Qurani Kərimin mənaca tərcüməsi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tərcumənin mündəricatı


Mənaların tərcüməsi Ayə: (36) Surə: Səba
قُلْ اِنَّ رَبِّیْ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
(ऐ रसूल) आप इन लोगों से कह दें, जो अल्लाह की ओर से प्राप्त नेमतों के धोखे में पड़े हैं : मेरा सर्वशक्तिमान व महिमावान पालनहार जिसके लिए चाहता है, जीविका विस्तृत कर देता है उसका परीक्षण करने के लिए कि वह शुक्रिया अदा करता है या नाशुक्री करता है, तथा वह जिसके लिए चाहता है, रोज़ी तंग कर देता है यह जाँचने के लिए कि वह सब्र करता है या क्रोध प्रकट करता है? लेकिन ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि अल्लाह हिकमत वाला है। वह किसी मामले का निर्णय एक व्यापक हिकमत के तहत ही करता है, जिसे कुछ लोग जानते हैं, तो कुछ लोग उससे अनभिज्ञ होते हैं।
Ərəbcə təfsirlər:
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• تبرؤ الأتباع والمتبوعين بعضهم من بعض، لا يُعْفِي كلًّا من مسؤوليته.
• अनुयायियों तथा प्रमुखों का एक-दूसरे से अलगाव व्यक्त करना, उनमें से किसी को उसकी ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं करेगा।

• الترف مُبْعِد عن الإذعان للحق والانقياد له.
• विलासमयता (भोग-विलास में लिप्त होना) सत्य के प्रति समर्पित होने और उसका पालन करने से रोकती है।

• المؤمن ينفعه ماله وولده، والكافر لا ينتفع بهما.
• मोमिन को उसके धन और संतान से फायदा होता है, जबकि काफ़िर को उनसे कोई फायदा नहीं होता है।

• الإنفاق في سبيل الله يؤدي إلى إخلاف المال في الدنيا، والجزاء الحسن في الآخرة.
• अल्लाह के मार्ग में खर्च करने से दुनिया ही में उसकी भरपाई हो जाती है और आखिरत में अच्छा बदला मिलता है।

 
Mənaların tərcüməsi Ayə: (36) Surə: Səba
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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