Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Indische Übersetzung * - Übersetzungen

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Übersetzung der Bedeutungen Vers: (4) Surah / Kapitel: Al-Sharh
وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ ۟ؕ
और हमने आपके लिए आपका ज़िक्र ऊँचा कर दिया।[1]
1. (1-4) इनका भावार्थ यह है कि हमने आपपर तीन ऐसे उपकार किए हैं जिनके होते आपको निराश होने की आवश्यक्ता नहीं। एक यह कि आपके सीने को खोल दिया, अर्थात आपमें स्थितियों का सामना करने का साहस पैदा कर दिया। दूसरा यह कि नबी होने से पहले जो आपके दिल में अपनी जाति की मूर्तिपूजा और सामाजिक अन्याय को देखकर चिंता और शोक का बोझ था जिसके कारण आप दुःखित रहा करते थे। इस्लाम का सत्य मार्ग दिखाकर उस बोझ को उतार दिया। क्योंकि यही चिंता आपकी कमर तोड़ रही थी। और तीसरा विशेष उपकार यह कि आपका नाम ऊँचा कर दिया। जिससे अधिक तो क्या आपके बराबर भी किसी का नाम इस संसार में नहीं लिया जा रहा है। यह भविष्यवाणी क़ुरआन शरीफ़ ने उस समय की जब एव व्यक्ति का विरोध उसकी पूरी जाति और समाज तथा उसका परिवार तक कर रहा था। और यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि वह इतना बड़ा विश्व-विख्यात व्यक्ति हो सकता है। परंतु समस्त मानव संसार क़ुरआन की इस भविष्यवाणी के सत्य होने का साक्षी है। और इस संसार का कोई क्षण ऐसा नहीं गुज़रता जब इस संसार के किसी देश और क्षेत्र में अज़ानों में "अश्हदु अन्न मुह़म्मदर्-रसूलुल्लाह" की आवाज़ न गूँज रही हो। इसके सिवा भी पूरे विश्व में जितना आपका नाम लिया जा रहा है और जितना क़ुरआन का अध्ययन किया जा रहा है वह किसी व्यक्ति और किसी धर्म पुस्तक को प्राप्त नहीं, और यही अंतिम नबी और क़ुरआन के सत्य होने का साक्ष्य है। जिसपर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
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Übersetzung der Bedeutungen Vers: (4) Surah / Kapitel: Al-Sharh
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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Indische Übersetzung - Übersetzungen

die indische Übersetzung der Quran-Bedeutung von Maulana Azizul-Haqq Al-Umary , veröffentlicht von König Fahd Complex für den Druck des Heiligen Qur'an in Medina, gedruckt in 1433 H.

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