د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه * - د ژباړو فهرست (لړلیک)

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د معناګانو ژباړه سورت: الشعراء   آیت:

सूरा अश्-शु-अ़-रा

طٰسٓمّٓ ۟
ता, सीन, मीम।
عربي تفسیرونه:
تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟
ये स्पष्ट किताब की आयतें हैं।
عربي تفسیرونه:
لَعَلَّكَ بَاخِعٌ نَّفْسَكَ اَلَّا یَكُوْنُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟
शायद (ऐ रसूल!) आप अपने आपको हलाक करने वाले हैं, इसलिए कि वे ईमान नहीं लाते।[1]
1. अर्थात उनके ईमान न लाने के शोक में।
عربي تفسیرونه:
اِنْ نَّشَاْ نُنَزِّلْ عَلَیْهِمْ مِّنَ السَّمَآءِ اٰیَةً فَظَلَّتْ اَعْنَاقُهُمْ لَهَا خٰضِعِیْنَ ۟
यदि हम चाहें, तो उनपर आकाश से कोई निशानी उतार दें, फिर उसके सामने उनकी गर्दनें झुकी रह जाएँ।[2]
2. परंतु ऐसा नहीं किया, क्योंकि दबाव का ईमान स्वीकार्य तथा मान्य नहीं होता।
عربي تفسیرونه:
وَمَا یَاْتِیْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنَ الرَّحْمٰنِ مُحْدَثٍ اِلَّا كَانُوْا عَنْهُ مُعْرِضِیْنَ ۟
और जब भी 'रह़मान' (अति दयावान्) की ओर से उनके पास कोई नई नसीहत आती है, तो वे उससे मुँह फेरने वाले होते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَقَدْ كَذَّبُوْا فَسَیَاْتِیْهِمْ اَنْۢبٰٓؤُا مَا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟
अतः निःसंदेह उन्होंने झुठला दिया, तो शीघ्र ही उनके पास उस चीज़ की खबरें आ जाएँगी, जिसका वे उपहास उड़ाया करते थे।
عربي تفسیرونه:
اَوَلَمْ یَرَوْا اِلَی الْاَرْضِ كَمْ اَنْۢبَتْنَا فِیْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِیْمٍ ۟
और क्या उन्होंने धरती की ओर नहीं देखा कि हमने उसमें हर उत्तम प्रकार के कितने पौधे उगाए हैं?
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदे इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी[3] है। (परंतु) उनमें से अधिकतर ईमान लाने वाले नहीं थे।
3. अर्थात अल्लाह के सामर्थ्य की।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
तथा निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
وَاِذْ نَادٰی رَبُّكَ مُوْسٰۤی اَنِ ائْتِ الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और जब आपके पालनहार ने मूसा को पुकारा कि उन ज़ालिम लोगों[4] के पास जाओ।
4. यह उस समय की बात है जब मूसा (अलैहिस्सलाम) दस वर्ष मदयन में रहकर मिस्र वापस आ रहे थे।
عربي تفسیرونه:
قَوْمَ فِرْعَوْنَ ؕ— اَلَا یَتَّقُوْنَ ۟
फ़िरऔन की जाति के पास। क्या वे डरते नहीं?
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یُّكَذِّبُوْنِ ۟ؕ
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मुझे डर है कि वे मुझे झुठला देंगे।
عربي تفسیرونه:
وَیَضِیْقُ صَدْرِیْ وَلَا یَنْطَلِقُ لِسَانِیْ فَاَرْسِلْ اِلٰی هٰرُوْنَ ۟
और मेरा सीना घुटता है और मेरी ज़बान नहीं चलती, अतः हारून की ओर संदेश भेज।
عربي تفسیرونه:
وَلَهُمْ عَلَیَّ ذَنْۢبٌ فَاَخَافُ اَنْ یَّقْتُلُوْنِ ۟ۚۖ
और उनका मुझपर एक अपराध का आरोप है। अतः मैं डरता हूँ कि वे मुझे मार डालेंगे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ كَلَّا ۚ— فَاذْهَبَا بِاٰیٰتِنَاۤ اِنَّا مَعَكُمْ مُّسْتَمِعُوْنَ ۟
(अल्लाह ने) फरमाया : ऐसा कभी नहीं होगा, अतः तुम दोनों हमारी निशानियों के साथ जाओ। निःसंदेह हम तुम्हारे साथ ख़ूब सुनने[5] वाले हैं।
5. अर्थात तुम दोनों की सहायता करते रहेंगे।
عربي تفسیرونه:
فَاْتِیَا فِرْعَوْنَ فَقُوْلَاۤ اِنَّا رَسُوْلُ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
तो तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ और कहो कि निःसंदेह हम सारे संसारों के पालनहार के संदेशवाहक हैं।
عربي تفسیرونه:
اَنْ اَرْسِلْ مَعَنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
कि तू बनी इसराईल को हमारे साथ भेज दे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَلَمْ نُرَبِّكَ فِیْنَا وَلِیْدًا وَّلَبِثْتَ فِیْنَا مِنْ عُمُرِكَ سِنِیْنَ ۟ۙ
(फ़िरऔन ने) कहा : क्या हमने तुझे अपने यहाँ इस हाल में नहीं पाला कि तू बच्चा था और तू हमारे बीच अपनी आयु के कई वर्ष रहा?
عربي تفسیرونه:
وَفَعَلْتَ فَعْلَتَكَ الَّتِیْ فَعَلْتَ وَاَنْتَ مِنَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और तूने अपना वह काम[6] किया, जो तूने किया। और तू अकृतज्ञों में से है।
6. यह क़िबती को क़त्ल करने की ओर संकेत है जो मूसा (अलैहिस्सलाम) से नबी बनाए जाने से पहले हो गया था। (देखिए : सूरतुल-क़स़स़)
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَعَلْتُهَاۤ اِذًا وَّاَنَا مِنَ الضَّآلِّیْنَ ۟ؕ
(मूसा ने) कहा : मैंने उस समय वह काम इस हाल में किया कि मैं अनजानों में से था।
عربي تفسیرونه:
فَفَرَرْتُ مِنْكُمْ لَمَّا خِفْتُكُمْ فَوَهَبَ لِیْ رَبِّیْ حُكْمًا وَّجَعَلَنِیْ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
फिर मैं तुम्हारे पास से भाग गया, जब मैं तुमसे डरा, तो मेरे पालनहार ने मुझे हुक्म (नुबुव्वत एवं ज्ञान) प्रदान किया और मुझे रसूलों में से बना दिया।
عربي تفسیرونه:
وَتِلْكَ نِعْمَةٌ تَمُنُّهَا عَلَیَّ اَنْ عَبَّدْتَّ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
और यह कोई उपकार है, जो तू मुझपर जता रहा है कि तूने बनी इसराईल काे ग़ुलाम बना रखा है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ فِرْعَوْنُ وَمَا رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
फ़िरऔन ने कहा : और 'रब्बुल-आलमीन' (सारे संसारों का पालनहार) क्या है?
