Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (4) Surah / Kapitel: Al-Hajj
كُتِبَ عَلَیْهِ اَنَّهٗ مَنْ تَوَلَّاهُ فَاَنَّهٗ یُضِلُّهٗ وَیَهْدِیْهِ اِلٰی عَذَابِ السَّعِیْرِ ۟
इनसान और जिन्न के शैतानों में से उस सरकश के बारे में लिख दिया गया है कि जो उसके पीछे चलेगा और उसे सच्चा जानेगा, तो वह उसे सत्य मार्ग से भटका देगा और कुफ़्र तथा गुनाह के रास्ते पर डालकर उसे जहन्नम की यातना की ओर ले जाएगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• وجوب الاستعداد ليوم القيامة بزاد التقوى.
• तक़्वा के पाथेय के साथ क़ियामत के दिन के लिए तैयारी करने की अनिवार्यता।

• شدة أهوال القيامة حيث تنسى المرضعة طفلها وتسقط الحامل حملها وتذهب عقول الناس.
• क़ियामत की भयावहता की गंभीरता, जहाँ एक दूध पिलाने वाली औरत अपने बच्चे को भूल जाएगी, एक गर्भवती महिला अपना गर्भ गिरा देगी और लोगों की बुद्धियाँ चली जाएँगी।

• التدرج في الخلق سُنَّة إلهية.
• 'चरण–दर–चरण' पैदा करना एक ईश्वरीय नियम है।

• دلالة الخلق الأول على إمكان البعث.
• पहली बार पैदा करना, मरणोपरांत पुनर्जीवित कर उठाए जाने की संभावना को दर्शाता है।

• ظاهرة المطر وما يتبعها من إنبات الأرض دليل ملموس على بعث الأموات.
• आकाश से बारिश बरसना और उसके नतीजे में धरती का हरियाली युक्त हो जाना, मरे हुए लोगों को दोबारा ज़िंदा करने की स्पष्ट निशानी है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (4) Surah / Kapitel: Al-Hajj
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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