ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه ى هندى * - لیست ترجمه ها

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ترجمهٔ معانی سوره: سوره حجر   آیه:

सूरा अल्-ह़िज्र

الٓرٰ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ وَقُرْاٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
अलिफ़, लाम, रा। ये किताब और स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं।
تفسیرهای عربی:
رُبَمَا یَوَدُّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْ كَانُوْا مُسْلِمِیْنَ ۟
(एक समय आएगा कि) काफ़िर चाहेंगे कि काश वे (दुनिया में) मुसलमान होते![1]
1. ऐसा उस समय होगा जब फ़रिश्ते उनकी आत्मा निकालने आएँगे, और उनको उनका नरक का स्थान दिखा देंगे। और क़ियामत के दिन तो ऐसी दुर्दशा होगी कि धूल हो जाने की कामना करेंगे। (देखिए : सूरतुन-नबा, आयत : 40)
تفسیرهای عربی:
ذَرْهُمْ یَاْكُلُوْا وَیَتَمَتَّعُوْا وَیُلْهِهِمُ الْاَمَلُ فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) आप उन्हें छोड़ दें। वे खाएँ और लाभ उठाएँ, तथा (लंबी) आशा उन्हें ग़ाफ़िल रखे, फिर शीघ्र ही जान लेंगे।[2]
2. अपने दुष्परिणाम को।
تفسیرهای عربی:
وَمَاۤ اَهْلَكْنَا مِنْ قَرْیَةٍ اِلَّا وَلَهَا كِتَابٌ مَّعْلُوْمٌ ۟
और हमने जिस बस्ती को भी नष्ट किया, उसका एक निर्धारित समय था।
تفسیرهای عربی:
مَا تَسْبِقُ مِنْ اُمَّةٍ اَجَلَهَا وَمَا یَسْتَاْخِرُوْنَ ۟
कोई जाति अपने नियत समय से न आगे बढ़ती है और न वे पीछे रहते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَقَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْ نُزِّلَ عَلَیْهِ الذِّكْرُ اِنَّكَ لَمَجْنُوْنٌ ۟ؕ
तथा उन (काफ़िरों) ने कहा : ऐ वह व्यक्ति जिसपर स्मरण (क़ुरआन) अवतरित किया गया है, निःसंदेह तू तो पागल है।
تفسیرهای عربی:
لَوْ مَا تَاْتِیْنَا بِالْمَلٰٓىِٕكَةِ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
यदि तू सच्चों में से है, तो हमारे पास फ़रिश्तों को क्यों नहीं ले आता?
تفسیرهای عربی:
مَا نُنَزِّلُ الْمَلٰٓىِٕكَةَ اِلَّا بِالْحَقِّ وَمَا كَانُوْۤا اِذًا مُّنْظَرِیْنَ ۟
हम फ़रिश्तों को सत्य के साथ ही उतारते हैं और उस समय उन्हें कोई मोहलत नहीं दी जाती।
تفسیرهای عربی:
اِنَّا نَحْنُ نَزَّلْنَا الذِّكْرَ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
निःसंदेह हमने ही यह ज़िक्र (क़ुरआन) उतारी है और निःसंदेह हम ही इसकी अवश्य रक्षा करने वाले[3] हैं।
3. यह ऐतिहासिक सत्य है। इस विश्व के धर्म ग्रंथों में क़ुरआन ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ है जिसमें उसके अवतरित होने के समय से अब तक एक अक्षर तो क्या एक मात्रा का भी परिवर्तन नहीं हुआ। और न हो सकता है। यह विशेषता इस विश्व के किसी भी धर्म ग्रंथ को प्राप्त नहीं है। तौरात हो अथवा इंजील या इस विश्व के अन्य धर्म शास्त्र हों, सब में इतने परिवर्तन किए गए हैं कि सत्य मूल धर्म की पहचान असंभव हो गई है। इसी प्रकार इस (क़ुरआन) की व्याख्या जिसे ह़दीस कहा जाता है, वह भी सुरक्षित है। और उसका पालन किए बिना किसी का जीवन इस्लामी नहीं हो