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แปลความหมาย​ สูเราะฮ์: Al-Balad   อายะฮ์:

सूरा अल्-बलद

لَاۤ اُقْسِمُ بِهٰذَا الْبَلَدِ ۟ۙ
मैं इस नगर (मक्का) की क़सम खाता हूँ!
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَاَنْتَ حِلٌّۢ بِهٰذَا الْبَلَدِ ۟ۙ
तथा तुम्हारे लिए इस नगर में लड़ाई हलाल होने वाली है।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَوَالِدٍ وَّمَا وَلَدَ ۟ۙ
तथा क़सम है पिता तथा उसकी संतान की!
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
لَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ فِیْ كَبَدٍ ۟ؕ
निःसंदेह हमने मनुष्य को बड़ी कठिनाई में पैदा किया है।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اَیَحْسَبُ اَنْ لَّنْ یَّقْدِرَ عَلَیْهِ اَحَدٌ ۟ۘ
क्या वह समझता है कि उसपर कभी किसी का वश नहीं चलेगा?[1]
1. (1-5) इन आयतों में सर्व प्रथम मक्का नगर में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जो घटनाएँ घट रही थीं, और आप तथा आपके अनुयायियों को सताया जा रहा था, उसको साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया गया है कि इनसान की पैदाइश (रचना) संसार का स्वाद लेने के लिए नहीं हुई है। संसार परिश्रम तथा पीड़ाएँ झेलने का स्थान है। कोई इनसान इस स्थिति से गुज़रे बिना नहीं रह सकता। "पिता" से अभिप्राय आदम अलैहिस्सलमा और "संतान" से अभिप्राय समस्त मानवजाति (इनसान) हैं। फिर इनसान के इस भ्रम को दूर किया है कि उसके ऊपर कोई शक्ति नहीं है, जो उसके कर्मों को देख रही है, और समय आने पर उसकी पकड़ करेगी।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
یَقُوْلُ اَهْلَكْتُ مَالًا لُّبَدًا ۟ؕ
वह कहता है कि मैंने ढेर सारा धन ख़र्च कर दिया।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اَیَحْسَبُ اَنْ لَّمْ یَرَهٗۤ اَحَدٌ ۟ؕ
क्या वह समझता है कि उसे किसी ने नहीं देखा?[2]
2. (1-5) इनमें यह बताया गया है कि संसार में बड़ाई तथा प्रधानता के ग़लत पैमाने बना लिए गए हैं, और जो दिखावे के लिए धन व्यय (ख़र्च) करता है उसकी प्रशंसा की जाती है, जबकि उसके ऊपर एक शक्ति है जो यह देख रही है कि उसने किन राहों में और किस लिए धन ख़र्च किया है।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اَلَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ عَیْنَیْنِ ۟ۙ
क्या हमने उसके लिए दो आँखें नहीं बनाईं?
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَلِسَانًا وَّشَفَتَیْنِ ۟ۙ
तथा एक ज़बान और दो होंठ (नहीं बनाए)?
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَهَدَیْنٰهُ النَّجْدَیْنِ ۟ۚ
और हमने उसे दोनों मार्ग दिखा दिए?!
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
فَلَا اقْتَحَمَ الْعَقَبَةَ ۟ؗۖ
परंतु उसने दुर्लभ घाटी में प्रवेश ही नहीं किया।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا الْعَقَبَةُ ۟ؕ
और तुम्हें किस चीज़ ने ज्ञात कराया कि वह दुर्लभ 'घाटी' क्या है?
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
فَكُّ رَقَبَةٍ ۟ۙ
(वह) गर्दन छुड़ाना है।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اَوْ اِطْعٰمٌ فِیْ یَوْمٍ ذِیْ مَسْغَبَةٍ ۟ۙ
या किसी भूख वाले दिन में खाना खिलाना है।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
یَّتِیْمًا ذَا مَقْرَبَةٍ ۟ۙ
किसी रिश्तेदार अनाथ को।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اَوْ مِسْكِیْنًا ذَا مَتْرَبَةٍ ۟ؕ
या मिट्टी में लथड़े हुए निर्धन को।[3]
3. (8-16) इन आयतों में फरमाया गया है कि इनसान को ज्ञान और चिंतन के साधन और योग्यताएँ देकर हमने उसके सामने भलाई तथा बुराई के दोनों मार्ग खोल दिए हैं, एक नैतिक पतन की ओर ले जाता है और उसमें मन को अति स्वाद मिलता है। दूसरा नैतिक ऊँचाईयों की राह जिस में कठिनाईयाँ हैं। और उसी को घाटी कहा गया है। जिसमें प्रवेश करने वालों के कर्तव्य में है कि दासों को मुक्त करें, निर्धनों को भोजन कराएँ इत्यादि, वही लोग स्वर्गवासी हैं। और वे जिन्होंने अल्लाह की आयतों का इनकार किया, वे नरकवासी हैं। आयत संख्या 17 का अर्थ यह है कि सत्य विश्वास (ईमान) के बिना कोई सत्कर्म मान्य नहीं है। इसमें सुखी समाज की विशेषता भी बताई गई है कि दूसरे को सहनशीलता तथा दया का उपदेश दिया जाए और अल्लाह पर सत्य विश्वास रखा जाए।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِ ۟ؕ
फिर वह उन लोगों में से हो, जो ईमान लाए और एक-दूसरे को धैर्य रखने की सलाह दी और एक-दूसरे को दया करने की सलाह दी।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْمَیْمَنَةِ ۟ؕ
यही लोग दाहिने हाथ वाले (सौभाग्यशाली) हैं।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِاٰیٰتِنَا هُمْ اَصْحٰبُ الْمَشْـَٔمَةِ ۟ؕ
और जिन लोगों ने हमारी आयतों का इनकार किया, वही लोग बाएँ हाथ वाले (दुर्भाग्यशाली) हैं।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
عَلَیْهِمْ نَارٌ مُّؤْصَدَةٌ ۟۠
उनपर (हर ओर से) बंद की हुई आग होगी।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
 
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แปล​ความหมาย​อัลกุรอาน​ - คำแปลภาษาฮินดี - สารบัญ​คำแปล

แปลความหมายอัลกุรอานเป็นภาษาอินเดียโดย อะซีซุลฮัก อัลอุมะรีย์

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