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ؕ— اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِیْنَ ۟
(मूसा ने) कहा : जो आकाशों और धरती का रब है और जो उनके बीच है उसका भी, यदि तुम विश्वास करने वाले हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لِمَنْ حَوْلَهٗۤ اَلَا تَسْتَمِعُوْنَ ۟
उसने अपने आस-पास के लोगों से कहा : क्या तुम सुनते नहीं?
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
(मूसा ने) कहा : जो तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा का पालनहार है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اِنَّ رَسُوْلَكُمُ الَّذِیْۤ اُرْسِلَ اِلَیْكُمْ لَمَجْنُوْنٌ ۟
(फ़िरऔन ने) कहा : निश्चय तुम्हारा यह रसूल, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, अवश्य पागल है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَیْنَهُمَا ؕ— اِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
(मूसा ने) कहा : जो पूर्व तथा पश्चिम रब है और उसका भी जो उन दोनों के बीच है, अगर तुम समझते हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لَىِٕنِ اتَّخَذْتَ اِلٰهًا غَیْرِیْ لَاَجْعَلَنَّكَ مِنَ الْمَسْجُوْنِیْنَ ۟
(फ़िरऔन ने) कहा : निश्चय यदि तूने मेरे अलावा किसी और को पूज्य बनाया, तो मैं तुझे अवश्य ही बंदी बनाए हुए लोगों में शामिल कर दूँगा।‌
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَوَلَوْ جِئْتُكَ بِشَیْءٍ مُّبِیْنٍ ۟ۚ
(मूसा ने) कहा : क्या भले ही मैं तेरे पास कोई स्पष्ट चीज़ ले आऊँ?
عربي تفسیرونه:
قَالَ فَاْتِ بِهٖۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उसने कहा : तू उसे ले आ, यदि तू सच्चे लोगों में से है।
عربي تفسیرونه:
فَاَلْقٰی عَصَاهُ فَاِذَا هِیَ ثُعْبَانٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚۖ
फिर उसने अपनी लाठी फेंक दी, तो अचानक वह एक प्रत्यक्ष अजगर बन गई।
عربي تفسیرونه:
وَّنَزَعَ یَدَهٗ فَاِذَا هِیَ بَیْضَآءُ لِلنّٰظِرِیْنَ ۟۠
तथा उसने अपना हाथ निकाला, तो एकाएक वह देखने वालों के लिए सफेद (चमकदार) था।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لِلْمَلَاِ حَوْلَهٗۤ اِنَّ هٰذَا لَسٰحِرٌ عَلِیْمٌ ۟ۙ
उसने अपने आस-पास के प्रमुखों से कहा : निश्चय यह तो एक बड़ा कुशल जादूगर है।
عربي تفسیرونه:
یُّرِیْدُ اَنْ یُّخْرِجَكُمْ مِّنْ اَرْضِكُمْ بِسِحْرِهٖ ۖۗ— فَمَاذَا تَاْمُرُوْنَ ۟
जो चाहता है कि अपने जादू के साथ तुम्हें तुम्हारी धरती से निकाल[7] दे। तो तुम क्या आदेश देते हो?
7. अर्थात यह उग्रवाद करके हमारे देश पर अधिकार कर ले।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اَرْجِهْ وَاَخَاهُ وَابْعَثْ فِی الْمَدَآىِٕنِ حٰشِرِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने कहा : इसके तथा इसके भाई को मोहलत दें और नगरों में (लोगों को) जमा करने वालों को भेज दें।
عربي تفسیرونه:
یَاْتُوْكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِیْمٍ ۟
कि वे तेरे पास हर बड़ा जादूगर ले आएँ, जो जादू में बहुत कुशल हो।
عربي تفسیرونه:
فَجُمِعَ السَّحَرَةُ لِمِیْقَاتِ یَوْمٍ مَّعْلُوْمٍ ۟ۙ
तो जादूगर एक निश्चित दिन के नियत समय पर इकट्ठा कर लिए गए।
عربي تفسیرونه:
وَّقِیْلَ لِلنَّاسِ هَلْ اَنْتُمْ مُّجْتَمِعُوْنَ ۟ۙ
तथा लोगों से कहा गया : क्या तुम एकत्र होने वाले[8] हो?
8. अर्थात लोगों को प्रेरणा दी जा रही है कि इस प्रतियोगिता में अवश्य उपस्थित हों।
عربي تفسیرونه:
لَعَلَّنَا نَتَّبِعُ السَّحَرَةَ اِنْ كَانُوْا هُمُ الْغٰلِبِیْنَ ۟
शायद हम इन जादूगरों के अनुयायी बन जाएँ, यदि वही विजयी हों।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا جَآءَ السَّحَرَةُ قَالُوْا لِفِرْعَوْنَ اَىِٕنَّ لَنَا لَاَجْرًا اِنْ كُنَّا نَحْنُ الْغٰلِبِیْنَ ۟
फिर जब जादूगर आ गए, तो उन्होंने फ़िरऔन से कहा : क्या सचमुच हमें कुछ पुरस्कार मिलेगा, यदि हम ही प्रभावी रहे?
