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Terjemahan makna Surah: Surah As-Sajdah   Ayah:

सूरा अस्-सज्दा

الٓمّٓ ۟ۚ
अलिफ़, लाम, मीम।
Tafsir berbahasa Arab:
تَنْزِیْلُ الْكِتٰبِ لَا رَیْبَ فِیْهِ مِنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
इस पुस्तक का अवतरण, जिसमें कोई संदेह नहीं, पूरे संसार के पालनहार की ओर से है।
Tafsir berbahasa Arab:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۚ— بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَّاۤ اَتٰىهُمْ مِّنْ نَّذِیْرٍ مِّنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
क्या वे कहते हैं कि उसने इसे स्वयं गढ़ लिया है? बल्कि वही आपके पालनहार की ओर से सत्य है, ताकि आप उन लोगों को सावधान करें, जिनके[1] पास आपसे पहले कोई सावधान करने वाला नहीं आया। ताकि वे सीधी राह पर आ जाएँ।
1. इससे अभिप्राय मक्का वासी हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰی عَلَی الْعَرْشِ ؕ— مَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ مِنْ وَّلِیٍّ وَّلَا شَفِیْعٍ ؕ— اَفَلَا تَتَذَكَّرُوْنَ ۟
अल्लाह वह है, जिसने आकाशों तथा धरती तथा उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों को छः दिनों में पैदा किया। फिर वह अर्श पर मुस्तवी (बुलंद) हुआ। उसके सिवा तुम्हारा न कोई संरक्षक है और न कोई सिफ़ारिश करने वाला। तो क्या तुम उपदेश ग्रहण नहीं करते?
Tafsir berbahasa Arab:
یُدَبِّرُ الْاَمْرَ مِنَ السَّمَآءِ اِلَی الْاَرْضِ ثُمَّ یَعْرُجُ اِلَیْهِ فِیْ یَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهٗۤ اَلْفَ سَنَةٍ مِّمَّا تَعُدُّوْنَ ۟
वह आकाश से धरती तक (प्रत्येक) कार्य का प्रबंध करता है। फिर वह (कार्य) उसकी ओर एक ऐसे दिन में ऊपर जाता है, जिसकी मात्रा तुम्हारे हिसाब के अनुसार एक हज़ार वर्ष है।
Tafsir berbahasa Arab:
ذٰلِكَ عٰلِمُ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟ۙ
वही परोक्ष और प्रत्यक्ष का जानने वाला, अत्यंत प्रभुत्वशाली, अति दयावान है।
Tafsir berbahasa Arab:
الَّذِیْۤ اَحْسَنَ كُلَّ شَیْءٍ خَلَقَهٗ وَبَدَاَ خَلْقَ الْاِنْسَانِ مِنْ طِیْنٍ ۟ۚ
जिसने अच्छा बनाया हर चीज़ को जो उसने पैदा की और उसने मनुष्य की रचना मिट्टी से शुरू की।
Tafsir berbahasa Arab:
ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهٗ مِنْ سُلٰلَةٍ مِّنْ مَّآءٍ مَّهِیْنٍ ۟ۚ
फिर उसके वंश को एक तुच्छ पानी के निचोड़ (वीर्य) से बनाया।
Tafsir berbahasa Arab:
ثُمَّ سَوّٰىهُ وَنَفَخَ فِیْهِ مِنْ رُّوْحِهٖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
फिर उसे ठीक-ठाक किया, और उसमें अपनी एक आत्मा (प्राण) फूँकी, तथा तुम्हारे लिए कान और आँखें तथा दिल बनाए। तुम बहुत कम ही शुक्र करते हो।
Tafsir berbahasa Arab:
وَقَالُوْۤا ءَاِذَا ضَلَلْنَا فِی الْاَرْضِ ءَاِنَّا لَفِیْ خَلْقٍ جَدِیْدٍ ؕ۬— بَلْ هُمْ بِلِقَآءِ رَبِّهِمْ كٰفِرُوْنَ ۟
तथा उन्होंने कहा : क्या जब हम धरती में खो जाएँगे, तो क्या हम वास्तव में नए सिरे से पैदा किए जाएँगे? बल्कि वे अपने पालनहार से मिलने का इनकार करने वाले लोग हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
