Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Қуръон Карим мухтасар тафсирининг японча таржимаси * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (120) Сура: Наҳл сураси
إِنَّ إِبۡرَٰهِيمَ كَانَ أُمَّةٗ قَانِتٗا لِّلَّهِ حَنِيفٗا وَلَمۡ يَكُ مِنَ ٱلۡمُشۡرِكِينَ
イブラーヒームは全てのよい特徴を備え、主に対して常に従順で、他の宗教から離れてイスラームだけを奉じる者であり、多神教徒ではなかった。
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• اقتضت رحمة الله أن يقبل توبة عباده الذين يعملون السوء من الكفر والمعاصي، ثم يتوبون ويصلحون أعمالهم، فيغفر الله لهم.
●不信仰や罪を行った後、悔悟して行いを正す者の悔悟を、アッラーは受け入れ、その罪を赦す。それはアッラーのご慈悲によるものである。

• يحسن بالمسلم أن يتخذ إبراهيم عليه السلام قدوة له.
●ムスリムはイブラーヒームを模範とすべきである。

• على الدعاة إلى دين الله اتباع هذه الطرق الثلاث: الحكمة، والموعظة الحسنة، والمجادلة بالتي هي أحسن.
●アッラーの宗教へと招く者は、次の3つの手法に則る必要がある:英知、よい訓戒、最善の形での議論。

• العقاب يكون بالمِثْل دون زيادة، فالمظلوم منهي عن الزيادة في عقوبة الظالم.
●復讐は同等の形であり、それ以上のことをしてはならない。不正を受けた者は不正を行った者に、自分が受けた以上のことを返してはならない。

 
Маънолар таржимаси Оят: (120) Сура: Наҳл сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
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Қуръон Карим мухтасар тафсирининг японча таржимаси, мутаржим: Қуръон тадқиқотлари тафсир маркази

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