगा, जो तुम किया करते थे।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
परंतु अल्लाह के ख़ालिस (विशुद्ध) किए हुए बंदे।
અરબી તફસીરો:
اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ رِزْقٌ مَّعْلُوْمٌ ۟ۙ
यही लोग हैं, जिनके लिए निर्धारित रोज़ी है।
અરબી તફસીરો:
فَوَاكِهُ ۚ— وَهُمْ مُّكْرَمُوْنَ ۟ۙ
प्रत्येक प्रकार के फल। तथा वे सम्मानित किए गए हैं।
અરબી તફસીરો:
فِیْ جَنّٰتِ النَّعِیْمِ ۟ۙ
नेमत के बाग़ों में।
અરબી તફસીરો:
عَلٰی سُرُرٍ مُّتَقٰبِلِیْنَ ۟
तख़्तों पर आमने-सामने बैठे होंगे।
અરબી તફસીરો:
یُطَافُ عَلَیْهِمْ بِكَاْسٍ مِّنْ مَّعِیْنٍ ۟ۙ
उनपर प्रवाहित शराब के प्याले फिराए जाएँगे।
અરબી તફસીરો:
بَیْضَآءَ لَذَّةٍ لِّلشّٰرِبِیْنَ ۟ۚ
जो सफ़ेद होगी, पीने वालों के लिए स्वादिष्ट होगी।
અરબી તફસીરો:
لَا فِیْهَا غَوْلٌ وَّلَا هُمْ عَنْهَا یُنْزَفُوْنَ ۟
न उसमें कोई सिरदर्द होगा, और न वे उससे मदहोश होंगे।
અરબી તફસીરો:
وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ عِیْنٌ ۟ۙ
तथा उनके पास दृष्टि नीची रखने वाली, बड़ी आँखों वाली स्त्रियाँ होंगी।
અરબી તફસીરો:
كَاَنَّهُنَّ بَیْضٌ مَّكْنُوْنٌ ۟
मानो वे छिपाकर रखे हुए अंडे हों।[10]
10. अर्थात जिस प्रकार पक्षी के पंखों के नीचे छिपे हुए अंडे सुरक्षित होते हैं, वैसे ही वे नारियाँ सुरक्षित, सुंदर रंग और रूप की होंगी।
અરબી તફસીરો:
فَاَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ یَّتَسَآءَلُوْنَ ۟
फिर वे एक-दूसरे के सम्मुख होकर आपस में प्रश्न करेंगे।
અરબી તફસીરો:
قَالَ قَآىِٕلٌ مِّنْهُمْ اِنِّیْ كَانَ لِیْ قَرِیْنٌ ۟ۙ
उनमें से एक कहने वाला कहेगा : मेरा एक साथी था।
અરબી તફસીરો:
یَّقُوْلُ ءَاِنَّكَ لَمِنَ الْمُصَدِّقِیْنَ ۟
वह कहा करता था कि क्या सचमुच तू भी (मरणोपरांत पुनर्जीवन को) मानने वालों में से है?
અરબી તફસીરો:
ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَدِیْنُوْنَ ۟
क्या जब हम मर गए और हम मिट्टी तथा हड्डियाँ हो गए, तो क्या सचमुच हम अवश्य बदला दिए जाने वाले हैं?
અરબી તફસીરો:
قَالَ هَلْ اَنْتُمْ مُّطَّلِعُوْنَ ۟
वह कहेगा : क्या तुम झाँककर देखने वाले हो?