قُلْ یَتَوَفّٰىكُمْ مَّلَكُ الْمَوْتِ الَّذِیْ وُكِّلَ بِكُمْ ثُمَّ اِلٰی رَبِّكُمْ تُرْجَعُوْنَ ۟۠
आप कह दें कि मौत का फ़रिश्ता तुम्हारे प्राण निकाल लेगा, जो तुमपर नियुक्त किया गया है, फिर तुम अपने पालनहार ही की ओर लौटाए जाओगे।[2]
2. अर्थात नई उत्पत्ति पर आश्चर्य करने से पहले इसपर विचार करो कि मरण तो आत्मा के शरीर से विलग हो जाने का नाम है, जो दूसरे स्थान पर चली जाती है। और परलोक में उसे नया जन्म दे दिया जाएगा, फिर उसे अपने कर्म के अनुसार स्वर्ग अथवा नरक में पहुँचा दिया जाएगा।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَوْ تَرٰۤی اِذِ الْمُجْرِمُوْنَ نَاكِسُوْا رُءُوْسِهِمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ ؕ— رَبَّنَاۤ اَبْصَرْنَا وَسَمِعْنَا فَارْجِعْنَا نَعْمَلْ صَالِحًا اِنَّا مُوْقِنُوْنَ ۟
और यदि आप देखें, जब अपराधी लोग अपने पालनहार के सामने अपने सिर झुकाए (खड़े) होंगे। (वे कहेंगे :) ऐ हमारे पालनहार! हमने देख लिया और सुन लिया। अतः हमें (दुनिया में) वापस भेज दे कि हम अच्छे कार्य करें। निःसंदेह हम विश्वास करने वाले हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَوْ شِئْنَا لَاٰتَیْنَا كُلَّ نَفْسٍ هُدٰىهَا وَلٰكِنْ حَقَّ الْقَوْلُ مِنِّیْ لَاَمْلَـَٔنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ اَجْمَعِیْنَ ۟
और यदि हम चाहते, तो प्रत्येक प्राणी को उसका मार्गदर्शन प्रदान कर देते। लेकिन मेरी ओर से बात प्रमाणित (निश्चित) हो चुकी कि मैं जहन्नम को जिन्नों तथा इनसानों, सबसे से ज़रूर भरूँगा।
Tafsir berbahasa Arab:
فَذُوْقُوْا بِمَا نَسِیْتُمْ لِقَآءَ یَوْمِكُمْ هٰذَا ۚ— اِنَّا نَسِیْنٰكُمْ وَذُوْقُوْا عَذَابَ الْخُلْدِ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
तो (अब यातना) चखो, इस कारण कि तुमने अपने इस दिन के मिलने को भुला दिया। निःसंदेह हमने तुम्हें भुला दिया।[3] और जो तुम किया करते थे उसके कारण शाश्वत यातना का मज़ा चखो।
3. अर्थात आज तुमपर मेरी कोई दया नहीं होगी।
Tafsir berbahasa Arab:
اِنَّمَا یُؤْمِنُ بِاٰیٰتِنَا الَّذِیْنَ اِذَا ذُكِّرُوْا بِهَا خَرُّوْا سُجَّدًا وَّسَبَّحُوْا بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَهُمْ لَا یَسْتَكْبِرُوْنَ ۟
हमारी आयतों पर तो केवल वही लोग ईमान लाते हैं कि जब उन्हें उन (आयतों) के साथ नसीहत की जाती है, तो वे सजदा करते हुए गिर जाते हैं, और अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का गान करते हैं, और वे अभिमान नहीं करते।[4]
4. यहाँ सजदा-ए- तिलावत करना चाहिए।
Tafsir berbahasa Arab:
تَتَجَافٰی جُنُوْبُهُمْ عَنِ الْمَضَاجِعِ یَدْعُوْنَ رَبَّهُمْ خَوْفًا وَّطَمَعًا ؗ— وَّمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ یُنْفِقُوْنَ ۟
उनके पहलू बिस्तरों से अलग रहते हैं। वे अपने पालनहार को भय तथा आशा के साथ पुकारते हैं। तथा हमने जो कुछ उन्हें प्रदान किया है, उसमें से खर्च करते हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
فَلَا تَعْلَمُ نَفْسٌ مَّاۤ اُخْفِیَ لَهُمْ مِّنْ قُرَّةِ اَعْیُنٍ ۚ— جَزَآءً بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
