Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Teburin Bayani kan wasu Fassarori


Fassarar Ma'anoni Sura: Suratu Al'israa   Aya:

सूरा अल्-इस्रा

daga cikin abunda Surar ta kunsa:
تثبيت الله لرسوله صلى الله عليه وسلم وتأييده بالآيات البينات، وبشارته بالنصر والثبات.
अल्लाह का अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सुदृढ़ करना और स्पष्ट निशानियों के साथ उनका समर्थन करना, तथा उन्हें विजय और दृढ़ता की खुशख़बरी देना।

سُبْحٰنَ الَّذِیْۤ اَسْرٰی بِعَبْدِهٖ لَیْلًا مِّنَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ اِلَی الْمَسْجِدِ الْاَقْصَا الَّذِیْ بٰرَكْنَا حَوْلَهٗ لِنُرِیَهٗ مِنْ اٰیٰتِنَا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْبَصِیْرُ ۟
महिमावान अल्लाह पवित्र एवं महान है, क्योंकि वह ऐसी चीज़ पर क्षमता रखता है, जो उसके सिवा कोई नहीं कर सकता। वही अपने बंदे मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को रात के एक भाग में, शरीर एवं आत्मा के साथ, जागने की हालत में, मस्जिदे-हराम से बैतुल-मक़्दिस की मस्जिद तक ले गया, जिसके चारों ओर हमने फलों और फसलों के द्वारा तथा नबियों के घरों के रूप में बरकतें रखी हैं। ताकि वह महिमावान अल्लाह की शक्ति को इंगित करने वाली हमारी कुछ निशानियों का अवलोकन करें। निःसंदेह अल्लाह सब कुछ सुनने वाला है, इसलिए कोई भी सुनी जाने वाली चीज़ उससे छिपी नहीं रहती, तथा सब कुछ देखने वाला है, अतः कोई भी देखी जाने वाली चीज़ उससे ओझल नहीं हो सकती।
Tafsiran larabci:
وَاٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ وَجَعَلْنٰهُ هُدًی لِّبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اَلَّا تَتَّخِذُوْا مِنْ دُوْنِیْ وَكِیْلًا ۟ؕ
और हमने मूसा अलैहिस्सलाम को तौरात प्रदान की और उसे बनी इसराईल के लिए मार्गदर्शक व पथप्रदर्शक बना दिया। तथा हमने बनी इसराईल से कहा : मेरे सिवा किसी और को कार्यसाधक न बनाओ, जिसे तुम अपने मामले सौंप दो। बल्कि केवल मेरे ऊपर भरोसा रखो।
Tafsiran larabci:
ذُرِّیَّةَ مَنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَبْدًا شَكُوْرًا ۟
तुम उन लोगों की संतान हो, जिन्हें हमने नूह अलैहिस्सलाम के साथ पानी के तूफान में डूबने से बचाया था। अतः तुम इस नेमत को याद रखो और अकेले अल्लाह की इबादत और उसका आज्ञापालन करके, उसका शुक्रिया अदा करो। तथा इस संबंध में नूह अलैहिस्सलाम का अनुसरण करो, क्योंकि वह अल्लाह तआला का बहुत ज़्यादा शुक्रिया अदा करने वाले थे।
Tafsiran larabci:
وَقَضَیْنَاۤ اِلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ فِی الْكِتٰبِ لَتُفْسِدُنَّ فِی الْاَرْضِ مَرَّتَیْنِ وَلَتَعْلُنَّ عُلُوًّا كَبِیْرًا ۟
और हमने बनी इसराईल को तौरात में बता दिया था कि वे अनिवार्य रूप से पाप एवं घमंड के ज़रिए दो बार धरती में उत्पात मचाएँगे तथा अत्याचार और अतिक्रमण के साथ लोगों पर अपनी उच्चता सिद्ध करने का प्रयास करेंगे और इसमें सीमा को पार कर जाएँगे।
Tafsiran larabci:
فَاِذَا جَآءَ وَعْدُ اُوْلٰىهُمَا بَعَثْنَا عَلَیْكُمْ عِبَادًا لَّنَاۤ اُولِیْ بَاْسٍ شَدِیْدٍ فَجَاسُوْا خِلٰلَ الدِّیَارِ وَكَانَ وَعْدًا مَّفْعُوْلًا ۟
फिर जब उन्होंने प्रथम बार उत्पात मचाया, तो हमने उनपर अपने ऐसे बंदों को हावी कर दिया, जो बड़े शक्तिशाली एवं पकड़ वाले थे। वे उन्हें मारते और घरों से निकालते थे। चुनाँचे वे उनके घरों में घुस गए और जहाँ से गुज़रे, विनाश करते चले गए। और अल्लाह का यह वादा निश्चित रूप से पूरा होने वाला था।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ رَدَدْنَا لَكُمُ الْكَرَّةَ عَلَیْهِمْ وَاَمْدَدْنٰكُمْ بِاَمْوَالٍ وَّبَنِیْنَ وَجَعَلْنٰكُمْ اَكْثَرَ نَفِیْرًا ۟
फिर जब तुमने अल्लाह से तौबा कर ली, तो हमने (ऐ बनी इसराईल) तुम्हें पुनः राज्य और उन लोगों पर आधिपत्य प्रदान किया, जो तुम्हारे ऊपर हावी कर दिए गए थे। और हमने तुम्हें धन छिनने के बाद धन और संतान के बंदी बना लिए जाने के बाद संतान प्रदान की और तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं से अधिक संख्याबल प्रदान किया।
Tafsiran larabci:
اِنْ اَحْسَنْتُمْ اَحْسَنْتُمْ لِاَنْفُسِكُمْ ۫— وَاِنْ اَسَاْتُمْ فَلَهَا ؕ— فَاِذَا جَآءَ وَعْدُ الْاٰخِرَةِ لِیَسُوْٓءٗا وُجُوْهَكُمْ وَلِیَدْخُلُوا الْمَسْجِدَ كَمَا دَخَلُوْهُ اَوَّلَ مَرَّةٍ وَّلِیُتَبِّرُوْا مَا عَلَوْا تَتْبِیْرًا ۟
ऐ बनी इसराईल! यदि तुमने अच्छे कर्म किए और उन्हें वांछित तरीके से किया, तो उसका प्रतिफल तुम्हें ही मिलने वाला है। क्योंकि अल्लाह तुम्हारे कर्मों से बेनियाज़ है। और यदि तुमने बुरे कर्म किए, तो उसका दुष्परिणाम तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा। क्योंकि अल्लाह को, न तो तुम्हारे सुकर्मों से कोई लाभ पहुँचता है और न तुम्हारे कुकर्मों से उसे कोई हानि पहुँचती है। फिर जब दूसरा उपद्रव हुआ, तो हमने तुमपर तुम्हारे शत्रुओं को हावी कर दिया, ताकि वे तुम्हें अपमानित करें और तुम्हें अनेक प्रकार के तिरस्कार व अपमान का स्वाद चखाएँ कि उत्पीड़न तुम्हारे चेहरों पर प्रत्यक्ष हो। और ताकि वे बैतुल मक़्दिस में प्रवेश करें और उसे विनष्ट कर दें, जैसा कि उन्होंने उसमें प्रथम बार प्रवेश किया था और उसे विनष्ट किया था। तथा वे जिन शहरों पर हावी हो सकें, उन्हें पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दें।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• في قوله: ﴿الْمَسْجِدِ الْأَقْصَا﴾: إشارة لدخوله في حكم الإسلام؛ لأن المسجد موطن عبادةِ المسلمين.
• अल्लाह के फ़रमान : {الْمَسْجِدِ الْأَقْصَا} (मस्जिदे अक़्सा) में इस बात का संकेत है कि वह इस्लाम के हुक्म में दाखिल है, क्योंकि मस्जिद मुसलमानों की इबादत का स्थान है।

• بيان فضيلة الشكر، والاقتداء بالشاكرين من الأنبياء والمرسلين.
• आभार प्रकट करने की फ़ज़ीलत तथा आभार प्रकट करने वाले नबियों एवं रसूलों का अनुसरण करने का वर्णन।

• من حكمة الله وسُنَّته أن يبعث على المفسدين من يمنعهم من الفساد؛ لتتحقق حكمة الله في الإصلاح.
• अल्लाह की हिकमत और उसका परंपरागत नियम है कि वह बिगाड़ पैदा करने वालों पर ऐसे लोगों को भेजता है, जो उन्हें बिगाड़ पैदा करने से रोकते हैं, ताकि सुधार से संबंधित अल्लाह की हिकमत साकार हो।

• التحذير لهذه الأمة من العمل بالمعاصي؛ لئلا يصيبهم ما أصاب بني إسرائيل، فسُنَّة الله واحدة لا تتبدل ولا تتحول.
• इस उम्मत के लोगों को गुनाह करने से सावधान करना, ताकि उन्हें भी उस विपत्ति का सामना न करना पड़े, जिससे बनी इसराईल ग्रस्त हुए थे। क्योंकि अल्लाह का नियम सबके लिए एकसमान है, जो बदलता और परिवर्तित नहीं होता है।

عَسٰی رَبُّكُمْ اَنْ یَّرْحَمَكُمْ ۚ— وَاِنْ عُدْتُّمْ عُدْنَا ۘ— وَجَعَلْنَا جَهَنَّمَ لِلْكٰفِرِیْنَ حَصِیْرًا ۟
ऐ बनी इसराईल! यदि तुम तौबा करो और अच्छे कार्य करो, तो संभव है कि तुम्हारा पालनहार इस कठोर प्रतिशोध के बाद भी तुमपर दया करे। और अगर तुमने तीसरी बार या उसके बाद भी उत्पात मचाया, तो हम भी तुमसे प्रतिशोध लेने के लिए लौट आएँगे, तथा हमने जहन्नम को अल्लाह का इनकार करने वालों का बिस्तर और बिछौना (ठिकाना) बना दिया है, जिससे वे छुटकारा नहीं पा सकते।
Tafsiran larabci:
اِنَّ هٰذَا الْقُرْاٰنَ یَهْدِیْ لِلَّتِیْ هِیَ اَقْوَمُ وَیُبَشِّرُ الْمُؤْمِنِیْنَ الَّذِیْنَ یَعْمَلُوْنَ الصّٰلِحٰتِ اَنَّ لَهُمْ اَجْرًا كَبِیْرًا ۟ۙ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर उतरने वाला यह क़ुरआन सबसे अच्छा रास्ता बताता है और वह इस्लाम का रास्ता है। तथा अच्छे कर्म करने वाले मोमिनों को उस चीज़ की सूचना देता है जो उन्हें प्रसन्न कर देती है और वह यह है कि उनके लिए अल्लाह की ओर से बहुत बड़ा प्रतिफल है।
Tafsiran larabci:
وَّاَنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ اَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
तथा क़ियामत पर ईमान न रखने वालों को उस चीज़ की सूचना देता है, जो उन्हें बुरी लगती है और वह यह है कि हमने उनके लिए क़ियामत के दिन दर्दनाक यातना तैयार कर रखी है।
Tafsiran larabci:
وَیَدْعُ الْاِنْسَانُ بِالشَّرِّ دُعَآءَهٗ بِالْخَیْرِ ؕ— وَكَانَ الْاِنْسَانُ عَجُوْلًا ۟
तथा इनसान, अपनी अज्ञानता के कारण, क्रोध में आकर अपने आप पर तथा अपनी संतान और धन पर बद्दुआ (बुरी चीज़ों की दुआ) करने लगता है, जिस तरह कि वह अपने लिए भलाई की दुआ करता है। यदि हम उसकी बुराई की दुआ क़बूल कर लें, तो वह बर्बाद हो जाए और उसका धन एवं संतान नष्ट हो जाएँ। और मनुष्य जन्मजात जल्दबाज़ प्रकृति का है। इसलिए कभी-कभी वह उस चीज़ के लिए जल्दी करने लगता है, जो उसके लिए हानिकारक होती है।
Tafsiran larabci:
وَجَعَلْنَا الَّیْلَ وَالنَّهَارَ اٰیَتَیْنِ فَمَحَوْنَاۤ اٰیَةَ الَّیْلِ وَجَعَلْنَاۤ اٰیَةَ النَّهَارِ مُبْصِرَةً لِّتَبْتَغُوْا فَضْلًا مِّنْ رَّبِّكُمْ وَلِتَعْلَمُوْا عَدَدَ السِّنِیْنَ وَالْحِسَابَ ؕ— وَكُلَّ شَیْءٍ فَصَّلْنٰهُ تَفْصِیْلًا ۟
हमने रात और दिन को अल्लाह के एकेश्वरवाद और उसकी शक्ति को दर्शाने वाली दो निशानियाँ बनाई हैं। क्योंकि वे दोनों लंबाई एवं लघुता तथा गर्मी और ठंढक में भिन्न होते हैं। अतः हमने रात को आराम करने और सोने के लिए अंधकारमय कर दिया, तथा दिन को प्रकाशमान बनाया, ताकि तुम अल्लाह की उस रोज़ी को ढूंढ़ सको, जो उसने अपने अनुग्रह से तुम्हारे लिए नियत की है, और ताकि तुम उनके आने-जाने से वर्षों की गिनती जान सको, तथा महीनों, दिनों और घंटों के समय की गणना के संदर्भ में तुम्हारी आवश्यकता पूरी हो सके। और हमने प्रत्येक वस्तु को स्पष्ट रूप से बयान कर दिया है ताकि चीज़ों की अलग-अलग पहचान हो सके और सत्यनिष्ठ, झूठे से स्पष्ट हो जाए।
Tafsiran larabci:
وَكُلَّ اِنْسَانٍ اَلْزَمْنٰهُ طٰٓىِٕرَهٗ فِیْ عُنُقِهٖ ؕ— وَنُخْرِجُ لَهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ كِتٰبًا یَّلْقٰىهُ مَنْشُوْرًا ۟
और हमने हर इनसान के कर्म को उससे ऐसे ही संबद्ध कर दिया है, जैसे हार गले से लगा रहता है। जब तक उसका हिसाब नहीं हो जाता, तब तक वह (कर्म) उससे अलग नहीं होगा। तथा क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक पुस्तक निकालेंगे जिसमें उसके सारे अच्छे और बुरे कार्य दर्ज होंगे। वह उसे अपने सामने खुली हुई पाएगा।
Tafsiran larabci:
اِقْرَاْ كِتٰبَكَ ؕ— كَفٰی بِنَفْسِكَ الْیَوْمَ عَلَیْكَ حَسِیْبًا ۟ؕ
हम उस दिन उससे कहेंगे : - ऐ इनसान! - तू अपनी किताब पढ़ और अपने कर्मों का अपना हिसाब स्वयं कर। क़ियामत के दिन तू अपना हिसाब करने के लिए खुद काफी है।
Tafsiran larabci:
مَنِ اهْتَدٰی فَاِنَّمَا یَهْتَدِیْ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا یَضِلُّ عَلَیْهَا ؕ— وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰی ؕ— وَمَا كُنَّا مُعَذِّبِیْنَ حَتّٰی نَبْعَثَ رَسُوْلًا ۟
जिसे ईमान की ओर मार्गदर्शन प्राप्त हो गया, तो उसके मार्गदर्शन का प्रतिफल उसी के लिए है। और जो ईमान के मार्ग से भटक गया, तो उसके गुमराह होने की सज़ा उसे ही मिलेगी। तथा कोई प्राणी दूसरे प्राणी के पाप का बोझ नहीं उठाएगा। और हम किसी समुदाय को उस समय तक यातना नहीं देते, जब तक कि हम उनकी ओर रसूल भेजकर उनपर तर्क स्थापित न कर दें।
Tafsiran larabci:
وَاِذَاۤ اَرَدْنَاۤ اَنْ نُّهْلِكَ قَرْیَةً اَمَرْنَا مُتْرَفِیْهَا فَفَسَقُوْا فِیْهَا فَحَقَّ عَلَیْهَا الْقَوْلُ فَدَمَّرْنٰهَا تَدْمِیْرًا ۟
और जब हम किसी बस्ती को उसके अत्याचार के कारण विनष्ट करना चाहते हैं, तो उन लोगों को आज्ञाकारिता का आदेश देते हैं, जिन्हें नेमतों ने सरकश व अभिमानी बना दिया होता है, तो वे बात नहीं मानते। बल्कि अवहेलना और अवज्ञा का रवैया अपनाते हैं। फिर उनपर विनाशकारी यातना की बात सिद्ध हो जाती है, तो हम उन्हें समूल विनष्ट कर देते हैं।
Tafsiran larabci:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا مِنَ الْقُرُوْنِ مِنْ بَعْدِ نُوْحٍ ؕ— وَكَفٰی بِرَبِّكَ بِذُنُوْبِ عِبَادِهٖ خَبِیْرًا بَصِیْرًا ۟
और कितने ही झुठलाने वाले समुदाय हैं, जिन्हें हमने नूह़ अलैहिस्सलाम के बाद विनष्ट कर दिया, जैसे आद और समूद। और - ऐ रसूल! - आपका पालनहार अपने बंदों के पापों की खबर रखने और देखने के लिए काफी है। उससे इनमें से कोई भी चीज़ छिपी नहीं है और वह उन्हें उनका बदला देगा।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• من اهتدى بهدي القرآن كان أكمل الناس وأقومهم وأهداهم في جميع أموره.
• जो व्यक्ति क़ुरआन के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त करता है, वह लोगों में सबसे पूर्ण, सबसे उत्तम और अपने सभी मामलों में सबसे अधिक हिदायत वाला है।

