Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (14) Surah / Kapitel: Muhammad
اَفَمَنْ كَانَ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ كَمَنْ زُیِّنَ لَهٗ سُوْٓءُ عَمَلِهٖ وَاتَّبَعُوْۤا اَهْوَآءَهُمْ ۟
क्या वह व्यक्ति जिसके पास अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण और खुला तर्क है और वह उसकी इबादत ज्ञान और अंतर्दृष्टि के साथ करता है, उस व्यक्ति की तरह है, जिसके लिए शैतान ने उसके बुरे काम को सुंदर बना दिया, तथा उन्होंने अपनी इच्छाओं का पालन करते हुए मूर्तियों की पूजा की, पाप किए और रसूलों को झुठलाया?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• اقتصار همّ الكافر على التمتع في الدنيا بالمتع الزائلة.
• काफ़िर की चिंता दुनिया में नश्वर सुखों का आनंद लेने तक सीमित होती है।

• المقابلة بين جزاء المؤمنين وجزاء الكافرين تبيّن الفرق الشاسع بينهما؛ ليختار العاقل أن يكون مؤمنًا، ويختار الأحمق أن يكون كافرًا.
• मोमिनों के प्रतिफल और काफ़िरों के प्रतिफल के बीच तुलना करना उन दोनों के बीच विशाल अंतर को दर्शाता है; ताकि बुद्धिमान व्यक्ति मोमिन होने का चुनाव कर ले और मूर्ख व्यक्ति काफिर होने का चुनाव कर ले।

• بيان سوء أدب المنافقين مع رسول الله صلى الله عليه وسلم.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ मुनाफ़िक़ों के बुरे व्यवहार का वर्णन।

• العلم قبل القول والعمل.
• कुछ कहने अथवा करने से पहले ज्ञान ज़रूरी है।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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