عربي تفسیرونه:
قَالَ نَعَمْ وَاِنَّكُمْ اِذًا لَّمِنَ الْمُقَرَّبِیْنَ ۟
उसने कहा : हाँ! और निश्चय तुम उस समय निकटवर्तियों में से हो जाओगे ।
عربي تفسیرونه:
قَالَ لَهُمْ مُّوْسٰۤی اَلْقُوْا مَاۤ اَنْتُمْ مُّلْقُوْنَ ۟
मूसा ने उनसे कहा : फेंको, जो कुछ तुम फेंकने वाले हो।
عربي تفسیرونه:
فَاَلْقَوْا حِبَالَهُمْ وَعِصِیَّهُمْ وَقَالُوْا بِعِزَّةِ فِرْعَوْنَ اِنَّا لَنَحْنُ الْغٰلِبُوْنَ ۟
तो उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ फेंकीं और कहा : फ़िरऔन के प्रभुत्व की सौगंध! निःसंदेह हम, निश्चय हम ही विजयी रहेंगे।
عربي تفسیرونه:
فَاَلْقٰی مُوْسٰی عَصَاهُ فَاِذَا هِیَ تَلْقَفُ مَا یَاْفِكُوْنَ ۟ۚۖ
फिर मूसा ने अपनी लाठी फेंकी, तो एकाएक वह उन चीज़ों को निगल रही थी, जो वे झूठ बना रहे थे।
عربي تفسیرونه:
فَاُلْقِیَ السَّحَرَةُ سٰجِدِیْنَ ۟ۙ
इसपर जादूगर सजदा करते हुए गिर गए।[9]
9. क्योंकि उन्हें विश्वास हो गया कि मूसा (अलैहिस्सलाम) जादूगर नहीं, बल्कि वह सत्य के उपदेशक हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने कहा : हम सारे संसारों के पालनहार पर ईमान ले आए।
عربي تفسیرونه:
رَبِّ مُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ۟
मूसा तथा हारून के पालनहार पर।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اٰمَنْتُمْ لَهٗ قَبْلَ اَنْ اٰذَنَ لَكُمْ ۚ— اِنَّهٗ لَكَبِیْرُكُمُ الَّذِیْ عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ ۚ— فَلَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ؕ۬— لَاُقَطِّعَنَّ اَیْدِیَكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ مِّنْ خِلَافٍ وَّلَاُوصَلِّبَنَّكُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۚ
(फ़िरऔन ने) कहा : तुम उसपर ईमान ले आए, इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति दूँ? निःसंदेह यह अवश्य तुम्हारा बड़ा (गुरू) है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है। अतः निश्चय तुम जल्दी जान लोगे। मैं अवश्य तुम्हारे हाथ और तुम्हारे पाँव विपरीत दिशा[10] से काट दूँगा तथा निश्चय तुम सभी को अवश्य बुरी तरह सूली पर चढ़ा दूँगा।
10. अर्थात दाँया हाथ और बायाँ पैर या बायाँ हाथ और दायाँ पैर।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا لَا ضَیْرَ ؗ— اِنَّاۤ اِلٰی رَبِّنَا مُنْقَلِبُوْنَ ۟ۚ
उन्होंने कहा : कोई नुक़सान नहीं, निश्चित रूप से हम अपने पालनहार की ओर पलटने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّا نَطْمَعُ اَنْ یَّغْفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطٰیٰنَاۤ اَنْ كُنَّاۤ اَوَّلَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ؕ۠
हम आशा रखते हैं कि हमारा पालनहार हमारे लिए, हमारे पापों को क्षमा कर देगा, इस कारण कि हम सबसे पहले ईमान लाने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰۤی اَنْ اَسْرِ بِعِبَادِیْۤ اِنَّكُمْ مُّتَّبَعُوْنَ ۟
और हमने मूसा की ओर वह़्य की कि मेरे बंदों को लेकर रातों-रात निकल जा। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा।
عربي تفسیرونه:
فَاَرْسَلَ فِرْعَوْنُ فِی الْمَدَآىِٕنِ حٰشِرِیْنَ ۟ۚ
तो फ़िरऔन ने नगरों में (सेना) एकत्र करने वालों को भेज दिया।[11]
11. जब मूसा (अलैहिस्सलाम) अल्लाह के आदेशानुसार अपने साथियों को लेकर निकल गए तो फ़िरऔन ने उनका पीछा करने के लिए नगरों में हरकारे भेजे।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ لَشِرْذِمَةٌ قَلِیْلُوْنَ ۟ۙ
कि निःसंदेह ये लोग एक छोटा-सा समूह हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهُمْ لَنَا لَغَآىِٕظُوْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह ये हमें निश्चित रूप से गुस्सा दिलाने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّا لَجَمِیْعٌ حٰذِرُوْنَ ۟ؕ
और निश्चय ही हम सब चौकन्ना रहने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
فَاَخْرَجْنٰهُمْ مِّنْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
इस तरह हमने उन्हें बाग़ों और सोतों से निकाल दिया।
عربي تفسیرونه:
وَّكُنُوْزٍ وَّمَقَامٍ كَرِیْمٍ ۟ۙ
तथा ख़ज़ानों और उत्तम आवासों से।
عربي تفسیرونه:
كَذٰلِكَ ؕ— وَاَوْرَثْنٰهَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
ऐसा ही हुआ और हमने उनका वारिस बनी इसराईल को बना दिया।
عربي تفسیرونه:
فَاَتْبَعُوْهُمْ مُّشْرِقِیْنَ ۟
तो उन्होंने सूर्योदय के समय उनका पीछा किया।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا تَرَآءَ الْجَمْعٰنِ قَالَ اَصْحٰبُ مُوْسٰۤی اِنَّا لَمُدْرَكُوْنَ ۟ۚ
फिर जब दोनों गिरोहों ने एक-दूसरे को देखा, तो मूसा के साथियों ने कहा : निःसंदेह हम निश्चय ही पकड़े जाने[12) वाले हैं।
12. क्योंकि अब सामने सागर और पीछे फ़िरऔन की सेना थी।
عربي تفسیرونه:
قَالَ كَلَّا ۚ— اِنَّ مَعِیَ رَبِّیْ سَیَهْدِیْنِ ۟
(मूसा ने) कहा : हरगिज़ नहीं! निश्चय मेरे साथ मेरा पालनहार है। वह अवश्य मेरा मार्गदर्शन करेगा।
عربي تفسیرونه:
فَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰۤی اَنِ اضْرِبْ بِّعَصَاكَ الْبَحْرَ ؕ— فَانْفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرْقٍ كَالطَّوْدِ الْعَظِیْمِ ۟ۚ
तो हमने मूसा की ओर वह़्य की कि अपनी लाठी को सागर पर मारो। (उसने लाठी मारी) तो वह फट गया और हर टुकड़ा बड़े पहाड़ की[13] तरह हो गया।
13. अर्थात बीच से मार्ग बन गया और दोनों ओर पानी पर्वत के समान खड़ा हो गया।
عربي تفسیرونه:
وَاَزْلَفْنَا ثَمَّ الْاٰخَرِیْنَ ۟ۚ
तथा वहीं हम दूसरों को निकट ले आए।
عربي تفسیرونه:
وَاَنْجَیْنَا مُوْسٰی وَمَنْ مَّعَهٗۤ اَجْمَعِیْنَ ۟ۚ
और हमने मूसा को और जो उसके साथ थे, सबको बचा लिया।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ اَغْرَقْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने दूसरों को डुबो दिया।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर लोग ईमान लाने वाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् हैl
عربي تفسیرونه:
وَاتْلُ عَلَیْهِمْ نَبَاَ اِبْرٰهِیْمَ ۟ۘ
तथा आप उन्हें इबराहीम का समाचार सुनाएँ।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ وَقَوْمِهٖ مَا تَعْبُدُوْنَ ۟
जब उसने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा : तुम किसकी पूजा करते हो?
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا نَعْبُدُ اَصْنَامًا فَنَظَلُّ لَهَا عٰكِفِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : हम कुछ मूर्तियों की पूजा करते हैं, इसलिए उन्हीं की सेवा में लगे रहते हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالَ هَلْ یَسْمَعُوْنَكُمْ اِذْ تَدْعُوْنَ ۟ۙ
उसने कहा : क्या वे तुम्हें सुनते हैं, जब तुम (उन्हें) पुकारते हो?
عربي تفسیرونه:
اَوْ یَنْفَعُوْنَكُمْ اَوْ یَضُرُّوْنَ ۟
या तुम्हें लाभ देते हैं, या हानि पहुँचाते हैं?
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا بَلْ وَجَدْنَاۤ اٰبَآءَنَا كَذٰلِكَ یَفْعَلُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : बल्कि हमने अपने बाप-दादा को पाया कि वे ऐसा ही करते थे।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اَفَرَءَیْتُمْ مَّا كُنْتُمْ تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
उसने कहा : तो क्या तुमने देखा कि जिनको तुम पूजते रहे।
عربي تفسیرونه:
اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمُ الْاَقْدَمُوْنَ ۟ؗ
तुम तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा?