सकता। क्योंकि क़ुरआन का आदेश है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तुम्हें जो दें उसको ले लो। और जिससे रोक दें उससे रुक जाओ। (देखिए सूरतुल-ह़श्र, आयत : 7) क़ुरआन कहता है कि ऐ नबी! अल्लाह ने आप पर क़ुरआन इसलिए उतारा है कि आप लोगों के लिए उसकी व्याख्या कर दें। क़ुरआन कहता है कि ऐ नबी! (सूरतुन-नह़्ल, आयत : 44) जिस व्याख्या से नमाज़, रोज़ा आदि इस्लामी अनिवार्य कर्तव्यों की विधि का ज्ञान होता है। इसीलिए उसको सुरक्षित किया गया है। और हम ह़दीस के एक-एक रावी के जन्म और मौत का समय और उसकी पूरी दशा को जानते हैं। और यह भी जानते हैं कि वह विश्वसनीय है या नहीं? इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि इस संसार में इस्लाम के सिवा कोई धर्म ऐसा नहीं है, जिसकी मूल पुस्तकें तथा उसके नबी की सारी बातें सुरक्षित हों।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ فِیْ شِیَعِ الْاَوَّلِیْنَ ۟
और निःसंदेह हमने आपसे पहले विगत समुदायों के समूहों में रसूल भेजे हैं।
تفسیرهای عربی:
وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
और उनके पास जो भी रसूल आता, वे उसका मज़ाक उड़ाया करते थे।
تفسیرهای عربی:
كَذٰلِكَ نَسْلُكُهٗ فِیْ قُلُوْبِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟ۙ
इसी तरह हम यह[4] (झुठलाने की प्रवृत्ति) अपराधियों के दिलों में डाल देते हैं।
4. अर्थात रसूलों को झुठलाने और उनका मज़ाक उड़ाने को, अर्थात उन्हें इसका दंड देंगे।
تفسیرهای عربی:
لَا یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ وَقَدْ خَلَتْ سُنَّةُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
वे उसपर ईमान नहीं लाते। और प्रथम जातियों से यही परंपरा चली आ रही है।
تفسیرهای عربی:
وَلَوْ فَتَحْنَا عَلَیْهِمْ بَابًا مِّنَ السَّمَآءِ فَظَلُّوْا فِیْهِ یَعْرُجُوْنَ ۟ۙ
और यदि हम उनपर आकाश का कोई द्वार खोल दें, फिर वे उसमें चढ़ते चले जाएँ।
تفسیرهای عربی:
لَقَالُوْۤا اِنَّمَا سُكِّرَتْ اَبْصَارُنَا بَلْ نَحْنُ قَوْمٌ مَّسْحُوْرُوْنَ ۟۠
तब भी निश्चय वे यही कहेंगे कि हमारी निगाहें बाँध दी गई हैं। बल्कि हमपर जादू कर दिया गया है।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ جَعَلْنَا فِی السَّمَآءِ بُرُوْجًا وَّزَیَّنّٰهَا لِلنّٰظِرِیْنَ ۟ۙ
निःसंदेह हमने आकाश में कई बुर्ज (बड़े सितारे) बनाए हैं और उन्हें देखने वालों के लिए सुशोभित किया है।
تفسیرهای عربی:
وَحَفِظْنٰهَا مِنْ كُلِّ شَیْطٰنٍ رَّجِیْمٍ ۟ۙ
और हमने उसे प्रत्येक धिक्कारे हुए शैतान से सुरक्षित किया है।
تفسیرهای عربی:
اِلَّا مَنِ اسْتَرَقَ السَّمْعَ فَاَتْبَعَهٗ شِهَابٌ مُّبِیْنٌ ۟
परंतु जो (शैतान) चोरी-छिपे सुनना चाहे, तो एक स्पष्ट ज्वाला (उल्का) उसका पीछा[5] करती है।
5. शैतान चोरी से फ़रिश्तों की बात सुनने का प्रयास करते हैं। तो ज्वलंत उल्का उन्हें मारता है। अधिक विवरण के लिए, देखिए : सूरतुल-मुल्क, आयत : 5)
تفسیرهای عربی:
وَالْاَرْضَ مَدَدْنٰهَا وَاَلْقَیْنَا فِیْهَا رَوَاسِیَ وَاَنْۢبَتْنَا فِیْهَا مِنْ كُلِّ شَیْءٍ مَّوْزُوْنٍ ۟
