Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (12) Surah / Kapitel: Al-Mujâdilah
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِذَا نَاجَیْتُمُ الرَّسُوْلَ فَقَدِّمُوْا بَیْنَ یَدَیْ نَجْوٰىكُمْ صَدَقَةً ؕ— ذٰلِكَ خَیْرٌ لَّكُمْ وَاَطْهَرُ ؕ— فَاِنْ لَّمْ تَجِدُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
जब सहाबा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से बहुत ज़्यादा कानाफूसी करने लगे, तो अल्लाह ने फरमाया : ऐ ईमान वालो! जब तुम रसूल से गुप्त रूप से बात करना चाहो, तो गुप्त रूप से बात करने से पहले सदक़ा पेश करो। यह सदक़ा पेश करना तुम्हारे लिए उत्तम और अधिक पवित्र है। क्योंकि उसमें अल्लाह का आज्ञापालन है, जो दिलों को शुद्ध (पवित्र) करता है। अगर तुम्हें सदक़ा करने के लिए कुछ न मिले, तो उनसे गुप्त रूप से बात करने में तुमपर कोई गुनाह नहीं है। क्योंकि अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ़ करने वाला और उनपर दया करने वाला है। यही कारण है कि उसने उन्हें केवल उसी चीज़ का बाध्य किया है,जो वे कर सकते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• لطف الله بنبيه صلى الله عليه وسلم؛ حيث أدَّب صحابته بعدم المشقَّة عليه بكثرة المناجاة.
• अल्लाह की अपने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दया; क्योंकि आपके साथियों को यह शिष्टाचार सिखाया कि अधिक कानाफूसी करके आपको कष्ट न पहुँचाएँ।

• ولاية اليهود من شأن المنافقين.
• यहूदियों से दोस्ती रखना मुनाफ़िक़ों का काम है।

• خسران أهل الكفر وغلبة أهل الإيمان سُنَّة إلهية قد تتأخر، لكنها لا تتخلف.
• काफ़िरों का क्षतिग्रस्त होना और ईमान वालों को प्रभुत्व प्राप्त होना एक ईश्वरीय परंपरा है, जिसमें देरी हो सकती है, पर अंधेर नहीं।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (12) Surah / Kapitel: Al-Mujâdilah
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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