• التحذير من الدعوة على النفس والأولاد بالشر.
• स्वयं पर तथा संतान पर बद्दुआ करने से सावधान करना।

• اختلاف الليل والنهار بالزيادة والنقص وتعاقبهما، وضوء النهار وظلمة الليل، كل ذلك دليل على وحدانية الله ووجوده وكمال علمه وقدرته.
• रात और दिन का घटना और बढ़ना तथा उनका एक-दूसरे के बाद आना, दिन का उजाला और रात का अंधेरा, यह सब अल्लाह की एकता, उसके अस्तित्व तथा उसके ज्ञान एवं शक्ति की पूर्णता के प्रमाण हैं।

• تقرر الآيات مبدأ المسؤولية الشخصية، عدلًا من الله ورحمة بعباده.
• अल्लाह की ओर से न्याय और उसके अपने बंदों पर दया के तौर पर, ये आयतें व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी के सिद्धांत को स्थापित करती हैं।

مَنْ كَانَ یُرِیْدُ الْعَاجِلَةَ عَجَّلْنَا لَهٗ فِیْهَا مَا نَشَآءُ لِمَنْ نُّرِیْدُ ثُمَّ جَعَلْنَا لَهٗ جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلٰىهَا مَذْمُوْمًا مَّدْحُوْرًا ۟
जो व्यक्ति नेकी के कामों से सांसारिक जीवन का इरादा रखता है, और आख़िरत पर ईमान नहीं रखता और न ही उसकी कोई परवाह करता है, तो हम उसे दुनिया में वह चीज़ जल्द प्रदान कर देते हैं जो हम चाहते हैं, न कि जो नेमतें वह चाहता है, जिसके साथ हम ऐसा करना चाहते हैं। फिर हमने उसके लिए जहन्नम तैयार कर रखी है, जिसमें वह क़ियामत के दिन प्रवेश करके उसकी गर्मी को सहन करेगा, वह दुनिया को अपनी पसंद बनाने और आखिरत का इनकार करने पर निंदित होगा और अल्लाह की दया से निष्कासित कर दिया गया होगा।
Tafsiran larabci:
وَمَنْ اَرَادَ الْاٰخِرَةَ وَسَعٰی لَهَا سَعْیَهَا وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَاُولٰٓىِٕكَ كَانَ سَعْیُهُمْ مَّشْكُوْرًا ۟
और जिस व्यक्ति ने अपने नेक कर्मों से आखिरत के प्रतिफल का इरादा किया और उसके लिए दिखावा और प्रसिद्धि से दूर रहकर प्रयास किया, जबकि वह उन चीज़ों पर ईमान रखने वाला हो, जिनपर ईमान लाना अल्लाह ने अनिवार्य किया है, तो यही इन गुणों से सुसज्जित लोग ही हैं जिनका प्रयास अल्लाह के निकट स्वीकृत होगा और वह उन्हें उसका बदला देगा।
Tafsiran larabci:
كُلًّا نُّمِدُّ هٰۤؤُلَآءِ وَهٰۤؤُلَآءِ مِنْ عَطَآءِ رَبِّكَ ؕ— وَمَا كَانَ عَطَآءُ رَبِّكَ مَحْظُوْرًا ۟
हम - ऐ रसूल - आपके पालनहार के अनुदान से बिना किसी रुकावट के इन दोनों पक्षों में से प्रत्येक नेक और दुष्ट को प्रदान करते रहते हैं। और इस दुनिया में आपके पालनहार का अनुदान किसी से रोका नहीं गया है, चाहे वह नेक हो या बुरा।
Tafsiran larabci:
اُنْظُرْ كَیْفَ فَضَّلْنَا بَعْضَهُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— وَلَلْاٰخِرَةُ اَكْبَرُ دَرَجٰتٍ وَّاَكْبَرُ تَفْضِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) आप विचार करें कि हमने इस दुनिया में जीविका और पद (दर्जे) के मामले में उनमें से कुछ को दूसरों पर किस प्रकार श्रेष्ठता प्रदान की है। और निश्चित रूप से आख़िरत, सांसारिक जीवन की तुलना में, नेमतों के दर्जों में बहुत अधिक अंतर वाली और श्रेष्ठता के एतिबार से बहुत बढ़कर है। अतः मोमिन को उसके लिए उत्सुक होना चाहिए।
Tafsiran larabci:
لَا تَجْعَلْ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ فَتَقْعُدَ مَذْمُوْمًا مَّخْذُوْلًا ۟۠
(ऐ बंदे) अल्लाह के साथ कोई अन्य पूज्य बनाकर उसकी पूजा मत कर। यदि ऐसा किया, तो तू अल्लाह के निकट निंदित हो जाएगा, उसके सदाचारी बंदों के निकट तेरी प्रशंसा नहीं की जाएगी, तथा उसकी ओर से उपेक्षित होगा, तेरा कोई मददगार नहीं होगा।
Tafsiran larabci:
وَقَضٰی رَبُّكَ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّاۤ اِیَّاهُ وَبِالْوَالِدَیْنِ اِحْسَانًا ؕ— اِمَّا یَبْلُغَنَّ عِنْدَكَ الْكِبَرَ اَحَدُهُمَاۤ اَوْ كِلٰهُمَا فَلَا تَقُلْ لَّهُمَاۤ اُفٍّ وَّلَا تَنْهَرْهُمَا وَقُلْ لَّهُمَا قَوْلًا كَرِیْمًا ۟
(ऐ बंदे) तेरे पालनहार ने आदेश दिया है और अनिवार्य कर दिया है कि उसके सिवा किसी और की उपासना न की जाए। तथा उसने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करने का आदेश दिया है, विशेष रूप से उनके वृद्धावस्था में पहुँचने पर। यदि माता-पिता में से कोई एक अथवा दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाएँ, तो उनसे उकताकर 'उफ़' तक न कहो, न उन्हें झिड़को और न उन्हें कठोर बात कहो। बल्कि उनसे ऐसी बात कहो जिसमें नरमी और दयालुता हो।
Tafsiran larabci:
وَاخْفِضْ لَهُمَا جَنَاحَ الذُّلِّ مِنَ الرَّحْمَةِ وَقُلْ رَّبِّ ارْحَمْهُمَا كَمَا رَبَّیٰنِیْ صَغِیْرًا ۟ؕ
और उनके प्रति दया-भाव और विनति के साथ विनम्रता अपनाओ और (दुआ करते हुए) कहो : ऐ मेरे पालनहार! तू उन दोनों पर दया कर, क्योंकि उन्होंने बचपन में मेरा पालन-पोषण किया है।
Tafsiran larabci:
رَبُّكُمْ اَعْلَمُ بِمَا فِیْ نُفُوْسِكُمْ ؕ— اِنْ تَكُوْنُوْا صٰلِحِیْنَ فَاِنَّهٗ كَانَ لِلْاَوَّابِیْنَ غَفُوْرًا ۟
(ऐ लोगो) तुम्हारे दिलों में इबादत और भलाई के कार्यों तथा माता-पिता के साथ सद्व्यवहार के प्रति जो निष्ठा (इख़्लास) है, तुम्हारा पालनहार उसे खूब जानता है। यदि तुम्हारी इबादत और अपने माता-पिता के साथ तुम्हारे व्यवहार आदि में तुम्हारे इरादे नेक हैं, तो अल्लाह उन लोगों को क्षमा करने वाला है, जो तौबा करके उसकी ओर पलटने वाले हैं। अतः जो व्यक्ति अल्लाह की इबादत या अपने माता-पिता की सेवा में अपनी पिछली कोताही से तौबा कर ले, तो अल्लाह उसे क्षमा कर देता है।
Tafsiran larabci:
وَاٰتِ ذَا الْقُرْبٰی حَقَّهٗ وَالْمِسْكِیْنَ وَابْنَ السَّبِیْلِ وَلَا تُبَذِّرْ تَبْذِیْرًا ۟
(ऐ ईमान वाले) रिश्तेदार को उसकी रिश्तेदारी का हक़ दे। तथा ज़रूरतमंद निर्धन को दे और ऐसे ही उस यात्री को दे, जो अपनी यात्रा में फँस गया है। और अपना धन पाप में, या फालतू में खर्च न कर।
Tafsiran larabci:
اِنَّ الْمُبَذِّرِیْنَ كَانُوْۤا اِخْوَانَ الشَّیٰطِیْنِ ؕ— وَكَانَ الشَّیْطٰنُ لِرَبِّهٖ كَفُوْرًا ۟
निश्चित रूप से अपना धन गुनाह के कामों में खर्च करने वाले तथा खर्च करने में अपव्ययता से काम लेने वाले, शैतान के भाई हैं, जो अपव्यय और फिज़ूलखर्ची करने में उनके आदेशों का पालन करते हैं। और शैतान अपने पालनहार का बहुत नाशुक्रा है। वह केवल वही काम करता है, जिसमें पाप हो तथा वह उसी चीज़ का आदेश देता है, जिससे उसका पालनहार क्रोधित हो।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• ينبغي للإنسان أن يفعل ما يقدر عليه من الخير وينوي فعل ما لم يقدر عليه؛ ليُثاب على ذلك.
• इनसान को चाहिए कि जो अच्छा कार्य करने में वह सक्षम है, उसे करे, और जिसे करने में वह असमर्थ है, उसकी नीयत रखे, ताकि उसे उसका भी सवाब मिले।

• أن النعم في الدنيا لا ينبغي أن يُسْتَدل بها على رضا الله تعالى؛ لأنها قد تحصل لغير المؤمن، وتكون عاقبته المصير إلى عذاب الله.
• दुनिया में प्राप्त नेमतों को अल्लाह की प्रसन्नता का प्रमाण नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक अविश्वासी (ग़ैर-मोमिन) को भी प्राप्त हो सकती है, लेकिन उसका परिणाम अल्लाह का अज़ाब होता है।

• الإحسان إلى الوالدين فرض لازم واجب، وقد قرن الله شكرهما بشكره لعظيم فضلهما.
• माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार आवश्यक, अनिवार्य और ज़रूरी है। उन दोनों के महान प्रतिष्ठा को दर्शाने के लिए, अल्लाह तआला ने उनका शुक्रिया अदा करने का उल्लेख अपना शुक्रिया अदा करने के आदेश के साथ किया है।

• يحرّم الإسلام التبذير، والتبذير إنفاق المال في غير حقه.
• इस्लाम ने अपव्यय को हराम (निषिद्ध) घोषित किया है और अपव्यय का मतलब है धन को अनुचित (बेजा) खर्च करना।

