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Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassarar da yaren Hindu - Azizul Haƙ al-Umari * - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

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Fassarar Ma'anoni Sura: Ibrahim   Aya:
تُؤْتِیْۤ اُكُلَهَا كُلَّ حِیْنٍ بِاِذْنِ رَبِّهَا ؕ— وَیَضْرِبُ اللّٰهُ الْاَمْثَالَ لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
वह अपने पालनहार की अनुमति से प्रत्येक समय अपना फल देता है। और अल्लाह लोगों के लिए उदाहरण देता है, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें।
Tafsiran larabci:
وَمَثَلُ كَلِمَةٍ خَبِیْثَةٍ كَشَجَرَةٍ خَبِیْثَةِ ١جْتُثَّتْ مِنْ فَوْقِ الْاَرْضِ مَا لَهَا مِنْ قَرَارٍ ۟
और बुरी[11] बात का उदाहरण एक बुरे पेड़ की तरह है, जो धरती की सतह से उखाड़ लिया गया, जिसमें कोई स्थिरता नहीं है।
11. अर्थात शिर्क तथा मिश्रणवाद की बात।
Tafsiran larabci:
یُثَبِّتُ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِالْقَوْلِ الثَّابِتِ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَفِی الْاٰخِرَةِ ۚ— وَیُضِلُّ اللّٰهُ الظّٰلِمِیْنَ ۙ۫— وَیَفْعَلُ اللّٰهُ مَا یَشَآءُ ۟۠
अल्लाह ईमान लाने वालों को दृढ़ बात[12] के द्वारा दुनिया तथा आख़िरत में स्थिरता प्रदान करता है तथा अत्याचारियों को गुमराह कर देता है। और अल्लाह जो चाहता है, करता है।
12. दृढ़ बात से अभिप्रेत "ला इलाहा इल्लल्लाह" है। (क़ुर्तुबी) बरा' बिन आज़िब रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि आपने कहा : मुसलमान से जब क़ब्र में प्रश्न किया जाता है, तो वह "ला इलाहा इल्लल्लाह मुह़म्मदुर् रसूलुल्लाह" की गवाही देता है। अर्थात अल्लाह के सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं और मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इसी के बारे में यह आयत है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4699)
Tafsiran larabci:
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ بَدَّلُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ كُفْرًا وَّاَحَلُّوْا قَوْمَهُمْ دَارَ الْبَوَارِ ۟ۙ
क्या आपने उन लोगों[13] को नहीं देखा, जिन्होंने अल्लाह की नेमत को नाशुक्री से बदल दिया और अपनी जाति को विनाश के घर में ला उतारा।
13. अर्थात मक्का के मुश्रिक, जिन्होंने आपका विरोध किया। (देखिए : सह़ीह़ बुख़ारी : 4700)
Tafsiran larabci:
جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلَوْنَهَا ؕ— وَبِئْسَ الْقَرَارُ ۟
(अर्थात्) जहन्नम में। वे उसमें प्रवेश करेंगे और वह बुरा ठिकाना है।
Tafsiran larabci:
وَجَعَلُوْا لِلّٰهِ اَنْدَادًا لِّیُضِلُّوْا عَنْ سَبِیْلِهٖ ؕ— قُلْ تَمَتَّعُوْا فَاِنَّ مَصِیْرَكُمْ اِلَی النَّارِ ۟
और उन्होंने अल्लाह के कुछ साझी बना लिए, ताकि उसके मार्ग से (लोगों को) पथभ्रष्ट करें। आप कह दें : लाभ उठा लो। फिर निःसंदेह तुम्हें आग की ओर लौटना है।
Tafsiran larabci:
قُلْ لِّعِبَادِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا یُقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَیُنْفِقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰهُمْ سِرًّا وَّعَلَانِیَةً مِّنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَ یَوْمٌ لَّا بَیْعٌ فِیْهِ وَلَا خِلٰلٌ ۟
(ऐ नबी!) मेरे उन बंदों से कह दो, जो ईमान लाए हैं कि वे नमाज़ क़ायम करें और उसमें से जो हमने उन्हें प्रदान किया है, छिपे और खुले ख़र्च करें, इससे पहले कि वह दिन आए, जिसमें न कोई क्रय-विक्रय होगा और न कोई मैत्री।
Tafsiran larabci:
اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَاَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَاَخْرَجَ بِهٖ مِنَ الثَّمَرٰتِ رِزْقًا لَّكُمْ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الْفُلْكَ لِتَجْرِیَ فِی الْبَحْرِ بِاَمْرِهٖ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الْاَنْهٰرَ ۟ۚ
अल्लाह वह है, जिसने आकाशों तथा धरती को पैदा किया, और आकाश से कुछ पानी उतारा, फिर उसके द्वारा तुम्हारे लिए फलों में से कुछ जीविका निकाली, और तुम्हारे लिए नौकाओं को वशीभूत कर दिया, ताकि वे सागर में उसके आदेश से चलें और तुम्हारे लिए नदियों को वशीभूत कर दिया।
Tafsiran larabci:
وَسَخَّرَ لَكُمُ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ دَآىِٕبَیْنِ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ ۟ۚ
तथा तुम्हारे लिए सूर्य और चाँद को वशीभूत कर दिया कि निरंतर चलने वाले हैं, तथा तुम्हारे लिए रात और दन को वशीभूत[14] कर दिया।
14. वशीभूत करने का अर्थ यह है कि अल्लाह ने इनके ऐसे नियम बना दिए हैं, जिनके कारण ये मानव के लिए लाभदायक हो सकें।
Tafsiran larabci:
 
Fassarar Ma'anoni Sura: Ibrahim
Teburin Jerin Sunayen Surori Lambar shafi
 
Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassarar da yaren Hindu - Azizul Haƙ al-Umari - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

Fassararta Azizul Haƙ al-Umari.

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