અરબી તફસીરો:
فَاطَّلَعَ فَرَاٰهُ فِیْ سَوَآءِ الْجَحِیْمِ ۟
फिर वह झाँकेगा, तो उसे भड़कती हुई आग के बीच में देखेगा।
અરબી તફસીરો:
قَالَ تَاللّٰهِ اِنْ كِدْتَّ لَتُرْدِیْنِ ۟ۙ
कहेगा : अल्लाह की कसम! निश्चय तू क़रीब था कि मुझे नष्ट ही कर दे।
અરબી તફસીરો:
وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّیْ لَكُنْتُ مِنَ الْمُحْضَرِیْنَ ۟
और यदि मेरे पालनहार की अनुकंपा न होती, तो निश्चय मैं भी (जहन्नम में) उपस्थित किए गए लोगों में से होता।
અરબી તફસીરો:
اَفَمَا نَحْنُ بِمَیِّتِیْنَ ۟ۙ
तो क्या (यह सही नहीं है) कि हम कभी मरने वाले नहीं हैं?
અરબી તફસીરો:
اِلَّا مَوْتَتَنَا الْاُوْلٰی وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِیْنَ ۟
सिवाय अपनी प्रथम मौत के, और न हम कभी यातना दिए जाने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
निश्चय यही तो बहुत बड़ी सफलता है।
અરબી તફસીરો:
لِمِثْلِ هٰذَا فَلْیَعْمَلِ الْعٰمِلُوْنَ ۟
इसी (जैसी सफलता) के लिए कर्म करने वालों को कर्म करना चाहिए।
અરબી તફસીરો:
اَذٰلِكَ خَیْرٌ نُّزُلًا اَمْ شَجَرَةُ الزَّقُّوْمِ ۟
क्या यह आतिथ्य उत्तम है या थोहड़ का वृक्ष?
અરબી તફસીરો:
اِنَّا جَعَلْنٰهَا فِتْنَةً لِّلظّٰلِمِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने उसे अत्याचारियों के लिए एक परीक्षा बनाया है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهَا شَجَرَةٌ تَخْرُجُ فِیْۤ اَصْلِ الْجَحِیْمِ ۟ۙ
निःसंदेह वह ऐसा वृक्ष है, जो जहन्नम के तल में उगता है।
અરબી તફસીરો:
طَلْعُهَا كَاَنَّهٗ رُءُوْسُ الشَّیٰطِیْنِ ۟
उसके गुच्छे ऐसे हैं मानो वे शैतानों के सिर हों।
અરબી તફસીરો:
فَاِنَّهُمْ لَاٰكِلُوْنَ مِنْهَا فَمَالِـُٔوْنَ مِنْهَا الْبُطُوْنَ ۟ؕ
तो वे (जहन्नमवासी) निश्चय उसमें से खाने वाले हैं। फिर उससे पेट भरने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ اِنَّ لَهُمْ عَلَیْهَا لَشَوْبًا مِّنْ حَمِیْمٍ ۟ۚ
फिर निःसंदेह उनके लिए उसपर खौलते हुए पानी का मिश्रण है।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ اِنَّ مَرْجِعَهُمْ لَاۡاِلَی الْجَحِیْمِ ۟
फिर निःसंदेह उनकी वापसी निश्चय उसी भड़कती हुई आग की ओर होगी।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهُمْ اَلْفَوْا اٰبَآءَهُمْ ضَآلِّیْنَ ۟ۙ
निःसंदेह उन्होंने अपने बाप-दादा को गुमराह पाया।
અરબી તફસીરો:
فَهُمْ عَلٰۤی اٰثٰرِهِمْ یُهْرَعُوْنَ ۟
तो वे उन्हीं के पदचिह्नों पर दौड़े चले जा रहे हैं।[11]
11. इसमें नरक में जाने का जो सबसे बड़ा कारण बताया गया है, वह है नबी को न मानना और अपने पूर्वजों के पंथ पर ही चलते रहना।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ ضَلَّ قَبْلَهُمْ اَكْثَرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह इनसे पहले अगले लोगों में से अधिकतर लोग गुमराह हो चुके हैं।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا فِیْهِمْ مُّنْذِرِیْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमने उनके अंदर कई डराने वाले भेजे।
અરબી તફસીરો:
فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟ۙ
तो देखो कि उन डराए जाने वालों का परिणाम[12] कैसा हुआ?
