Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Adh-Dhâriyât   Vers:

सूरा अज़्-ज़ारियात

Die Ziele der Surah:
تعريف الجن والإنس بأن مصدر رزقهم من الله وحده؛ ليخلصوا له العبادة.
जिन्न और मानव को इस बात से अवगत कराना कि उनकी जीविका का स्रोत केवल अल्लाह की ओर से है; ताकि वे इबादत को उसी के लिए विशिष्ट करें।

وَالذّٰرِیٰتِ ذَرْوًا ۟ۙ
अल्लाह उन हवाओं की क़सम खाता है, जो धूल उड़ाती हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَالْحٰمِلٰتِ وِقْرًا ۟ۙ
और उन बादलों की क़सम खाता है, जो प्रचुर मात्रा में पानी उठाए होते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَالْجٰرِیٰتِ یُسْرًا ۟ۙ
और उन नावों की क़सम खाता है, जो समुद्र में आसानी से चलती हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَالْمُقَسِّمٰتِ اَمْرًا ۟ۙ
और उन फ़रिश्तों की क़सम खाता है, जो बंदों के मामलों में से उस चीज़ को विभाजित करते हैं, जिसे विभाजित करने का अल्लाह ने उन्हें आदेश दिया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّمَا تُوْعَدُوْنَ لَصَادِقٌ ۟ۙ
निःसंदेह तुम्हारा पालनहार तुमसे जिस हिसाब और बदले का वादा करता है, वह निश्चय सत्य है, उसमें कोई संदेह नहीं है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّاِنَّ الدِّیْنَ لَوَاقِعٌ ۟ؕ
निःसंदेह क़ियामत के दिन बंदों का हिसाब अनिवार्य रूप से घटित होने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الاعتبار بوقائع التاريخ من شأن ذوي القلوب الواعية.
• इतिहास की घटनाओं से वही लोग सीख प्राप्त करते हैं, जिनके पास समझने वाले दिल हों।

• خلق الله الكون في ستة أيام لِحِكَم يعلمها الله، لعل منها بيان سُنَّة التدرج.
• अल्लाह ने ब्रह्मांड को छह दिनों में कुछ हिकमतों के तहत पैदा किया है, जिन्हें अल्लाह ही जानता है। शायद कि उनमें से एक हिकमत क्रमिकता के नियम की व्याख्या है।

• سوء أدب اليهود في وصفهم الله تعالى بالتعب بعد خلقه السماوات والأرض، وهذا كفر بالله.
• यहूदियों का अल्लाह को आकाशों और धरती की रचना करने के बाद थकान से वर्णित करने में बुरा आचरण। यह दरअसल अल्लाह के साथ कुफ़्र है।

