Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (62) Surah / Kapitel: Al-Furqân
وَهُوَ الَّذِیْ جَعَلَ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ خِلْفَةً لِّمَنْ اَرَادَ اَنْ یَّذَّكَّرَ اَوْ اَرَادَ شُكُوْرًا ۟
और अल्लाह ही है, जिसने रात और दिन को एक-दूसरे के आगे-पीछे आने वाला बना दिया, उस व्यक्ति के लिए जो अल्लाह की आयतों से उपदेश ग्रहण करना चाहे ताकि उसे मार्गदर्शन प्राप्त हो, अथवा अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्र अदा करना चाहे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الداعي إلى الله لا يطلب الجزاء من الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला लोगों से बदला नहीं माँगता।

• ثبوت صفة الاستواء لله بما يليق به سبحانه وتعالى.
• अल्लाह के लिए "इस्तिवा" (अर्श पर बुलंद होने) के गुण का प्रमाण, जैसा कि उस सर्वशक्तिमान की महिमा के योग्य है।

• أن الرحمن اسم من أسماء الله لا يشاركه فيه أحد قط، دال على صفة من صفاته وهي الرحمة.
• "रहमान" अल्लाह के नामों में से एक ऐसा नाम है, जिसमें कोइ कभी भी उसका साझी नहीं हो सकता। यह अल्लाह के गुणों में से एक गुण "रहमत" (दया) को इंगित करता है।

• إعانة العبد بتعاقب الليل والنهار على تدارُكِ ما فاتَهُ من الطاعة في أحدهما.
• रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे लाकर बंदे की उस नेकी के कार्य की भरपाई करने में मदद करना, जो उससे उन दोनों में से किसी एक में छूट गया है।

• من صفات عباد الرحمن التواضع والحلم، وطاعة الله عند غفلة الناس، والخوف من الله، والتزام التوسط في الإنفاق وفي غيره من الأمور.
• अल्लाह के सदाचारी बंदों के गुणों में विनम्रता, सहनशीलता, लोगों की लापरवाह के समय अल्लाह की आज्ञाकारिता, अल्लाह का भय, तथा खर्च करने और अन्य मामलों में मध्यमता अपनाने की प्रतिबद्धता शामिल है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (62) Surah / Kapitel: Al-Furqân
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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