12. अतः उनके दुष्परिणाम से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟۠
सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ نَادٰىنَا نُوْحٌ فَلَنِعْمَ الْمُجِیْبُوْنَ ۟ؗۖ
तथा निःसंदेह नूह ने हमें पुकारा, तो निश्चय हम अच्छे स्वीकार करने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
وَنَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ؗۖ
और हमने उसे और उसके घर वालों को बहुत बड़ी आपदा से बचा लिया।
અરબી તફસીરો:
وَجَعَلْنَا ذُرِّیَّتَهٗ هُمُ الْبٰقِیْنَ ۟ؗۖ
तथा हमने उसकी संतति ही को बाक़ी रहने वाला[13] बना दिया।
13. उसकी जाति के जलमग्न हो जाने के पश्चात्।
અરબી તફસીરો:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ؗۖ
और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।
અરબી તફસીરો:
سَلٰمٌ عَلٰی نُوْحٍ فِی الْعٰلَمِیْنَ ۟
सर्व संसार में नूह़ पर सलाम[14] हो।
14. अर्थात उसकी बुरी चर्चा से सुरक्षा।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ اَغْرَقْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟
फिर हमने दूसरों को डुबो दिया।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ مِنْ شِیْعَتِهٖ لَاِبْرٰهِیْمَ ۟ۘ
और निःसंदेह उसी के तरीक़े पर चलने वालों में से निश्चय इबराहीम (भी) थे।
અરબી તફસીરો:
اِذْ جَآءَ رَبَّهٗ بِقَلْبٍ سَلِیْمٍ ۟
(उस समय को याद करें) जब वह अपने पालनहार के पास शुद्ध दिल लेकर आए।
અરબી તફસીરો:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖ مَاذَا تَعْبُدُوْنَ ۟ۚ
जब उसने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा : तुम किस चीज़ की इबादत करते हो?
અરબી તફસીરો:
اَىِٕفْكًا اٰلِهَةً دُوْنَ اللّٰهِ تُرِیْدُوْنَ ۟ؕ
क्या अल्लाह को छोड़कर अपने गढ़े हुए पूज्यों को चाहते हो?
અરબી તફસીરો:
فَمَا ظَنُّكُمْ بِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
तो सर्व संसार के पालनहार के विषय में तुम्हारा क्या गुमान है?
અરબી તફસીરો:
فَنَظَرَ نَظْرَةً فِی النُّجُوْمِ ۟ۙ
फिर उसने एक दृष्टि तारों पर डाली।[15]
15. यह सोचते हुए कि इनके उत्सव में न जाने के लिए क्या बहाना करूँ।
અરબી તફસીરો:
فَقَالَ اِنِّیْ سَقِیْمٌ ۟
फिर कहा : मैं तो बीमार हूँ।
અરબી તફસીરો:
فَتَوَلَّوْا عَنْهُ مُدْبِرِیْنَ ۟
तो वे उससे पीठ फेरकर वापस चले गए।
અરબી તફસીરો:
فَرَاغَ اِلٰۤی اٰلِهَتِهِمْ فَقَالَ اَلَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۚ
फिर वह चुपके से उनके पूज्यों की ओर गया और कहा : क्या तुम खाते नहीं?
અરબી તફસીરો:
مَا لَكُمْ لَا تَنْطِقُوْنَ ۟
तुम्हें क्या हुआ कि तुम बोलते नहीं?
અરબી તફસીરો:
فَرَاغَ عَلَیْهِمْ ضَرْبًا بِالْیَمِیْنِ ۟
फिर वह दाएँ हाथ से मारते हुए उनपर पिल पड़ा।
અરબી તફસીરો:
فَاَقْبَلُوْۤا اِلَیْهِ یَزِفُّوْنَ ۟
फिर वे दौड़ते हुए उसकी ओर आए।
અરબી તફસીરો:
قَالَ اَتَعْبُدُوْنَ مَا تَنْحِتُوْنَ ۟ۙ
उसने कहा : क्या तुम उसकी इबादत करते हो, जिसे ख़ुद तराशते हो?
