Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (17) Surah / Kapitel: Al-Fath
لَیْسَ عَلَی الْاَعْمٰی حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْاَعْرَجِ حَرَجٌ وَّلَا عَلَی الْمَرِیْضِ حَرَجٌ ؕ— وَمَنْ یُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ یُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۚ— وَمَنْ یَّتَوَلَّ یُعَذِّبْهُ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
जो व्यक्ति अंधापन, या लंगड़ापन, या बीमारी के कारण अक्षम है, यदि वह अल्लाह के मार्ग में लड़ने से पीछे रह गया, तो उसपर कोई पाप नहीं है। और जो अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करेगा, वह उसे ऐसे बाग़ों में दाखिल करेगा, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हैं। और जो उन दोनों की आज्ञाकारिता से मुँह फेरेगा, अल्लाह उसे दर्दनाक अज़ाब देगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• إخبار القرآن بمغيبات تحققت فيما بعد - مثل الفتوح الإسلامية - دليل قاطع على أن القرآن الكريم من عند الله.
• क़ुरआन का ग़ैब की चीज़ों (अनदेखी चीज़ों) के बारे में बताना जो बाद में सच साबित हुईं (जैसे कि इस्लामी विजय), इस बात का निर्णायक सबूत है कि क़ुरआन अल्लाह की ओर से है।

• تقوم أحكام الشريعة على الرفق واليسر.
• शरीयत के अहकाम (नियम) नरमी और आसानी पर आधारित हैं।

• جزاء أهل بيعة الرضوان منه ما هو معجل، ومنه ما هو مدَّخر لهم في الآخرة.
• 'बैअत-ए- रिज़वान' में शामिल सहाबा को उनके बदले का कुछ भाग दुनिया ही में दे दिया गया और कुछ भाग आखिरत के लिए सुरक्षित रखा गया है।

• غلبة الحق وأهله على الباطل وأهله سُنَّة إلهية.
• असत्य और उसके अनुयायियों पर सत्य और उसके अनुयायियों का प्रभुत्व एक ईश्वरीय परंपरा है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (17) Surah / Kapitel: Al-Fath
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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