और हमने धरती को फैलाया और उसमें पर्वत डाल (गाड़) दिए और उसमें हर चीज़ निर्धारित मात्रा में उगाई।
تفسیرهای عربی:
وَجَعَلْنَا لَكُمْ فِیْهَا مَعَایِشَ وَمَنْ لَّسْتُمْ لَهٗ بِرٰزِقِیْنَ ۟
और हमने उसमें तुम्हारे लिए जीवन के संसाधन बना दिए। तथा उनके लिए (भी) जिन्हें तुम हरगिज़ रोज़ी देने वाले नहीं।
تفسیرهای عربی:
وَاِنْ مِّنْ شَیْءٍ اِلَّا عِنْدَنَا خَزَآىِٕنُهٗ ؗ— وَمَا نُنَزِّلُهٗۤ اِلَّا بِقَدَرٍ مَّعْلُوْمٍ ۟
और कोई चीज़ ऐसी नहीं है, जिसके ख़ज़ाने हमारे पास न हों। और हम उसे एक निश्चित मात्रा ही में उतारते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَاَرْسَلْنَا الرِّیٰحَ لَوَاقِحَ فَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَاَسْقَیْنٰكُمُوْهُ ۚ— وَمَاۤ اَنْتُمْ لَهٗ بِخٰزِنِیْنَ ۟
और हमने बादलों को पानी से गर्भित करने वाली हवाओं को भेजा, फिर हमने आकाश से पानी उतारा, और उसे तुम्हें पिलाया, तथा तुम हरगिज़ उसे संग्रह करने वाले नहीं।
تفسیرهای عربی:
وَاِنَّا لَنَحْنُ نُحْیٖ وَنُمِیْتُ وَنَحْنُ الْوٰرِثُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम ही जीवित करते और मारते हैं और हम ही (सबके) उत्तराधिकारी हैं।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ عَلِمْنَا الْمُسْتَقْدِمِیْنَ مِنْكُمْ وَلَقَدْ عَلِمْنَا الْمُسْتَاْخِرِیْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम तुम्हारे पहले लोगों को भी जानते हैं, और बाद में आने वालों को भी जानते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَاِنَّ رَبَّكَ هُوَ یَحْشُرُهُمْ ؕ— اِنَّهٗ حَكِیْمٌ عَلِیْمٌ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार ही उन्हें इकट्ठा[6] करेगा। निश्चय वह पूर्ण हिकमत वाला, सब कुछ जानने वाला है।
6. अर्थात प्रलय के दिन ह़िसाब के लिए।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنْ صَلْصَالٍ مِّنْ حَمَاٍ مَّسْنُوْنٍ ۟ۚ
और निःसंदेह हमने मनुष्य को सड़े हुए गारे की खनखनाती हुई मिट्टी से बनाया है।
تفسیرهای عربی:
وَالْجَآنَّ خَلَقْنٰهُ مِنْ قَبْلُ مِنْ نَّارِ السَّمُوْمِ ۟
और इससे पहले जिन्नों को हमने धुँआ रहित अति गर्म आग से पैदा किया।
تفسیرهای عربی:
وَاِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اِنِّیْ خَالِقٌۢ بَشَرًا مِّنْ صَلْصَالٍ مِّنْ حَمَاٍ مَّسْنُوْنٍ ۟
और (याद करो) जब आपके पालनहार ने फ़रिश्तों से कहा : मैं सड़े हुए गारे की खनखनाती मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करने वाला हूँ।
تفسیرهای عربی:
فَاِذَا سَوَّیْتُهٗ وَنَفَخْتُ فِیْهِ مِنْ رُّوْحِیْ فَقَعُوْا لَهٗ سٰجِدِیْنَ ۟
तो जब मैं उसे पूरा बना लूँ और उसमें अपनी रूह़ फूँक दूँ, तो तुम उसके आगे सजदा करते हुए गिर जाओ।[7]
7. फ़रिश्तों का आदम को सजदा करना अल्लाह के आदेश से उनकी परीक्षा के लिए था, किंतु इस्लाम में मनुष्य के लिए किसी मनुष्य या वस्तु को सजदा करना शिर्क और अक्षम्य पाप है। (सूरत ह़ा-मीम-सजदा, आयत संख्या : 37)
تفسیرهای عربی:
فَسَجَدَ الْمَلٰٓىِٕكَةُ كُلُّهُمْ اَجْمَعُوْنَ ۟ۙ
तो सब के सब फ़रिश्तों ने सजदा किया।
تفسیرهای عربی:
اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— اَبٰۤی اَنْ یَّكُوْنَ مَعَ السّٰجِدِیْنَ ۟
सिवाय इबलीस के। उसने सजदा करने वालों के साथ शामिल होने से इनकार कर दिया।
تفسیرهای عربی:
قَالَ یٰۤاِبْلِیْسُ مَا لَكَ اَلَّا تَكُوْنَ مَعَ السّٰجِدِیْنَ ۟
अल्लाह ने पूछा : ऐ इबलीस! तुझे क्या हुआ कि तू सजदा करने वालों में शामिल नहीं हुआॽ
تفسیرهای عربی:
قَالَ لَمْ اَكُنْ لِّاَسْجُدَ لِبَشَرٍ خَلَقْتَهٗ مِنْ صَلْصَالٍ مِّنْ حَمَاٍ مَّسْنُوْنٍ ۟
उसने कहा : मैं ऐसा नहीं कि एक मनुष्य को सजदा करूँ, जिसे तूने सड़े हुए गारे की खनखनाती मिट्टी से पैदा किया है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ فَاخْرُجْ مِنْهَا فَاِنَّكَ رَجِیْمٌ ۟ۙ
अल्लाह ने कहा : फिर तू यहाँ से निकल जा। क्योंकि निश्चय तू धिक्कारा हुआ है।
تفسیرهای عربی:
وَّاِنَّ عَلَیْكَ اللَّعْنَةَ اِلٰی یَوْمِ الدِّیْنِ ۟
और निःसंदेह तुझपर बदले (क़ियामत) के दिन तक धिक्कार है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ رَبِّ فَاَنْظِرْنِیْۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
उस (इबलीस) ने कहा[8] : ऐ मेरे पालनहार! तो फिर मुझे उस दिन तक मोहलत दे, जब वे (पुनः जीवित कर) उठाए जाएँगे।
8. अर्थात फ़रिश्ते परीक्षा में सफल हुए और इबलीस असफल रहा। क्योंकि उसने आदेश का पालन न करके अपनी मनमानी की। इसी प्रकार वे भी हैं, जो अल्लाह की बात न मानकर मनमानी करते हैं।
تفسیرهای عربی:
قَالَ فَاِنَّكَ مِنَ الْمُنْظَرِیْنَ ۟ۙ
(अल्लाह ने) कहा : तू निःसंदेह मोहलत दिए गए लोगों में से है।
تفسیرهای عربی:
اِلٰی یَوْمِ الْوَقْتِ الْمَعْلُوْمِ ۟
ज्ञात समय के दिन तक।
تفسیرهای عربی:
قَالَ رَبِّ بِمَاۤ اَغْوَیْتَنِیْ لَاُزَیِّنَنَّ لَهُمْ فِی الْاَرْضِ وَلَاُغْوِیَنَّهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
वह बोला : ऐ मेरे पालनहार! चूँकि तूने मुझे पथभ्रष्ट किया है, मैं अवश्य ही उनके लिए धरती में (पाप को) सुशोभित करूँगा और उन सभी को पथभ्रष्ट कर दूँगा।
تفسیرهای عربی:
اِلَّا عِبَادَكَ مِنْهُمُ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय तेरे उनमें से चुने हुए बंदों के।
تفسیرهای عربی:
قَالَ هٰذَا صِرَاطٌ عَلَیَّ مُسْتَقِیْمٌ ۟
(अल्लाह ने) कहा : यह रास्ता है जो मुझ तक सीधा है।
تفسیرهای عربی:
اِنَّ عِبَادِیْ لَیْسَ لَكَ عَلَیْهِمْ سُلْطٰنٌ اِلَّا مَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْغٰوِیْنَ ۟
निःसंदेह मेरे बंदों पर तेरा कोई वश नहीं[9], परंतु जो बहके हुए लोगों में से तेरे पीछे चले।
9. अर्थात जो बंदे क़ुरआन तथा ह़दीस (नबी का तरीक़ा) का ज्ञान रखेंगे, उनपर शैतान का प्रभाव नहीं होगा। और जो इन दोनों के ज्ञान से जाहिल होंगे, वही उसके झाँसे में आएँगे। किंतु जो तौबा कर लें, तो उनको क्षमा कर दिया जाएगा।
تفسیرهای عربی:
وَاِنَّ جَهَنَّمَ لَمَوْعِدُهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
और निश्चय ही उन सब के वादा की जगह जहन्नम है।
تفسیرهای عربی:
لَهَا سَبْعَةُ اَبْوَابٍ ؕ— لِكُلِّ بَابٍ مِّنْهُمْ جُزْءٌ مَّقْسُوْمٌ ۟۠
उस (जहन्नम) के सात द्वार हैं। और प्रत्येक द्वार के लिए उन (इबलीस के अनुयायियों) का एक विभाजित भाग[10] है।