وَاِمَّا تُعْرِضَنَّ عَنْهُمُ ابْتِغَآءَ رَحْمَةٍ مِّنْ رَّبِّكَ تَرْجُوْهَا فَقُلْ لَّهُمْ قَوْلًا مَّیْسُوْرًا ۟
और यदि तुम इन लोगों को कुछ न दे सको; क्योंकि अल्लाह की ओर से जीविका प्रदान किए जाने की प्रतीक्षा करते हुए उन्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है, तो तुम उनसे नरम और आसान बात कहो। उदाहरण के लिए तुम उनके लिए जीविका के विस्तार की दुआ करो, या अल्लाह की ओर से धन प्राप्त होने पर उन्हें देने का वादा करो।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَجْعَلْ یَدَكَ مَغْلُوْلَةً اِلٰی عُنُقِكَ وَلَا تَبْسُطْهَا كُلَّ الْبَسْطِ فَتَقْعُدَ مَلُوْمًا مَّحْسُوْرًا ۟
अपने हाथ को खर्च करने से मत रोको और न ही खर्च करने में अपव्ययता से काम लो। क्योंकि अगर तुमने अपने हाथ को खर्च करने से रोक लिया, तो तुम निंदित हो जाओगे, तुम्हारी कंजूसी पर लोग तुम्हारी निंदा करेंगे। तथा तुम अपने अपव्यय के कारण खर्च करने से रुक जाओगे, तुम्हारे पास खर्च करने के लिए कुछ न रहेगा।
Tafsiran larabci:
اِنَّ رَبَّكَ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَقْدِرُ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِعِبَادِهٖ خَبِیْرًا بَصِیْرًا ۟۠
निश्चय ही आपका पालनहार जिसके लिए चाहता है, रोज़ी विस्तृत कर देता है, और जिसके लिए चाहता है अपनी व्यापक हिकमत से रोज़ी तंग कर देता है। निःसंदेह वह अपने बंदों की पूरी ख़बर रखने वाला, खूब देखने वाला है, उनकी कोई भी चीज़ उससे छिपी नहीं है। इसलिए वह उनके बारे में जैसा चाहता है, निर्णय करता है।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَقْتُلُوْۤا اَوْلَادَكُمْ خَشْیَةَ اِمْلَاقٍ ؕ— نَحْنُ نَرْزُقُهُمْ وَاِیَّاكُمْ ؕ— اِنَّ قَتْلَهُمْ كَانَ خِطْاً كَبِیْرًا ۟
तथा इस डर से अपने बच्चों की हत्या न करो कि भविष्य में उन पर खर्च करने के कारण तुम ग़रीब हो जाओगे। उन्हें रोज़ी देने की ज़िम्मेदारी हमारी है, तथा तुम्हें भी रोज़ी देने के ज़िम्मेदार हम ही हैं। निःसंदेह उनकी हत्या करना एक बड़ा पाप है। क्योंकि उन्होंने कोई पाप नहीं किया है और न ही कोई ऐसा कारण है जो उनकी हत्या को वैध ठहराता हो।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَقْرَبُوا الزِّنٰۤی اِنَّهٗ كَانَ فَاحِشَةً ؕ— وَسَآءَ سَبِیْلًا ۟
व्यभिचार से सावधान रहो तथा उसके लिए प्रोत्साहित करने वाली चीज़ों से बचो। यह अत्यंत घृणित (घिनावना) काम है और बहुत बुरा रास्ता है, क्योंकि यह नसब (वंश) के मिश्रण और अल्लाह के अज़ाब का कारण बनता है।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَقْتُلُوا النَّفْسَ الَّتِیْ حَرَّمَ اللّٰهُ اِلَّا بِالْحَقِّ ؕ— وَمَنْ قُتِلَ مَظْلُوْمًا فَقَدْ جَعَلْنَا لِوَلِیِّهٖ سُلْطٰنًا فَلَا یُسْرِفْ فِّی الْقَتْلِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ مَنْصُوْرًا ۟
और उस प्राणी की हत्या न करो, जिसका खून अल्लाह ने ईमान अथवा 'अमान' (सुरक्षा) के कारण संरक्षित कर दिया है, जब तक कि वह मुर्तद्द होने (इस्लाम धर्म त्यागने), या शादीशुदा होने के पश्चात व्यभिचार करने के कारण, या 'क़िसास' (बदले) के तौर पर क़त्ल किए जाने का हक़दार न हो जाए। तथा जिसकी हत्या बिना किसी वैध कारण के अत्याचारपूर्ण ढंग से कर दी जाए, तो हमने उसके उत्तराधिकारियों में से उसके अभिभावक को उसके हत्यारे के ऊपर आधिपत्य प्रदान किया है। चुनाँचे उसे यह अधिकार है कि वह 'क़िसास' के तौर पर हत्यारे को क़त्ल करने का मुतालबा करे, या मुआवज़े के बिना क्षमा कर दे, या दियत (खून की क़ीमत) लेकर क्षमा करे। परंतु वह उस सीमा से आगे न बढ़े, जो अल्लाह ने उसके लिए वैध ठहराया है, जैसे कि हत्यारे के अंगों को काटना, या उसने जिस (हथियार) से हत्या की है, उसके सिवा किसी अन्य चीज़ से हत्या करना, या हत्यारे के अलावा किसी और व्यक्ति की हत्या करना। निश्चित रूप से वह समर्थित और मदद किया हुआ है।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَقْرَبُوْا مَالَ الْیَتِیْمِ اِلَّا بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ حَتّٰی یَبْلُغَ اَشُدَّهٗ ۪— وَاَوْفُوْا بِالْعَهْدِ ۚ— اِنَّ الْعَهْدَ كَانَ مَسْـُٔوْلًا ۟
जिस बच्चे के पिता की मृत्यु हो गई, उसके धन के संबंध में केवल वही कार्रवाई करो जो उसके लिए सबसे उत्तम हो, जैसे कि उसको विकसित करना (बढ़ाना) और उसका संरक्षण करना, यहाँ तक कि वह अपनी बुद्धि की पूर्णता और परिपक्वता को पहुँच जाए। और तुम्हारे तथा अल्लाह के बीच और तुम्हारे तथा अल्लाह के बंदों के बीच जो भी प्रतिज्ञा है, बिना प्रतिज्ञाभंग या कमी के उसे पूरा करो। अल्लाह क़ियामत के दिन वचन देने वाले से प्रश्न करेगा कि : क्या उसने अपना वचन पूरा किया था, ताकि उसे प्रतिफल दे, या उसने उसे पूरा नहीं किया, ताकि उसे दंडित करे।
Tafsiran larabci:
وَاَوْفُوا الْكَیْلَ اِذَا كِلْتُمْ وَزِنُوْا بِالْقِسْطَاسِ الْمُسْتَقِیْمِ ؕ— ذٰلِكَ خَیْرٌ وَّاَحْسَنُ تَاْوِیْلًا ۟
और जब दूसरे को मापकर दो, तो पूरा मापो और उसमें कमी न करो, तथा ठीक तराज़ू से तौलो, जो ज़रा भी कम तौलने वाला न हो। यह माप और वज़न को पूरा करना तुम्हारे लिए इस दुनिया और आख़िरत में बहुत बेहतर है तथा माप और वज़न में कमी करने से उत्तम परिणाम वाला है।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَقْفُ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— اِنَّ السَّمْعَ وَالْبَصَرَ وَالْفُؤَادَ كُلُّ اُولٰٓىِٕكَ كَانَ عَنْهُ مَسْـُٔوْلًا ۟
और (ऐ आदम की संतान) तुम उस चीज़ के पीछे न पड़ो, जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं है, अन्यथा तुम अनुमानों और अटकल का पालन करने लगोगे। निश्चय ही मनुष्य से पूछा जाएगा कि उसने अपने कान, आँख तथा दिल का उपयोग अच्छे कार्य के लिए किया है या बुरे कार्य के लिए। फिर उसे अच्छे कार्य के लिए सवाब दिया जाएगा और बुरे कार्य के लिए दंडित किया जाएगा।
Tafsiran larabci:
وَلَا تَمْشِ فِی الْاَرْضِ مَرَحًا ۚ— اِنَّكَ لَنْ تَخْرِقَ الْاَرْضَ وَلَنْ تَبْلُغَ الْجِبَالَ طُوْلًا ۟
तथा धरती पर घमंड करते और इतराते हुए मत चलो। यदि तुम उसपर अकड़ कर चलोगे, तो तुम अपनी चाल से कभी न धरती को फाड़ सकोगे, और न ही तुम्हारा क़द कभी पहाड़ों की लंबाई और ऊँचाई तक पहुँचेगा। तो फिर घमंड क्यों?!
Tafsiran larabci:
كُلُّ ذٰلِكَ كَانَ سَیِّئُهٗ عِنْدَ رَبِّكَ مَكْرُوْهًا ۟
उपर्युक्त सभी चीज़ों में से जो चीज़ बुरी है, वह (ऐ इनसान) तेरे पालनहार के निकट निषिद्ध है। उसके करने वाले से अल्लाह खुश नहीं होता, बल्कि उससे घृणा करता है।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• الأدب الرفيع هو رد ذوي القربى بلطف، ووعدهم وعدًا جميلًا بالصلة عند اليسر، والاعتذار إليهم بما هو مقبول.
• उच्च शिष्टाचार यह है कि आदमी संबंधियों को (कुछ न देने की स्थिति में) विनम्रतापूर्वक वापस लौटाए और उनसे आसानी पैदा होने के समय देने का सुंदर वादा करे और उनसे ऐसी चीज़ के द्वारा क्षमा चाहे जो स्वीकार्य हो।

• الله أرحم بالأولاد من والديهم؛ فنهى الوالدين أن يقتلوا أولادهم خوفًا من الفقر والإملاق وتكفل برزق الجميع.
• अल्लाह बच्चों पर उनके माता-पिता से अधिक दयालु है। इसी कारण उसने माता-पिता को निर्धनता और गरीबी के डर से अपने बच्चों की हत्या करने से मना किया है और सभी की आजीविका की ज़िम्मेदारी ली है।

• في الآيات دليل على أن الحق في القتل للولي، فلا يُقْتَص إلا بإذنه، وإن عفا سقط القصاص.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि 'क़िसास' लेने का अधिकार वधित व्यक्ति के अभिभावक का है। अतः उसकी अनुमति के बिना क़िसास नहीं लिया जाएगा और उसके माफ़ कर देने पर क़िसास समाप्त हो जाएगा।

• من لطف الله ورحمته باليتيم أن أمر أولياءه بحفظه وحفظ ماله وإصلاحه وتنميته حتى يبلغ أشده.
• यह अनाथ के प्रति अल्लाह की दया और कृपा है कि उसने उसके अभिभावकों को उसकी रक्षा करने तथा उसके धन को संरक्षित करने, उसका सुधार करने और उसे बढ़ाने का आदेश दिया है, यहाँ तक कि वह परिपक्व हो जाए।

