Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara a Yaren Hindu * - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

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Fassarar Ma'anoni Sura: Suratu Almu'aminoun   Aya:

सूरा अल्-मुमिनून

قَدْ اَفْلَحَ الْمُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
निश्चय सफल हो गए ईमान वाले।
Tafsiran larabci:
الَّذِیْنَ هُمْ فِیْ صَلَاتِهِمْ خٰشِعُوْنَ ۟ۙ
जो अपनी नमाज़ में विनम्रता अपनाने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ عَنِ اللَّغْوِ مُعْرِضُوْنَ ۟ۙ
और जो व्यर्थ चीज़ों[1] से मुँह मोड़ने वाले हैं।
1. अर्थात प्रत्येक व्यर्थ कार्य तथा कथन से। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : जो अल्लाह और प्रलय के दिन पर ईमान रखता है, वह अच्छी बात बोले, अन्यथा चुप रहे। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6019, मुस्लिम : 48)
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِلزَّكٰوةِ فٰعِلُوْنَ ۟ۙ
तथा जो ज़कात अदा करने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِفُرُوْجِهِمْ حٰفِظُوْنَ ۟ۙ
और जो अपने गुप्तांगों की रक्षा करने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
اِلَّا عَلٰۤی اَزْوَاجِهِمْ اَوْ مَا مَلَكَتْ اَیْمَانُهُمْ فَاِنَّهُمْ غَیْرُ مَلُوْمِیْنَ ۟ۚ
सिवाय अपनी पत्नियों या उन महिलाओं के जो उनके स्वामित्व में हैं, तो निःसंदेह वे निंदित नहीं हैं।
Tafsiran larabci:
فَمَنِ ابْتَغٰی وَرَآءَ ذٰلِكَ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْعٰدُوْنَ ۟ۚ
फिर जो इसके अलावा तलाश करे, तो वही लोग सीमा का उल्लंघन करने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِاَمٰنٰتِهِمْ وَعَهْدِهِمْ رٰعُوْنَ ۟ۙ
और जो अपनी अमानतों तथा अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रखने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ عَلٰی صَلَوٰتِهِمْ یُحَافِظُوْنَ ۟ۘ
तथा जो अपनी नमाज़ों की रक्षा करते हैं।
Tafsiran larabci:
اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْوٰرِثُوْنَ ۟ۙ
यही लोग हैं, जो वारिस (उत्तराधिकारी) हैं।
Tafsiran larabci:
الَّذِیْنَ یَرِثُوْنَ الْفِرْدَوْسَ ؕ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जो फ़िरदौस[2] के वारिस होंगे, वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं।
2. फ़िरदौस, स्वर्ग का सर्वोच्च स्थान है।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنْ سُلٰلَةٍ مِّنْ طِیْنٍ ۟ۚ
और निःसंदेह हमने मनुष्य को तुच्छ मिट्टी के एक सार से पैदा किया।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ جَعَلْنٰهُ نُطْفَةً فِیْ قَرَارٍ مَّكِیْنٍ ۪۟
फिर हमने उसे वीर्य बनाकर एक सुरक्षित स्थान[3] में रखा।