عربي تفسیرونه:
فَاِنَّهُمْ عَدُوٌّ لِّیْۤ اِلَّا رَبَّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
सो निःसंदेह वे मेरे शत्रु हैं, सिवाय सारे संसारों के पालनहार के।
عربي تفسیرونه:
الَّذِیْ خَلَقَنِیْ فَهُوَ یَهْدِیْنِ ۟ۙ
वह जिसने मुझे पैदा किया, फिर वही मेरा मार्गदर्शन करता है।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْ هُوَ یُطْعِمُنِیْ وَیَسْقِیْنِ ۟ۙ
और वही जो मुझे खिलाता है और मुझे पिलाता है।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ یَشْفِیْنِ ۟
और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे अच्छा करता है।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْ یُمِیْتُنِیْ ثُمَّ یُحْیِیْنِ ۟ۙ
तथा वह जो मुझे मारेगा, फिर[14] मुझे जीवित करेगा।
14. अर्थात प्रलय के दिन अपने कर्मों का फल भोगने के लिए।
عربي تفسیرونه:
وَالَّذِیْۤ اَطْمَعُ اَنْ یَّغْفِرَ لِیْ خَطِیْٓـَٔتِیْ یَوْمَ الدِّیْنِ ۟ؕ
तथा वह, जिससे मैं आशा रखता हूँ कि वह बदले के दिन मेरे पाप क्षमा कर देगा।
عربي تفسیرونه:
رَبِّ هَبْ لِیْ حُكْمًا وَّاَلْحِقْنِیْ بِالصّٰلِحِیْنَ ۟ۙ
ऐ मेरे पालनहार! मुझे हुक्म (धर्म का ज्ञान) प्रदान कर और मुझे नेक लोगों के साथ मिला।
عربي تفسیرونه:
وَاجْعَلْ لِّیْ لِسَانَ صِدْقٍ فِی الْاٰخِرِیْنَ ۟ۙ
और बाद में आने वालों में मुझे सच्ची ख्याति प्रदान कर।
عربي تفسیرونه:
وَاجْعَلْنِیْ مِنْ وَّرَثَةِ جَنَّةِ النَّعِیْمِ ۟ۙ
और मुझे नेमतों वाली जन्नत के वारिसों में से बना दे।
عربي تفسیرونه:
وَاغْفِرْ لِاَبِیْۤ اِنَّهٗ كَانَ مِنَ الضَّآلِّیْنَ ۟ۙ
तथा मेरे बाप को क्षमा कर दे।[15] निश्चय वह गुमराहों में से था।
15. (देखिए : सूरतुत-तौबा, आयत : 114)
عربي تفسیرونه:
وَلَا تُخْزِنِیْ یَوْمَ یُبْعَثُوْنَ ۟ۙ
तथा मुझे रुसवा न कर, जिस दिन लोग उठाए जाएँगे।[16]
16. ह़दीस में वर्णित है कि प्रलय के दिन इबराहीम अलैहिस्सलाम अपने बाप से मिलेंगे। और कहेंगे : ऐ मेरे पालनहार! तूने मुझे वचन दिया था कि मुझे पुनः जीवित होने के दिन अपमानित नहीं करेगा। तो अल्लाह कहेगा : मैंने स्वर्ग को काफ़िरों के लिए अवैध कर दिया है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4769)
عربي تفسیرونه:
یَوْمَ لَا یَنْفَعُ مَالٌ وَّلَا بَنُوْنَ ۟ۙ
जिस दिन न कोई धन लाभ देगा और न बेटे।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا مَنْ اَتَی اللّٰهَ بِقَلْبٍ سَلِیْمٍ ۟ؕ
परंतु जो अल्लाह के पास पाक-साफ़ दिल लेकर आया।
عربي تفسیرونه:
وَاُزْلِفَتِ الْجَنَّةُ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟ۙ
और (अपने रब से) डरने वालों के लिए जन्नत निकट लाई जाएगी।
عربي تفسیرونه:
وَبُرِّزَتِ الْجَحِیْمُ لِلْغٰوِیْنَ ۟ۙ
तथा पथभ्रष्ट लोगों के लिए भड़कती आग प्रकट कर दी जाएगी।
عربي تفسیرونه:
وَقِیْلَ لَهُمْ اَیْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْبُدُوْنَ ۟ۙ
तथा उनसे कहा जाएगा : कहाँ हैं वे, जिन्हें तुम पूजते थे?
عربي تفسیرونه:
مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— هَلْ یَنْصُرُوْنَكُمْ اَوْ یَنْتَصِرُوْنَ ۟ؕ
अल्लाह के सिवा। क्या वे तुम्हारी मदद करते हैं, या अपनी रक्षा करते हैं?
عربي تفسیرونه:
فَكُبْكِبُوْا فِیْهَا هُمْ وَالْغَاوٗنَ ۟ۙ
फिर वे और सब पथभ्रष्ट लोग उसमें औंधे मुँह फेंक दिए जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَجُنُوْدُ اِبْلِیْسَ اَجْمَعُوْنَ ۟ؕ
और इबलीस की समस्त सेनाएँ भी।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا وَهُمْ فِیْهَا یَخْتَصِمُوْنَ ۟ۙ
वे उसमें आपस में झगड़ते हुए कहेंगे :
عربي تفسیرونه:
تَاللّٰهِ اِنْ كُنَّا لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
अल्लाह की क़सम! निःसंदेह हम निश्चय खुली गुमराही में थे।
عربي تفسیرونه:
اِذْ نُسَوِّیْكُمْ بِرَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
जब हम तुम्हें सारे संसारों के पालनहार के बराबर ठहराते थे।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَضَلَّنَاۤ اِلَّا الْمُجْرِمُوْنَ ۟
और हमें तो सिर्फ़ इन अपराधियों ने गुमराह किया।
عربي تفسیرونه:
فَمَا لَنَا مِنْ شَافِعِیْنَ ۟ۙ
अब न हमारे लिए कोई सिफारिश करने वाले हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَا صَدِیْقٍ حَمِیْمٍ ۟
और न कोई घनिष्ट मित्र।
عربي تفسیرونه:
فَلَوْ اَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तो यदि वास्तव में हमारे लिए वापस जाने का अवसर होता, तो हम ईमानवालों में से हो जाते।[17]
17. इस आयत में संकेत है कि संसार में एक ही जीवन कर्म के लिए मिलता है। और दूसरा जीवन परलोक में कर्मों के फल के लिए मिलेगा।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली,[18] अत्यंत दयावान् हैl
18. परंतु लोग स्वयं अत्याचार करके नरक के भागी बन रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَتْ قَوْمُ نُوْحِ ١لْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
नूह़ की जाति ने रसूलों को झुठलाया।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لَهُمْ اَخُوْهُمْ نُوْحٌ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟ۚ
जब उनसे उनके भाई नूह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं?
