Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (53) Surah / Kapitel: Az-Zukhruf
فَلَوْلَاۤ اُلْقِیَ عَلَیْهِ اَسْوِرَةٌ مِّنْ ذَهَبٍ اَوْ جَآءَ مَعَهُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ مُقْتَرِنِیْنَ ۟
तो उसे रसूल बनाकर भेजने वाले अल्लाह ने उसपर सोने के कंगन क्यों नहीं उतारे; यह दिखाने के लिए कि वह अल्लाह का रसूल है, या उसके साथ सिलसिलेवार फ़रिश्ते क्यों न आए?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• نَكْث العهود من صفات الكفار.
• वचन तोड़ना काफ़िरों की विशेषताओं में से है।

• الفاسق خفيف العقل يستخفّه من أراد استخفافه.
• अवज्ञाकारी अल्पबुद्धि वाला होता है। उसे जो चाहे, बेवकूफ़ बना जाए।

• غضب الله يوجب الخسران.
• अल्लाह का क्रोध हानि का कारण बनता है।

• أهل الضلال يسعون إلى تحريف دلالات النص القرآني حسب أهوائهم.
• गुमराह लोग क़ुरआनी आयतों के अर्थों को अपनी इच्छाओं के अनुसार विकृत करने की कोशिश करते हैं।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (53) Surah / Kapitel: Az-Zukhruf
Suren/ Kapiteln Liste Nummer der Seite
 
Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Schließen