Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (60) Surah / Kapitel: Al-A‘râf
قَالَ الْمَلَاُ مِنْ قَوْمِهٖۤ اِنَّا لَنَرٰىكَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
उनकी जाति के सरदारों और प्रमुखों ने उनसे कहा : निःसंदेह (ऐ नूह!) हम तुम्हें सत्य से स्पष्ट दूरी पर देख रहे हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الأرض الطيبة مثال للقلوب الطيبة حين ينزل عليها الوحي الذي هو مادة الحياة، وكما أن الغيث مادة الحياة، فإن القلوب الطيبة حين يجيئها الوحي، تقبله وتعلمه وتنبت بحسب طيب أصلها، وحسن عنصرها، والعكس.
• अच्छी भूमि अच्छे दिलों के लिए एक उदाहरण है जब उस पर वह़्य उतरती है जो कि जीवन का सार है, जिस तरह कि बारिश जीवन का सार है। क्योंकि अच्छे दिलों का संपर्क जब वह़्य से होता है, तो वे उसे स्वीकार करते हैं, उसे सीखते हैं और अपने अच्छे मूल और अच्छे तत्व के अनुसार अंकुरित होते हैं। और इसके विपरीत स्थिति में विपरीत निष्कर्ष सामने आता है।

• الأنبياء والمرسلون يشفقون على الخلق أعظم من شفقة آبائهم وأمهاتهم.
• नबी और रसूल लोगों पर उनके माता-पिता से भी अधिक दया दृष्टि रखने वाले होते हैं।

• من سُنَّة الله إرسال كل رسول من قومه وبلسانهم؛ تأليفًا لقلوب الذين لم تفسد فطرتهم، وتيسيرًا على البشر.
• अल्लाह का यह नियम रहा है कि वह हर रसूल को उसकी जाति में से और उनकी भाषा में भेजता है; ताकि उन लोगों की दिलजोई हो, जिनका स्वभाव भ्रष्ट नहीं हुआ है, तथा इसमें मानव जाति के लिए सुविधा है।

• من أعظم السفهاء من قابل الحق بالرد والإنكار، وتكبر عن الانقياد للعلماء والنصحاء، وانقاد قلبه وقالبه لكل شيطان مريد.
• वह व्यक्ति सबसे बड़े मूर्खों में से है, जो सत्य को अस्वीकार कर देता है, विद्वानों और नसीहत करने वालों की बात मानने से अहंकार करता है, तथा अपने क़ल्ब और क़ालिब से (यानी पूर्णतया) हर सरकश शैतान का अनुसरण करता है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (60) Surah / Kapitel: Al-A‘râf
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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