3. अर्थात गर्भाशय में।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ خَلَقْنَا النُّطْفَةَ عَلَقَةً فَخَلَقْنَا الْعَلَقَةَ مُضْغَةً فَخَلَقْنَا الْمُضْغَةَ عِظٰمًا فَكَسَوْنَا الْعِظٰمَ لَحْمًا ۗ— ثُمَّ اَنْشَاْنٰهُ خَلْقًا اٰخَرَ ؕ— فَتَبٰرَكَ اللّٰهُ اَحْسَنُ الْخٰلِقِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने उस वीर्य को एक जमा हुआ रक्त बनाया, फिर हमने उस जमे हुए रक्त को एक बोटी बनाया, फिर हमने उस बोटी को हड्डियाँ बनाया, फिर हमने उन हड्डियों को कुछ माँस पहनाया, फिर हमने उसे एक अन्य रूप में पैदा कर दिया। तो बहुत बरकत वाला है अल्लाह, जो बनाने वालों में सबसे अच्छा है।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اِنَّكُمْ بَعْدَ ذٰلِكَ لَمَیِّتُوْنَ ۟ؕ
फिर निःसंदेह तुम इसके पश्चात् अवश्य मरने वाले हो।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اِنَّكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ تُبْعَثُوْنَ ۟
फिर निःसंदेह तुम क़ियामत के दिन उठाए जाओगे।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا فَوْقَكُمْ سَبْعَ طَرَآىِٕقَ ۖۗ— وَمَا كُنَّا عَنِ الْخَلْقِ غٰفِلِیْنَ ۟
और निःसंदेह हमने तुम्हारे ऊपर सात आकाश बनाए और हम कभी सृष्टि से ग़ाफ़िल[4] नहीं।
4. अर्थात उत्पत्ति की आवश्यकता तथा जीवन के संसाधन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
Tafsiran larabci:
وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً بِقَدَرٍ فَاَسْكَنّٰهُ فِی الْاَرْضِ ۖۗ— وَاِنَّا عَلٰی ذَهَابٍ بِهٖ لَقٰدِرُوْنَ ۟ۚ
और हमने आकाश से एक अंदाज़े के साथ कुछ पानी उतारा, फिर उसे धरती में ठहराया और निश्चय हम उसे किसी भी तरह से ले जाने पर सामर्थ्यवान हैं।
Tafsiran larabci:
فَاَنْشَاْنَا لَكُمْ بِهٖ جَنّٰتٍ مِّنْ نَّخِیْلٍ وَّاَعْنَابٍ ۘ— لَكُمْ فِیْهَا فَوَاكِهُ كَثِیْرَةٌ وَّمِنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۙ
फिर हमने तुम्हारे लिए उस (पानी) के द्वारा खजूरों तथा अंगूरों के बाग़ पैदा किए। तुम्हारे लिए उनमें बहुत-से फल हैं और तुम उन्ही में से खाते हो।
Tafsiran larabci:
وَشَجَرَةً تَخْرُجُ مِنْ طُوْرِ سَیْنَآءَ تَنْۢبُتُ بِالدُّهْنِ وَصِبْغٍ لِّلْاٰكِلِیْنَ ۟
तथा वह वृक्ष भी जो 'तूर सैना' (पर्वत) से निकलता है, जो तेल लेकर उगता है तथा खाने वालों के लिए एक तरह का सालन भी।
Tafsiran larabci:
وَاِنَّ لَكُمْ فِی الْاَنْعَامِ لَعِبْرَةً ؕ— نُسْقِیْكُمْ مِّمَّا فِیْ بُطُوْنِهَا وَلَكُمْ فِیْهَا مَنَافِعُ كَثِیْرَةٌ وَّمِنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह तुम्हारे लिए चौपायों में निश्चय बड़ी शिक्षा है। हम तुम्हें उसमें से जो उनके पेटों में[5] है, पिलाते हैं। तथा तुम्हारे लिए उनके अंदर बहुत-से लाभ हैं और उनमें से कुछ को तुम खाते हो।
5. अर्थात दूध।
Tafsiran larabci:
وَعَلَیْهَا وَعَلَی الْفُلْكِ تُحْمَلُوْنَ ۟۠
तथा उनपर और नावों पर तुम सवार किए जाते हो।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰی قَوْمِهٖ فَقَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमने नूह़[6] को उसकी जाति की ओर भेजा। तो उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तो क्या तुम डरते नहीं?