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।[19]
19. अल्लाह का संदेश बिना कमी और अधिकता के तुम्हें पहुँचा रहा हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ۚ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلٰی رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۚ
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ؕ
अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْاَرْذَلُوْنَ ۟ؕ
उन्होंने कहा : क्या हम तुझपर ईमान ले आएँ, जबकि तेरे पीछे चलने वाले अत्यंत नीच[20] लोग हैं?
20. अर्थात धनी नहीं, निर्धन लोग कर रहे हैं।
عربي تفسیرونه:
قَالَ وَمَا عِلْمِیْ بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟ۚ
(नूह़ ने) कहा : मूझे क्या मालूम कि वे क्या कर्म करते रहे हैं?
عربي تفسیرونه:
اِنْ حِسَابُهُمْ اِلَّا عَلٰی رَبِّیْ لَوْ تَشْعُرُوْنَ ۟ۚ
उनका ह़िसाब तो मेरे पालनहार ही के ज़िम्मे है, यदि तुम समझो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَنَا بِطَارِدِ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
और मैं ईमान वालों को धुतकारने वाला[21] नहीं हूँ।
21. अर्थात मैं हीन वर्ग के लोगों को जो ईमान लाए हैं, अपने से दूर नहीं कर सकता जैसा कि तुम चाहते हो।
عربي تفسیرونه:
اِنْ اَنَا اِلَّا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ؕ
मैं तो बस एक खुला डराने वाला हूँ
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ یٰنُوْحُ لَتَكُوْنَنَّ مِنَ الْمَرْجُوْمِیْنَ ۟ؕ
उन्होंने कहा : ऐ नूह़! यदि तू बाज़ नहीं आया, तो अवश्य संगसार किए गए लोगों में से हो जाएगा।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّ اِنَّ قَوْمِیْ كَذَّبُوْنِ ۟ۚۖ
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मेरी जाति ने मुझे झुठला दिया!
عربي تفسیرونه:
فَافْتَحْ بَیْنِیْ وَبَیْنَهُمْ فَتْحًا وَّنَجِّنِیْ وَمَنْ مَّعِیَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
अतः तू मेरे और उनके बीच दो-टूक निर्णय कर दे, तथा मुझे और जो ईमानवाले मेरे साथ हैं, उन्हें बचा ले।
عربي تفسیرونه:
فَاَنْجَیْنٰهُ وَمَنْ مَّعَهٗ فِی الْفُلْكِ الْمَشْحُوْنِ ۟ۚ
तो हमने उसे और उन लोगों को जो उसके साथ भरी हुई नाव में थे, बचा लिया।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ اَغْرَقْنَا بَعْدُ الْبٰقِیْنَ ۟ؕ
फिर उसके बाद शेष लोगों को डुबो दिया।
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَتْ عَادُ ١لْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
आद ने रसूलों को झुठलाया।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لَهُمْ اَخُوْهُمْ هُوْدٌ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟ۚ
जब उनसे उनके भाई हूद[22] ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
22. आद जाति के नबी हूद (अलैहिस्सलाम) को उनका भाई कहा गया है; क्योंकि वह भी उन्हीं के समुदाय में से थे।
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ۚ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلٰی رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
عربي تفسیرونه:
اَتَبْنُوْنَ بِكُلِّ رِیْعٍ اٰیَةً تَعْبَثُوْنَ ۟ۙ
क्या तुम हर ऊँचे स्थान पर एक स्मारक बनाते हो? इस स्थिति में कि व्यर्थ कार्य करते हो।
عربي تفسیرونه:
وَتَتَّخِذُوْنَ مَصَانِعَ لَعَلَّكُمْ تَخْلُدُوْنَ ۟ۚ
तथा बड़े-बड़े भवन बनाते हो, शायद कि तुम सदा जीवित रहोगे।
عربي تفسیرونه:
وَاِذَا بَطَشْتُمْ بَطَشْتُمْ جَبَّارِیْنَ ۟ۚ
और जब तुम पकड़ते हो, तो बड़ी निर्दयता से पकड़ते हो।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः अल्लाह से डरो और जो मैं कहता हूँ, उसे मानो।
عربي تفسیرونه:
وَاتَّقُوا الَّذِیْۤ اَمَدَّكُمْ بِمَا تَعْلَمُوْنَ ۟ۚ
तथा उससे डरो जिसने उन चीज़ों से तुम्हारी मदद की, जिन्हें तुम जानते हो।
عربي تفسیرونه:
اَمَدَّكُمْ بِاَنْعَامٍ وَّبَنِیْنَ ۟ۚۙ
उसने चौपायों और बेटों से तुम्हारी मदद की।
عربي تفسیرونه:
وَجَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۚ
तथा बाग़ों और जल स्रोताें से।
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟ؕ
निश्चय ही मैं तुमपर एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا سَوَآءٌ عَلَیْنَاۤ اَوَعَظْتَ اَمْ لَمْ تَكُنْ مِّنَ الْوٰعِظِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने कहा : हमारे लिए बराबर है कि तू नसीहत करे, या नसीहत करने वालों में से हो।
عربي تفسیرونه:
اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا خُلُقُ الْاَوَّلِیْنَ ۟ۙ
यह तो केवल पहले लोगों की आदत है।[23]
23. अर्थात प्राचीन युग से होती चली आ रही है।
عربي تفسیرونه:
وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِیْنَ ۟ۚ
और हम निश्चित रूप से दंडित नहीं होंगे।
عربي تفسیرونه:
فَكَذَّبُوْهُ فَاَهْلَكْنٰهُمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
तो उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर लोग ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
तथा निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَتْ ثَمُوْدُ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
समूद ने रसूलों[24] को झुठलाया।
24. यहाँ यह बात याद रखने की है कि एक रसूल का इनकार सभी रसूलों का इनकार है; क्योंकि सबका उपदेश एक ही था।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لَهُمْ اَخُوْهُمْ صٰلِحٌ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟ۚ
जब उनसे उनके भाई सालेह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः अल्लाह से डरो और जो मैं कहता हूँ, उसका पालन करो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ۚ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلٰی رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
मैं इसपर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
عربي تفسیرونه:
اَتُتْرَكُوْنَ فِیْ مَا هٰهُنَاۤ اٰمِنِیْنَ ۟ۙ
क्या तुम उन चीज़ों में जो यहाँ हैं, निश्चिंत छोड़ दिए जाओगे?