ذٰلِكَ مِمَّاۤ اَوْحٰۤی اِلَیْكَ رَبُّكَ مِنَ الْحِكْمَةِ ؕ— وَلَا تَجْعَلْ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ فَتُلْقٰی فِیْ جَهَنَّمَ مَلُوْمًا مَّدْحُوْرًا ۟
जिन आदेशों, निषेधों और नियमों को हमने स्पष्ट किया है, ये हिकमत की वे बातें हैं, जिनकी आपके पालनहार ने आपकी ओर वह़्य की है। और (ऐ मनुष्य!) तू अल्लाह के साथ किसी और को पूज्य न बना। अन्यथा तू क़ियामत के दिन निंदित जहन्नम में फेंक दिया जाएगा। तेरी आत्मा तेरी निंदा करेगी और दूसरे लोग भी तेरी निंदा करेंगे, तू हर भलाई से निष्कासित एवं धुत्कारा हुआ होगा।
Tafsiran larabci:
اَفَاَصْفٰىكُمْ رَبُّكُمْ بِالْبَنِیْنَ وَاتَّخَذَ مِنَ الْمَلٰٓىِٕكَةِ اِنَاثًا ؕ— اِنَّكُمْ لَتَقُوْلُوْنَ قَوْلًا عَظِیْمًا ۟۠
ऐ वे लोगो, जो यह दावा करते हो कि फ़रिश्ते अल्लाह की पुत्रियाँ हैं! क्या - ऐ बहुदेववादियों! - तुम्हारे पालनहार ने पुत्र प्रदान करने के लिए तुम्हें खास कर लिया है और अपने लिए फरिश्तों को बेटियाँ बना ली हैं? अल्लाह तुम्हारी बातों से बहुत बुलंद है। निश्चित रूप से तुम अल्लाह के बारे में बहुत ही घृणित बात कह रहे हो कि तुम उसकी ओर संतान की निस्बत करते हो, तथा उसके साथ कुफ़्र में अति करते हुए यह दावा करते हो कि उसकी बेटियाँ हैं।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ صَرَّفْنَا فِیْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ لِیَذَّكَّرُوْا ؕ— وَمَا یَزِیْدُهُمْ اِلَّا نُفُوْرًا ۟
हमने इस कुरआन में अहकाम (नियमों), उपदेशों और उदाहरणों को स्पष्ट रूप से बयान कर दिया है, ताकि लोग उनसे सीख प्राप्त करें। चुनाँचे जो उनके लिए लाभदायक है, उसपर चलें, तथा जो उनके लिए हानिकारक है, उसे छोड़ दें। तथ्य यह है कि जिन लोगों की फ़ितरत बदल गई है इससे उनके सत्य से दूरी और उसके प्रति घृणा ही में वृद्धि हुई है।
Tafsiran larabci:
قُلْ لَّوْ كَانَ مَعَهٗۤ اٰلِهَةٌ كَمَا یَقُوْلُوْنَ اِذًا لَّابْتَغَوْا اِلٰی ذِی الْعَرْشِ سَبِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कह दें : यदि अल्लाह के साथ और भी पूज्य होते, जैसा कि ये लोग झूठ बोलते और आरोप लगाते हुए कहते हैं, तो ये तथाकथित पूज्य अर्श वाले अल्लाह की ओर जाने का रास्ता खोजते, ताकि उसके राज्य पर अपना प्रभुत्व प्राप्त करने के लिए उसे पराजित करने का प्रयास करें और उसके लिए उससे झगड़ा करें।
Tafsiran larabci:
سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰی عَمَّا یَقُوْلُوْنَ عُلُوًّا كَبِیْرًا ۟
अल्लाह उन बातों से पाक और पवित्र है, जो बहुदेववादी उसके साथ संबंधित करते हैं, तथा जो कुछ वे कहते हैं उससे वह बहुत बुलंद है।
Tafsiran larabci:
تُسَبِّحُ لَهُ السَّمٰوٰتُ السَّبْعُ وَالْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهِنَّ ؕ— وَاِنْ مِّنْ شَیْءٍ اِلَّا یُسَبِّحُ بِحَمْدِهٖ وَلٰكِنْ لَّا تَفْقَهُوْنَ تَسْبِیْحَهُمْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ حَلِیْمًا غَفُوْرًا ۟
आकाश अल्लाह की पवित्रता का गान करते हैं, धरती अल्लाह की पवित्रता का गान करती है, तथा आकाशों और धरती के सभी प्राणी अल्लाह की पवित्रता का गान करते हैं, बल्कि कोई भी चीज़ ऐसी नहीं है जो उसकी प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का गान न करती हो। लेकिन तुम यह नहीं समझते कि वे कैसे पवित्रता का गान करते हैं। क्योंकि तुम केवल उन्हीं की तस्बीह (पवित्रता-गान) को समझते हो, जो तुम्हारी भाषा में पवित्रता का गान करते हैं। निःसंदेह अल्लाह अत्यंत सहनशील है, वह जल्दी सज़ा नहीं देता, तौबा करने वालों को बहुत क्षमा करने वाला है।
Tafsiran larabci:
وَاِذَا قَرَاْتَ الْقُرْاٰنَ جَعَلْنَا بَیْنَكَ وَبَیْنَ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ حِجَابًا مَّسْتُوْرًا ۟ۙ
जब (ऐ रसूल) आप क़ुरआन पढ़ते हैं और वे उसकी डराने-धमकाने वाली बातों और उपदेशों को सुनते हैं, तो हम आपके और क़ियामत के दिन पर ईमान न लाने वालों के बीच एक पर्दा डाल देते हैं, जो उन्हें उनके मुँह फेरने की सज़ा के तौर पर क़ुरआन समझने से रोक देता है।
Tafsiran larabci:
وَّجَعَلْنَا عَلٰی قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ یَّفْقَهُوْهُ وَفِیْۤ اٰذَانِهِمْ وَقْرًا ؕ— وَاِذَا ذَكَرْتَ رَبَّكَ فِی الْقُرْاٰنِ وَحْدَهٗ وَلَّوْا عَلٰۤی اَدْبَارِهِمْ نُفُوْرًا ۟
और हमने उनके दिलों पर पर्दे डाल दिए, ताकि वे क़ुरआन को न समझें। और उनके कानों में भारीपन पैदा कर दिए, ताकि वे उसे लाभ उठाने के लिए न सुनें। तथा जब आप क़ुरआन में अपने अकेले पालनहार का ज़िक्र करते हैं और उनके तथाकथित पूज्यों की चर्चा नहीं करते हैं, तो वे अल्लाह के लिए एकेश्वरवाद को खालिस करने से दूर भागते हुए अपनी एड़ियों के बल पलट जाते हैं।
Tafsiran larabci:
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَسْتَمِعُوْنَ بِهٖۤ اِذْ یَسْتَمِعُوْنَ اِلَیْكَ وَاِذْ هُمْ نَجْوٰۤی اِذْ یَقُوْلُ الظّٰلِمُوْنَ اِنْ تَتَّبِعُوْنَ اِلَّا رَجُلًا مَّسْحُوْرًا ۟
हम उनके प्रमुखों के क़ुरआन सुनने के तरीक़े से अच्छी तरह अवगत हैं। उनका उद्देश्य क़ुरआन से हिदायत पाना नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य तिरस्कार करना और आपके क़ुरआन पढ़ने के समय शोर मचाना होता है। और हम खूब जानते हैं कि वे झुठलाने और क़ुरआन से रोकने के लिए चुपके-चुपके एक दूसरे से क्या कुछ कहते हैं, जब कुफ़्र के द्वारा अपने आप पर ज़ुल्म करने वाले ये लोग कहते हैं : (ऐ लोगो) तुम तो केवल एक जादू किए हुए आदमी के पीछे चलते हो, जिसका दिमाग ठीक नहीं है।
Tafsiran larabci:
اُنْظُرْ كَیْفَ ضَرَبُوْا لَكَ الْاَمْثَالَ فَضَلُّوْا فَلَا یَسْتَطِیْعُوْنَ سَبِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) आप सोचें, तो आपको आश्चर्य होगा कि उन्होंने आपको किन विभिन्न निंदनीय विशेषताओं से विशिष्ट किया है। अतः वे सत्य मार्ग से विचलित हो गए और भटक गए, फिर उन्हें सही रास्ता नहीं मिला।
Tafsiran larabci:
وَقَالُوْۤا ءَاِذَا كُنَّا عِظَامًا وَّرُفَاتًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ خَلْقًا جَدِیْدًا ۟
और मुश्रिकों ने मरणोपरांत पुनर्जीवन का इनकार करते हुए कहा : क्या जब हम मर जाएँगे और हड्डियाँ बन जाएँगे, तथा हमारे शरीर गल जाएँगे, तो क्या हम पुनर्जीवित किए जाएँगे? यह तो असंभव है।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• الزعم بأن الملائكة بنات الله افتراء كبير، وقول عظيم الإثم عند الله عز وجل.
• यह दावा कि फ़रिश्ते अल्लाह की बेटियाँ हैं, एक बड़ा मिथ्यारोप और अल्लाह के निकट बड़े गुनाह की बात है।

• أكثر الناس لا تزيدهم آيات الله إلا نفورًا؛ لبغضهم للحق ومحبتهم ما كانوا عليه من الباطل.
• अधिकांश लोग ऐसे हैं कि सत्य से उनकी घृणा और अपने झूठ से प्रेम के कारण, अल्लाह की आयतों से, केवल उनकी घृणा ही बढ़ती है।

• ما من مخلوق في السماوات والأرض إلا يسبح بحمد الله تعالى فينبغي للعبد ألا تسبقه المخلوقات بالتسبيح.
• आकाशों और धरती में जो भी मखलूक़ है, वह अल्लाह की प्रशंसा और गुणगान करती है। अतः बंदे को चाहिए कि अन्य मखलूक़ को अल्लाह की पाकी बयान करने के मामले में आगे बढ़ने न दे।

• من حلم الله على عباده أنه لا يعاجلهم بالعقوبة على غفلتهم وسوء صنيعهم، فرحمته سبقت غضبه.
• बंदों के प्रति अल्लाह की सहनशीलता ही का नतीजा है कि वह उन्हें उनके बुरे कर्मों और गफ़लत की सज़ा देने में जल्दी नहीं करता। चुनाँचे उसकी दया उसके क्रोध से आगे रहती है।

قُلْ كُوْنُوْا حِجَارَةً اَوْ حَدِیْدًا ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : (ऐ बहुदेववादियो!) यदि तुम्हारे वश में है, तो कठोरता में पत्थर बन जाओ, या शक्ति में लोहा हो जाओ, जबकि तुम ऐसा कभी नहीं कर सकोगे।
Tafsiran larabci:
اَوْ خَلْقًا مِّمَّا یَكْبُرُ فِیْ صُدُوْرِكُمْ ۚ— فَسَیَقُوْلُوْنَ مَنْ یُّعِیْدُنَا ؕ— قُلِ الَّذِیْ فَطَرَكُمْ اَوَّلَ مَرَّةٍ ۚ— فَسَیُنْغِضُوْنَ اِلَیْكَ رُءُوْسَهُمْ وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هُوَ ؕ— قُلْ عَسٰۤی اَنْ یَّكُوْنَ قَرِیْبًا ۟
या उन दोनों से बड़ी कोई और रचना हो जाओ, जो तुम्हारे दिलों में बड़ी मालूम होती हो। फिर भी अल्लाह तुम्हें लौटाएगा, जैसे पहली बार किया था और तुम्हें पुनर्जीवित करेगा, जैसे तुम्हें पहली बार पैदा किया था। इसपर ये हठधर्मी लोग कहेंगे : हमारी मृत्यु के बाद कौन हमें दोबारा जीवित करेगा? आप उनसे कह दें : वही तुम्हें दोबारा लौटाएगा जिसने तुम्हें पहली बार पूर्व उदाहरण के बिना पैदा किया था। फिर वे आपके उत्तर का मज़ाक़ उड़ाते हुए अपने सिर हिलाएँगे और उसे असंभव समझते हुए कहेंगे : यह लौटाना कब होगा? आप उनसे कह दें : शायद यह निकट है। क्योंकि जो भी आने वाला है, वह निकट ही है।
Tafsiran larabci:
یَوْمَ یَدْعُوْكُمْ فَتَسْتَجِیْبُوْنَ بِحَمْدِهٖ وَتَظُنُّوْنَ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا قَلِیْلًا ۟۠
अल्लाह तुम्हें उस दिन दोबारा जीवित करेगा, जिस दिन वह तुम्हें मह़्शर (प्रलय) की भूमि पर बुलाएगा, तो तुम उसके आदेश का पालन करते हुए, उसकी प्रशंसा करते हुए, उसके बुलावे का जवाब दोगो और सोचोगे कि तुम थोड़े समय के लिए ही पृथ्वी पर रहे हो।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ لِّعِبَادِیْ یَقُوْلُوا الَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ یَنْزَغُ بَیْنَهُمْ ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ كَانَ لِلْاِنْسَانِ عَدُوًّا مُّبِیْنًا ۟
(ऐ रसूल) आप मुझपर ईमान रखने वाले मेरे बंदों से कह दें कि वे वार्तालाप करते समय अच्छी बात कहें और घृणा पैदा करने वाली बुरी बात से बचें। क्योंकि शैतान उसका अनुचित लाभ उठाता है और उनके बीच झगड़ा लगाने का प्रयास करता है, जो उनके सांसारिक तथा आख़िरत के जीवन को खराब कर देता। निःसंदेह शैतान तो मनुष्य का खुला हुआ दुश्मन है। इसलिए मनुष्य को उससे बचना जाए।
Tafsiran larabci:
رَبُّكُمْ اَعْلَمُ بِكُمْ ؕ— اِنْ یَّشَاْ یَرْحَمْكُمْ اَوْ اِنْ یَّشَاْ یُعَذِّبْكُمْ ؕ— وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ عَلَیْهِمْ وَكِیْلًا ۟
(ऐ लोगो!) तुम्हारा पालनहार तुम्हें सबसे अधिक जानता है। अतः उससे तुम्हारी कोई चीज़ छिपी नहीं है। यदि वह तुमपर दया करना चाहे, तो दया करे इस प्रकार कि तुम्हें ईमान और अच्छे कार्य की तौफीक़ प्रदान कर दे। और यदि वह तुम्हें सज़ा देना चाहे, तो सज़ा दे इस प्रकार कि तुम्हे ईमान से वंचित कर दे और तुम्हें कुफ्र की अवस्था में मृत्यु दे। और (ऐ रसूल!) हमने आपको उनपर संरक्षक (ज़िम्मेदार) बनाकर नहीं भेजा है कि आप उन्हें ईमान लाने पर मजबूर करें और कुफ्र से रोकें और उनके कार्यों को गिन-गिनकर रखें। आपका काम तो केवल अल्लाह की ओर से उस संदेश को पहुँचा देना है, जिसे पहुँचाने का आपको आदेश दिया गया है।
Tafsiran larabci:
وَرَبُّكَ اَعْلَمُ بِمَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَلَقَدْ فَضَّلْنَا بَعْضَ النَّبِیّٖنَ عَلٰی بَعْضٍ وَّاٰتَیْنَا دَاوٗدَ زَبُوْرًا ۟
और (ऐ रसूल) आपका पालनहार उन सभी को अच्छी तरह जनता है, जो आकाशों और धरती में हैं तथा वह उनकी स्थितियों को जानता है और यह भी कि वे किस चीज़ के हक़दार हैं। और हमने कुछ नबियों को कुछ पर अनुयायियों की बहुतायत और पुस्तकों के अवतरण के द्वारा श्रेष्ठता प्रदान की तथा दाऊद - अलैहिस्सलाम - को ज़बूर नामक पुस्तक प्रदान की।
Tafsiran larabci:
قُلِ ادْعُوا الَّذِیْنَ زَعَمْتُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ فَلَا یَمْلِكُوْنَ كَشْفَ الضُّرِّ عَنْكُمْ وَلَا تَحْوِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कह दीजिए : (ऐ मुश्रिको) यदि तुम्हें कोई कष्ट पहुँचे, तो तुम उन्हें पुकारो जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूज्य समझते हो। तो वे अपनी विवशता के कारण तुमसे वह कष्ट दूर नहीं कर सकते, और न ही उसे तुमसे हटाकर किसी अन्य की ओर स्थानांतरित कर सकते हैं। और जो विवश हो, वह पूज्य नहीं हो सकता।
Tafsiran larabci:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ یَبْتَغُوْنَ اِلٰی رَبِّهِمُ الْوَسِیْلَةَ اَیُّهُمْ اَقْرَبُ وَیَرْجُوْنَ رَحْمَتَهٗ وَیَخَافُوْنَ عَذَابَهٗ ؕ— اِنَّ عَذَابَ رَبِّكَ كَانَ مَحْذُوْرًا ۟
ये (बहुदेववादी) लोग जिन फरिश्तों और उन जैसों को पुकारते हैं, वे स्वयं उन अच्छे कार्यों की तलाश में रहते हैं, जो उन्हें अल्लाह के निकट कर दें तथा वे प्रतिस्पर्धा करते हैं कि उनमें से कौन आज्ञाकारिता के द्वारा अल्लाह के सबसे निकट हो जाए। तथा वे अल्लाह की दया की आशा रखते हैं और उसकी यातना से डरते हैं। निश्चित रूप से (ऐ रसूल) आपके पालनहार की यातना ऐसी है कि उससे डरना चाहिए।
Tafsiran larabci:
وَاِنْ مِّنْ قَرْیَةٍ اِلَّا نَحْنُ مُهْلِكُوْهَا قَبْلَ یَوْمِ الْقِیٰمَةِ اَوْ مُعَذِّبُوْهَا عَذَابًا شَدِیْدًا ؕ— كَانَ ذٰلِكَ فِی الْكِتٰبِ مَسْطُوْرًا ۟
काफिर बस्तियों में से कोई बस्ती या शहर ऐसा नहीं है, जिसके कुफ़्र के कारण हम सांसारिक जीवन ही में उसपर यातना और विनाश न उतारें या उसके कुफ़्र के कारण हम उसे हत्या अथवा अन्य किसी कठोर दंड से पीड़ित न करें। यह विनाश और यातना एक दैवीय निर्णय है, जो लौह़े महफ़ूज़ में अंकित है।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• القول الحسن داع لكل خلق جميل وعمل صالح، فإنَّ من ملك لسانه ملك جميع أمره.
• अच्छी बात, हर अच्छी नैतिकता और अच्छे काम के लिए प्रेरित करती है। क्योंकि जो व्यक्ति अपनी ज़ुबान का मालिक होता है, वह अपने सभी मामलों का मालिक होता है।

