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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Ar-Rūm   Vers:
وَاَمَّا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَلِقَآئِ الْاٰخِرَةِ فَاُولٰٓىِٕكَ فِی الْعَذَابِ مُحْضَرُوْنَ ۟
और जिन लोगों ने अल्लाह का इनकार किया और हमारे रसलू पर उतारी गई हमारी आयतों को झुठलाया, और मरणोपरांत दोबारा जीवित किए जाने और हिसाब को झुठलाया, तो वे यातना के लिए प्रस्तुत किए जाएँगे और सदा यातना ही में पड़े होंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَسُبْحٰنَ اللّٰهِ حِیْنَ تُمْسُوْنَ وَحِیْنَ تُصْبِحُوْنَ ۟
अतः तुम संध्या के समय में प्रवेश करने पर अल्लाह की पवित्रता बयान करो; जो कि मग़रिब और इशा की नमाज़ का समय है, तथा सुबह के समय में प्रवेश करने पर उसकी पवित्रता बयान करो; जो कि फ़ज्र की नमाज़ का समय है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَلَهُ الْحَمْدُ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَعَشِیًّا وَّحِیْنَ تُظْهِرُوْنَ ۟
केवल उसी महिमावान के लिए सब प्रशंसा है; आकाशों में उसके फ़रिश्ते उसकी प्रशंसा करते हैं, और धरती पर उसकी मखलूक़ात उसकी प्रशंसा करती हैं। और तुम उसकी पवित्रता बयान करो, जब तुम शाम में प्रवेश करते हो, जो कि अस्र की नमाज़ का समय है, तथा उसकी पवित्रता बयान करो, जब तुम ज़ुहर के समय में प्रवेश करते हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یُخْرِجُ الْحَیَّ مِنَ الْمَیِّتِ وَیُخْرِجُ الْمَیِّتَ مِنَ الْحَیِّ وَیُحْیِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— وَكَذٰلِكَ تُخْرَجُوْنَ ۟۠
वह जीवित को मृत से निकालता है, जैसे इनसान को नुत्फ़ा (शुक्राणु) से निकालता है और चूज़े को अंडे से निकालता है। और मृत को जीवित से निकालता है, जैसे नुत्फ़ा (शुक्राणु) को इनसान से और अंडे को मुर्गी से निकालता है। और धरती को उसके सूखने के बाद बारिश उतारकर और उसे अंकुरित करके पुनर्जीवित करता है। तथा धरती को उसे अंकुरित करके पुनर्जीवित करने की तरह, तुम अपनी क़ब्रों से हिसाब और बदले के लिए निकाले जाओगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖۤ اَنْ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ اِذَاۤ اَنْتُمْ بَشَرٌ تَنْتَشِرُوْنَ ۟
अल्लाह की शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से यह है कि : उसने (ऐ लोगो!) तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, जब उसने तुम्हारे पिता (आदम) को मिट्टी से बनाया, फिर अचानक तुम मनुष्य हो, जो प्रजनन के माध्यम से बढ़ रहे हो और धरती के पूर्व और पश्चिम में फैल रहे हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖۤ اَنْ خَلَقَ لَكُمْ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ اَزْوَاجًا لِّتَسْكُنُوْۤا اِلَیْهَا وَجَعَلَ بَیْنَكُمْ مَّوَدَّةً وَّرَحْمَةً ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّتَفَكَّرُوْنَ ۟
इसी तरह उसकी शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से यह भी है कि (ऐ पुरुषो) उसने तुम्हारे लिए तुम्हारे ही वर्ग से पत्नियाँ पैदा कीं, ताकि तुम्हारे बीच सामंजस्य के कारण उनके पास तुम्हें राहत व आराम मिले। और उनके और तुम्हारे बीच प्रेम और करुणा रख दी। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए स्पष्ट सबूत और संकेत हैं, जो सोच-विचार करते हैं, क्योंकि वही लोग अपने विवेक का प्रयोग करके लाभ उठाते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖ خَلْقُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَاخْتِلَافُ اَلْسِنَتِكُمْ وَاَلْوَانِكُمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّلْعٰلِمِیْنَ ۟
उसकी शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से : आकाशों का निर्माण तथा पृथ्वी का निर्माण है। तथा उन्हीं में से तुम्हारी भाषाओं की विविधता और तुम्हारे रंगों का अलग-अलग होना है। निश्चय यह जो कुछ उल्लेख हुआ है, उसमें ज्ञान और अंतर्दृष्टि रखने वाले लोगों के लिए प्रमाण और संकेत हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖ مَنَامُكُمْ بِالَّیْلِ وَالنَّهَارِ وَابْتِغَآؤُكُمْ مِّنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّسْمَعُوْنَ ۟
और उसकी शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से : तुम्हारा रात में सोना तथा तुम्हारा दिन के समय सोना है, ताकि तुम अपने काम की थकान से आराम हासिल करो। तथा उसकी निशानियों में से एक यह है कि उसने तुम्हारे लिए दिन बनाया, ताकि तुम उसमें अपने पालनहार की रोज़ी तलाश करते हुए फैल जाओ। निश्चित रूप से यह जो कुछ उल्लेख हुआ है, उसमें उन लोगों के लिए बहुत-से प्रमाण और संकेत हैं, जो चिंतन करने और स्वीकार करने के इरादे से सुनते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ اٰیٰتِهٖ یُرِیْكُمُ الْبَرْقَ خَوْفًا وَّطَمَعًا وَّیُنَزِّلُ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَیُحْیٖ بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّعْقِلُوْنَ ۟
और उसकी शक्ति और एकता को दर्शाने वाली उसकी महान निशानियों में से : यह भी है कि वह तुम्हें आसमान में बिजली (की चमक) दिखाता है, और तुम्हारे लिए उसमें बिजली का भय और बारिश की लालच एकत्र कर देता है। और तुम्हारे लिए आसमान से बारिश का पानी उतारता है, फिर उसके द्वारा सूखी धरती को, उसमें पौधे उगाकर जीवित कर देता है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए स्पष्ट प्रमाण और संकेत हैं, जो समझ-बूझ रखते हैं। चुनाँचे वे इनसे मौत के बाद हिसाब और बदला के लिए पुनर्जीवित किए जाने का प्रमाण ग्रहण करते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• إعمار العبد أوقاته بالصلاة والتسبيح علامة على حسن العاقبة.
• बंदे का अपने समय को नमाज़ और तसबीह में बिताना, अच्छे अंत की निशानी है।

• الاستدلال على البعث بتجدد الحياة، حيث يخلق الله الحي من الميت والميت من الحي.
• जीवन के नवीकरण से मरणोपरांत दोबारा जीवित होने का प्रमाण निष्कर्षित करना, क्योंकि अल्लाह जीवित को मृत से और मृत को जीवित से पैदा करता है।

• آيات الله في الأنفس والآفاق لا يستفيد منها إلا من يُعمِل وسائل إدراكه الحسية والمعنوية التي أنعم الله بها عليه.
• इनसानों के स्वयं अपने अंदर और संसार में फैली हुई अल्लाह की निशानियों से वही लाभ उठाता है, जो अल्लाह के प्रदान किए हुए बोधन के मूर्त एवं अमूर्त साधनों को काम में लाता है।

 
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Vom Tafsirzentrum für Quranwissenschaften herausgegeben.

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