Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (7) Surah / Kapitel: Tâ-Hâ
وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ یَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰی ۟
और यदि (ऐ रसूल!) आप ऊँची आवाज़ में बात करें अथवा चुपके से करें, वह पवित्र अल्लाह तो सब कुछ जानता है। क्योंकि वह गुप्त रहस्य को तथा गुप्त रहस्य से भी अधिक गुप्त चीज़, जैसे हृदय में उत्पन्न होने वाले विचारों एवं भावनाओं को भी जानता है। उससे उसमें से कुछ भी छिपा नहीं है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• ليس إنزال القرآن العظيم لإتعاب النفس في العبادة، وإذاقتها المشقة الفادحة، وإنما هو كتاب تذكرة ينتفع به الذين يخشون ربهم.
• महान क़ुरआन अपने आपको इबादत में थकाने और भारी कठिनाई में डालने के लिए नहीं उतारा गया है। बल्कि, वह एक अनुस्मारक पुस्तक है, जिससे वे लोग लाभान्वित होते हैं, जो अपने पालनहार का भय रखते हैं।

• قَرَن الله بين الخلق والأمر، فكما أن الخلق لا يخرج عن الحكمة؛ فكذلك لا يأمر ولا ينهى إلا بما هو عدل وحكمة.
• अल्लाह ने रचना और आदेश का एक साथ उल्लेख किया है। अतः जिस प्रकार उसकी रचना हिकमत से खाली नहीं है, उसी तरह उसका कोई आदेश या निषेध न्याय एवं हिकमत से खाली नहीं होता।

• على الزوج واجب الإنفاق على الأهل (المرأة) من غذاء وكساء ومسكن ووسائل تدفئة وقت البرد.
• पति का कर्तव्य है कि वह अपने परिवार (पत्नी) के लिए भोजन, वस्त्र, आवास और ठंड के समय गर्म करने के साधनों की व्यवस्था करे।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (7) Surah / Kapitel: Tâ-Hâ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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