• فاضل الله بين الأنبياء بعضهم على بعض عن علم منه وحكمة.
• अल्लाह ने अपने ज्ञान तथा हिकमत के आधार पर कुछ नबियों को कुछ नबियों पर श्रेष्ठता दी है।

• الله لا يريد بعباده إلا ما هو الخير، ولا يأمرهم إلا بما فيه مصلحتهم.
• अल्लाह अपने बंदों का भला ही चाहता है और उन्हें केवल उसी बात का आदेश देता है, जिसमें उनका हित हो।

• علامة محبة الله أن يجتهد العبد في كل عمل يقربه إلى الله، وينافس في قربه بإخلاص الأعمال كلها لله والنصح فيها.
• अल्लाह से प्रेम की एक निशानी यह है कि बंदा हर उस काम को करने में भरपूर प्रयास करता है, जो उसे अल्लाह से निकट करता है, तथा सभी कार्यों को अल्लाह के लिए विशुद्ध करके उसकी निकटता में प्रतिस्पर्धा करता है।

وَمَا مَنَعَنَاۤ اَنْ نُّرْسِلَ بِالْاٰیٰتِ اِلَّاۤ اَنْ كَذَّبَ بِهَا الْاَوَّلُوْنَ ؕ— وَاٰتَیْنَا ثَمُوْدَ النَّاقَةَ مُبْصِرَةً فَظَلَمُوْا بِهَا ؕ— وَمَا نُرْسِلُ بِالْاٰیٰتِ اِلَّا تَخْوِیْفًا ۟
और हमने रसूल की सच्चाई को इंगित करने वाली संवेदी निशानियाँ, जिनकी माँग मुश्रिकों ने की थी, जैसे कि मृतकों को जीवित करना आदि, इसलिए उतारना छोड़ दिया, क्योंकि हमने उन्हें पिछले समुदायों पर उतारा था, परन्तु उन्होंने उन्हें झुठला दिया था। चुनाँचे हमने समूद समुदाय को एक महान और स्पष्ट निशानी ऊँटनी के रूप में दी थी। लेकिन उन्होंने उसका इनकार कर दिया। इसलिए हमने उन्हें जल्द ही यातना से ग्रस्त कर दिया। और हम रसूलों के हाथों निशानियाँ केवल उनके समुदायों को डराने के लिए भेजते हैं, ताकि वे इस्लाम ग्रहण कर लें।
Tafsiran larabci:
وَاِذْ قُلْنَا لَكَ اِنَّ رَبَّكَ اَحَاطَ بِالنَّاسِ ؕ— وَمَا جَعَلْنَا الرُّءْیَا الَّتِیْۤ اَرَیْنٰكَ اِلَّا فِتْنَةً لِّلنَّاسِ وَالشَّجَرَةَ الْمَلْعُوْنَةَ فِی الْقُرْاٰنِ ؕ— وَنُخَوِّفُهُمْ ۙ— فَمَا یَزِیْدُهُمْ اِلَّا طُغْیَانًا كَبِیْرًا ۟۠
और (ऐ रसूल!) आप उस समय को याद कीजिए, जब हमने आपसे कहा था : निःसंदेह आपके पालनहार ने लोगों को अपनी शक्ति से घेर लिया है। इसलिए वे उसके क़ब्ज़े में हैं और अल्लाह आपकी उनसे रक्षा करने वाला है। अतः आप उस बात का प्रचार करें जिसके प्रचार का आपको आदेश दिया गया है। और हमने इस्रा (व मेराज) की रात आपको खुली आँखों जो कुछ दिखाया, उसे लोगों के लिए परीक्षण का विषय बना दिया कि क्या वे उसे मानते हैं या उसे झुठला देते हैं? तथा क़ुरआन में उल्लेख किया गया ज़क़्क़ूम का वृक्ष कि वह जहन्नम की गहराई में उगता है, हमने उसे उनके लिए मात्र एक परीक्षण बनाया है। अगर वे इन दोनों निशानियों को नहीं मानते, तो वे उनके अलावा अन्य निशानियों को कभी नहीं मानेंगे। हम निशानियाँ उतारकर उन्हें डराते हैं, परंतु इससे उनके कुफ़्र ही में वृद्धि होती है और वे गुमराही में बहुत दूर चले जाते हैं।
Tafsiran larabci:
وَاِذْ قُلْنَا لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اسْجُدُوْا لِاٰدَمَ فَسَجَدُوْۤا اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— قَالَ ءَاَسْجُدُ لِمَنْ خَلَقْتَ طِیْنًا ۟ۚ
(ऐ रसूल) आप उस समय को याद कीजिए, जब हमने फरिश्तों से कहा : आदम को अभिवादन के तौर पर सजदा करो, इबादत के तौर पर नहीं। चुनाँचे उन्होंने आज्ञा का पालन किया और सब के सब सजदे में गिर गए। लेकिन इबलीस ने घमंड करते हुए उन्हें सजदा करने से इनकार कर दिया और कहा : क्या मैं उसे सजदा करूँ, जिसे तूने मिट्टी से पैदा किया है, जबकि तूने मुझे आग से पैदा किया है?! इसलिए मैं उससे उत्तम हूँ।
Tafsiran larabci:
قَالَ اَرَءَیْتَكَ هٰذَا الَّذِیْ كَرَّمْتَ عَلَیَّ ؗ— لَىِٕنْ اَخَّرْتَنِ اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ لَاَحْتَنِكَنَّ ذُرِّیَّتَهٗۤ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
इबलीस ने अपने पालनहार से कहा : क्या तूने इस प्राणी को देखा, जिसे सजदा करने का मुझे आदेश देकर तूने उसे मेरे ऊपर सम्मान दिया है? यदि तूने मुझे सांसारिक जीवन के अंत तक जीवित रखा, तो मैं अवश्य ही उसकी संतानों को उकसाऊँगा और निश्चित रूप से उन्हें तेरे सीधे रास्ते से भटका दूँगा, उनमें से कुछ को छोड़कर जिन्हें तू सुरक्षित रखेगा और वे तेरे चुने हुए बंदे हैं।
Tafsiran larabci:
قَالَ اذْهَبْ فَمَنْ تَبِعَكَ مِنْهُمْ فَاِنَّ جَهَنَّمَ جَزَآؤُكُمْ جَزَآءً مَّوْفُوْرًا ۟
उसके पालनहार ने उससे कहा : तू (यहाँ से) चला जा। फिर उनमें से जो तेरी बात मानेगा, तो जहन्नम ही तेरा बदला और उनका बदला है, जो कि तुम्हारे कार्यों का भरपूर बदला है।
Tafsiran larabci:
وَاسْتَفْزِزْ مَنِ اسْتَطَعْتَ مِنْهُمْ بِصَوْتِكَ وَاَجْلِبْ عَلَیْهِمْ بِخَیْلِكَ وَرَجِلِكَ وَشَارِكْهُمْ فِی الْاَمْوَالِ وَالْاَوْلَادِ وَعِدْهُمْ ؕ— وَمَا یَعِدُهُمُ الشَّیْطٰنُ اِلَّا غُرُوْرًا ۟
और उनमें से जिसे भी तू अपनी पाप की ओर बुलाने वाली आवाज़ से बहका सके, बहका ले और उनपर अपने आज्ञापालन की ओर बुलाने वाली पैदल तथा सवार सेना चढ़ा ला, तथा हर शरीयत विरोधी व्यवहार को सुंदर बनाकर उनके धन में उनका साझी बन जा, और उनके बच्चों में भी उनके साथ हिस्सेदार बन जा उनका झूठा दावा करके, उन्हें व्यभिचार के द्वारा प्राप्त कर और उनके ऐसे नाम रखवाकर जो अल्लाह के अलावा की बंदगी को दर्शाने वाले हों। और उनके लिए झूठे वादे और झूठी आकांक्षाएँ सुशोभित कर। और शैतान उनसे केवल झूठे वादे करता है, जो उन्हें धोखा देने वाले होते हैं।
Tafsiran larabci:
اِنَّ عِبَادِیْ لَیْسَ لَكَ عَلَیْهِمْ سُلْطٰنٌ ؕ— وَكَفٰی بِرَبِّكَ وَكِیْلًا ۟
(ऐ इबलीस) निःसंदेह मेरे आज्ञापालन के मार्ग पर चलने वाले मोमिन बंदों पर तेरा कोई बस नहीं चलेगा। क्योंकि अल्लाह तेरी बुराई से उनकी रक्षा करता है। और जो अपने मामलों में अल्लाह पर भरोसा करे, वह उसके लिए संरक्षक के रूप में काफ़ी है।
Tafsiran larabci:
رَبُّكُمُ الَّذِیْ یُزْجِیْ لَكُمُ الْفُلْكَ فِی الْبَحْرِ لِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِكُمْ رَحِیْمًا ۟
(ऐ लोगो) तुम्हारा पालनहार वह है, जो तुम्हारे लिए समुद्र में कश्तियाँ चलाता है, इस आशा में कि तुम व्यापार और अन्य चीजों के मुनाफे से उसकी आजीविका तलाश करो। निःसंदेह वह तुमपर बड़ा दयावान् है कि उसने तुम्हारे लिए ये साधन उपलब्ध कराए।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• من رحمة الله بالناس عدم إنزاله الآيات التي يطلبها المكذبون حتى لا يعاجلهم بالعقاب إذا كذبوا بها.
• लोगों पर अल्लाह की दया में से उन निशानियों को न उतारना भी है, जिनकी झुठलाने वाले लोग माँग करते थे, ताकि ऐसा न हो कि यदि वे उन्हें झुठला दें, तो उन्हें जल्द दंडित करना पड़े।

• ابتلى الله العباد بالشيطان الداعي لهم إلى معصية الله بأقواله وأفعاله.
• अल्लाह ने बंदों को शैतान के द्वारा आज़माया है, जो अपनी बातों और कर्मों के माध्यम से उन्हें अल्लाह की अवज्ञा की ओर बुलाता है।

• من صور مشاركة الشيطان للإنسان في الأموال والأولاد: ترك التسمية عند الطعام والشراب والجماع، وعدم تأديب الأولاد.
• धन और संतान में इनसान के साथ शैतान की साझेदारी के कुछ रूप इस प्रकार हैं : खाने, पीने और संभोग करते समय अल्लाह का नाम न लेना और बच्चों को इस्लामी शिष्टाचार न सिखाना।