وَالسَّمَآءِ ذَاتِ الْحُبُكِ ۟ۙ
और अल्लाह सुंदर रचना तथा रास्तों वाले आसमान की क़सम खाता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّكُمْ لَفِیْ قَوْلٍ مُّخْتَلِفٍ ۟ۙ
निश्चय (ऐ मक्का वालो!) तुम एक विरोधाभासी और परस्पर विरोधी बात में पड़े हो। कभी तुम कहते हो : क़ुरआन जादू है, तो कभी कहते हो कि काव्य (शे'र) है। इसी तरह कभी कहते हो कि मुहम्मद जादूगर हैं, तो कभी कहते हो कि कवि (शा'इर) हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یُّؤْفَكُ عَنْهُ مَنْ اُفِكَ ۟ؕ
क़ुरआन तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाने से वही फेरा जाता है, जो अल्लाह के ज्ञान में उससे फेर दिया गया है; क्योंकि अल्लाह को पता है कि वह ईमान नहीं लाएगा, इसलिए उसे हिदायत की तौफ़ीक़ नहीं देता।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُتِلَ الْخَرّٰصُوْنَ ۟ۙ
ये झूठे लोग शापित किए गए, जिन्होंने क़ुरआन तथा अपने नबी के बारे में जो कहा वह कहा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
الَّذِیْنَ هُمْ فِیْ غَمْرَةٍ سَاهُوْنَ ۟ۙ
जो लोग अज्ञान में हैं, आख़िरत के घर से ग़ाफ़िल हैं। उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یَسْـَٔلُوْنَ اَیَّانَ یَوْمُ الدِّیْنِ ۟ؕ
वे पूछते हैं : बदले का दिन कब है? जबकि वे उसके लिए काम नहीं करते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یَوْمَ هُمْ عَلَی النَّارِ یُفْتَنُوْنَ ۟
अल्लाह उन्हें उनके प्रश्न का उत्तर देता है : जिस दिन वे आग पर यातना दिए जाएँगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
ذُوْقُوْا فِتْنَتَكُمْ ؕ— هٰذَا الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
उनसे कहा जाएगा : तुम अपनी यातना का स्वाद चखो। यह वही (यातना) है, जिसे तुम उपहास के तौर पर जल्दी लाने के लिए कह रहे थे, जब तुम्हें इससे डराया जाता था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ جَنّٰتٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
निश्चय जो लोग अपने रब से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरने वाले हैं, क़ियामत के दिन बगीचों तथा बहते जल स्रोतों में होंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اٰخِذِیْنَ مَاۤ اٰتٰىهُمْ رَبُّهُمْ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَبْلَ ذٰلِكَ مُحْسِنِیْنَ ۟ؕ
जो कुछ उनका रब उन्हें सम्माननीय प्रतिफल प्रदान करेगा, उसे लेने वाले होंगे। निश्चय वे इस सम्माननीय प्रतिफल से पहले दुनिया में अच्छे कार्य करने वाले थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
كَانُوْا قَلِیْلًا مِّنَ الَّیْلِ مَا یَهْجَعُوْنَ ۟
वे रात में उठकर नमाज़ पढ़ा करते थे। रात का बहुत कम भाग सोकर बिताते थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَبِالْاَسْحَارِ هُمْ یَسْتَغْفِرُوْنَ ۟
तथा रात की आखिरी घड़ियों में अल्लाह से अपने गुनाहों की क्षमा माँगते थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِیْۤ اَمْوَالِهِمْ حَقٌّ لِّلسَّآىِٕلِ وَالْمَحْرُوْمِ ۟
तथा उनके धन में माँगने वाले के लिए तथा उसके लिए जो उनसे नहीं माँगता, जो किसी भी कारण से जीविका से वंचित है, एक हक़ (भाग) था, जिसे वे स्वेच्छा से देते थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِی الْاَرْضِ اٰیٰتٌ لِّلْمُوْقِنِیْنَ ۟ۙ
तथा धरती में और उसमें अल्लाह के रखे हुए पहाड़ों, समुद्रों, नदियों, पेड़ों, पौधों और जानवरों में, उन लोगों के लिए अल्लाह की शक्ति के कई संकेत हैं, जो पूर्ण विश्वास रखने वाले हैं कि अल्लाह ही स्रष्टा और रूप बनाने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِیْۤ اَنْفُسِكُمْ ؕ— اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ۟