6. यहाँ यह बताया जा रहा है कि अल्लाह ने जिस प्रकार तुम्हारे आर्थिक जीवन के साधन बनाए, उसी प्रकार तुम्हारे आत्मिक मार्गदर्शन की व्यवस्था की और रसूलों को भेजा जिनमें नूह़ अलैहिस्सलाम प्रथम रसूल थे।
Tafsiran larabci:
فَقَالَ الْمَلَؤُا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ مَا هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۙ— یُرِیْدُ اَنْ یَّتَفَضَّلَ عَلَیْكُمْ ؕ— وَلَوْ شَآءَ اللّٰهُ لَاَنْزَلَ مَلٰٓىِٕكَةً ۖۚ— مَّا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِیْۤ اٰبَآىِٕنَا الْاَوَّلِیْنَ ۟ۚۖ
तो उनकी जाति के उन प्रमुखों ने कहा, जिन्होंने कुफ़्र किया : यह तो तुम्हारे ही जैसा एक मनुष्य है। जो चाहता है कि तुमपर वरीयता प्राप्त कर ले। और यदि अल्लाह चाहता, तो अवश्य कोई फ़रिश्ते उतार देता। हमने यह[7] अपने पहले बाप-दादा में नहीं सुना।
7. अर्थात एकेश्वरवाद की बात अपने पूर्वजों के समय में सुनी ही नहीं।
Tafsiran larabci:
اِنْ هُوَ اِلَّا رَجُلٌۢ بِهٖ جِنَّةٌ فَتَرَبَّصُوْا بِهٖ حَتّٰی حِیْنٍ ۟
यह तो बस एक उन्मादग्रस्त व्यक्ति है। अतः एक समय तक इसके बारे में प्रतीक्षा करो।
Tafsiran larabci:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ بِمَا كَذَّبُوْنِ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरी मदद कर, इसलिए कि इन्होंने मुझे झुठलाया है।
Tafsiran larabci:
فَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ اَنِ اصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا فَاِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— فَاسْلُكْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ مِنْهُمْ ۚ— وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟
तो हमने उसकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की कि हमारी आँखों के सामने और हमारी वह़्य के अनुसार नौका बना। फिर जब हमारा आदेश आ जाए तथा तन्नूर उबल पड़े, तो प्रत्येक जीव का जोड़ा नर और मादा तथा अपने परिवार वालों को उसमें सवार कर ले, उनमें से उसके सिवाय जिसके बारे में पहले निर्णय हो चुका है। और मुझसे उनके बारे में बात न करना, जिन्होंने अत्याचार किया है। निश्चय वे डुबोए जाने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
فَاِذَا اسْتَوَیْتَ اَنْتَ وَمَنْ مَّعَكَ عَلَی الْفُلْكِ فَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ نَجّٰىنَا مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
फिर जब तू और जो तेरे साथ हैं, नाव पर बैठ जाओ, तो कह : सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें अत्याचारी लोगों से छुटकारा दिया।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ رَّبِّ اَنْزِلْنِیْ مُنْزَلًا مُّبٰرَكًا وَّاَنْتَ خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
तथा तू कह : ऐ मेरे पालनहार! मुझे बरकत वाली जगह उतार और तू सब उतारने वालों से उत्तम है।
Tafsiran larabci:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ وَّاِنْ كُنَّا لَمُبْتَلِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय कई निशानियाँ हैं तथा निःसंदेह हम निश्चय परीक्षा लेने वाले[8] हैं।
8. अर्थात रसूलों के द्वारा परीक्षा लेते रहे हैं।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قَرْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ۚ
फिर हमने उनके पश्चात् दूसरे समुदाय को पैदा किया।
Tafsiran larabci:
فَاَرْسَلْنَا فِیْهِمْ رَسُوْلًا مِّنْهُمْ اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟۠
फिर हमने उनके अंदर उन्हीं में से एक रसूल भेजा कि अल्लाह की इबादत करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तो क्या तुम डरते नहीं?