عربي تفسیرونه:
فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
बाग़ों तथा स्रोतों में।
عربي تفسیرونه:
وَّزُرُوْعٍ وَّنَخْلٍ طَلْعُهَا هَضِیْمٌ ۟ۚ
तथा खेतों और खजूर के पेड़ों में, जिनके फल मुलायम और पके हुए हैं।
عربي تفسیرونه:
وَتَنْحِتُوْنَ مِنَ الْجِبَالِ بُیُوْتًا فٰرِهِیْنَ ۟ۚ
तथा तुम पर्वतों को काटकर बड़ी निपुणता के साथ घर बनाते हो।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः अल्लाह से डरो और मेरा आज्ञापालन करो।
عربي تفسیرونه:
وَلَا تُطِیْعُوْۤا اَمْرَ الْمُسْرِفِیْنَ ۟ۙ
और हद से आगे बढ़ने वालों का हुक्म न मानो।
عربي تفسیرونه:
الَّذِیْنَ یُفْسِدُوْنَ فِی الْاَرْضِ وَلَا یُصْلِحُوْنَ ۟
जो धरती में बिगाड़ पैदा करते हैं और सुधार नहीं करते।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اِنَّمَاۤ اَنْتَ مِنَ الْمُسَحَّرِیْنَ ۟ۚ
उन्होंने कहा : निःसंदेह तू उन लोगों में से है जिनपर प्रबल जादू किया गया है।
عربي تفسیرونه:
مَاۤ اَنْتَ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا ۖۚ— فَاْتِ بِاٰیَةٍ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
तू तो बस हमारे ही जैसा एक मनुष्य है। अतः कोई निशानी ले आ, यदि तू सच्चों में से है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ هٰذِهٖ نَاقَةٌ لَّهَا شِرْبٌ وَّلَكُمْ شِرْبُ یَوْمٍ مَّعْلُوْمٍ ۟ۚ
उसने कहा : यह एक ऊँटनी[25] है। इसके लिए पानी पीने की एक बारी है और तुम्हारे लिए एक निश्चित दिन पानी पीने की बारी है।
25. अर्थता यह ऊँटनी चमत्कार है जो उनकी माँग पर पत्थर से निकली थी।
عربي تفسیرونه:
وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابُ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
तथा उसे किसी बुराई से हाथ न लगाना, अन्यथा तुम्हें एक बड़े दिन की यातना पकड़ लेगी।
عربي تفسیرونه:
فَعَقَرُوْهَا فَاَصْبَحُوْا نٰدِمِیْنَ ۟ۙ
तो उन्होंने उसकी कूँचें काट दीं, फिर पछताने वाले हो गए।
عربي تفسیرونه:
فَاَخَذَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
तो उन्हें यातना ने पकड़ लिया। निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَتْ قَوْمُ لُوْطِ ١لْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
लूत की जाति ने रसूलों को झुठलाया।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لَهُمْ اَخُوْهُمْ لُوْطٌ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟ۚ
जब उनके भाई लूत ने उनसे कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ۚ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلٰی رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
عربي تفسیرونه:
اَتَاْتُوْنَ الذُّكْرَانَ مِنَ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
क्या सभी संसारों में से तुम पुरुषों के पास आते[26] हो।
26. इस कुकर्म का आरंभ संसार में लूत (अलैहिस्सलाम) की जाति से हुआ। और अब यह कुकर्म पूरे विश्व में विशेष रूप से यूरोपीय देशों में व्यापक है। और समलैंगिक विवाह को यूरोप के बहुत-से देशों में वैध मान लिया गया है। जिसके कारण कभी भी उन पर अल्लाह की यातना आ सकती है।
عربي تفسیرونه:
وَتَذَرُوْنَ مَا خَلَقَ لَكُمْ رَبُّكُمْ مِّنْ اَزْوَاجِكُمْ ؕ— بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ عٰدُوْنَ ۟
तथा उन्हें छोड़ देते हो, जो तुम्हारे पालनहार ने तुम्हारे लिए तुम्हारी पत्नियाँ पैदा की हैं। बल्कि तुम हद से आगे बढ़ने वाले लोग हो।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْا لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ یٰلُوْطُ لَتَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُخْرَجِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ लूत! निःसंदेह यदि तू नहीं रुका, तो निश्चित रूप से तू अवश्य निष्कासित लोगों में से हो जाएगा।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اِنِّیْ لِعَمَلِكُمْ مِّنَ الْقَالِیْنَ ۟ؕ
उसने कहा : निःसंदेह मैं तुम्हारे काम से सख़्त घृणा करने वालों में से हूँ।
عربي تفسیرونه:
رَبِّ نَجِّنِیْ وَاَهْلِیْ مِمَّا یَعْمَلُوْنَ ۟
ऐ मेरे पालनहार! मुझे तथा मेरे घर वालों को उससे बचा ले, जो ये करते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَنَجَّیْنٰهُ وَاَهْلَهٗۤ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
तो हमने उसे और उसके सभी घर वालों को बचा लिया।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا عَجُوْزًا فِی الْغٰبِرِیْنَ ۟ۚ
सिवाय एक बुढ़िया[27] के, जो पीछे रहने वालों में से थी।
27. इससे अभिप्रेत लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ دَمَّرْنَا الْاٰخَرِیْنَ ۟ۚ
फिर हमने दूसरों को विनष्ट कर दिया।
عربي تفسیرونه:
وَاَمْطَرْنَا عَلَیْهِمْ مَّطَرًا ۚ— فَسَآءَ مَطَرُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟
और हमने उनपर ज़ोरदार बारिश[28] बरसाई। तो उन लोगों की बारिश बहुत बुरी थी, जिन्हें डराया गया था।
28. अर्थात पत्थरों की बारिश। (देखिए : सूरत हूद, आयत : 82-83)
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
كَذَّبَ اَصْحٰبُ لْـَٔیْكَةِ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۚۖ
ऐका[29] वालों ने रसूलों को झुठलाया।
29. ऐका का अर्थ झाड़ी है। यह मदयन का क्षेत्र है जिसमें शुऐब अलैहिस्सलाम को भेजा गया था।
عربي تفسیرونه:
اِذْ قَالَ لَهُمْ شُعَیْبٌ اَلَا تَتَّقُوْنَ ۟ۚ
जब उनसे शुऐब ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
عربي تفسیرونه:
اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।
عربي تفسیرونه:
فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوْنِ ۟ۚ
अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ۚ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلٰی رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
عربي تفسیرونه:
اَوْفُوا الْكَیْلَ وَلَا تَكُوْنُوْا مِنَ الْمُخْسِرِیْنَ ۟ۚ
नाप पूरा दो और कम देने वालों में से न बनो।
عربي تفسیرونه:
وَزِنُوْا بِالْقِسْطَاسِ الْمُسْتَقِیْمِ ۟ۚ
और सीधे तराज़ू से तोलो।
عربي تفسیرونه:
وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ اَشْیَآءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِی الْاَرْضِ مُفْسِدِیْنَ ۟ۚ