અરબી તફસીરો:
وَاللّٰهُ خَلَقَكُمْ وَمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
हालाँकि अल्लाह ही ने तुम्हें पैदा किया तथा उसे भी जो तुम करते हो।
અરબી તફસીરો:
قَالُوا ابْنُوْا لَهٗ بُنْیَانًا فَاَلْقُوْهُ فِی الْجَحِیْمِ ۟
उन्होंने कहा : इसके लिए एक इमारत (अग्नि-कुंड) बनाओ, फिर इसे भड़कती आग में फेंक दो।
અરબી તફસીરો:
فَاَرَادُوْا بِهٖ كَیْدًا فَجَعَلْنٰهُمُ الْاَسْفَلِیْنَ ۟
अतः उन्होंने उसके साथ एक चाल चलनी चाही, तो हमने उन्हीं को सबसे नीचा कर दिया।
અરબી તફસીરો:
وَقَالَ اِنِّیْ ذَاهِبٌ اِلٰی رَبِّیْ سَیَهْدِیْنِ ۟
तथा उसने कहा : निःसंदेह मैं अपने पालनहार की ओर[16] जाने वाला हूँ। वह मुझे अवश्य सीधा रास्ता दिखाएगा।
16. अर्थात ऐसे स्थान की ओर जहाँ अपने पालनहार की इबादत कर सकूँ।
અરબી તફસીરો:
رَبِّ هَبْ لِیْ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
ऐ मेरे पालनहार! मुझे एक सदाचारी पुत्र प्रदान कर।
અરબી તફસીરો:
فَبَشَّرْنٰهُ بِغُلٰمٍ حَلِیْمٍ ۟
तो हमने उसे एक सहनशील पुत्र की शुभ सूचना दी।
અરબી તફસીરો:
فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْیَ قَالَ یٰبُنَیَّ اِنِّیْۤ اَرٰی فِی الْمَنَامِ اَنِّیْۤ اَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَاذَا تَرٰی ؕ— قَالَ یٰۤاَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ ؗ— سَتَجِدُنِیْۤ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ مِنَ الصّٰبِرِیْنَ ۟
फिर जब वह उसके साथ दौड़-धूप की आयु को पहुँचा, तो उसने कहा : ऐ मेरे प्रिय बेटे! निःसंदेह मैं स्वप्न में देखता हूँ कि मैं तुझे ज़बह कर रहा हूँ। तो अब देख, तेरा क्या विचार है? उसने कहा : ऐ मेरे पिता! आपको जो आदेश दिया जा रहा है उसे कर डालिए। अगर अल्लाह ने चाहा, तो आप अवश्य मुझे धैर्यवानों में से पाएँगे।
અરબી તફસીરો:
فَلَمَّاۤ اَسْلَمَا وَتَلَّهٗ لِلْجَبِیْنِ ۟ۚ
अंततः जब दोनों (अल्लाह के आदेश के प्रति) समर्पित हो गए, और उसने उसे पेशानी के एक किनारे पर गिरा दिया।
અરબી તફસીરો:
وَنَادَیْنٰهُ اَنْ یّٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۟ۙ
और हमने उसे आवाज़ दी कि ऐ इबराहीम!
