قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ * - ترجمے کی لسٹ

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معانی کا ترجمہ آیت: (114) سورت: سورۂ انعام
اَفَغَیْرَ اللّٰهِ اَبْتَغِیْ حَكَمًا وَّهُوَ الَّذِیْۤ اَنْزَلَ اِلَیْكُمُ الْكِتٰبَ مُفَصَّلًا ؕ— وَالَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ یَعْلَمُوْنَ اَنَّهٗ مُنَزَّلٌ مِّنْ رَّبِّكَ بِالْحَقِّ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِیْنَ ۟
तो क्या मैं अल्लाह के सिवा कोई और न्यायकर्ता तलाश करूँ, हालाँकि उसी ने तुम्हारी ओर यह विस्तारपूर्ण पुस्तक उतारी[71] है? तथा जिन लोगों को हमने पुस्तक[72] प्रदान की है, वे जानते हैं कि निश्चय यह आपके पालनहार की ओर से सत्य के साथ अवतरित की गई है। अतः आप हरगिज़ संदेह करने वालों में से न हों।
71. अर्थात इसमें निर्णय के नियमों का विवरण है। 72. अर्थात जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर जिबरील प्रथम वह़्य लाए और आपने मक्का के ईसाई विद्वान वरक़ा बिन नौफ़ल को बताया, तो उसने कहा कि यह वही फ़रिश्ता है जिसे अल्लाह ने मूसा पर उतारा था। (बुख़ारी : 3, मुस्लिम : 160) इसी प्रकार मदीना के यहूदी विद्वान अब्दुल्लाह बिन सलाम ने भी नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को माना और इस्लाम लाए।
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معانی کا ترجمہ آیت: (114) سورت: سورۂ انعام
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قرآن کریم کے معانی کا ہندی زبان میں ترجمہ: مولانا عزیز الحق عمری نے کیا ہے۔

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