Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Teburin Bayani kan wasu Fassarori


Fassarar Ma'anoni Aya: (40) Sura: Suratu Yusuf
مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِلَّاۤ اَسْمَآءً سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— اَمَرَ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّاۤ اِیَّاهُ ؕ— ذٰلِكَ الدِّیْنُ الْقَیِّمُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
तुम अल्लाह के सिवा जिनकी इबादत करते हो, वे केवल नाम हैं, उनकी कोई वास्तविकता नहीं है। तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने उन्हें पूज्यों का नाम दे दिया है। उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई हिस्सा नहीं है। अल्लाह ने तुम्हारे उन्हें पूज्यों का नाम देने का कोई प्रमाण नहीं उतारा है, जो उसकी वैधता को इंगित करता हो। सभी प्राणियों में केवल अल्लाह का आदेश चलता है, इन नामों का नहीं जो तुमने और तुम्हारे पूर्वजों ने रख लिए हैं। अल्लाह सर्वशक्तिमान ने आदेश दिया है कि तुम केवल उसी की इबादत करो और इस बात से मना किया है कि उसके साथ किसी को साझी बनाओ। यह तौहीद (एकेश्वरवाद) ही वह सीधा धर्म है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है। लेकिन अधिकतर लोग इस बात को नहीं जानते। इसलिए वे अल्लाह के साथ शिर्क करते हैं और उसके कुछ प्राणियों की पूजा करते हैं।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• وجوب اتباع ملة إبراهيم، والبراءة من الشرك وأهله.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म का पालन करने, तथा शिर्क और शिर्क करने वालों से अलग-थलग होने की अनिवार्यता।

• في قوله:﴿ءَأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ ...﴾ دليل على أن هؤلاء المصريين كانوا أصحاب ديانة سماوية لكنهم أهل إشراك.
• अल्लाह तआला के कथन : {...ءأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ} (क्या अलग-अलग अनेक पूज्य बेहतर हैं) में इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन मिस्रवासी आकाशीय धर्म के मानने वाले थे। किन्तु वे शिर्क में पड़े हुए थे।

• كلُّ الآلهة التي تُعبد من دون الله ما هي إلا أسماء على غير مسميات، ليس لها في الألوهية نصيب.
• अल्लाह के सिवा जिन पूज्यों की पूजा की जाती है, वे केवल ऐसे नाम हैं जिनका कोई तथ्य नहीं है, उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई भाग नहीं है।

• استغلال المناسبات للدعوة إلى الله، كما استغلها يوسف عليه السلام في السجن.
• अवसरों का अल्लाह की तरफ़ बुलाने के लिए उपयोग करना, जैसा कि यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल में उसका उपयोग किया।

 
Fassarar Ma'anoni Aya: (40) Sura: Suratu Yusuf
Teburin Jerin Sunayen Surori Lambar shafi
 
Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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