Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (91) Surah / Kapitel: An-Naml
اِنَّمَاۤ اُمِرْتُ اَنْ اَعْبُدَ رَبَّ هٰذِهِ الْبَلْدَةِ الَّذِیْ حَرَّمَهَا وَلَهٗ كُلُّ شَیْءٍ ؗ— وَّاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : मुझे तो केवल यही आदेश दिया गया है कि मैं मक्का (नगर) के पालनहार की उपासना करूँ, जिसने इसे प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्रदान किया है। अतः इसमें रक्त नहीं बहाया जाएगा, इसमें किसी पर अत्याचार नहीं किया जाएगा, इसके शिकार को नहीं मारा जाएगा और यहाँ के पेड़ों को नहीं काटा जाएगा। वही पवित्र अल्लाह हर वस्तु का मालिक है। तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं अल्लाह के आगे समर्पण करने वालों, उसके आज्ञाकारियों में से हो जाऊँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (91) Surah / Kapitel: An-Naml
Suren/ Kapiteln Liste Nummer der Seite
 
Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Schließen