Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (55) Surah / Kapitel: Al-Anfâl
اِنَّ شَرَّ الدَّوَآبِّ عِنْدَ اللّٰهِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۖۚ
धरती पर चलने वाले सबसे बुरे लोग वे हैं, जिन्होंने अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार किया। भले ही उनके पास हर तरह की निशानी आ जाए, वे ईमान नहीं लाएँगे; क्योंकि वे कुफ़्र पर अड़े हुए हैं। उनके अंदर मार्गदर्शन के साधन जैसे बुद्धि, कान और आँख निष्कर्म हो चुके हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• من فوائد العقوبات والحدود المرتبة على المعاصي أنها سبب لازدجار من لم يعمل المعاصي، كما أنها زجر لمن عملها ألا يعاودها.
• गुनाहों के नतीजे में मिलने वाली सज़ाओं और दंडों का एक फ़ायदा यह है कि एक तरफ़ ये गुनाह न करने वालों को उससे दूर रखते हैं, तो दूसरी तरफ़ एक बार गुनाह कर गुज़रने वाले को दोबारा उसके पास जाने से रोकते हैं।

• من أخلاق المؤمنين الوفاء بالعهد مع المعاهدين، إلا إن وُجِدت منهم الخيانة المحققة.
• ईमान वालों की नैतिकता में प्रतिज्ञा करने वालों के साथ प्रतिज्ञा को पूरा करना भी दाखिल है, सिवाय इसके कि उनकी ओर से निश्चित विश्वासघात हुआ हो।

• يجب على المسلمين الاستعداد بكل ما يحقق الإرهاب للعدو من أصناف الأسلحة والرأي والسياسة.
• मुसलमानों को हर तरह के हथियारों, विचार-विमर्श और राजनीति सहित हर उस चीज़ के साथ तैयारी रखनी चाहिए, जो दुश्मन को भयभीत करने का कारण हो।

• جواز السلم مع العدو إذا كان فيه مصلحة للمسلمين.
• दुश्मन के साथ सुलह करना जायज़ है अगर उसमें मुसलमानों का कोई हित है।

 
Übersetzung der Bedeutungen Vers: (55) Surah / Kapitel: Al-Anfâl
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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