وَاِذَا مَسَّكُمُ الضُّرُّ فِی الْبَحْرِ ضَلَّ مَنْ تَدْعُوْنَ اِلَّاۤ اِیَّاهُ ۚ— فَلَمَّا نَجّٰىكُمْ اِلَی الْبَرِّ اَعْرَضْتُمْ ؕ— وَكَانَ الْاِنْسَانُ كَفُوْرًا ۟
और जब (ऐ मुश्रिको!) तुमपर समुद्र में कोई मुसीबत और परेशानी आती है, यहाँ तक कि तुम्हें अपनी जान का ख़तरा महसूस होता है, तो उस समय अल्लाह के सिवा जिनकी तुम पूजा करते थे, वे सब तुम्हारे दिमाग़ से निकल जाते हैं और तुम्हें अल्लाह के सिवा कोई याद नहीं आता। चुनाँचे तुम उसी से मदद माँगते हो। फिर जब वह तुम्हारी मदद करता है और तुम्हें मुसीबत से बचा लेता है और तुम थल में आ जाते हो, तो तुम उसको एकमात्र पूज्य मानने और अकेले उसी को पुकारने से मुँह फेर लेते हो और अपने बुतों की ओर लौट जाते हो। वास्तव में, मनुष्य अल्लाह की नेमतों का बहुत ज़्यादा इनकार करने वाला है।
Tafsiran larabci:
اَفَاَمِنْتُمْ اَنْ یَّخْسِفَ بِكُمْ جَانِبَ الْبَرِّ اَوْ یُرْسِلَ عَلَیْكُمْ حَاصِبًا ثُمَّ لَا تَجِدُوْا لَكُمْ وَكِیْلًا ۟ۙ
(ऐ मुश्रिको) क्या तुम इस बात से निश्चिंत हो गए हो कि जब उसने तुम्हें बचाकर थल तक पहुँचा दिया, तो तुम्हें वहीं धरती में धँसा दे? या तुम इस बात से निश्चिंत हो गए हो कि तुमपर उसी तरह आकाश से पत्थरों की बारिश कर दे, जिस तरह लूत की जाति के साथ किया था। फिर तुम्हें कोई रक्षक न मिले, जो तुम्हारी रक्षा कर सके और न कोई सहायक मिले, जो तुम्हें विनाश से बचा सके।
Tafsiran larabci:
اَمْ اَمِنْتُمْ اَنْ یُّعِیْدَكُمْ فِیْهِ تَارَةً اُخْرٰی فَیُرْسِلَ عَلَیْكُمْ قَاصِفًا مِّنَ الرِّیْحِ فَیُغْرِقَكُمْ بِمَا كَفَرْتُمْ ۙ— ثُمَّ لَا تَجِدُوْا لَكُمْ عَلَیْنَا بِهٖ تَبِیْعًا ۟
या तुम इस बात से निश्चिंत हो गए हो कि वह तुम्हें फिर से समुद्र में वापस ले आए, फिर तुमपर प्रचंड हवा भेजकर तुम्हें डुबो दे, क्योंकि तुमने अल्लाह की उस नेमत की नाशुक्री की, जो उसने तुम्हें पहली बार मुक्ति प्रदान की थी। फिर तुम्हें ऐसा कोई न मिले, जो तुम्हारा समर्थन करते हुए हमसे उसके बारे में कुछ माँग करे जो हमने तुम्हारे साथ किया।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ كَرَّمْنَا بَنِیْۤ اٰدَمَ وَحَمَلْنٰهُمْ فِی الْبَرِّ وَالْبَحْرِ وَرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ وَفَضَّلْنٰهُمْ عَلٰی كَثِیْرٍ مِّمَّنْ خَلَقْنَا تَفْضِیْلًا ۟۠
और हमने आदम की संतान को विवेक प्रदान करके, फरिश्तों से उनके पिता को सजदा करवाकर तथा अन्य चीज़ों के द्वारा सम्मान प्रदान किया है। तथा हमने थल में उन चीज़ों को उनके अधीन कर दिए, जो उनकी सवारी के काम आती हैं, जैसे चौपाए और वाहनें, तथा जो समुद्र में उनकी सवारी के काम आती हैं, जैसे कश्तियाँ और जहाज़ें आदि। तथा हमने उन्हें खाने और पीने की अच्छी-पाक चीज़ें और स्त्रियाँ इत्यादि प्रदान कीं और हमने उन्हें अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों पर बड़ी श्रेष्ठता प्रदान की। अतः उन्हें चाहिए कि वे अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया अदा करें।
Tafsiran larabci:
یَوْمَ نَدْعُوْا كُلَّ اُنَاسٍ بِاِمَامِهِمْ ۚ— فَمَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِیَمِیْنِهٖ فَاُولٰٓىِٕكَ یَقْرَءُوْنَ كِتٰبَهُمْ وَلَا یُظْلَمُوْنَ فَتِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) याद कीजिए, जिस दिन हम प्रत्येक समूह को उसके उस इमाम के साथ बुलाएँगे, जिसके पीछे वे दुनिया में चलते थे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र ख़ुशी से पढ़ेंगे और उनके बदले में कुछ भी कमी नहीं की जाएगी, चाहे वह खजूर की गुठली के बीच पाए जाने वाले धागे जितना छोटा क्यों न हो।
Tafsiran larabci:
وَمَنْ كَانَ فِیْ هٰذِهٖۤ اَعْمٰی فَهُوَ فِی الْاٰخِرَةِ اَعْمٰی وَاَضَلُّ سَبِیْلًا ۟
जो कोई भी इस सांसारिक जीवन में सत्य को स्वीकार करने और उसका पालन करने से दिल का अंधा बना रहा, तो क़ियामत के दिन वह अधिक अंधा हो जाएगा। इसलिए उसे जन्नत का रास्ता सुझाई नहीं देगा और वह मार्गदर्शन के पथ से अधिक भटका हुआ होगा। और जैसा कार्य होता है, उसी प्रकार बदला मिलता है।
Tafsiran larabci:
وَاِنْ كَادُوْا لَیَفْتِنُوْنَكَ عَنِ الَّذِیْۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ لِتَفْتَرِیَ عَلَیْنَا غَیْرَهٗ ۖۗ— وَاِذًا لَّاتَّخَذُوْكَ خَلِیْلًا ۟
और क़रीब था कि (ऐ रसूल) अनेकेश्वरवादी लोग आपको उससे फेर दें, जो हमने आपकी ओर क़ुरआन से वह़्य की है; ताकि आप उसके अलावा हमपर कुछ और गढ़ लें, जो उनकी इच्छाओं से मेल खाता हो। और यदि आप वह करते, जो वे चाहते थे, तो वे आपको अपना मित्र बना लेते।
Tafsiran larabci:
وَلَوْلَاۤ اَنْ ثَبَّتْنٰكَ لَقَدْ كِدْتَّ تَرْكَنُ اِلَیْهِمْ شَیْـًٔا قَلِیْلًا ۟ۗۙ
और अगर हमने सत्य पर सुदृढृ करके आप पर उपकार न किया होता, तो निकट था कि आप उनकी ओर कुछ झुक जाते। फिर तो उन्होंने आपको जो सुझाव दिया था, उसमें आप उनसे सहमत हो जाते। क्योंकि उनका छल बहुत मज़बूत और उनकी चालबाज़ी बहुत गंभीर थी, जबकि आप उनके ईमान लाने के प्रति अत्यधिक उत्सुक थे। लेकिन हमने आपको उनकी ओर झुकने से बचा लिया।
Tafsiran larabci:
اِذًا لَّاَذَقْنٰكَ ضِعْفَ الْحَیٰوةِ وَضِعْفَ الْمَمَاتِ ثُمَّ لَا تَجِدُ لَكَ عَلَیْنَا نَصِیْرًا ۟
और यदि आप उनके प्रस्तावों की ओर झुक जाते, तो हम आपको दुनिया के जीवन में तथा आखिरत में दुगुनी यातना से पीड़ित करते। फिर आपको कोई सहायक न मिलता, जो हमारे विरुद्ध आपकी सहायता करे और आपकी पीड़ा को दूर करे।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• الإنسان كفور للنعم إلا من هدى الله.
• इनसान अल्लाह की नेमतों के प्रति बहुत अकृतज्ञ है, सिवाय उसके जिसे अल्लाह रास्ता दिखा दे।

• كل أمة تُدْعَى إلى دينها وكتابها، هل عملت به أو لا؟ والله لا يعذب أحدًا إلا بعد قيام الحجة عليه ومخالفته لها.
• हर समुदाय को उसके धर्म एवं पुस्तक की ओर बुलाया जाएगा कि क्या उसने उसके अनुसार कार्य किया या नहीं? और अल्लाह किसी को उस समय तक यातना नहीं देता, जब तक कि उसपर तर्क स्थापित न हो जाए और वह उसका उल्लंघन करे।

• عداوة المجرمين والمكذبين للرسل وورثتهم ظاهرة بسبب الحق الذي يحملونه، وليس لذواتهم.
• रसूलों और उनके उत्तराधिकारियों से अपराधियों और झुठलाने वालों की शत्रुता उस सत्य के कारण स्पष्ट और प्रत्यक्ष है, जिसके वे वाहक होते हैं। उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती।

• الله تعالى عصم النبي من أسباب الشر ومن البشر، فثبته وهداه الصراط المستقيم، ولورثته مثل ذلك على حسب اتباعهم له.
• अल्लाह ने अपने नबी की, बुराई के कारणों से तथा मनुष्यों से रक्षा की। चुनाँचे आपको सुदृढ़ रखा और सीधा मार्ग दिखाया। तथा आपके उत्तराधिकारियों के साथ भी यही मामला उनके नबी का अनुसरण करने के हिसाब से होगा।

وَاِنْ كَادُوْا لَیَسْتَفِزُّوْنَكَ مِنَ الْاَرْضِ لِیُخْرِجُوْكَ مِنْهَا وَاِذًا لَّا یَلْبَثُوْنَ خِلٰفَكَ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
निश्चय ही काफ़िर लोग अपनी दुश्मनी से आपको परेशान करने वाले थे, ताकि आपको मक्का से बाहर निकाल दें। परंतु अल्लाह ने उन्हें आपको बाहर निकालने से रोक दिया, यहाँ तक कि आप अपने पालनहार की आज्ञा से वहाँ से हिजरत कर (निकल) गए। और यदि वे आपको निष्कासित कर देते, तो वे आपको निकालने के पश्चात थोड़े ही समय के लिए रह पाते।
Tafsiran larabci:
سُنَّةَ مَنْ قَدْ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ مِنْ رُّسُلِنَا وَلَا تَجِدُ لِسُنَّتِنَا تَحْوِیْلًا ۟۠
यह निर्णय कि वे आपके बाद वहाँ केवल थोड़े समय के लिए रहेंगे, अल्लाह का वह नियम है, जो आपसे पूर्व भेजे गए रसूलों में निरंतर जारी है। और वह यह है कि जिस रसूल को भी उसकी जाति के लोगों ने अपने बीच से निकाल दिया, अल्लाह ने उनपर अपना अज़ाब भेज दिया। और - ऐ रसूल - आप कदापि हमारे नियम में परिवर्तन नहीं पाएँगे, बल्कि उसे स्थिर और नित्य पाँएगे।
Tafsiran larabci:
اَقِمِ الصَّلٰوةَ لِدُلُوْكِ الشَّمْسِ اِلٰی غَسَقِ الَّیْلِ وَقُرْاٰنَ الْفَجْرِ ؕ— اِنَّ قُرْاٰنَ الْفَجْرِ كَانَ مَشْهُوْدًا ۟
नमाज़ स्थापित करें, इस प्रकार कि उसे सबसे पूर्ण तरीक़े से उसके नियत समय पर अदा करें; आकाश के बीच से सूर्य के ढलने से, जिसमें ज़ुहर और अस्र की नमाज़ें शामिल हैं, रात के अंधेरे तक, जिसमें मग़रिब और इशा की नमाज़ें शामिल हैं। तथा फ़ज्र की नमाज़ क़ायम करें और उसमें क़ुरआन की तिलावत लंबी करें। क्योंकि फ़ज्र की नमाज़ में रात और दिन के फ़रिश्ते उपस्थित होते हैं।
Tafsiran larabci:
وَمِنَ الَّیْلِ فَتَهَجَّدْ بِهٖ نَافِلَةً لَّكَ ۖۗ— عَسٰۤی اَنْ یَّبْعَثَكَ رَبُّكَ مَقَامًا مَّحْمُوْدًا ۟
और (ऐ रसूल) आप रात के कुछ समय में उठकर नमाज़ पढ़ें। ताकि यह नमाज़ आपके दर्जों को बुलंद करने में वृद्धि का कारण बने। यह इच्छा करते हुए कि आपका पालनहार आपको क़ियामत के दिन लोगों को उस दिन की भयावहता से मुक्ति दिलाने के लिए सिफ़ारिशी बनाकर उठाए और आपको महान सिफारिश का वह स्थान प्राप्त हो, जिसपर पहले और बाद के सभी लोग आपकी प्रशंसा करेंगे।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ رَّبِّ اَدْخِلْنِیْ مُدْخَلَ صِدْقٍ وَّاَخْرِجْنِیْ مُخْرَجَ صِدْقٍ وَّاجْعَلْ لِّیْ مِنْ لَّدُنْكَ سُلْطٰنًا نَّصِیْرًا ۟
और (ऐ रसूल) आप यह कहकर प्रार्थना कीजिए : ऐ मेरे पालनहार! मेरा प्रवेश करना और मेरा निकलना, सब कुछ अपने आज्ञापालन में और अपनी प्रसन्नता के अनुकूल कर दे। तथा तू मुझे अपनी ओर से एक स्पष्ट प्रमाण (तर्क) प्रदान कर, जिसके द्वारा तू मेरे दुश्मन पर मेरी मदद कर।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ جَآءَ الْحَقُّ وَزَهَقَ الْبَاطِلُ ؕ— اِنَّ الْبَاطِلَ كَانَ زَهُوْقًا ۟
और (ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कह दीजिए : इस्लाम आ गया और अल्लाह ने उसकी मदद का जो वादा किया था, पूरा हुआ। तथा शिर्क और कुफ़्र मिट गए। निश्चित रूप से असत्य तो मिटने ही वाला है, वह सत्य के सामने नहीं टिक सकता।
Tafsiran larabci:
وَنُنَزِّلُ مِنَ الْقُرْاٰنِ مَا هُوَ شِفَآءٌ وَّرَحْمَةٌ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۙ— وَلَا یَزِیْدُ الظّٰلِمِیْنَ اِلَّا خَسَارًا ۟
और हम क़ुरआन में से जो कुछ उतारते हैं, वह अज्ञानता, अविश्वास और संदेह (के रोगों) से दिलों के लिए एक उपचार है। इसी प्रकार वह शरीर के लिए भी इलाज है, यदि उसके द्वारा रुक़्या (दम) किया जाए। तथा वह उन मोमिनों के लिए दया है जो उसके अनुसार कार्य करने वाले हैं। लेकिन इस क़ुरआन से काफिरों के विनाश ही में वृद्धि होती है। क्योंकि इसे सुनने से उन्हें चिढ़ होती है, तथा इससे उनका इनकार करना और उससे मुँह फेरना बढ़ जाता है।
Tafsiran larabci:
وَاِذَاۤ اَنْعَمْنَا عَلَی الْاِنْسَانِ اَعْرَضَ وَنَاٰ بِجَانِبِهٖ ۚ— وَاِذَا مَسَّهُ الشَّرُّ كَانَ یَـُٔوْسًا ۟
और जब हम मनुष्य को कोई नेमत, जैसे स्वास्थ्य और मालदारी आदि प्रदान करते हैं, तो वह अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और उसका आज्ञापालन करने से मुँह फेर लेता है, और घमंड के कारण दूर चला जाता है। और जब वह किसी बीमारी या गरीबी आदि से पीड़ित होता है, तो अल्लाह की दया से बहुत निराश और हताश हो जाता है।
Tafsiran larabci:
قُلْ كُلٌّ یَّعْمَلُ عَلٰی شَاكِلَتِهٖ ؕ— فَرَبُّكُمْ اَعْلَمُ بِمَنْ هُوَ اَهْدٰی سَبِیْلًا ۟۠
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : प्रत्येक व्यक्ति अपनी उस पद्धति के अनुसार काम करता है जो मार्गदर्शन और पथ-भ्रष्टता में उसकी स्थिति के समान होती है। चुनाँचे आपका पालनहार सबसे अधिक जानता है कि कौन सबसे ज़्यादा सत्य मार्ग पर है।
Tafsiran larabci:
وَیَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الرُّوْحِ ؕ— قُلِ الرُّوْحُ مِنْ اَمْرِ رَبِّیْ وَمَاۤ اُوْتِیْتُمْ مِّنَ الْعِلْمِ اِلَّا قَلِیْلًا ۟
(ऐ रसूल) अह्ले किताब में से काफ़िर लोग आपसे रूह़ (आत्मा) की वास्तविकता के बारे में प्रश्न करते हैं, तो आप उनसे कह दें : अल्लाह के अलावा रूह़ की हक़ीक़त को कोई नहीं जानता है। तथा तुम्हें और सारी सृष्टि को सर्वशक्तिमान अल्लाह के ज्ञान की तुलना में बहुत कम ज्ञान दिया गया है।
Tafsiran larabci:
وَلَىِٕنْ شِئْنَا لَنَذْهَبَنَّ بِالَّذِیْۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ ثُمَّ لَا تَجِدُ لَكَ بِهٖ عَلَیْنَا وَكِیْلًا ۟ۙ
अल्लाह की क़सम, यदि हम (ऐ रसूल) आपकी ओर उतारी हुई वह़्य को, उसे सीनों और पुस्तकों से मिटाकर, (वापस) ले जाना चाहें, तो हम उसे ले जा सकते हैं। फिर आपको कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा, जो आपका समर्थन करे और उसे वापस लौटा सके।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• في الآيات دليل على شدة افتقار العبد إلى تثبيت الله إياه، وأنه ينبغي له ألا يزال مُتَمَلِّقًا لربه أن يثبته على الإيمان.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि बंदे को अल्लाह के सुदृढ़ीकरण की सख़्त ज़रूरत है तथा उसे निरंतर अपने पालनहार की खुशामद करते रहना चाहिए कि उसे ईमान पर सुदृढ़ कर दे।