10. अर्थात इबलीस के अनुयायी अपने कुकर्मों के अनुसार नरक के द्वार में प्रवेश करेंगे।
تفسیرهای عربی:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ؕ
निःसंदेह आज्ञाकारी लोग जन्नतों तथा स्रोतों में होंगे।
تفسیرهای عربی:
اُدْخُلُوْهَا بِسَلٰمٍ اٰمِنِیْنَ ۟
(उनसे कहा जाएगा :) इसमें सलामती के साथ निर्भय होकर प्रवेश कर जाओ।
تفسیرهای عربی:
وَنَزَعْنَا مَا فِیْ صُدُوْرِهِمْ مِّنْ غِلٍّ اِخْوَانًا عَلٰی سُرُرٍ مُّتَقٰبِلِیْنَ ۟
और हम निकाल देंगे उनके दिलों में जो कुछ द्वेष होगा। वे भाई-भाई होकर एक-दूसरे के आमने-सामने तख़्तों पर (बैठे) होंगे।
تفسیرهای عربی:
لَا یَمَسُّهُمْ فِیْهَا نَصَبٌ وَّمَا هُمْ مِّنْهَا بِمُخْرَجِیْنَ ۟
न उसमें उन्हें कोई थकान होगी और न वे वहाँ से निकाले जाएँगे।
تفسیرهای عربی:
نَبِّئْ عِبَادِیْۤ اَنِّیْۤ اَنَا الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟ۙ
(ऐ नबी!) आप मेरे बंदों को सूचित कर दें कि निःसंदेह मैं ही बड़ा क्षमाशील, अत्यंत दयावान्[11] हूँ।
11. ह़दीस में है कि अल्लाह ने सौ दया पैदा की, निन्नानवे अपने पास रख लीं। और एक को पूरे संसार के लिए भेज दिया। अतः यदि काफ़िर उसकी पूरी दया जान जाए, तो स्वर्ग से निराश नहीं होगा। और ईमान वाला उसकी पूरी यातना जान जाए, तो नरक से निर्भय नहीं होगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6469)
تفسیرهای عربی:
وَاَنَّ عَذَابِیْ هُوَ الْعَذَابُ الْاَلِیْمُ ۟
और यह भी कि निःसंदेह मेरी यातना ही कष्टदायक यातना है।
تفسیرهای عربی:
وَنَبِّئْهُمْ عَنْ ضَیْفِ اِبْرٰهِیْمَ ۟ۘ
और आप उन्हें इबराहीम (अलैहिस्सलाम) के अतिथियों के बारे में सूचित कर दें।
تفسیرهای عربی:
اِذْ دَخَلُوْا عَلَیْهِ فَقَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ اِنَّا مِنْكُمْ وَجِلُوْنَ ۟
जब वे इबराहीम के पास आए, तो उन्होंने सलाम किया। उसने कहा : हमें तो तुमसे डर लग रहा है।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا لَا تَوْجَلْ اِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلٰمٍ عَلِیْمٍ ۟
उन्होंने कहा : डरिए नहीं, निःसंदेह हम आपको एक ज्ञानी बालक की शुभ सूचना देते हैं।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اَبَشَّرْتُمُوْنِیْ عَلٰۤی اَنْ مَّسَّنِیَ الْكِبَرُ فَبِمَ تُبَشِّرُوْنَ ۟
उसने कहा : क्या तुम मुझे इस बुढ़ापे के आ जाने के उपरांत शुभ सूचना दे रहे हो? तो तुम किस आधार पर यह शुभ सूचना दे रहे होॽ
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا بَشَّرْنٰكَ بِالْحَقِّ فَلَا تَكُنْ مِّنَ الْقٰنِطِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : हमने आपको सच्ची शुभ सूचना दी है। अतः आप निराश होने वालों में से न हों।
تفسیرهای عربی:
قَالَ وَمَنْ یَّقْنَطُ مِنْ رَّحْمَةِ رَبِّهٖۤ اِلَّا الضَّآلُّوْنَ ۟
(इबराहीम अलैहिस्सलाम ने) कहा : और पथभ्रष्टों के सिवा अपने पालनहार की दया से कौन निराश होता है।
تفسیرهای عربی:
قَالَ فَمَا خَطْبُكُمْ اَیُّهَا الْمُرْسَلُوْنَ ۟
उसने कहा : ऐ भेजे हुए फ़रिश्तो! तुम्हारा अभियान क्या है?