और लाेगों को उनका सामान कम न दो। और धरती में उपद्रव फैलाते मत फिरो।
عربي تفسیرونه:
وَاتَّقُوا الَّذِیْ خَلَقَكُمْ وَالْجِبِلَّةَ الْاَوَّلِیْنَ ۟ؕ
और उससे डरो, जिसने तुम्हें तथा पहले लोगों को पैदा किया है।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اِنَّمَاۤ اَنْتَ مِنَ الْمُسَحَّرِیْنَ ۟ۙ
उन्होंने कहा : निःसंदेह तू तो उन लोगों में से है जिनपर ताक़तवर जादू किया गया है।
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَنْتَ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا وَاِنْ نَّظُنُّكَ لَمِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟ۚ
और तू तो बस हमारे ही जैसा एक मनुष्य[30] है और निःसंदेह हम तो तुझे झूठों में से समझते हैं।
30. यहाँ यह बात विचारणीय है कि सभी विगत जातियों ने अपने रसूलों को उनके मानव होने के कारण नकार दिया। और जिसने स्वीकार भी किया, तो उसने कुछ युग बीतने के पश्चात् अतिशयोक्ति करके अपने रसूलों को प्रभु अथवा प्रभु का अंश बना कर उन्हीं को पूज्य बना लिया। तथा एकेश्वरवाद को कड़ा आघात पहुँचाकर मिश्रणवाद का द्वार खोल लिया और कुपथ हो गए। वर्तमान युग में भी इसी का प्रचलन है और इसका आधार अपने पूर्वजों की रीतियों को बनाया जाता है। इस्लाम इसी कुपथ का निवारण करके एकेश्वरवाद की स्थापना के लिए आया है और वास्तव में यही सत्धर्म है। ह़दीस में है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : मूझे वैसे न बढ़ाओ जैसे ईसाइयों ने मरयम के पुत्र (ईसा) को बढ़ा दिया। निःसंदेह मैं उसका दास हूँ। अतः मुझे अल्लाह का दास और उसका रसूल कहो। (देखिए : सह़ीह़ बुख़ारी : 3445)
عربي تفسیرونه:
فَاَسْقِطْ عَلَیْنَا كِسَفًا مِّنَ السَّمَآءِ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟ؕ
तो हम पर आसमान से कुछ टुकड़े गिरा दे, यदि तू सच्चों में से है।
عربي تفسیرونه:
قَالَ رَبِّیْۤ اَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
उसने कहा : मेरा पालनहार अधिक जानने वाला है जो कुछ तुम कर रहे हो।
عربي تفسیرونه:
فَكَذَّبُوْهُ فَاَخَذَهُمْ عَذَابُ یَوْمِ الظُّلَّةِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
चुनाँचे उन्होंने उसे झुठला दिया। तो उन्हें छाया[31] के दिन की यातना ने पकड़ लिया। निश्चय वह एक बड़े दिन की यातना थी।
31. अर्थात उनकी यातना के दिन उनपर बादल छा गया। फिर आग बरसने लगी और धरती कंपित हो गई। फिर एक कड़ी ध्वनि ने उनकी जानें ले लीं। (इब्ने कसीर)
عربي تفسیرونه:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِیْزُ الرَّحِیْمُ ۟۠
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَتَنْزِیْلُ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ؕ
तथा निःसंदेह, यह (क़ुरआन) निश्चय सारे संसारों के पालनहार का उतारा हुआ है।
عربي تفسیرونه:
نَزَلَ بِهِ الرُّوْحُ الْاَمِیْنُ ۟ۙ
इसे रूह़ुल-अमीन[32] (अत्यंत विश्वसनीय फ़रिश्ता) लेकर उतरा है।
32. रूह़ुल-अमीन से अभिप्राय आदरणीय फ़रिश्ता जिबरीलल (अलैहिस्सलाम) हैं, जो मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अल्लाह की ओर से वह़्य लेकर उतरते थे, जिसके कारण आप रसूलों की और उनकी जातियों की दशा से अवगत हुए। अतः यह आपके सत्य रसूल होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
عربي تفسیرونه:
عَلٰی قَلْبِكَ لِتَكُوْنَ مِنَ الْمُنْذِرِیْنَ ۟ۙ
आपके दिल पर, ताकि आप सावधान करने वालों में से हो जाएँ।
عربي تفسیرونه:
بِلِسَانٍ عَرَبِیٍّ مُّبِیْنٍ ۟ؕ
स्पष्ट अरबी भाषा में।
عربي تفسیرونه:
وَاِنَّهٗ لَفِیْ زُبُرِ الْاَوَّلِیْنَ ۟
तथा निःसंदेह यह निश्चित रूप से पहले लोगों की पुस्तकों में मौजूद है।[33]
33. अर्थात सभी आकाशीय ग्रंथों में अंतिम नबी मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन तथा आपपर पुस्तक क़ुरआन के अवतरित होने की भविष्वाणी की गई है। और सब नबियों ने इसकी शुभ-सूचना दी है।
عربي تفسیرونه:
اَوَلَمْ یَكُنْ لَّهُمْ اٰیَةً اَنْ یَّعْلَمَهٗ عُلَمٰٓؤُا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۟ؕ
क्या उनके लिए यह एक निशानी न थी है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान[34] जानते हैं।
34. बनी इसराईल के विद्वान अब्दुल्लाह बिन सलाम आदि, जो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और क़ुरआन पर ईमान लाए, वे इसके सत्य होने का खुला प्रमाण हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَوْ نَزَّلْنٰهُ عَلٰی بَعْضِ الْاَعْجَمِیْنَ ۟ۙ
और यदि हम इसे ग़ैर-अरब[35] लोगों में से किसी पर उतार देते।
35. अर्थात ऐसे व्यक्ति पर जो अरब देश और जाति के अतिरिक्त किसी अन्य जाति का हो।
عربي تفسیرونه:
فَقَرَاَهٗ عَلَیْهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ مُؤْمِنِیْنَ ۟ؕ
फिर वह इसे उनके सामने पढ़ता, तो भी वे उसपर ईमान लाने वाले न होते।[36]
36. अर्थात अरबी भाषा में न होता, तो कहते कि यह हमारी समझ में नहीं आता। (देखिए : सूरत ह़ा, मीम, सजदा, आयत : 44)
عربي تفسیرونه:
كَذٰلِكَ سَلَكْنٰهُ فِیْ قُلُوْبِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟ؕ
इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के हृदयों में प्रवेश कर दिया।
عربي تفسیرونه:
لَا یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ حَتّٰی یَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟ۙ
वे उसपर ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि वे दर्दनाक यातना देख लें।
عربي تفسیرونه:
فَیَاْتِیَهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟ۙ
तो वह उनपर अचानक आ पड़े और वे सोचते भी न हों।
عربي تفسیرونه:
فَیَقُوْلُوْا هَلْ نَحْنُ مُنْظَرُوْنَ ۟ؕ
फिर वे कहें : क्या हम मोहलत दिए जाने वाले हैं
عربي تفسیرونه:
اَفَبِعَذَابِنَا یَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
तो क्या वे हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं?
عربي تفسیرونه:
اَفَرَءَیْتَ اِنْ مَّتَّعْنٰهُمْ سِنِیْنَ ۟ۙ
तो क्या आपने विचार किया यदि हम इन्हें कुछ वर्षों तक लाभ दें।
عربي تفسیرونه:
ثُمَّ جَآءَهُمْ مَّا كَانُوْا یُوْعَدُوْنَ ۟ۙ
फिर उनपर वह (यातना) आ जाए, जिसका उनसे वादा किया जाता था।
عربي تفسیرونه:
مَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یُمَتَّعُوْنَ ۟ؕ
तो उन्हें जो लाभ दिया जाता था, वह उनके किस काम आएगा?
