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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: An-Naḥl   Vers:
وَلَقَدْ نَعْلَمُ اَنَّهُمْ یَقُوْلُوْنَ اِنَّمَا یُعَلِّمُهٗ بَشَرٌ ؕ— لِسَانُ الَّذِیْ یُلْحِدُوْنَ اِلَیْهِ اَعْجَمِیٌّ وَّهٰذَا لِسَانٌ عَرَبِیٌّ مُّبِیْنٌ ۟
हम जानते हैं कि बहुदेववादियों का कहना है कि : मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को क़ुरआन तो एक इनसान सिखाता है। हालाँकि वे अपने दावे में झूठे हैं। क्योंकि जिसके बारे में उनका ख़याल है कि वह आपको क़ुरआन सिखाता है, उसकी भाषा ग़ैर-अरबी है, और यह क़ुरआन उच्च बलाग़त (आलंकारिक शैली) वाले स्पष्ट अरबी भाषा में उतरा है। फिर वे कैसे दावा करते हैं कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने) इसे एक गैर-अरब व्यक्ति से सीखा है?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ ۙ— لَا یَهْدِیْهِمُ اللّٰهُ وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
निःसंदेह जो लोग अल्लाह की आयतों पर विश्वास नहीं रखते कि वे उसी महिमावान की ओर से हैं, अल्लाह उन्हें सत्य की ओर मार्गदर्शन का सामर्थ्य नहीं देता जब तक कि वे अपने इस रवैये पर अटल हैं। तथा अल्लाह के इनकार और उसकी आयतों को झुठलाने के कारण उनके लिए दर्दनाक यातना है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّمَا یَفْتَرِی الْكَذِبَ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ ۚ— وَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْكٰذِبُوْنَ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपने पालनहार की ओर से जो कुछ लाए हैं, उसमें वह झूठे नहीं हैं। बल्कि झूठ तो वे लोग गढ़ते हैं, जो अल्लाह की आयतों को सत्य नहीं मानते। क्योंकि उन्हें न किसी यातना का डर है, और न ही उन्हें किसी प्रतिफल की उम्मीद है। ये लोग जो कुफ़्र की विशेषता रखने वाले हैं, वे झूठे हैं। क्योंकि झूठ बोलना उनकी आदत है जिसके वे आदी हो चुके हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مَنْ كَفَرَ بِاللّٰهِ مِنْ بَعْدِ اِیْمَانِهٖۤ اِلَّا مَنْ اُكْرِهَ وَقَلْبُهٗ مُطْمَىِٕنٌّۢ بِالْاِیْمَانِ وَلٰكِنْ مَّنْ شَرَحَ بِالْكُفْرِ صَدْرًا فَعَلَیْهِمْ غَضَبٌ مِّنَ اللّٰهِ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِیْمٌ ۟
जिसने ईमान लाने के बाद अल्लाह के साथ कुफ़्र किया, सिवाय उस व्यक्ति के जिसे कुफ़्र पर मजबूर किया जाए और वह अपनी ज़बान से कुफ़्र के शब्द का उच्चारण कर ले, जबकि उसका दिल ईमान से संतुष्ट हो और उसकी सच्चाई पर विश्वास रखने वाला हो (तो उसका हुक्म अलग है)। लेकिन जिसका सीना कुफ़्र के लिए खुला हो और वह ईमान के स्थान पर उसी को चुन ले और आज्ञाकारी रूप से अपनी ज़बान से उसका उच्चारण करे, तो वह इस्लाम से फिर जाने वाला है। अतः ऐसे लोगों पर अल्लाह का क्रोध है और उनके लिए बहुत बड़ी यातना है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ذٰلِكَ بِاَنَّهُمُ اسْتَحَبُّوا الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا عَلَی الْاٰخِرَةِ ۙ— وَاَنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
इस्लाम से उनका यह फिर जाना इस कारण हुआ कि उन्होंने अपने कुफ़्र के बदले में प्राप्त होने वाले दुनिया के थोड़े-से अंश को आख़िरत पर वरीयता दी। और यह कि अल्लाह काफ़िर समुदाय को ईमान की तौफ़ीक़ नहीं देता, बल्कि उन्हें असहाय छोड़ देता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ طَبَعَ اللّٰهُ عَلٰی قُلُوْبِهِمْ وَسَمْعِهِمْ وَاَبْصَارِهِمْ ۚ— وَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْغٰفِلُوْنَ ۟
ईमान लाने के बाद उससे फिर जाने वाले लोगों के दिलों पर अल्लाह ने मुहर लगा दी है, इसलिए वे उपदेशों को नहीं समझते, और उनके कानों में मुहर लगा दी है, इसलिए उन्हें लाभ उठाने के उद्देश्य से नहीं सुनते, और उनकी आँखों पर परदे डाल दिए हैं, इसलिए वे ईमान का प्रमाण प्रस्तुत करने वाली निशानियों को नहीं देखते। और यही लोग हैं, जो सौभाग्य और दुर्भाग्य के कारणों से, तथा उस यातना से ग़ाफ़िल हैं, जो अल्लाह ने उनके लिए तैयार की है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَا جَرَمَ اَنَّهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟
वास्तव में, क़ियामत के दिन यही लोग घाटा उठाने वाले लोग हैं, जिन्होंने ईमान लाने के बाद कुफ़्र करके खुद अपना नुक़सान किया, जो यदि उसी पर क़ायम रहते, तो वे जन्नत में प्रवेश करते।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ثُمَّ اِنَّ رَبَّكَ لِلَّذِیْنَ هَاجَرُوْا مِنْ بَعْدِ مَا فُتِنُوْا ثُمَّ جٰهَدُوْا وَصَبَرُوْۤا ۙ— اِنَّ رَبَّكَ مِنْ بَعْدِهَا لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
फिर (ऐ रसूल!) आपका पालनहार उन कमज़ोर मोमिनों को क्षमा करने वाला और उनपर दया करने वाला है, जिन्होंने मक्का से मदीना की ओर हिजरत की, इसके पश्चात कि बहुदेववादियों ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनके धर्म के मामले में उनका परीक्षण किया, यहाँ तक कि वे कुफ़्र का शब्द बोनले पर विवश हो गए, लेकिन उनके दिल ईमान से संतुष्ट थे। फिर उन्होंने अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया ताकि अल्लाह की बात सर्वोच्च हो और काफ़िरों की बात नीची रहे और इस मार्ग में आने वाले कष्ट पर धैर्य रखा। निश्चित रूप से आपका पालनहार उस परीक्षण के बाद जिससे वे परीक्षित किए गए और उस प्रताड़ना के बाद जिससे वे प्रताड़ित किए गए, यहाँ तक कि कुफ़्र का शब्द बोलने पर मजबूर हो गए; (आपका पालनहार) उन्हें बहुत क्षमा करने वाला और उनपर अत्यंत दया करने वाला है। क्योंकि उन्होंने कुफ़्र के शब्द का उच्चारण केवल मजबूर किए जाने पर किया था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الترخيص للمُكرَه بالنطق بالكفر ظاهرًا مع اطمئنان القلب بالإيمان.
• मजबूर किए गए व्यक्ति को ज़ाहिरी तौर पर कुफ़्र का शब्द बोलने की छूट है, जबकि उसका दिल ईमान से संतुष्ट हो।