• عند ظهور الحق يَضْمَحِل الباطل، ولا يعلو الباطل إلا في الأزمنة والأمكنة التي يكسل فيها أهل الحق.
• जब सत्य प्रकट होता है, तो असत्य मिट जाता है। तथा असत्य केवल उन समयों और स्थानों में सिर उठाता है, जहाँ सत्य के अनुयायी (हक़परस्त) आलसी होते हैं।

• الشفاء الذي تضمنه القرآن عام لشفاء القلوب من الشُّبَه، والجهالة، والآراء الفاسدة، والانحراف السيئ والمقاصد السيئة.
• क़ुरआन जिस शिफ़ा (आरोग्य) पर आधारित है, वह संदेहों, अज्ञानता, भ्रष्ट विचारों, बुरे विचलन और बुरे उद्देश्यों से दिलों के आरोग्य को व्यापक है।

• في الآيات دليل على أن المسؤول إذا سئل عن أمر ليس في مصلحة السائل فالأولى أن يعرض عن جوابه، ويدله على ما يحتاج إليه، ويرشده إلى ما ينفعه.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी व्यक्ति से ऐसी चीज़ के बारे में पूछा जाए जो प्रश्नकर्ता के हित में नहीं है, तो उसके लिए बेहतर यह है कि उसका उत्तर देने से उपेक्षा करे और उसका मार्गदर्शन उस चीज़ की ओर करे, जिसकी उसे आवश्यकता हो और उसे ऐसी चीज़ों के बारे में बताए जो उसके लिए लाभदायक हों।

اِلَّا رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— اِنَّ فَضْلَهٗ كَانَ عَلَیْكَ كَبِیْرًا ۟
लेकिन हम इसे आपके पालनहार की दया के कारण (वापस) नहीं ले गए और हमने उसे संरक्षित छोड़ दिया। क्योंकि आपके पालनहार की कृपा आपके ऊपर बहुत बड़ी थी कि उसने आपको रसूल बनाया और आप पर नबियों के क्रम को समाप्त कर दिया तथा आप पर क़ुरआन अवतरित किया।
Tafsiran larabci:
قُلْ لَّىِٕنِ اجْتَمَعَتِ الْاِنْسُ وَالْجِنُّ عَلٰۤی اَنْ یَّاْتُوْا بِمِثْلِ هٰذَا الْقُرْاٰنِ لَا یَاْتُوْنَ بِمِثْلِهٖ وَلَوْ كَانَ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ ظَهِیْرًا ۟
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : यदि सभी मनुष्य एवं जिन्न इस बात पर इकट्ठा हो जाएँ कि कोई ऐसी किताब ले आएँ, जो अपनी वाक्पटुता, क्रम व व्यवस्था की सुंदरता और फ़साहत (भाषा की सरलता एवं स्वाभाविकता) में आप पर अवतरित क़ुरआन के समान हो, तो वे ऐसा कभी भी नहीं ला सकेंगे, भले ही वे एक-दूसरे के सहायक और समर्थक बन जाएँ।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ صَرَّفْنَا لِلنَّاسِ فِیْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ ؗ— فَاَبٰۤی اَكْثَرُ النَّاسِ اِلَّا كُفُوْرًا ۟
और हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए सभी उपदेशों, पाठों, आदेशों, निषेधों और कहानियों को खोल-खोलकर बयान किया है और उसमें विविध ढंग अपनाया है, इस आशा में कि वे ईमान लाएँ। परन्तु उनमें से अधिकतर लोगों ने इस क़ुरआन का खंडन और इनकार करने के अलावा कुछ नहीं किया।
Tafsiran larabci:
وَقَالُوْا لَنْ نُّؤْمِنَ لَكَ حَتّٰی تَفْجُرَ لَنَا مِنَ الْاَرْضِ یَنْۢبُوْعًا ۟ۙ
मुश्रिकों ने कहा : हम तुमपर कदापि ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि तुम हमारे लिए मक्का की धरती से एक बहता हुआ चश्मा निकाल दो, जो कभी न सूखे।
Tafsiran larabci:
اَوْ تَكُوْنَ لَكَ جَنَّةٌ مِّنْ نَّخِیْلٍ وَّعِنَبٍ فَتُفَجِّرَ الْاَنْهٰرَ خِلٰلَهَا تَفْجِیْرًا ۟ۙ
अथवा आपके पास खजूरों और अंगूरों का एक बाग़ हो और आप उसमें भरपूर रूप से नहरें बहा दें।
Tafsiran larabci:
اَوْ تُسْقِطَ السَّمَآءَ كَمَا زَعَمْتَ عَلَیْنَا كِسَفًا اَوْ تَاْتِیَ بِاللّٰهِ وَالْمَلٰٓىِٕكَةِ قَبِیْلًا ۟ۙ
या आकाश को हमारे ऊपर अज़ाब के तौर पर टुकड़े-टुकड़े करके गिरा दें, (जैसा कि आप कहा करते थे) या अल्लाह और फरिश्तों को हमारी आँखों के सामने ले आएँ, ताकि वे आपके दावे की सच्चाई की गवाही दें।
Tafsiran larabci:
اَوْ یَكُوْنَ لَكَ بَیْتٌ مِّنْ زُخْرُفٍ اَوْ تَرْقٰی فِی السَّمَآءِ ؕ— وَلَنْ نُّؤْمِنَ لِرُقِیِّكَ حَتّٰی تُنَزِّلَ عَلَیْنَا كِتٰبًا نَّقْرَؤُهٗ ؕ— قُلْ سُبْحَانَ رَبِّیْ هَلْ كُنْتُ اِلَّا بَشَرًا رَّسُوْلًا ۟۠
या आपके पास सोने आदि से सजाया हुआ एक घर हो, या आप आकाश में चढ़ जाएँ और यदि आप आकाश में चढ़ भी जाएँ, तब भी हम उस समय तक आपके रसूल होने का कदापि विश्वास नहीं करेंगे, जब तक आप अल्लाह की ओर से लिखित एक पुस्तक न ले आएँ, जिसमें हम यह पढ़ सकें कि आप अल्लाह के रसूल हैं। (ऐ रसूल!) आप उनसे कहें : मेरा पालनहार पवित्र है! मैं तो एक मनुष्य के सिवा कुछ नहीं, जो अन्य सभी रसूलों की तरह एक रसूल बनाकर भेजा गया है। मेरे पास कुछ भी लाने की शक्ति नहीं है। फिर मैं उसे कैसे ला सकता हूँ, जो तुमने सुझाव दिया है?!
Tafsiran larabci:
وَمَا مَنَعَ النَّاسَ اَنْ یُّؤْمِنُوْۤا اِذْ جَآءَهُمُ الْهُدٰۤی اِلَّاۤ اَنْ قَالُوْۤا اَبَعَثَ اللّٰهُ بَشَرًا رَّسُوْلًا ۟
और काफिरों को अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने, तथा जो कुछ रसूल लेकर आए थे, उसपर अमल करने से केवल इस बात ने रोक दिया कि उन्होंने रसूल के मानव जाति में से होने का इनकार किया। चुनाँचे उन्होंने अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कहा : क्या अल्लाह ने हमारी ओर एक मनुष्य को रसूल बनाकर भेजा है?!
Tafsiran larabci:
قُلْ لَّوْ كَانَ فِی الْاَرْضِ مَلٰٓىِٕكَةٌ یَّمْشُوْنَ مُطْمَىِٕنِّیْنَ لَنَزَّلْنَا عَلَیْهِمْ مِّنَ السَّمَآءِ مَلَكًا رَّسُوْلًا ۟
(ऐ रसूल) आप उन्हें उत्तर देते हुए कहें : यदि धरती पर फ़रिश्ते बसते और तुम्हारी तरह शांति के साथ चलते-फिरते, तो हम अवश्य ही उनकी ओर उन्ही में से एक फ़रिश्ते को रसूल बनाकर भेजते। क्योंकि वही उन्हें अल्लाह का संदेश समझा पाता। इसलिए उनकी ओर मानव जाति में से रसूल भेजना हिकमत नहीं होती। बिल्कुल यही हाल तुम्हारा भी है।
Tafsiran larabci:
قُلْ كَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا بَیْنِیْ وَبَیْنَكُمْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِعِبَادِهٖ خَبِیْرًا بَصِیْرًا ۟
(ऐ रसूल) आप कह दीजिए : मेरे और तुम्हारे बीच इस बात की गवाही के लिए अल्लाह ही काफ़ी है कि मैं तुम्हारी ओर एक रसूल बना कर भेजा गया हूँ, और मैंने वह संदेश तुम्हें पहुँचा दिया, जिसके साथ मैं तुम्हारी ओर भेजा गया हूँ। वह अपने बंदों की स्थितियों से पूरी तरह अवगत है। उससे उनमें से कुछ भी छिपा नहीं है। वह दिलों के सभी रहस्यों को जानने वाला है।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• بيَّن الله للناس في القرآن من كل ما يُعْتَبر به من المواعظ والعبر والأوامر والنواهي والقصص؛ رجاء أن يؤمنوا.
• अल्लाह ने क़ुरआन में लोगों के लिए सभी उपदेशों, पाठों, आदेशों, निषेधों और कहानियों को स्पष्ट रूप से बयान कर दिया है, ताकि वे ईमान ले आएँ।

• القرآن كلام الله وآية النبي الخالدة، ولن يقدر أحد على المجيء بمثله.
• क़ुरआन अल्लाह की वाणी और नबी का शाश्वत चमत्कार (निशानी) है। और कोई भी इसके समान लाने में कभी सक्षम नहीं होगा।

• من رحمة الله بعباده أن أرسل إليهم بشرًا منهم، فإنهم لا يطيقون التلقي من الملائكة.
• यह अल्लाह की अपने बंदों पर दया है कि उसने उनकी ओर उन्हीं में से एक मनुष्य को रसूल बनाकर भेजा। क्योंकि वे फरिश्तों से संदेश ग्रहण नहीं कर सकते।

• من شهادة الله لرسوله ما أيده به من الآيات، ونَصْرُه على من عاداه وناوأه.
• अपने रसूल के लिए अल्लाह की गवाही में से उसका निशानियों के द्वारा आपका समर्थन करना, तथा आपसे दुश्मनी रखने वालों और आपका विरोध करने वालों पर आपको विजय प्रदान करना है।