और खुद तुम्हारे अंदर भी (ऐ लोगो!) अल्लाह की शक्ति की बहुत-सी निशानियाँ हैं। तो क्या तुम नहीं देखते कि विचार करो?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِی السَّمَآءِ رِزْقُكُمْ وَمَا تُوْعَدُوْنَ ۟
और आसमान ही में तुम्हारी सांसारिक और धार्मिक जीविका है, तथा उसी में वह भी है जो तुमसे अच्छे या बुरे का वादा किया जाता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَوَرَبِّ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ اِنَّهٗ لَحَقٌّ مِّثْلَ مَاۤ اَنَّكُمْ تَنْطِقُوْنَ ۟۠
आकाश और धरती के पालनहार की क़सम! निःसंदेह मरने के बाद पुनर्जीवन निश्चय सत्य है, जिसके बारे में कोई संदेह नहीं है। बिलकुल वैसे ही, जैसे जब तुम बोलते हो, तो तुम्हारे बोलने में कोई संदेह नहीं होता।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
هَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ ضَیْفِ اِبْرٰهِیْمَ الْمُكْرَمِیْنَ ۟ۘ
क्या (ऐ रसूल!) आपके पास इबराहीम अलैहिस्सलाम के मेहमानों की खबर आई है, जो फरिश्तों में से थे, जिन्हें इबराहीम अलैहिस्सलाम ने सम्मान दिया था?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِذْ دَخَلُوْا عَلَیْهِ فَقَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ سَلٰمٌ ۚ— قَوْمٌ مُّنْكَرُوْنَ ۟
जब वे इबराहीम अलैहिस्सलाम के पास आए, तो उन्हें सलाम किया, तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने उनके जवाब में सलाम कहा और अपने दिल में कहा : ये ऐसे लोग हैं, जिन्हें हम नहीं जानते।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَرَاغَ اِلٰۤی اَهْلِهٖ فَجَآءَ بِعِجْلٍ سَمِیْنٍ ۟ۙ
फिर वह चुपके से अपने घर वालों के पास गए और उनके पास से (भुना हुआ) मोटा-ताज़ा पूरा बछड़ा ले आए; उन्होंने यह सोचा कि वे इनसान हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَقَرَّبَهٗۤ اِلَیْهِمْ قَالَ اَلَا تَاْكُلُوْنَ ۟ؗ
फिर बछड़े को उनके सामने रख दिया और उनसे नम्रता से कहा : क्या तुम उस भोजन को नहीं खाते, जो तुम्हें पेश किया गया है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِیْفَةً ؕ— قَالُوْا لَا تَخَفْ ؕ— وَبَشَّرُوْهُ بِغُلٰمٍ عَلِیْمٍ ۟
जब उन्होंने कुछ नहीं खाया, तो इबराहीम अलैहिस्सलाम ने अपने दिल में उनसे भय महसूस किया, जिसे वे समझ गए। अतः उन्हें संतोष देते हुए कहा : डरिए नहीं, हम अल्लाह के संदेशवाहक हैं। और उन्हें प्रसन्नता भरी खबर सुनाई, कि उनके यहाँ एक बड़ा ज्ञानी बालक पैदा होगा। यहाँ जिस बच्चे की खुशख़बरी दी गई है, वह इसहाक़ अलैहिस्सलाम हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَقْبَلَتِ امْرَاَتُهٗ فِیْ صَرَّةٍ فَصَكَّتْ وَجْهَهَا وَقَالَتْ عَجُوْزٌ عَقِیْمٌ ۟
जब उनकी पत्नी ने खुशख़बरी सुनी, तो खुशी से चिल्लाती हुई आई। उसने अपना चेहरा पीट लिया और आश्चर्य से कहा : क्या एक बूढ़ी औरत बच्चा जनेगी, जबकि वह मूल रूप से बाँझ है!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالُوْا كَذٰلِكِ ۙ— قَالَ رَبُّكِ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْحَكِیْمُ الْعَلِیْمُ ۟
फ़रिश्तों ने उनसे कहा : जो कुछ हमने तुम्हें बताया है, वह तुम्हारे रब ने कहा है।और उसकी बात को कोई टालने वाला नहीं है। निश्चय वह अपनी रचना और नियति में पूर्ण हिकमत वाला, अपनी सृष्टि और उनके लिए उपयुक्त चीज़ों (उनके हितों) को खूब जानने वाला है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• إحسان العمل وإخلاصه لله سبب لدخول الجنة.
• अच्छा काम करना और उसे अल्लाह ही के लिए करना जन्नत में प्रवेश करने का एक कारण है।