અરબી તફસીરો:
قَدْ صَدَّقْتَ الرُّءْیَا ۚ— اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निश्चय तूने स्वप्न को सच कर दिखाया। हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْبَلٰٓؤُا الْمُبِیْنُ ۟
निःसंदेह यही तो निश्चय खुला परीक्षण है।
અરબી તફસીરો:
وَفَدَیْنٰهُ بِذِبْحٍ عَظِیْمٍ ۟
और हमने उसके फ़िदया (छुड़ौती) में एक बहुत बड़ा ज़बीहा[17] दिया।
17. यह महान ज़बीहा एक मेंढा था। जिसे जिबरील (अलैहिस्सलाम) द्वारा स्वर्ग से भेजा गया। जो आपके प्रिय पुत्र इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के स्थान पर ज़बह किया गया। फिर इस विधि को प्रलय तक के लिए अल्लाह के सामीप्य का एक साधन तथा ईदुल अज़हा (बक़रईद) का प्रियवर कर्म बना दिया गया। जिसे संसार के सभी मुसलमान ईदुल अज़हा में करते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ؗ
और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।
અરબી તફસીરો:
سَلٰمٌ عَلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ ۟
सलाम हो इबराहीम पर।
અરબી તફસીરો:
كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
हम इसी तरह सदाचारियों को बदला प्रदान करते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।
અરબી તફસીરો:
وَبَشَّرْنٰهُ بِاِسْحٰقَ نَبِیًّا مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
तथा हमने उसे इसहाक़ की शुभ सूचना दी, जो नबी होगा, सदाचारियों में से (होगा)।[18]
18. इस आयत से विदित होता है कि इबराहीम (अलैहिस्सलाम) को इस बलि के पश्चात् दूसरे पुत्र आदरणीय इसहाक़ की शुभ सूचना दी गई। इससे ज्ञात हुआ की बलि इसमाईल (अलैहिस्सलाम) की दी गई थी। और दोनों की आयु में लग-भग चौदह वर्ष का अंतर है।
અરબી તફસીરો:
وَبٰرَكْنَا عَلَیْهِ وَعَلٰۤی اِسْحٰقَ ؕ— وَمِنْ ذُرِّیَّتِهِمَا مُحْسِنٌ وَّظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ مُبِیْنٌ ۟۠
तथा हमने उसपर और इसहाक़ पर बरकत उतारी। और उन दोनों की संतति में से कोई सदाचारी है और कोई अपने आप पर खुला अत्याचार करने वाला है।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟ۚ
तथा निःसंदेह हमने मूसा और हारून पर उपकार किया।
અરબી તફસીરો:
وَنَجَّیْنٰهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ
और हमने उन दोनों को और उन दोनों की जाति को बहुत बड़ी विपत्ति से छुटकारा दिया।
અરબી તફસીરો:
وَنَصَرْنٰهُمْ فَكَانُوْا هُمُ الْغٰلِبِیْنَ ۟ۚ
तथा हमने उनकी सहायता की, तो वही प्रभुत्वशाली रहे।
અરબી તફસીરો:
وَاٰتَیْنٰهُمَا الْكِتٰبَ الْمُسْتَبِیْنَ ۟ۚ
तथा हमने उन दोनों को अत्यंत स्पष्ट पुस्तक (तौरात) प्रदान की।
અરબી તફસીરો:
وَهَدَیْنٰهُمَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِیْمَ ۟ۚ
और हमने उन दोनों को सीधे मार्ग पर चलाया।
અરબી તફસીરો:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِمَا فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙۖ
और हमने पीछे आने वालों में उन दोनों का अच्छा स्मरण छोड़ा।
અરબી તફસીરો:
سَلٰمٌ عَلٰی مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟
सलाम हो मूसा और हारून पर।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهُمَا مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह वे दोनों हमारे ईमान वाले बंदों में से थे।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ اِلْیَاسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
तथा निःसंदेह इलयास निश्चय नबियों में से थे।
અરબી તફસીરો:
اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
जब उसने अपनी जाति से कहा : क्या तुम डरते नहीं?
અરબી તફસીરો:
اَتَدْعُوْنَ بَعْلًا وَّتَذَرُوْنَ اَحْسَنَ الْخَالِقِیْنَ ۟ۙ
क्या तुम 'बअ्ल' (नामक मूर्ति) को पुकारते हो? तथा पैदा करने वालों में सबस बेहतर को छोड़ देते हो?