وَمَنْ یَّهْدِ اللّٰهُ فَهُوَ الْمُهْتَدِ ۚ— وَمَنْ یُّضْلِلْ فَلَنْ تَجِدَ لَهُمْ اَوْلِیَآءَ مِنْ دُوْنِهٖ ؕ— وَنَحْشُرُهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ عَلٰی وُجُوْهِهِمْ عُمْیًا وَّبُكْمًا وَّصُمًّا ؕ— مَاْوٰىهُمْ جَهَنَّمُ ؕ— كُلَّمَا خَبَتْ زِدْنٰهُمْ سَعِیْرًا ۟
अल्लाह जिसे सीधे मार्ग की तौफ़ीक़ प्रदान कर दे, तो वह वास्तव में मार्गदर्शित है। तथा वह जिसे छोड़ दे और पथभ्रष्ट कर दे, तो (ऐ रसूल!) आप उन लोगों के लिए संरक्षक नहीं पाएँगे, जो उन्हें सत्य का मार्ग दिखाएँ, तथा उनका कष्ट दूर कर सकें और उन्हें लाभ पहुँचा सकें। और हम उन्हें क़ियामत के दिन इस हाल में उठाएँगे कि वे अपने चेहरों के बल घसीटे जाएँगे, वे न देख सकेंगे, न बोल सकेंगे और न ही सुन सकेंगे। उनका घर जिसमें वे शरण लेंगे जहन्नम होगा। जब भी उसकी लपट कम होगी, हम उसे और भड़का देंगे।
Tafsiran larabci:
ذٰلِكَ جَزَآؤُهُمْ بِاَنَّهُمْ كَفَرُوْا بِاٰیٰتِنَا وَقَالُوْۤا ءَاِذَا كُنَّا عِظَامًا وَّرُفَاتًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ خَلْقًا جَدِیْدًا ۟
यह सज़ा जो उन्हें झेलनी पड़ेगी, यह उनका बदला है उनके हमारी अपने रसूल पर उतारी गई आयतों का इनकार करने और मरणोपरांत पुनर्जीवित होने को असंभव समझते हुए यह कहने के कारण कि : क्या जब हम मरकर सड़ी-गली हड्डियाँ और विचूर्ण टुकड़े हो जाएँगे, तो क्या हम नए सिरे से पैदा करके उठाए जाएँगे?
Tafsiran larabci:
اَوَلَمْ یَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ قَادِرٌ عَلٰۤی اَنْ یَّخْلُقَ مِثْلَهُمْ وَجَعَلَ لَهُمْ اَجَلًا لَّا رَیْبَ فِیْهِ ؕ— فَاَبَی الظّٰلِمُوْنَ اِلَّا كُفُوْرًا ۟
क्या (मरणोपरांत) दोबारा जीवित किए जाने का इनकार करने वाले इन लोगों को इतना नहीं पता कि जिस अल्लाह ने इतने विशाल आकाशों और विस्तृत धरती को पैदा किया, वह उनकी तरह पैदा करने में (भी) सक्षम हैं? क्योंकि जो महान चीज़ों को पैदा करने में सक्षम है, वह उनसे छोटी चीज़ें भी पैदा कर सकता है। तथा अल्लाह ने दुनिया में उनके लिए एक विशिष्ट समय निर्धारित कर दिया है, जिसमें उनके जीवन का अंत हो जाएगा। और उसने उनके लिए उनके पुनः जीवित होने की भी एक समय सीमा बना दी है, जिसमें कोई संदेह नहीं है। तथा मरणोपरांत पुनर्जीवन के प्रमाणों की स्पष्टता के बावजूद, मुश्रिकों ने मरने के बाद दोबारा जीवित किए जाने का इनकार ही किया।
Tafsiran larabci:
قُلْ لَّوْ اَنْتُمْ تَمْلِكُوْنَ خَزَآىِٕنَ رَحْمَةِ رَبِّیْۤ اِذًا لَّاَمْسَكْتُمْ خَشْیَةَ الْاِنْفَاقِ ؕ— وَكَانَ الْاِنْسَانُ قَتُوْرًا ۟۠
(ऐ रसूल!) आप इन बहुदेववादियों से कह दीजिए : यदि तुम लोग मेरे पालनहार की दया के खज़ानों के मालिक होते, जो न घटते हैं और न समाप्त होते हैं, तो उस समय तुम उनके समाप्त होने के डर से उन्हें खर्च करने से रुक जाते ताकि तुम ग़रीब न हो जाओ। और यह मनुष्य के स्वभाव ही में है कि वह कंजूस (कृपण) है, परंतु यदि वह मोमिन है, तो अल्लाह के सवाब (पुण्य) की आशा में खर्च करता है।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسٰی تِسْعَ اٰیٰتٍۢ بَیِّنٰتٍ فَسْـَٔلْ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اِذْ جَآءَهُمْ فَقَالَ لَهٗ فِرْعَوْنُ اِنِّیْ لَاَظُنُّكَ یٰمُوْسٰی مَسْحُوْرًا ۟
निश्चित रूप से हमने मूसा अलैहिस्सलाम को नौ स्पष्ट निशानियाँ दीं, जो उनकी सत्यता की गवाही देती थीं और वे निशानियाँ : लाठी, हाथ, अकाल, फलों की कमी, आँधी (तूफान), टिड्डियाँ, जूँ, मेंढक और खून हैं। तो आप (ऐ रसूल) यहूदियों से पूछ लीजिए कि जब मूसा अलैहिस्सलाम उनके पूर्वजों के पास उन निशानियाँ को लेकर आए, तो फ़िरऔन ने उनसे कहा : मैं निश्चय ही (ऐ मूसा) तुम्हें एक जादू किया हुआ आदमी समझता हूँ; क्योंकि तुम ये अजब-गजब (विचित्र) चीज़ें लाते हो।
Tafsiran larabci:
قَالَ لَقَدْ عَلِمْتَ مَاۤ اَنْزَلَ هٰۤؤُلَآءِ اِلَّا رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ بَصَآىِٕرَ ۚ— وَاِنِّیْ لَاَظُنُّكَ یٰفِرْعَوْنُ مَثْبُوْرًا ۟
मूसा अलैैहिस्सलाम ने उसे उत्तर देते हुए कहा : (ऐ फ़िरऔन) तुझे निश्चितता के साथ विश्वास है कि इन निशानियों को उतारने वाला केवल आकाशों और धरती का पालनहार है। उसने इन्हें अपनी शक्ति तथा अपने रसूल की सच्चाई के प्रमाण के तौर पर उतारा है। लेकिन तूने इनका इनकार किया। और मैं निश्चित रूप से जानता हूँ कि (ऐ फिरऔन) तेरा सर्वनाश हुआ।
Tafsiran larabci:
فَاَرَادَ اَنْ یَّسْتَفِزَّهُمْ مِّنَ الْاَرْضِ فَاَغْرَقْنٰهُ وَمَنْ مَّعَهٗ جَمِیْعًا ۟ۙ
फिर फ़िरऔन ने मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी जाति के लोगों को मिस्र से बाहर निकाल कर दंडित करना चाहा। तो हमने उसे और उसके साथ उसके सभी सैनिकों को डुबोकर विनष्ट कर दिया।
Tafsiran larabci:
وَّقُلْنَا مِنْ بَعْدِهٖ لِبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اسْكُنُوا الْاَرْضَ فَاِذَا جَآءَ وَعْدُ الْاٰخِرَةِ جِئْنَا بِكُمْ لَفِیْفًا ۟ؕ
और हमने फ़िरऔन और उसकी सेना को विनष्ट करने के बाद बनी इसराईल से कहा : तुम लोग शाम (लेवांत) की धरती पर बस जाओ। फिर जब क़ियामत का दिन होगा, तो हम तुम सबको हिसाब के लिए मह्शर (क़ियामत के मैदान) में एकत्रित करेंगे।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• الله تعالى هو المنفرد بالهداية والإضلال، فمن يهده فهو المهتدي على الحقيقة، ومن يضلله ويخذله فلا هادي له.
• केवल अल्लाह ही सीधा मार्ग दिखाने वाला और पथभ्रष्ट करने वाला है। अतः वह जिसे सीधा मार्ग दिखा दे, तो वह वास्तव में मार्गदर्शित है और जिसे वह पथभ्रष्ट कर दे और छोड़ दे, तो फिर उसके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं है।

• مأوى الكفار ومستقرهم ومقامهم جهنم، كلما سكنت نارها زادها الله نارًا تلتهب.
• काफिरों का स्थान और ठिकाना जहन्नम है। जब भी उसकी आग धीमी होगी, अल्लाह उसकी आग को और अधिक भड़का देगा।

• وجوب الاعتصام بالله عند تهديد الطغاة والمُسْتَبدين.
• अत्याचारियों और तानाशाहों की धमकी के समय अल्लाह का आश्रय लेना चाहिए।

• الطغاة والمُسْتَبدون يلجؤون إلى استخدام السلطة والقوة عندما يواجهون أهل الحق؛ لأنهم لا يستطيعون مواجهتهم بالحجة والبيان.
• अत्याचारी और निरंकुश लोग, सत्यवादियों का सामना करते समय सत्ता और बल के उपयोग का सहारा लेते हैं; क्योंकि वे तर्क और बयान के साथ उनका सामना नहीं कर सकते।

وَبِالْحَقِّ اَنْزَلْنٰهُ وَبِالْحَقِّ نَزَلَ ؕ— وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا مُبَشِّرًا وَّنَذِیْرًا ۟ۘ
हमने इस क़ुरआन को मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सत्य ही के साथ उतारा है। तथा यह उनपर बिना किसी परिवर्तन या विरूपण के सत्य ही के साथ उतरा है। और हमने (ऐ रसूल!) आपको केवल धर्मपरायण लोगों को जन्नत की शुभ सूचना देने वाला और काफिरों तथा अवज्ञाकारियों को जहन्नम से डराने वाला बनाकर भेजा है।
Tafsiran larabci:
وَقُرْاٰنًا فَرَقْنٰهُ لِتَقْرَاَهٗ عَلَی النَّاسِ عَلٰی مُكْثٍ وَّنَزَّلْنٰهُ تَنْزِیْلًا ۟
और हमने यह क़ुरआन अवतरित किया, जिसे हमने स्पष्ट किया है और विस्तार से समझाया है, इस उम्मीद में कि आप उसे ठहर-ठहर कर लोगों को पढ़कर सुनाएँ। क्योंकि यह समझने और चिंतन करने का अधिक कारण है। तथा हमने इसे घटनाओं और परिस्थितियों के अनुसार थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग उतारा है।
Tafsiran larabci:
قُلْ اٰمِنُوْا بِهٖۤ اَوْ لَا تُؤْمِنُوْا ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ مِنْ قَبْلِهٖۤ اِذَا یُتْلٰی عَلَیْهِمْ یَخِرُّوْنَ لِلْاَذْقَانِ سُجَّدًا ۟ۙ
(ऐ रसूल) आप कह दें : तुम इसपर ईमान ले आओ, पर तुम्हारे ईमान से इसमें कुछ भी वृद्धि नहीं होगी। या तुम इस पर ईमान न लाओ, पर तुम्हारे कुफ़्र से इसमें कोई कमी नहीं होगी। निःसंदेह जिन लोगों ने पिछली आसमानी पुस्तकें पढ़ रखी हैं और वे वह़्य तथा नुबुव्वत का ज्ञान रखते हैं, जब उनके सामने क़ुरआन पढ़ा जाता है, तो वे आभार प्रकट करते हुए अपने चेहरों के बल सजदे में गिर जाते हैं।
Tafsiran larabci:
وَّیَقُوْلُوْنَ سُبْحٰنَ رَبِّنَاۤ اِنْ كَانَ وَعْدُ رَبِّنَا لَمَفْعُوْلًا ۟
और वे अपने सजदे में कहते हैं : हमारा पालनहार वादे के उल्लंघन से पवित्र है। चुनाँचे उसने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को संदेष्टा बनाकर भेजने का जो वादा किया था, वह होकर रहा। निःसंदेह हमारे पालनहार का इसका तथा इसके अलावा अन्य चीज़ों का वादा अनिवार्य रूप से पूरा होने वाला है।
Tafsiran larabci:
وَیَخِرُّوْنَ لِلْاَذْقَانِ یَبْكُوْنَ وَیَزِیْدُهُمْ خُشُوْعًا ۟
और वे अल्लाह को सजदा करते हुए, उसके भय से रोते हुए अपने चेहरों के बल गिर जाते हैं। तथा क़ुरआन का सुनना और उसके अर्थों पर चिंतन करना उन्हें अल्लाह के प्रति विनम्रता और भय में बढ़ा देता है।
Tafsiran larabci:
قُلِ ادْعُوا اللّٰهَ اَوِ ادْعُوا الرَّحْمٰنَ ؕ— اَیًّا مَّا تَدْعُوْا فَلَهُ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی ۚ— وَلَا تَجْهَرْ بِصَلَاتِكَ وَلَا تُخَافِتْ بِهَا وَابْتَغِ بَیْنَ ذٰلِكَ سَبِیْلًا ۟
(ऐ रसूल!) जिसने आपके "या अल्लाह, या रहमान" कहकर पुकारने का खंडन किया है, आप उससे कह दीजिए : अल्लाह और रहमान दोनों ही उस महिमावान के नाम हैं। अतः तुम इन दोनों में से किसी नाम से या इनके अलावा उसके नामों में से किसी अन्य नाम से उसे पुकारो, उसके सभी नाम अच्छे हैं। और ये दोनों उन्हीं अच्छे नामों में से हैं। इसलिए तुम उसे इनके द्वारा अथवा इनके अलावा उसके अच्छे नामों में से किसी और से पुकारो। तथा आप अपनी नामज़ में क़ुरआन इतनी ऊँची आवाज़ से न पढ़ो कि मुश्रिक लोग सुन लें और न ही उसे इतनी धीमी आवाज़ से पढ़ो कि मोमिन लोग भी न सुन पाएँ। आप इन दोनों के बीच का रास्ता अपनाएँ।
Tafsiran larabci:
وَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ لَمْ یَتَّخِذْ وَلَدًا وَّلَمْ یَكُنْ لَّهٗ شَرِیْكٌ فِی الْمُلْكِ وَلَمْ یَكُنْ لَّهٗ وَلِیٌّ مِّنَ الذُّلِّ وَكَبِّرْهُ تَكْبِیْرًا ۟۠
और आप (ऐ रसूल) कह दीजिए : सब प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है, जो हर प्रकार की प्रशंसाओं और स्तुतियों के योग्य है, जो संतान से पवित्र है और जो साझी से पवित्र है। अतः उसके राज्य में कोई उसका साझी नहीं है। उसे अपमान और बेइज़्ज़ती छू भी नहीं सकती। इसलिए उसे किसी सहायक की आवश्यकता नहीं, जो उसका समर्थन करे और उसे प्रतिष्ठा प्रदान करे। और आप बहुत अधिक उसकी महिमा का गान करें। अतः आप उसकी ओर संतान, या राज्य में साझी, या मददगार समर्थक की निस्बत न करें।
Tafsiran larabci:
daga cikin fa'idodin Ayoyin wannan shafi:
• أنزل الله القرآن متضمنًا الحق والعدل والشريعة والحكم الأمثل .
• अल्लाह ने क़ुरआन अवतरित किया जो सत्य, न्याय, शरीयत तथा सर्वोत्तम निर्णय पर आधारित है।

• جواز البكاء في الصلاة من خوف الله تعالى.
• अल्लाह के भय से नमाज़ के दौरान रोने की अनुमति।

• الدعاء أو القراءة في الصلاة يكون بطريقة متوسطة بين الجهر والإسرار.
• नमाज़ के दौरान दुआ और क़ुरआन का पाठ ज़ोर और धीमी आवाज़ के बीच एक मध्यवर्ती तरीक़े पर होना चाहिए।

• القرآن الكريم قد اشتمل على كل عمل صالح موصل لما تستبشر به النفوس وتفرح به الأرواح.
• पवित्र क़ुरआन में हर वह अच्छा कार्य शामिल है, जो उस परिणाम तक पहुँचाने वाला है, जिससे दिलों को आनंद मिलता है और आत्माएं प्रसन्न होती हैं।

 
Fassarar Ma'anoni Sura: Suratu Al'israa
Teburin Jerin Sunayen Surori Lambar shafi
 
Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Rufewa