تفسیرهای عربی:
قَالُوْۤا اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمٍ مُّجْرِمِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने उत्तर दिया : निःसंदेह हम एक अपराधी जाति की ओर भेजे गए हैं।
تفسیرهای عربی:
اِلَّاۤ اٰلَ لُوْطٍ ؕ— اِنَّا لَمُنَجُّوْهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
लूत के घर वालों के सिवा। निश्चय हम उन सभी को अवश्य बचा लेने वाले हैं।
تفسیرهای عربی:
اِلَّا امْرَاَتَهٗ قَدَّرْنَاۤ ۙ— اِنَّهَا لَمِنَ الْغٰبِرِیْنَ ۟۠
परंतु लूत की पत्नी, हमने नियत कर दिया है कि निःसंदेह वह निश्चय ही पीछे रह जाने वालों में से है।
تفسیرهای عربی:
فَلَمَّا جَآءَ اٰلَ لُوْطِ ١لْمُرْسَلُوْنَ ۟ۙ
फिर जब लूत के घर वालों के पास भेजे हुए (फ़रिश्ते) आए।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اِنَّكُمْ قَوْمٌ مُّنْكَرُوْنَ ۟
तो उस (लूत अलैहिस्सलाम) ने कहा : तुम तो अपरिचित लोग हो।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْا بَلْ جِئْنٰكَ بِمَا كَانُوْا فِیْهِ یَمْتَرُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : (डरो नहीं) बल्कि हम तुम्हारे पास वह चीज़ लेकर आए हैं, जिसमें वे संदेह किया करते थे।
تفسیرهای عربی:
وَاَتَیْنٰكَ بِالْحَقِّ وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
और हम तुम्हारे पास सत्य लेकर आए हैं और निःसंदेह हम निश्चय सच्चे हैं।
تفسیرهای عربی:
فَاَسْرِ بِاَهْلِكَ بِقِطْعٍ مِّنَ الَّیْلِ وَاتَّبِعْ اَدْبَارَهُمْ وَلَا یَلْتَفِتْ مِنْكُمْ اَحَدٌ وَّامْضُوْا حَیْثُ تُؤْمَرُوْنَ ۟
अतः तुम अपने घर वालों को लेकर रात के किसी हिस्से में निकल जाओ और खुद उनके पीछे-पीछे चलो। और तुममें से कोई मुड़कर न देखे। तथा चले जाओ, जहाँ तुम्हें आदेश दिया जाता है।
تفسیرهای عربی:
وَقَضَیْنَاۤ اِلَیْهِ ذٰلِكَ الْاَمْرَ اَنَّ دَابِرَ هٰۤؤُلَآءِ مَقْطُوْعٌ مُّصْبِحِیْنَ ۟
और हमने उसकी ओर इस बात की वह़्य कर दी कि इन लोगों की जड़ सुबह होते ही काट दी जाने वाली है।
تفسیرهای عربی:
وَجَآءَ اَهْلُ الْمَدِیْنَةِ یَسْتَبْشِرُوْنَ ۟
और उस नगर वाले इस हाल में आए कि बहुत खुश हो रहे थे।[12]
12. अर्थात जब फ़रिश्तों को नवयुवकों के रूप में देखा, तो लूत अलैहिस्सलाम के यहाँ आ गए ताकि उनके साथ कुकर्म करें।
تفسیرهای عربی:
قَالَ اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ ضَیْفِیْ فَلَا تَفْضَحُوْنِ ۟ۙ
उस (लूत अलैहिस्सलाम) ने कहा : ये लोग तो मेरे अतिथि हैं। अतः मुझे अपमानित न करो।
تفسیرهای عربی:
وَاتَّقُوا اللّٰهَ وَلَا تُخْزُوْنِ ۟
तथा अल्लाह से डरो और मुझे अपमानित न करो।
تفسیرهای عربی:
قَالُوْۤا اَوَلَمْ نَنْهَكَ عَنِ الْعٰلَمِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : क्या हमने तुम्हें विश्व वासियों (को अतिथि बनाने) से मना[13] नहीं किया?
13. कि सबके समर्थक न बनो।
تفسیرهای عربی:
قَالَ هٰۤؤُلَآءِ بَنَاتِیْۤ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟ؕ
उस (लूत अलैहिस्सलाम) ने कहा : ये मेरी बेटियाँ हैं, यदि तुम कुछ करने वाले[14] हो।
14. अर्थात् इनसे विवाह कर लो, और अपनी कामवासना पूरी करो, और कुकर्म न करो।
تفسیرهای عربی:
لَعَمْرُكَ اِنَّهُمْ لَفِیْ سَكْرَتِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟
ऐ नबी! आपकी आयु की क़सम![15] निःसंदेह वे निश्चय अपनी मस्ती में भटके फिरते थे।
15. अल्लाह के सिवा किसी मनुष्य के लिए उचित नहीं है कि वह अल्लाह के सिवा किसी और चीज़ की क़सम खाए।
تفسیرهای عربی:
فَاَخَذَتْهُمُ الصَّیْحَةُ مُشْرِقِیْنَ ۟ۙ
अंततः सूर्योदय के समय ही चिंघाड़ ने उन्हें पकड़ लिया।
تفسیرهای عربی:
فَجَعَلْنَا عَالِیَهَا سَافِلَهَا وَاَمْطَرْنَا عَلَیْهِمْ حِجَارَةً مِّنْ سِجِّیْلٍ ۟ؕ
फिर हमने उस बस्ती के ऊपरी भाग को नीचे कर दिया और उनपर कंकड़ के पत्थर बरसाए।
تفسیرهای عربی:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّلْمُتَوَسِّمِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें सोच-विचार करने वालों[16] के लिए बहुत-सी निशानियाँ हैं।
16. अर्थात जो लक्षणों से तथ्य को समझ जाते हैं।
تفسیرهای عربی:
وَاِنَّهَا لَبِسَبِیْلٍ مُّقِیْمٍ ۟
और निःसंदेह वह (बस्ती) एक सार्वजनिक[17] मार्ग पर स्थित है।
17. अर्थात जो सार्वजनिक मार्ग ह़िजाज़ (मक्का) से शाम को जाता है। यह शिक्षाप्रद बस्ती उसी मार्ग में आती है, जिससे तुम गुज़रते हुए शाम जाते हो।
تفسیرهای عربی:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟ؕ
निःसंदेह इसमें ईमान वलों के लिए निश्चय बड़ी निशानी है।
تفسیرهای عربی:
وَاِنْ كَانَ اَصْحٰبُ الْاَیْكَةِ لَظٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह 'ऐका'[18] वाले निश्चित रूप से अत्याचारी थे।
18. इससे अभिप्रेत शुऐब अलैहिस्सलाम की जाति है, ऐका का अर्थ वन तथा झाड़ी है।
تفسیرهای عربی:
فَانْتَقَمْنَا مِنْهُمْ ۘ— وَاِنَّهُمَا لَبِاِمَامٍ مُّبِیْنٍ ۟ؕ۠
तो हमने उनसे बदला लिया। और निःसंदेह वे दोनों[19] (बस्तियाँ) स्पष्ट मार्ग पर हैं।
19. अर्थात मदयन और ऐका का क्षेत्र भी ह़िजाज़ से फ़िलस्तीन और सीरिया जाते हुए, राह में पड़ता है।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ كَذَّبَ اَصْحٰبُ الْحِجْرِ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۙ
तथा निःसंदेह ह़िज्र[20] के रहने वालों ने (भी) रसूलों को झुठलाया।
20. ह़िज्र समूद जाति की बस्ती थी, जो सालेह (अलैहिस्सलाम) की जाति थी, यह बस्ती मदीना और तबूक के बीच में स्थित थी।
تفسیرهای عربی:
وَاٰتَیْنٰهُمْ اٰیٰتِنَا فَكَانُوْا عَنْهَا مُعْرِضِیْنَ ۟ۙ
और हमने उन्हें अपनी निशानियाँ दीं, तो वे उनसे मुँह फेरने वाले थे।
تفسیرهای عربی:
وَكَانُوْا یَنْحِتُوْنَ مِنَ الْجِبَالِ بُیُوْتًا اٰمِنِیْنَ ۟
और वे निर्भय होकर पर्वतों को काटकर घर बनाते थे।
تفسیرهای عربی:
فَاَخَذَتْهُمُ الصَّیْحَةُ مُصْبِحِیْنَ ۟ۙ
अंततः सुबह होते ही उन्हें चिंघाड़ ने पकड़ लिया।
تفسیرهای عربی:
فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟ؕ
फिर उनके किसी काम न आया, जो वे कमाया करते थे।
تفسیرهای عربی:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَاۤ اِلَّا بِالْحَقِّ ؕ— وَاِنَّ السَّاعَةَ لَاٰتِیَةٌ فَاصْفَحِ الصَّفْحَ الْجَمِیْلَ ۟
और हमने आकाशों तथा धरती और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों को सत्य के साथ पैदा किया है। और निःसंदेह क़ियामत अवश्य आने वाली है। अतः (ऐ नबी!) आप (उन्हें) भले तौर पर क्षमा कर दें।
تفسیرهای عربی:
اِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْخَلّٰقُ الْعَلِیْمُ ۟
निःसंदेह आपका पालनहार ही हर चीज़ को पैदा करने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ اٰتَیْنٰكَ سَبْعًا مِّنَ الْمَثَانِیْ وَالْقُرْاٰنَ الْعَظِیْمَ ۟
तथा (ऐ नबी!) हमने आपको बार-बार दोहराई जाने वाली सात आयतें और महान क़ुरआन[21] प्रदान किया है।
21. अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कथन है कि उम्मुल क़ुरआन (सूरतुल-फ़ातिह़ा) ही वे सात आयतें हैं जो दुहराई जाती हैं, तथा महा क़ुरआन हैं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4704) एक दूसरी ह़दीस में है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : "अल्ह़म्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन" ही वह सात आयतें हैं जो बार-बार दुहराई जाती हैं, और महा क़ुरआन हैं, जो मुझे प्रदान किया गया है। (संक्षिप्त अनुवाद, सह़ीह़ बुख़ारी : 4702) यही कारण है कि इसके पढ़े बिना नमाज़ नहीं होती। ( सह़ीह़ बुख़ारी : 756, मुस्लिम : 394)