અરબી તફસીરો:
اللّٰهَ رَبَّكُمْ وَرَبَّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
अल्लाह को, जो तुम्हारा पालनहार है तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा का पालनहार है।
અરબી તફસીરો:
فَكَذَّبُوْهُ فَاِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَ ۟ۙ
किंतु उन्होंने उसे झुठला दिया। तो निश्चय वे अवश्य हाज़िर किए जाने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।
અરબી તફસીરો:
وَتَرَكْنَا عَلَیْهِ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙ
और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।
અરબી તફસીરો:
سَلٰمٌ عَلٰۤی اِلْ یَاسِیْنَ ۟
सलाम हो इल्यासीन[19] पर।
19. इल्यासीन इलयास ही का एक उच्चारण है। उन्हें अन्य धर्म ग्रंथों में इलया भी कहा गया है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ لُوْطًا لَّمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
और निःसंदेह लूत निश्चय रसूलों में से था।
અરબી તફસીરો:
اِذْ نَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗۤ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
जब हमने उसे तथा उसके सब घर वालों को बचाया।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عَجُوْزًا فِی الْغٰبِرِیْنَ ۟
सिवाय एक बुढ़िया[20] के, जो पीछे रह जाने वालों में से थी।
20. यह लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।
અરબી તફસીરો:
ثُمَّ دَمَّرْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟
फिर हमने दूसरों का विनाश कर दिया।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّكُمْ لَتَمُرُّوْنَ عَلَیْهِمْ مُّصْبِحِیْنَ ۟ۙ
तथा निःसंदेह तुम[21] निश्चय सुबह के समय जाते हुए उनपर से गुज़रते हो।
21. मक्का वासियों को संबोधित किया गया है।
અરબી તફસીરો:
وَبِالَّیْلِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠
तथा रात के समय भी। तो क्या तुम समझते नहीं?
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ یُوْنُسَ لَمِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ؕ
तथा निःसंदेह यूनुस निश्चय रसूलों में से था।
અરબી તફસીરો:
اِذْ اَبَقَ اِلَی الْفُلْكِ الْمَشْحُوْنِ ۟ۙ
जब वह भरी नाव की ओर भागकर गया।[22]
22. अल्लाह की अनुमति के बिना अपने नगर से नगर वासियों को यातना के आने की सूचना देकर निकल गए। और नाव पर सवार हो गए। नाव सागर की लहरों में घिर गई। इसलिए बोझ कम करने के लिए नाम निकाला गया, तो यूनुस अलैहिस्सलाम का नाम निकला और उन्हें समुद्र में फेंक दिया गया।
અરબી તફસીરો:
فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ الْمُدْحَضِیْنَ ۟ۚ
फिर वह क़ुर'आ में शामिल हुआ, तो हारने वालों में से हो गया।
અરબી તફસીરો:
فَالْتَقَمَهُ الْحُوْتُ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟
फिर मछली ने उसे निगल लिया, इस हाल में कि वह निंदनीय था।
અરબી તફસીરો:
فَلَوْلَاۤ اَنَّهٗ كَانَ مِنَ الْمُسَبِّحِیْنَ ۟ۙ
फिर अगर यह बात न होती कि वह अल्लाह की पवित्रता का वर्णन करने वालों में से था।
અરબી તફસીરો:
لَلَبِثَ فِیْ بَطْنِهٖۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟ۚ
तो निश्चय वह उसके पेट में उस दिन तक रहता, जिसमें लोग उठाए जाएँगे।[23]
23. अर्थात प्रयल के दिन तक। (देखिए : सूरतुल-अंबिया, आयत : 87)
અરબી તફસીરો:
فَنَبَذْنٰهُ بِالْعَرَآءِ وَهُوَ سَقِیْمٌ ۟ۚ
फिर हमने उसे चटियल मैदान में फेंक दिया, इस हाल में कि वह बीमार[24] था।
24. अर्थात निर्बल नवजात शिशु के समान।
અરબી તફસીરો:
وَاَنْۢبَتْنَا عَلَیْهِ شَجَرَةً مِّنْ یَّقْطِیْنٍ ۟ۚ
तथा हमने उसपर एक लता वाला वृक्ष उगा दिया।[25]
25. रक्षा के लिए।
અરબી તફસીરો:
وَاَرْسَلْنٰهُ اِلٰی مِائَةِ اَلْفٍ اَوْ یَزِیْدُوْنَ ۟ۚ
तथा हमने उसे एक लाख की ओर भेजा, बल्कि वे अधिक होंगे।
અરબી તફસીરો:
فَاٰمَنُوْا فَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰی حِیْنٍ ۟ؕ
चुनाँचे वे ईमान ले आए, तो हमने उन्हें एक समय तक लाभ उठाने दिया।[26]
26. देखिए : सूरत यूनुस।
અરબી તફસીરો:
فَاسْتَفْتِهِمْ اَلِرَبِّكَ الْبَنَاتُ وَلَهُمُ الْبَنُوْنَ ۟ۙ
तो (ऐ नबी!) आप उनसे पूछें कि क्या आपके पालनहार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे?
અરબી તફસીરો:
اَمْ خَلَقْنَا الْمَلٰٓىِٕكَةَ اِنَاثًا وَّهُمْ شٰهِدُوْنَ ۟
या हमने फ़रिश्तों को मादा पैदा किया, जबकि वे उस समय उपस्थित[27] थे?
27. इसमें मक्का के मिश्रणवादियों का खंडन किया जा रहा है, जो फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहते थे। जबकि वे स्वयं पुत्रियों के जन्म को अप्रिय मानते थे।
અરબી તફસીરો:
اَلَاۤ اِنَّهُمْ مِّنْ اِفْكِهِمْ لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
सुन लो! निःसंदेह वे निश्चय अपने झूठ ही से कहते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَلَدَ اللّٰهُ ۙ— وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
कि अल्लाह ने संतान बनाया है। और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं।
અરબી તફસીરો:
اَصْطَفَی الْبَنَاتِ عَلَی الْبَنِیْنَ ۟ؕ
क्या उसने पुत्रियों को पुत्रों पर प्राथमिकता दी?
અરબી તફસીરો:
مَا لَكُمْ ۫— كَیْفَ تَحْكُمُوْنَ ۟
तुम्हें क्या हो गया है, तुम कैसा फ़ैसला कर रहे हो?
અરબી તફસીરો:
اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟ۚ
तो क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?
અરબી તફસીરો:
اَمْ لَكُمْ سُلْطٰنٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
या तुम्हारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण है?
અરબી તફસીરો:
فَاْتُوْا بِكِتٰبِكُمْ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तो लाओ अपनी किताब, यदि तुम सच्चे हो?
અરબી તફસીરો:
وَجَعَلُوْا بَیْنَهٗ وَبَیْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ؕ— وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ اِنَّهُمْ لَمُحْضَرُوْنَ ۟ۙ
और उन्होंने अल्लाह तथा जिन्नों के बीच रिश्तेदारी बना दी। हालाँकि निःसंदेह जिन्न जान चुके हैं कि निःसंदेह वे (मुश्रिक) अवश्य उपस्थित किए जाने वाले हैं।[28]
28. अर्थात यातना के लिए। तो यदि वे उसके संबंधी होते, तो उन्हें यातना क्यों देता?
