Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (25) Surah / Kapitel: An-Nâzi‘ât
فَاَخَذَهُ اللّٰهُ نَكَالَ الْاٰخِرَةِ وَالْاُوْلٰی ۟ؕ
तो अल्लाह ने उसे पकड़ लिया, चुनाँचे उसे इस दुनिया में समुद्र में डूबने के सज़ा दी और आख़िरत में उसे सबसे गंभीर यातना में डालकर दंडित करेगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• وجوب الرفق عند خطاب المدعوّ.
• आमंत्रित व्यक्ति से बात करते समय नरमी बरतने की अनिवार्यता।

• الخوف من الله وكفّ النفس عن الهوى من أسباب دخول الجنة.
• अल्लाह से डरना और नफ़्स को ख़्वाहिश की पैरवी से रोकना, जन्नत में प्रवेश करने के कारणों में से हैं।

• علم الساعة من الغيب الذي لا يعلمه إلا الله.
• क़ियामत के समय का ज्ञान उस ग़ैब (परोक्ष) से है, जिसे केवल अल्लाह ही जानता है।

• بيان الله لتفاصيل خلق السماء والأرض.
• अल्लाह का आकाश और धरती की रचना का विवरण बयान करना।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (25) Surah / Kapitel: An-Nâzi‘ât
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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