Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (113) Surah / Kapitel: Al -I-‘Imrân
لَیْسُوْا سَوَآءً ؕ— مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ اُمَّةٌ قَآىِٕمَةٌ یَّتْلُوْنَ اٰیٰتِ اللّٰهِ اٰنَآءَ الَّیْلِ وَهُمْ یَسْجُدُوْنَ ۟
किताब वाले अपनी स्थिति में समान नहीं हैं। बल्कि उनमें से एक समूह अल्लाह के धर्म पर सुदृढ़ है और अल्लाह के आदेश व निषेध का पालन करता हैं। वे रात की घड़ियों में अल्लाह की आयतों का पाठ करते हैं जबकि वे अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ रहे होते हैं। यह समूह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले था और उनमें से जिसे नुबुव्वत का समय काल मिला, उसने इस्लाम ग्रहण कर लिया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• أعظم ما يميز هذه الأمة وبه كانت خيريتها - بعد الإيمان بالله - الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر.
• सबसे बड़ी बात जो इस उम्मत को उत्कृष्ट करती है और जो – अल्लाह पर ईमान के बाद – इसके सर्वोत्तम उम्मत होने का कारण है, भलाई का आदेश देना और बुराई से रोकना है।

• قضى الله تعالى بالذل على أهل الكتاب لفسقهم وإعراضهم عن دين الله، وعدم وفائهم بما أُخذ عليهم من العهد.
• अल्लाह ने किताब वालों के प्रति अपमान का फैसला कर दिया है, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की अवज्ञा की, अल्लाह के धर्म से उपेक्षा किया और उस वचन को पूरा नहीं किया जो उनसे लिया गया था।

• أهل الكتاب ليسوا على حال واحدة؛ فمنهم القائم بأمر الله، المتبع لدينه، الواقف عند حدوده، وهؤلاء لهم أعظم الأجر والثواب. وهذا قبل بعثة النبي محمد صلى الله عليه وسلم.
• सभी अह्ले किताब एक जैसे नहीं हैं। चुनाँचे उनमें से कुछ लोग अल्लाह की आज्ञा का पालन करने वाले, उसके धर्म का अनुसरण करने वाले और उसकी सीमाओं के पास ठहरने वाले हैं। ऐसे लोगों के लिए सबसे बड़ा प्रतिफल और इनाम है। यह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईशदूत बनाए जाने से पहले की बात है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (113) Surah / Kapitel: Al -I-‘Imrân
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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