Tafsiran larabci:
وَقَالَ الْمَلَاُ مِنْ قَوْمِهِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِلِقَآءِ الْاٰخِرَةِ وَاَتْرَفْنٰهُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ— مَا هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۙ— یَاْكُلُ مِمَّا تَاْكُلُوْنَ مِنْهُ وَیَشْرَبُ مِمَّا تَشْرَبُوْنَ ۟ۙ
और उसकी जाति के उन प्रमुखों ने, जिन्होंने कुफ़्र किया और आख़िरत की भेंट को झुठलाया, तथा हमने उन्हें सांसारिक जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान कर रखी थी, कहा : यह तो बस तुम्हारे ही जैसा एक इनसान है। जो उसमें से खाता है, जिसमें से तुम खाते हो और उसमें से पीता है, जो तुम पीते हो।
Tafsiran larabci:
وَلَىِٕنْ اَطَعْتُمْ بَشَرًا مِّثْلَكُمْ ۙ— اِنَّكُمْ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह यदि तुमने अपने ही जैसे एक मनुष्य का कहना मान लिया, तो निश्चय तुम उस समय अवश्य घाटा उठाने वाले होगे।
Tafsiran larabci:
اَیَعِدُكُمْ اَنَّكُمْ اِذَا مِتُّمْ وَكُنْتُمْ تُرَابًا وَّعِظَامًا اَنَّكُمْ مُّخْرَجُوْنَ ۟
क्या यह तुमसे वादा करता है कि जब तुम मर गए और धूल तथा हड्डियाँ बन गए, तो तुम निकाले जाने वाले हो?
Tafsiran larabci:
هَیْهَاتَ هَیْهَاتَ لِمَا تُوْعَدُوْنَ ۟
दूरी है, दूरी है उसके लिए जिसका तुमसे वादा किया जाता है।
Tafsiran larabci:
اِنْ هِیَ اِلَّا حَیَاتُنَا الدُّنْیَا نَمُوْتُ وَنَحْیَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوْثِیْنَ ۟
यह (जीवन) तो बस हमारा सांसारिक जीवन है। हम (यहीं) मरते और जीते हैं। और हम कभी उठाए जाने वाले नहीं।
Tafsiran larabci:
اِنْ هُوَ اِلَّا رَجُلُ ١فْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا وَّمَا نَحْنُ لَهٗ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
यह तो बस एक व्यक्ति है, जिसने अल्लाह पर एक झूठ गढ़ लिया है और हम कदापि उसे मानने वाले नहीं हैं।
Tafsiran larabci:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ بِمَا كَذَّبُوْنِ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरी मदद कर, इसलिए कि इन्होंने मुझे झुठलाया है।
Tafsiran larabci:
قَالَ عَمَّا قَلِیْلٍ لَّیُصْبِحُنَّ نٰدِمِیْنَ ۟ۚ
(अल्लाह ने) कहा : बहुत ही कम समय में ये अवश्य पछताएँगे।
Tafsiran larabci:
فَاَخَذَتْهُمُ الصَّیْحَةُ بِالْحَقِّ فَجَعَلْنٰهُمْ غُثَآءً ۚ— فَبُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
अन्ततः उन्हें चीख़ ने सत्य के साथ आ पकड़ा। तो हमने उन्हें कूड़ा-कर्कट बना दिया। तो दूरी हो अत्याचारियों के लिए।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قُرُوْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने उनके पश्चात् कई और युग के लोगों को पैदा किया।
Tafsiran larabci:
مَا تَسْبِقُ مِنْ اُمَّةٍ اَجَلَهَا وَمَا یَسْتَاْخِرُوْنَ ۟ؕ
कोई समुदाय अपने निश्चित समय से न आगे बढ़ता है और न वे पीछे रहते हैं।[9]
9. अर्थात किसी जाति के विनाश का समय आ जाता है, तो एक क्षण की भी देर-सवेर नहीं होती।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اَرْسَلْنَا رُسُلَنَا تَتْرَا ؕ— كُلَّ مَا جَآءَ اُمَّةً رَّسُوْلُهَا كَذَّبُوْهُ فَاَتْبَعْنَا بَعْضَهُمْ بَعْضًا وَّجَعَلْنٰهُمْ اَحَادِیْثَ ۚ— فَبُعْدًا لِّقَوْمٍ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟
फिर हमने अपने रसूल निरंतर भेजे। जब कभी किसी समुदाय के पास उसका रसूल आया, तो उसके लोगों ने उसे झुठला दिया। तो हमने उनमें से कुछ को कुछ के पीछे चलता किया[10] और उन्हें कहानियाँ बना दिया। तो दूरी हो उन लोगों के लिए, जो ईमान नहीं लाते।
10. अर्थात विनाश में।
Tafsiran larabci:
ثُمَّ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی وَاَخَاهُ هٰرُوْنَ ۙ۬— بِاٰیٰتِنَا وَسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
फिर हमने मूसा तथा उसके भाई हारून को अपनी निशानियों तथा स्पष्ट तर्क के साथ भेजा।
Tafsiran larabci:
اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَاسْتَكْبَرُوْا وَكَانُوْا قَوْمًا عَالِیْنَ ۟ۚ
फ़िरऔन और उसके सरदारों की ओर। तो उन्होंने घमंड किया और वे सरकश लोग थे।
Tafsiran larabci:
فَقَالُوْۤا اَنُؤْمِنُ لِبَشَرَیْنِ مِثْلِنَا وَقَوْمُهُمَا لَنَا عٰبِدُوْنَ ۟ۚ
उन्होंने कहा : क्या हम अपने जैसे दो व्यक्तियों पर ईमान ले आएँ , जबकि उनके लोग हमारे दास हैं?
