Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (14) Surah / Kapitel: Ash-Shu‘arâ’
وَلَهُمْ عَلَیَّ ذَنْۢبٌ فَاَخَافُ اَنْ یَّقْتُلُوْنِ ۟ۚۖ
तथा मेरे एक क़िबती को मारने के कारण, उनका मेरे खिलाफ एक जुर्म का आरोप है। इसलिए मुझे डर है कि वे मुझे मार डालेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• حرص الرسول صلى الله عليه وسلم على هداية الناس.
• लोगों के मार्गदर्शन के लिए रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उत्सुकता।

• إثبات صفة العزة والرحمة لله.
• अल्लाह के लिए 'इज़्ज़त' (प्रभुत्व) एवं 'रहमत' (दया) की विशेषताओं का सबूत।

• أهمية سعة الصدر والفصاحة للداعية.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले के लिए कुशादा दिल तथा सुभाषी होने का महत्व।

• دعوات الأنبياء تحرير من العبودية لغير الله.
• सभी नबियों का आहवान अल्लाह के अलावा किसी और की गुलामी से मुक्ति दिलाना है।

• احتج فرعون على رسالة موسى بوقوع القتل منه عليه السلام فأقر موسى بالفعلة، مما يشعر بأنها ليست حجة لفرعون بالتكذيب.
• फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम की पैग़ंबरी के विरुद्ध एक तर्क यह पेश किया कि उनसे एक व्यक्ति की हत्या हुई है। तो मूसा अलैहिस्सलाम ने इस कार्य को स्वीकार किया। जिससे इंगित होता है कि यह फ़िरऔन के लिए झुठलाने का कोई तर्क नहीं है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (14) Surah / Kapitel: Ash-Shu‘arâ’
Suren/ Kapiteln Liste Nummer der Seite
 
Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Schließen