عربي تفسیرونه:
وَمَاۤ اَهْلَكْنَا مِنْ قَرْیَةٍ اِلَّا لَهَا مُنْذِرُوْنَ ۟
और हमने किसी बस्ती को विनष्ट नहीं किया, परंतु उसके लिए कई सावधान करने वाले थे।
عربي تفسیرونه:
ذِكْرٰی ۛ۫— وَمَا كُنَّا ظٰلِمِیْنَ ۟
याद दिलाने के लिए। और हम अत्याचारी नहीं थे।
عربي تفسیرونه:
وَمَا تَنَزَّلَتْ بِهِ الشَّیٰطِیْنُ ۟ۚ
तथा इस (क़ुरआन) को लेकर शैतान नहीं उतरे।
عربي تفسیرونه:
وَمَا یَنْۢبَغِیْ لَهُمْ وَمَا یَسْتَطِیْعُوْنَ ۟ؕ
और न यह उनके योग्य है, और न वे ऐसा कर सकते हैं।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهُمْ عَنِ السَّمْعِ لَمَعْزُوْلُوْنَ ۟ؕ
निःसंदेह वे तो (इसके) सुनने ही से अलग[37] कर दिए गए हैं।
37. अर्थात इसके अवतरित होने के समय शैतान आकाश की ओर जाते हैं तो उल्का उन्हें भस्म कर देते हैं।
عربي تفسیرونه:
فَلَا تَدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ فَتَكُوْنَ مِنَ الْمُعَذَّبِیْنَ ۟ۚ
अतः आप अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को न पुकारें, अन्यथा आप दंड पाने वालों में हो जाएँगे।
عربي تفسیرونه:
وَاَنْذِرْ عَشِیْرَتَكَ الْاَقْرَبِیْنَ ۟ۙ
और आप अपने निकटतम रिश्तेदारों को डराएँ।[38]
38. आदरणीय इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) कहते हैं कि जब यह आयत उतरी तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सफ़ा पर्वत पर चढ़े। और क़ुरैश के परिवारों को पुकरा। और जब सब एकत्र हो गए, और जो स्वयं नहीं आ सका तो उसने किसी प्रतिनिधि को भेज दिया। और अबू लहब तथा क़ुरैश आ गए तो आपने फरमाया : यदि मैं तुमसे कहूँ कि उस वादी में एक सेना है जो तुम पर आक्रमण करने वाली है, तो क्या तुम मुझे सच्चा मानोगे? सबने कहा : हाँ। हमने आपको सदा ही सच्चा पाया है। आपने कहा : मैं तुम्हें आगामी कड़ी यातना से सावधान कर रहा हूँ। इसपर अबू लहब ने कहा : तेरा पूरे दिन नाश हो! क्या हमें इसी के लिए एकत्र किया है? और इसीपर सूरत लह्ब उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4770)
عربي تفسیرونه:
وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
और ईमान वालों में से जो आपका अनुसरण करे, उसके लिए अपना बाज़ू[39] झुका दें।
39. अर्थात उसके साथ विनम्रता का व्यवहार करें।
عربي تفسیرونه:
فَاِنْ عَصَوْكَ فَقُلْ اِنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟ۚ
फि यदि वे आपकी अवज्ञा करें, तो आप कह दें कि तुम जो कुछ कर रहे हो उसकी ज़िम्मेदारी से मैं बरी हूँ।
عربي تفسیرونه:
وَتَوَكَّلْ عَلَی الْعَزِیْزِ الرَّحِیْمِ ۟ۙ
तथा उस सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् पर भरोसा करें।
عربي تفسیرونه:
الَّذِیْ یَرٰىكَ حِیْنَ تَقُوْمُ ۟ۙ
जो आपको देखता है, जब आप खड़े होते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَتَقَلُّبَكَ فِی السّٰجِدِیْنَ ۟
और सजदा करने वालों में आपके फिरने को भी।[40]
40. अर्थात प्रत्येक समय, अकेले हों या लोगों के बीच हों।
عربي تفسیرونه:
اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
निःसंदेह वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
عربي تفسیرونه:
هَلْ اُنَبِّئُكُمْ عَلٰی مَنْ تَنَزَّلُ الشَّیٰطِیْنُ ۟ؕ
क्या मैं आपको बताऊँ कि शैतान किस पर उतरते हैं?
عربي تفسیرونه:
تَنَزَّلُ عَلٰی كُلِّ اَفَّاكٍ اَثِیْمٍ ۟ۙ
वे हर बड़े झूठे और बड़े पापी[41] पर उतरते हैं।
41. ह़दीस में है कि फ़रिश्ते बादल में उतरते हैं, और आकाश में होने वाले निर्णय की बात करते हैं, जिसे शैतान चोरी से सुन लेते हैं। और ज्योतिषियों को पहुँचा देते हैं। फिर वह उसमें सौ झूठ मिलाते हैं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 3210)
عربي تفسیرونه:
یُّلْقُوْنَ السَّمْعَ وَاَكْثَرُهُمْ كٰذِبُوْنَ ۟ؕ
वे सुनी हुई बात को (काहिनों तक) पहुँचा देते हैं, और उनमें से अधिकतर झूठे हैं।
عربي تفسیرونه:
وَالشُّعَرَآءُ یَتَّبِعُهُمُ الْغَاوٗنَ ۟ؕ
और कवि लोग, उनके पीछे भटके हुए लोग ही चलते हैं।
عربي تفسیرونه:
اَلَمْ تَرَ اَنَّهُمْ فِیْ كُلِّ وَادٍ یَّهِیْمُوْنَ ۟ۙ
क्या आपने नहीं देखा कि वे प्रत्येक वादी में भटकते फिरते[42] हैं।
42. अर्थात कल्पना की उड़ान में रहते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَاَنَّهُمْ یَقُوْلُوْنَ مَا لَا یَفْعَلُوْنَ ۟ۙ
और यह कि निःसंदेह ऐसी बात कहते हैं, जो करते नहीं।
عربي تفسیرونه:
اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَذَكَرُوا اللّٰهَ كَثِیْرًا وَّانْتَصَرُوْا مِنْ بَعْدِ مَا ظُلِمُوْا ؕ— وَسَیَعْلَمُ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْۤا اَیَّ مُنْقَلَبٍ یَّنْقَلِبُوْنَ ۟۠
सिवाय उन (कवियों) के, जो[43] ईमान लाए, और अच्छे कर्म किए और अल्लाह को बहुत याद किया तथा बदला लिया, इसके बाद कि उनके ऊपर ज़ुल्म किया गया। तथा वे लोग, जिन्होंने अत्याचार किया, शीघ्र ही जान लेंगे कि वे किस जगह लौटकर जाएँगे।
43. इनसे अभिप्रेत ह़स्सान बिन साबित आदि कवि हैं, जो क़ुरैश के कवियों की भर्त्सना किया करते थे। (देखिए : सह़ीह़ बुख़ारी : 4124)
عربي تفسیرونه:
 
د معناګانو ژباړه سورت: الشعراء
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د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژباړه - د ژباړو فهرست (لړلیک)

په هندي ژبه د قرآن کریم د معناګانو ژباړه، د عزیز الحق عمري لخوا ژباړل شوی.

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