અરબી તફસીરો:
سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह उन बातों से पवित्र है, जो वे वर्णन करते हैं।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।[29]
29. वे अल्लाह को ऐसे दुर्गुणों से युक्त नहीं करते।
અરબી તફસીરો:
فَاِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
अतः निःसंदेह तुम तथा जिनकी तुम पूजा करते हो।
અરબી તફસીરો:
مَاۤ اَنْتُمْ عَلَیْهِ بِفٰتِنِیْنَ ۟ۙ
तुम उसके विरुद्ध (किसी को) बहकाने वाले नहीं।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ الْجَحِیْمِ ۟
परंतु उसको, जो भड़कती आग में प्रवेश करने वाला है।
અરબી તફસીરો:
وَمَا مِنَّاۤ اِلَّا لَهٗ مَقَامٌ مَّعْلُوْمٌ ۟ۙ
और हम (फ़रिश्तों) में से जो भी है उसका एक नियत स्थान है।
અરબી તફસીરો:
وَّاِنَّا لَنَحْنُ الصَّآفُّوْنَ ۟ۚ
तथा निःसंदेह हम निश्चय पंक्तिबद्ध रहने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّا لَنَحْنُ الْمُسَبِّحُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम निश्चय तस्बीह़ (पवित्रता गान) करने वाले हैं।
અરબી તફસીરો:
وَاِنْ كَانُوْا لَیَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
तथा निःसंदेह वे (मुश्रिक) तो कहा करते थे
અરબી તફસીરો:
لَوْ اَنَّ عِنْدَنَا ذِكْرًا مِّنَ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ
यदि हमारे पास पहले लोगों की कोई शिक्षा (किताब) होती,
અરબી તફસીરો:
لَكُنَّا عِبَادَ اللّٰهِ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
तो हम अवश्य अल्लाह के ख़ालिस (चुने हुए) बंदे होते।
અરબી તફસીરો:
فَكَفَرُوْا بِهٖ فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟
(फिर जब किताब आ गई) तो उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः जल्द ही उन्हें पता चल जाएगा।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
और निःसंदेह हमारे भेजे हुए बंदों के लिए हमारी बात पहले ही निश्चित हो चुकी
અરબી તફસીરો:
اِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُوْرُوْنَ ۪۟
कि निःसंदेह वही हैं, जिनकी सहायता की जाएगी।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ جُنْدَنَا لَهُمُ الْغٰلِبُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमारी सेना ही निश्चय प्रभुत्वशाली रहेगी।
અરબી તફસીરો:
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟ۙ
तो आप कुछ समय तक के लिए उनसे मुँह फेर लें।
અરબી તફસીરો:
وَّاَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ یُبْصِرُوْنَ ۟
तथा उन्हें देखते रहें। वे भी शीघ्र ही देख लेंगे।
અરબી તફસીરો:
اَفَبِعَذَابِنَا یَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
तो क्या वे हमारी यातना की शीघ्र माँग कर रहे हैं?
અરબી તફસીરો:
فَاِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَآءَ صَبَاحُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟
फिर जब वह उनके आँगन में उतरेगी, तो डराए गए लोगों की सुबह बहुत बुरी होगी।
અરબી તફસીરો:
وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟ۙ
َऔर आप कुछ समय तक के लिए उनसे मुँह फेर लें।
અરબી તફસીરો:
وَّاَبْصِرْ فَسَوْفَ یُبْصِرُوْنَ ۟
तथा देखते रहें। जल्द ही वे भी देख लेंगे।
અરબી તફસીરો:
سُبْحٰنَ رَبِّكَ رَبِّ الْعِزَّةِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۚ
पवित्र है आपका पालनहार, पराक्रम व शक्ति का स्वामी!, उस बात से, जो वे बयान करते हैं।
અરબી તફસીરો:
وَسَلٰمٌ عَلَی الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚ
तथा सलाम हो रसूलों पर।
અરબી તફસીરો:
وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
और हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सर्व संसार का पालनहार है।
અરબી તફસીરો:
 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: અસ્ સોફ્ફાત
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - હિન્દી ભાષાતર - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

હિંદી ભાષામાં કુરઆન મજીદનું ભાષાતર, ભાષાતર કરનારનું નામ અઝીઝૂલ્ હક ઉમરી

બંધ કરો