• فضل قيام الليل وأنه من أفضل القربات.
• रात की नमाज़ (तहज्जुद) की फ़ज़ीलत तथा यह इबादत के सबसे अच्छे कार्यों में से है।

• من آداب الضيافة: رد التحية بأحسن منها، وتحضير المائدة خفية، والاستعداد للضيوف قبل نزولهم، وعدم استثناء شيء من المائدة، والإشراف على تحضيرها، والإسراع بها، وتقريبها للضيوف، وخطابهم برفق.
• अतिथि सत्कार के कुछ शिष्टाचार ये हैं : सलाम का उससे बेहतर जवाब देना, गुप्त रूप से दस्तरख़ान तैयार करना, अतिथियों के आने से पहले उनके लिए तैयारी करना, दस्तरख़ान से किसी चीज़ को अलग करके न रखना, दस्तरख़ान की तैयारी की निगरानी करना, उसे जल्दी से लेकर आना, उसे अतिथियों के निकट रखना और उन्हें नर्मी से संबोधित करना।

قَالَ فَمَا خَطْبُكُمْ اَیُّهَا الْمُرْسَلُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने फ़रिश्तों से कहा : तुम्हारा क्या मामला है और तुम किस उद्देश्य से आए हो?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالُوْۤا اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمٍ مُّجْرِمِیْنَ ۟ۙ
फ़रिश्तों ने उनके जवाब में कहा : अल्लाह ने हमें कुछ अपराधी लोगों की ओर भेजा है, जो घिनौने पाप करते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لِنُرْسِلَ عَلَیْهِمْ حِجَارَةً مِّنْ طِیْنٍ ۟ۙ
ताकि हम उनपर कठोर मिट्टी के पत्थर बरसाएँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مُّسَوَّمَةً عِنْدَ رَبِّكَ لِلْمُسْرِفِیْنَ ۟
जो (ऐ इबारहीम!) आपके पालनहार के पास चिह्नित हैं, जिन्हें अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करने वालों, कुफ़्र और पापों में अतिशयोक्ति करने वालों पर बरसाया जाएगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَخْرَجْنَا مَنْ كَانَ فِیْهَا مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۚ
चुनाँचे लूत (अलैहिस्सलाम) की बस्ती में जो ईमान वाले थे, हमने उन्हें निकाल लिया, ताकि वे उस यातना की चपेट में न आएँ, जो उन अपराधियों पर आने वाली थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَمَا وَجَدْنَا فِیْهَا غَیْرَ بَیْتٍ مِّنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟ۚ
तो हमने उनकी इस बस्ती में मुसलमानों का केवल एक घर पाया। वे लूत अलैहिस्सलाम के घर के लोग थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَتَرَكْنَا فِیْهَاۤ اٰیَةً لِّلَّذِیْنَ یَخَافُوْنَ الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟ؕ
और हमने लूत (अलैहिस्सलाम) की बस्ती में यातना के कुछ निशान छोड़ दिए, जो उनपर यातना उतरने का पता देते हैं; ताकि इससे वह व्यक्ति सीख ग्रहण करे, जो उनपर आने वाली दर्दनाक यातना से डरता है। अतः वह उनके जैसा काम न करे ताकि उस यातना से बच सके।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِیْ مُوْسٰۤی اِذْ اَرْسَلْنٰهُ اِلٰی فِرْعَوْنَ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
और मूसा (की कहानी) में, जब हमने उन्हें स्पष्ट प्रमाणों के साथ फ़िरऔन की ओर भेजा, उसके लिए एक निशानी है, जो दर्दनाक यातना से डरता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَتَوَلّٰی بِرُكْنِهٖ وَقَالَ سٰحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟
तो फ़िरऔन ने अपनी शक्ति और सेना के घमंड में आकर सत्य से मुँह फेर लिया और मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में कहने लगा : वह जादूगर है, जो लोगों पर जादू कर देता है, या पागल है, जो ऐसी बात कहता है जिसे वह नहीं समझता।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَخَذْنٰهُ وَجُنُوْدَهٗ فَنَبَذْنٰهُمْ فِی الْیَمِّ وَهُوَ مُلِیْمٌ ۟ؕ
तो हमने उसे और उसके सभी सैनिकों को पकड़ लिया, फिर उन्हें समुद्र में फेंक दिया और वे डूब गए और नष्ट हो गए। दरअसल फ़िरऔन ऐसे काम करने वाला था, जो भर्त्सना के योग्य थे, जैसे रसूलों को झुठलाना और खुद पूज्य होने का दावा करना।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِیْ عَادٍ اِذْ اَرْسَلْنَا عَلَیْهِمُ الرِّیْحَ الْعَقِیْمَ ۟ۚ
और हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति आद में उसके लिए एक निशानी है जो दर्दनाक अज़ाब से डरता है, जब हमने उनपर एक ऐसी हवा भेजी, जो न बारिश रखती थी और न ही पेड़ों को परागित करती थी, (दरअसल) उसमें कोई बरकत ही न थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مَا تَذَرُ مِنْ شَیْءٍ اَتَتْ عَلَیْهِ اِلَّا جَعَلَتْهُ كَالرَّمِیْمِ ۟ؕ
वह प्राणी या धन या उनके अलावा जिस चीज़ पर से भी गुज़रती, उसे नष्ट कर देती तथा उसे उस चीज़ की तरह करके छोड़ती, जो जीर्ण-शीर्ण हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَفِیْ ثَمُوْدَ اِذْ قِیْلَ لَهُمْ تَمَتَّعُوْا حَتّٰی حِیْنٍ ۟
तथा सालेह (अलैहिस्सलाम) की जाति समूद में दुखदायी यातना से डरने वाले के लिए एक निशानी है, जब उन लोगों से कहा गया : अपना निर्धारित समय समाप्त होने से पहले अपने जीवन का आनंद ले लो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَعَتَوْا عَنْ اَمْرِ رَبِّهِمْ فَاَخَذَتْهُمُ الصّٰعِقَةُ وَهُمْ یَنْظُرُوْنَ ۟
तो उन्होंने अपने रब के आदेश को मानने से अभिमान किया और उनके घमंड और अहंकार ने उन्हें ईमान और आज्ञापालन से रोक दिया। चुनाँचे यातना की कड़क ने उन्हें पकड़ लिया, जबकि वे उसके आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। क्योंकि उसके आने से तीन दिन पहले ही उन्हें उसकी धमकी दे दी गई थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَمَا اسْتَطَاعُوْا مِنْ قِیَامٍ وَّمَا كَانُوْا مُنْتَصِرِیْنَ ۟ۙ
फिर वे अपने ऊपर उतरने वाली यातना को दूर करने में सक्षम नहीं हुए और न ही उनके पास कोई ऐसी शक्ति थी, जिसके द्वारा वे अपना बचाव कर सकें।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَقَوْمَ نُوْحٍ مِّنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟۠
इन उल्लिखित लोगों से पहले, हमने नूह अलैहिस्सलाम की जाति को डुबोकर नष्ट कर दिया। निश्चय वे अल्लाह की आज्ञाकारिता से बाहर निकलने वाले लोग थे। इसलिए वे उसकी सज़ा के पात्र थे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَالسَّمَآءَ بَنَیْنٰهَا بِاَیْىدٍ وَّاِنَّا لَمُوْسِعُوْنَ ۟
और आकाश को हमने बनाया और उसके निर्माण को शक्ति के साथ मज़बूत किया और निश्चय हम उसके किनारों को विस्तारित करने वाले हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَالْاَرْضَ فَرَشْنٰهَا فَنِعْمَ الْمٰهِدُوْنَ ۟
हमने धरती को उस पर रहने वालों के लिए उनके लिए बिछौने की तरह बिछा दिया। तो हम क्या ही खूब बिछाने वाले हैं, जब हमने उनके लिए उसे बिछाया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمِنْ كُلِّ شَیْءٍ خَلَقْنَا زَوْجَیْنِ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُوْنَ ۟
और हमने हर चीज़ से दो प्रकार पैदा किए; जैसे नर और नारी, आकाश और धरती तथा जल और थल; ताकि तुम अल्लाह के एकेश्वरवाद को समझो, जिसने हर चीज़ से दो क़िस्में बनाईं, तथा उसकी शक्ति को याद करो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَفِرُّوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚ
तो तुम अल्लाह की आज्ञा का पालन करके और उसकी अवज्ञा से दूर रहकर, उसकी सज़ा से भागते हुए उसके सवाब की ओर दौड़ो। निश्चय (ऐ लोगो!) मैं तुम्हें उसकी सज़ा से स्पष्ट रूप से डराने वाला हूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَلَا تَجْعَلُوْا مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और तुम अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य न बनाओ कि अल्लाह को छोड़कर उसकी इबादत करने लगो। मैं तुम्हारे लिए उसकी ओर से खुले तौर पर डराने वाला हूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الإيمان أعلى درجة من الإسلام.
• ईमान का दरजा इस्लाम से ऊँचा है।