तो कोई प्राणी नहीं जानता कि उनके लिए आँखों की ठंढक[5] में से क्या कुछ छिपाकर रखा गया है, उसके बदले के तौर पर, जो वे (दुनिया में) किया करते थे।
5. ह़दीस में है कि अल्लाह ने फरमाया : मैंने अपने सदाचारी बंदों के लिए ऐसी चीज़ें तैयार की हैं, जिन्हें न किसी आँख ने देखा है और न किसी कान ने सुना है और न किसी मनुष्य के दिल में उन का विचार आया। फिर आपने यही आयत पढ़ी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4780)
Tafsir berbahasa Arab:
اَفَمَنْ كَانَ مُؤْمِنًا كَمَنْ كَانَ فَاسِقًا ؔؕ— لَا یَسْتَوٗنَ ۟
तो क्या वह व्यक्ति जो ईमान वाला हो, वह उसके समान है, जो अवज्ञाकारी हो? वे समान नहीं हो सकते।
Tafsir berbahasa Arab:
اَمَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَلَهُمْ جَنّٰتُ الْمَاْوٰی ؗ— نُزُلًا بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
लेकिन जो लोग ईमान लाए तथा उन्होंने सत्कर्म किए, तो उनके लिए रहने के बाग़ हैं, उन कार्यों के बदले में आतिथ्य स्वरूप, जो वे किया करते थे।
Tafsir berbahasa Arab:
وَاَمَّا الَّذِیْنَ فَسَقُوْا فَمَاْوٰىهُمُ النَّارُ ؕ— كُلَّمَاۤ اَرَادُوْۤا اَنْ یَّخْرُجُوْا مِنْهَاۤ اُعِیْدُوْا فِیْهَا وَقِیْلَ لَهُمْ ذُوْقُوْا عَذَابَ النَّارِ الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تُكَذِّبُوْنَ ۟
और रहे वे लोग, जिन्होंने अवज्ञा की, तो उनका ठिकाना आग है। जब भी वे उससे निकलना चाहेंगे, उसी में लौटा दिए जाएँगे, तथा उनसे कहा जाएगा कि उस आग की यातना चखो, जिसे तुम झुठलाया करते थे।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَنُذِیْقَنَّهُمْ مِّنَ الْعَذَابِ الْاَدْنٰی دُوْنَ الْعَذَابِ الْاَكْبَرِ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और निश्चय हम उन्हें (आख़िरत की) सबसे बड़ी यातना से पहले (दुनिया की) निकटतम यातना अवश्य चखाएँगे, ताकि वे पलट आएँ।[6]
6. अर्थात ईमान ले आएँ और अपने कुकर्म से क्षमा याचना कर लें।
Tafsir berbahasa Arab:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ ذُكِّرَ بِاٰیٰتِ رَبِّهٖ ثُمَّ اَعْرَضَ عَنْهَا ؕ— اِنَّا مِنَ الْمُجْرِمِیْنَ مُنْتَقِمُوْنَ ۟۠
और उससे बड़ा अत्याचारी कौन है, जिसे उसके पालनहार की आयतों द्वारा नसीहत की गई, फिर वह उनसे विमुख हो गया। निश्चय ही हम अपराधियों से बदला लेने वाले हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ فَلَا تَكُنْ فِیْ مِرْیَةٍ مِّنْ لِّقَآىِٕهٖ وَجَعَلْنٰهُ هُدًی لِّبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ۚ
तथा निःसंदेह हमने मूसा को पुस्तक प्रदान की। तो आप उससे[7] मिलने के बारे में किसी संदेह में न रहें। तथा हमने उस (तौरात) को इसराईल की संतान के लिए मार्गदर्शन बनाया।
7. इसमें नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के मेराज की रात्रि में मूसा (अलैहिस्सलाम) से मिलने की ओर संकेत है। जिसमें मूसा (अलैहिस्सलाम) ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अल्लाह से पचास नमाज़ों को पाँच कराने का परामर्श दिया था। (सह़ीह़ बुख़ारी : 3207, मुस्लिम : 164)
