Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (6) Surah / Kapitel: Al-Hujurât
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنْ جَآءَكُمْ فَاسِقٌ بِنَبَاٍ فَتَبَیَّنُوْۤا اَنْ تُصِیْبُوْا قَوْمًا بِجَهَالَةٍ فَتُصْبِحُوْا عَلٰی مَا فَعَلْتُمْ نٰدِمِیْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! यदि कोई दुराचारी व्यक्ति तुम्हारे पास किसी समुदाय के बारे में कोई समाचार लेकर आए, तो उसके समाचार की प्रामाणिकता को सत्यापित कर लिया करो, और उसपर विश्वास करने में जल्दबाज़ी न करो; ऐसा न हो कि (यदि तुमने बिना छानबीन के उसकी खबर पर विश्वास कर लिया) तुम किसी समुदाय को कुछ नुक़सान पहुँचा दो, जबकि तुम उनके बारे में सच्चाई से अनजान हो। फिर उन्हें नुक़सान पहुँचाने के बाद तुम्हें पछताना पड़े, जब तुम्हारे लिए यह स्पष्ट हो जाए कि उसकी ख़बर झूठी है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• وجوب التثبت من صحة الأخبار، خاصة التي ينقلها من يُتَّهم بالفسق.
• समाचारों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने की अनिवार्यता, विशेष रूप से उन समाचारों की, जिन्हें पहुँचाने वाला दुराचार से आरोपित हो।

• وجوب الإصلاح بين من يتقاتل من المسلمين، ومشروعية قتال الطائفة التي تصر على الاعتداء وترفض الصلح.
• आपस में लड़ने वाले मुसलमानों के बीच सुलह कराने की अनिवार्यता, और उस समूह से लड़ने की वैधता जो ज़्यादती करने पर अडिग है और सुलह को अस्वीकार करती है।

• من حقوق الأخوة الإيمانية: الصلح بين المتنازعين والبعد عما يجرح المشاعر من السخرية والعيب والتنابز بالألقاب.
• ईमानी भाईचारे के अधिकारों में : विवाद करने वालों के बीच सुलह कराना, भावनाओं को आहत करने वाली चीजों जैसे कि मज़ाक़ उड़ाने, दोष लगाने और बुरे उपनामों से पुकारने से दूर रहना, है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (6) Surah / Kapitel: Al-Hujurât
Suren/ Kapiteln Liste Nummer der Seite
 
Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Schließen