• المرتدون استوجبوا غضب الله وعذابه؛ لأنهم استحبوا الحياة الدنيا على الآخرة، وحرموا من هداية الله، وطبع الله على قلوبهم وسمعهم وأبصارهم، وجعلوا من الغافلين عما يراد بهم من العذاب الشديد يوم القيامة.
• इस्लाम से फिर जाने वाले अल्लाह के क्रोध और यातना के पात्र हुए; क्योंकि उन्होंने दुनिया के जीवन को आख़िरत की तुलना में पसंद किया। इसी कारण वे अल्लाह की हिदायत से वंचित कर दिए गए, और अल्लाह ने उनके दिलों, कानों और आँखों पर मुहर लगा दी और वे क़ियामत के दिन उन्हें मिलने वाली कठोर यातना से ग़ाफ़िल कर दिए गए।

• كَتَبَ الله المغفرة والرحمة للذين آمنوا، وهاجروا من بعد ما فتنوا، وصبروا على الجهاد.
• अल्लाह ने उन लोगों के लिए क्षमा और दया लिख दी है, जो ईमान लाए, आज़माइशों का सामना करने के बाद हिजरत की और जिहाद के मैदान में डटे रहे।

 
Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: An-Naḥl
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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans - Übersetzungen

Vom Tafsirzentrum für Quranwissenschaften herausgegeben.

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