Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (3) Surah / Kapitel: Ad-Dukhân
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने क़ुरआन को लैलतुल-क़द्र (सम्मानित रात) में उतारा है, जो बहुत अच्छाइयों वाली रात है। हम इस क़ुरआन के माध्यम से डराने वाले हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• نزول القرآن في ليلة القدر التي هي كثيرة الخيرات دلالة على عظم قدره.
• क़ुरआन का लैलतुल-क़द्र में अवतरित होना, जो कि बहुत अच्छाइयों वाली रात है, उसकी महानता को दर्शाता है।

• بعثة الرسل ونزول القرآن من مظاهر رحمة الله بعباده.
• रसूलों का भेजना और क़ुरआन का उतरना, अल्लाह की अपने बंदों पर दया के प्रतीकों में से है।

• رسالات الأنبياء تحرير للمستضعفين من قبضة المتكبرين.
• रसूलों के संदेश का उद्देश्य कमज़ोरों को अहंकारियों के चंगुल से मुक्त करना है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (3) Surah / Kapitel: Ad-Dukhân
Suren/ Kapiteln Liste Nummer der Seite
 
Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Schließen