تفسیرهای عربی:
لَا تَمُدَّنَّ عَیْنَیْكَ اِلٰی مَا مَتَّعْنَا بِهٖۤ اَزْوَاجًا مِّنْهُمْ وَلَا تَحْزَنْ عَلَیْهِمْ وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِلْمُؤْمِنِیْنَ ۟
आप उसकी ओर हरगिज़ न देखें, जो सुख-सामग्री हमने उनमें से विभिन्न प्रकार के लोगों को दे रखी है और न उनपर दुखी हों और ईमान वालों के लिए अपने बाज़ू झुका दें (यानी उनके लिए विनम्र रहें)।
تفسیرهای عربی:
وَقُلْ اِنِّیْۤ اَنَا النَّذِیْرُ الْمُبِیْنُ ۟ۚ
और कह दें कि निःसंदेह मैं तो खुल्लम-खुल्ला डराने[22] वाला हूँ।
22. अर्थात अवज्ञा पर यातना से।
تفسیرهای عربی:
كَمَاۤ اَنْزَلْنَا عَلَی الْمُقْتَسِمِیْنَ ۟ۙ
जैसे कि हमने (अल्लाह की किताब को) विभाजित करने वालों[23] पर (यातना) उतारी थी।
23. विभाजन कारियों से अभिप्राय : यहूदी और ईसाई हैं। जिन्होंने अपनी पुस्तकों तौरात तथा इंजील को खंड-खंड कर दिए। अर्थात उनके कुछ भाग पर ईमान लाए और कुछ को नकार दिया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4705-4706)
تفسیرهای عربی:
الَّذِیْنَ جَعَلُوا الْقُرْاٰنَ عِضِیْنَ ۟
जिन्होंने क़ुरआन को खंड-खंड कर दिया।[24]
24. इसी प्रकार इन्होंने भी क़ुरआन के कुछ भाग को मान लिया और कुछ का अगलों की कहानियाँ बता कर इनकार कर दिया। तो ऐसे सभी लोगों से प्रलय के दिन पूछ होगी कि मेरी पुस्तकों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया?
تفسیرهای عربی:
فَوَرَبِّكَ لَنَسْـَٔلَنَّهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
अतः आपके पालनहार की क़सम! हम उन सबसे अवश्य पूछेंगे।
تفسیرهای عربی:
عَمَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
उसके बारे में जो वे किया करते थे।
تفسیرهای عربی:
فَاصْدَعْ بِمَا تُؤْمَرُ وَاَعْرِضْ عَنِ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
अतः आपको जो आदेश दिया जा रहा है, उसका ऐलान कर दें और मुश्रिकों (अनेकेश्वरवादियो) से मुँह फेर लें।
تفسیرهای عربی:
اِنَّا كَفَیْنٰكَ الْمُسْتَهْزِءِیْنَ ۟ۙ
निःसंदेह हम आपकी ओर से मज़ाक उड़ाने वालों के विरुद्ध काफ़ी हैं।
تفسیرهای عربی:
الَّذِیْنَ یَجْعَلُوْنَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ۚ— فَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ ۟
जो अल्लाह के साथ दूसरा पूज्य बनाते हैं। तो उन्हें जल्द पता चल जाएगा।
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ نَعْلَمُ اَنَّكَ یَضِیْقُ صَدْرُكَ بِمَا یَقُوْلُوْنَ ۟ۙ
और निश्चय हम जानते हैं कि उनकी बातों से आपका सीना तंग होता है।
تفسیرهای عربی:
فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَكُنْ مِّنَ السّٰجِدِیْنَ ۟ۙ
अतः आप अपने रब की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का गान करें और सजदा करने वालों में शामिल हो जाएँ।
تفسیرهای عربی:
وَاعْبُدْ رَبَّكَ حَتّٰی یَاْتِیَكَ الْیَقِیْنُ ۟۠
और अपने रब की इबादत करते रहें, यहाँ तक कि आपके पास यक़ीन (मौत) आ जाए।[25]
25. अर्थात मरण का समय आ जाए, जिसका आना यक़ीनी (निश्चित) है।
تفسیرهای عربی:
 
ترجمهٔ معانی سوره: سوره حجر
فهرست سوره ها شماره صفحه
 
ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه ى هندى - لیست ترجمه ها

ترجمهٔ معانی قرآن کریم به هندی. ترجمهٔ عزیر الحق عمری.

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