Tafsir berbahasa Arab:
وَجَعَلْنَا مِنْهُمْ اَىِٕمَّةً یَّهْدُوْنَ بِاَمْرِنَا لَمَّا صَبَرُوْا ؕ۫— وَكَانُوْا بِاٰیٰتِنَا یُوْقِنُوْنَ ۟
और हमने उनमें से कई अगुवे (इमाम) बनाए, जो हमारे आदेश से मार्गदर्शन करते थे, जब उन्होंने धैर्य से काम लिया, तथा वे हमारी आयतों पर विश्वास करते थे।[8]
8. अर्थ यह है कि आप भी धैर्य तथा पूरे विश्वास के साथ लोगों को सुपथ दर्शाएँ।
Tafsir berbahasa Arab:
اِنَّ رَبَّكَ هُوَ یَفْصِلُ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
निःसंदेह आपका पालनहार ही क़ियामत के दिन उनके बीच उस बारे में निर्णय करेगा, जिसमें वे मतभेद किया करते थे।
Tafsir berbahasa Arab:
اَوَلَمْ یَهْدِ لَهُمْ كَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنَ الْقُرُوْنِ یَمْشُوْنَ فِیْ مَسٰكِنِهِمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ ؕ— اَفَلَا یَسْمَعُوْنَ ۟
और क्या उनके लिए यह स्पष्ट नहीं हुआ कि हमने उनसे पहले कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, जिनके रहने-सहने की जगहों में वे चलते-फिरते हैं? निश्चय इसमें बहुत-सी निशानियाँ (शिक्षाएँ) हैं। तो क्या वे सुनते नहीं?
Tafsir berbahasa Arab:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّا نَسُوْقُ الْمَآءَ اِلَی الْاَرْضِ الْجُرُزِ فَنُخْرِجُ بِهٖ زَرْعًا تَاْكُلُ مِنْهُ اَنْعَامُهُمْ وَاَنْفُسُهُمْ ؕ— اَفَلَا یُبْصِرُوْنَ ۟
और क्या उन्होंने नहीं देखा कि हम पानी को सूखी (बंजर) भूमि की ओर बहा ले जाते हैं, फिर हम उसके द्वारा खेती निकालते हैं, जिसमें से उनके चौपाये तथा वे स्वयं भी खाते हैं। तो क्या वे देखते नहीं?
Tafsir berbahasa Arab:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْفَتْحُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तथा वे कहते हैं : यह निर्णय कब होगा, यदि तुम सच्चे हो?
Tafsir berbahasa Arab:
قُلْ یَوْمَ الْفَتْحِ لَا یَنْفَعُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِیْمَانُهُمْ وَلَا هُمْ یُنْظَرُوْنَ ۟
आप कह दें : निर्णय के दिन काफ़िरों को उनका ईमान लाना लाभ नहीं देगा और न उन्हें मोहलत दी जाएगी।[9]
9. इन आयतों में मक्का के काफ़िरों को सावधान किया गया है कि इतिहास से शिक्षा ग्रहण करो, जिस जाति ने भी अल्लाह के रसूलों का विरोध किया उसको संसार से नष्ट कर दिया गया। तुम निर्णय की माँग करते हो, तो जब निर्णय का दिन आ जाएगा, तो तुम्हारे संभाले नहीं संभलेगा और उस समय का ईमान कोई लाभ नहीं देगा।
Tafsir berbahasa Arab:
فَاَعْرِضْ عَنْهُمْ وَانْتَظِرْ اِنَّهُمْ مُّنْتَظِرُوْنَ ۟۠
अतः आप उनसे मुँह फेर लें तथा प्रतीक्षा करें। निश्चय वे (भी) प्रतीक्षा करने वाले हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
 
Terjemahan makna Surah: Surah As-Sajdah
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Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Berbahasa India - Daftar isi terjemahan

Terjemahan makna Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa India oleh Maulana Azizulhaq Al-'Umari.

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