• إهلاك الله للأمم المكذبة درس للناس جميعًا.
• अल्लाह का झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट कर देना सभी लोगों के लिए एक सबक है।

• الخوف من الله يقتضي الفرار إليه سبحانه بالعمل الصالح، وليس الفرار منه.
• अल्लाह के भय की अपेक्षा यह है कि बंदा अच्छे कर्म के ज़रिए अल्लाह की ओर भागे, उससे दूर न भागे।

كَذٰلِكَ مَاۤ اَتَی الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا قَالُوْا سَاحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟۫
जिस तरह मक्का के लोगों ने झुठलाया है, उसी तरह पिछले समुदायों ने भी झुठलाया। चुनाँचे उनके पास अल्लाह की ओर से जो भी रसूल आया, उन्होंने उसके बारे में कहा : वह एक जादूगर है, या एक पागल है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اَتَوَاصَوْا بِهٖ ۚ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ طَاغُوْنَ ۟ۚ
क्या पहले के काफिरों और उनमें से बाद के लोगों ने रसूलों को झुठलाने की एक-दूसरे को वसीयत कर रखी है?! नहीं, बल्कि उनकी सरकशी ने उन्हें इसपर एकमत किया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ فَمَاۤ اَنْتَ بِمَلُوْمٍ ۟ؗ
तो (ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वालों से किनारा कर लें। आपपर कोई दोष नहीं है। क्योंकि आप जो कुछ देकर उनके पास भेजे गए थे, वह आपने उन्हें पहुँचा दिया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّذَكِّرْ فَاِنَّ الذِّكْرٰی تَنْفَعُ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तथा आपका उनसे किनारा करना, आपको उन्हें उपदेश करने और याद दिलाने से न रोके। अतः आप उन्हें उपदेश करें और याद दिलाते रहें। क्योंकि याद दिलाने से अल्लाह पर ईमान रखने वालों को लाभ होता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْاِنْسَ اِلَّا لِیَعْبُدُوْنِ ۟
मैंने जिन्नों और इंसानों को केवल अपनी इबादत के लिए पैदा किया, मैंने उन्हें इसलिए नहीं पैदा किया कि वे किसी को मेरा साझी बनाएँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مَاۤ اُرِیْدُ مِنْهُمْ مِّنْ رِّزْقٍ وَّمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ یُّطْعِمُوْنِ ۟
मैं उनसे कोई रोज़ी नहीं चाहता और न मैं उनसे यह चाहता हूँ कि वे मुझे खिलाएँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الرَّزَّاقُ ذُو الْقُوَّةِ الْمَتِیْنُ ۟
निःसंदेह अल्लाह ही अपने बंदों को रोज़ी देने वाला है। सभी लोग उसकी रोज़ी के मोहताज हैं। वह बड़ा शक्तिशाली, अत्यंत मज़बूत है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। जबकि सभी जिन्न और इनसान उसकी शक्ति के अधीन हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاِنَّ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذَنُوْبًا مِّثْلَ ذَنُوْبِ اَصْحٰبِهِمْ فَلَا یَسْتَعْجِلُوْنِ ۟
निश्चय उन लोगों के लिए जिन्होंने (ऐ रसूल!) आपको झुठलाकर खुद पर अत्याचार किया, उनके पिछले साथियों के हिस्से की तरह यातना का एक हिस्सा है, जिसकी एक निश्चित अवधि है। इसलिए, वे मुझसे उसे उसके समय से पहले जल्दी लाने का मुतालबा न करें।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ یَّوْمِهِمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟۠
फिर उन लोगों के लिए जिन्होंने अल्लाह का इनकार किया और अपने रसूल को झुठलाया, क़ियामत के दिन बड़ा विनाश और घाटा है, जिसमें उन्हें सज़ा देने का वादा किया जाता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الكفر ملة واحدة وإن اختلفت وسائله وتنوع أهله ومكانه وزمانه.
• कुफ़्र एक ही धर्म है, भले ही उसके साधन अलग-अलग हों, और उसके लोग, स्थान और समय अलग-अलग हों।

• شهادة الله لرسوله صلى الله عليه وسلم بتبليغ الرسالة.
• अल्लाह की अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए इस बात की गवाही कि आपने संदेश पहुँचा दिया।

• الحكمة من خلق الجن والإنس تحقيق عبادة الله بكل مظاهرها.
• जिन्नों और इनसानों को पैदा करने की हिकमत अल्लाह की इबादत को उसके सभी रूपों में अंजाम देना है।

• سوف تتغير أحوال الكون يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन ब्रह्मांड की स्थितियाँ बदल जाएँगी।

 
Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Adh-Dhâriyât
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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Übersetzungen

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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