Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Al-Inshiqâq   Vers:

सूरा अल्-इन्शिक़ाक़

Die Ziele der Surah:
تذكير الإنسان برجوعه لربه، وبيان ضعفه، وتقلّب الأحوال به.
इनसान को अपने पालनहार के पास लौटने की याद दिलाना, तथा उसकी कमज़ोरी और उसके साथ परिस्थितियों के उतार-चढ़ाव का वर्णन।

اِذَا السَّمَآءُ انْشَقَّتْ ۟ۙ
जब आकाश फट जाएगा, ताकि उससे फ़रिश्ते उतर सकें।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَذِنَتْ لِرَبِّهَا وَحُقَّتْ ۟ۙ
और वह अपने पालनहार के आदेश को सुनकर पालन करेगा और ऐसा करने ही उसके योग्य है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِذَا الْاَرْضُ مُدَّتْ ۟ؕ
और जब अल्लाह धरती को फैला देगा, जिस तरह चमड़े को (खींचकर) फैलाया जाता है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَلْقَتْ مَا فِیْهَا وَتَخَلَّتْ ۟ۙ
और उसके अंदर जो खज़ाने और मुर्दे हैं, उन्हें निकाल बाहर फेंक देगी और उनसे खाली हो जाएगी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَذِنَتْ لِرَبِّهَا وَحُقَّتْ ۟ؕ
और वह अपने पालनहार के आदेश को सुनकर पालन करेगी और ऐसा करने ही उसके योग्य है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
یٰۤاَیُّهَا الْاِنْسَانُ اِنَّكَ كَادِحٌ اِلٰی رَبِّكَ كَدْحًا فَمُلٰقِیْهِ ۟ۚ
ऐ इनसान! निश्चय तू अच्छा या बुरा जो भी काम कर रहा है, क़ियामत के दिन उससे मिलने वाला है, ताकि अल्लाह तुझे उसका बदला दे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِیَمِیْنِهٖ ۟ۙ
फिर जिस व्यक्ति को उसका आमाल नामा उसके दाहिने हाथ में दिया गया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَسَوْفَ یُحَاسَبُ حِسَابًا یَّسِیْرًا ۟ۙ
तो अल्लाह उसका आसान हिसाब लेगा; उसके सामने उसके कार्यों को पेश किया जाएगा, लेकिन उसपर पकड़ नहीं की जाएगी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّیَنْقَلِبُ اِلٰۤی اَهْلِهٖ مَسْرُوْرًا ۟ؕ
और वह ख़ुश-ख़ुश अपने परिवार के पास लौटेगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ وَرَآءَ ظَهْرِهٖ ۟ۙ
लेकिन जिस व्यक्ति को उसका आमाल नामा उसके बाएँ हाथ में उसकी पीठ के पीछे से दिया गया।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَسَوْفَ یَدْعُوْا ثُبُوْرًا ۟ۙ
तो वह अपने विनाश को पुकारेगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَّیَصْلٰی سَعِیْرًا ۟ؕ
वह जहन्नम की आग में दाखिल होकर उसकी गरमी को झेलेगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّهٗ كَانَ فِیْۤ اَهْلِهٖ مَسْرُوْرًا ۟ؕ
निःसंदेह वह दुनिया में, अपने परिवार में, अपने कुफ़्र और पाप की स्थिति पर बड़ा खुश रहता था।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِنَّهٗ ظَنَّ اَنْ لَّنْ یَّحُوْرَ ۟ۚۛ
उसने सोचा था कि वह अपनी मृत्यु के बाद जीवन में वापस नहीं आएगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
بَلٰۤی ۛۚ— اِنَّ رَبَّهٗ كَانَ بِهٖ بَصِیْرًا ۟ؕ
क्यों नहीं, निश्चय अल्लाह उसे जीवन में अवश्य वापस लाएगा, जैसा कि उसने उसे पहली बार पैदा किया था। निःसंदेह उसका पालनहार उसकी स्थिति से अवगत था। उससे उसका कुछ भी छिपा नहीं है, और वह उसे उसके काम बदला देगा।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَلَاۤ اُقْسِمُ بِالشَّفَقِ ۟ۙ
अल्लाह ने उस लाली की क़सम खाई है, जो सूर्यास्त के बाद क्षितिज पर होती है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَالَّیْلِ وَمَا وَسَقَ ۟ۙ
और रात की तथा उसमें एकत्रित की गई चीज़ की क़सम खाई है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَالْقَمَرِ اِذَا اتَّسَقَ ۟ۙ
तथा चाँद की (क़सम खाई है), जब वह एकत्रित होकर पूरा हो जाए और चौदहवीं का चाँद बन जाए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَتَرْكَبُنَّ طَبَقًا عَنْ طَبَقٍ ۟ؕ
(ऐ लोगो!) तुम निश्चित रूप से एक अवस्था से दूसरी अवस्था में स्थानांतरित होते रहोगे; एक नुत्फ़ा से जमा हुआ रक्त, फिर गोश्त का टुकड़ा, फिर जीवन, फिर मृत्यु और फिर मरणोपरांत पुनर्जीवन।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَمَا لَهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
तो इन काफ़िरों को क्या हुआ है कि वे अल्लाह और आख़िरत के दिन पर ईमान नहीं लाते?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِذَا قُرِئَ عَلَیْهِمُ الْقُرْاٰنُ لَا یَسْجُدُوْنَ ۟
और जब उनके सामने क़ुरआन पढ़ा जाता है, तो वे अपने रब के आगे सजदा नहीं करते?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
بَلِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا یُكَذِّبُوْنَ ۟ؗۖ
बल्कि जिन्होंने कुफ़्र किया, वे उस (क़ुरआन) को झुठलाते हैं, जो उनके रसूल उनके पास लेकर आए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا یُوْعُوْنَ ۟ؗۖ
और अल्लाह सबसे अधिक जानता है कि उनके सीनों में क्या है, उनके कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَبَشِّرْهُمْ بِعَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟ۙ
अतः (ऐ रसूल) आप उन्हें उस दर्दनाक यातना की सूचना दे दें, जो उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• خضوع السماء والأرض لربهما.
• आकाश और धरती अपने रब के अधीन हैं।

• كل إنسان ساعٍ إما لخير وإما لشرّ.
• हर इनसान अच्छाई या बुराई में प्रयासरत है।

• علامة السعادة يوم القيامة أخذ الكتاب باليمين، وعلامة الشقاء أخذه بالشمال.
• क़ियामत के दिन सौभाग्य की निशानी आमाल नामा को दाहिने हाथ से लेना और दुर्भाग्य की निशानी आमाला नामा को बाएँ हाथ से लेना है।

اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ اَجْرٌ غَیْرُ مَمْنُوْنٍ ۟۠
परंतु जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, उनके लिए कभी न समाप्त होने वाला बदला है और वह जन्नत है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• يكون ابتلاء المؤمن على قدر إيمانه.
• मोमिन की आज़माइश उसके ईमान के अनुसार होती है।

• إيثار سلامة الإيمان على سلامة الأبدان من علامات النجاة يوم القيامة.
• शरीर की सुरक्षा पर ईमान की सुरक्षा को वरीयता देना, क़ियामत के दिन मोक्ष के संकेतों में से है।

• التوبة بشروطها تهدم ما قبلها.
• तौबा अगर उसकी शर्तों के साथ की जाए, तो वह उससे पहले के गुनाहों को मिटा देती है।

 
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