Tafsiran larabci:
فَكَذَّبُوْهُمَا فَكَانُوْا مِنَ الْمُهْلَكِیْنَ ۟
तो उन्होंने दोनों को झुठला दिया, तो वे विनष्ट किए गए लोगों में से हो गए।
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ لَعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने मूसा को पुस्तक[11] प्रदान की, ताकि वे (लोग) मार्गदर्शन पा जाएँ।
11. अर्थात तौरात।
Tafsiran larabci:
وَجَعَلْنَا ابْنَ مَرْیَمَ وَاُمَّهٗۤ اٰیَةً وَّاٰوَیْنٰهُمَاۤ اِلٰی رَبْوَةٍ ذَاتِ قَرَارٍ وَّمَعِیْنٍ ۟۠
और हमने मरयम के पुत्र (ईसा) तथा उसकी माँ को महान निशानी बनाया तथा दोनों को एक ऊँची भूमि[12] पर ठिकाना दिया, जो रहने के योग्य तथा प्रवाहित पानी वाली थी।
12. इससे अभिप्राय बैतुल मक़्दिस है।
Tafsiran larabci:
یٰۤاَیُّهَا الرُّسُلُ كُلُوْا مِنَ الطَّیِّبٰتِ وَاعْمَلُوْا صَالِحًا ؕ— اِنِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ عَلِیْمٌ ۟ؕ
ऐ रसूलो! पाक चीज़ों[13] में से खाओ तथा अच्छे कर्म करो। निश्चय मैं उससे भली-भाँति अवगत हूँ, जो तुम करते हो।
13. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : अल्लाह पाक है और पाक (हलाल) चीज़ ही को स्वीकार करता है। और ईमान वालों को वही आदेश दिया है जो रसूलों को दिया है। फिर आपने यही आयत पढ़ी। (संक्षिप्त अनुवाद मुस्लिम : 1015)
Tafsiran larabci:
وَاِنَّ هٰذِهٖۤ اُمَّتُكُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّاَنَا رَبُّكُمْ فَاتَّقُوْنِ ۟
और निःसंदेह यह तुम्हारा समुदाय (धर्म) एक ही समुदाय (धर्म) है और मैं तुम सबका पालनहार (पूज्य) हूँ। अतः मुझसे डरो।
Tafsiran larabci:
فَتَقَطَّعُوْۤا اَمْرَهُمْ بَیْنَهُمْ زُبُرًا ؕ— كُلُّ حِزْبٍۭ بِمَا لَدَیْهِمْ فَرِحُوْنَ ۟
फिर वे अपने मामले (धर्म) में परस्पर कई समूहों में विभाजित होकर टुकड़े-टुकड़े हो गए। प्रत्येक समूह के लोग उसी पर खुश हैं, जो उनके पास[14] है।
14. इन आयतों में कहा गया है कि सब रसूलों ने यही शिक्षा दी है कि स्वच्छ पवित्र चीज़ें खाओ और सत्कर्म करो। तुम्हारा पालनहार एक है और तुम सभी का धर्म एक है। परंतु लोगों ने धर्म में विभेद करके बहुत से संप्रदाय बना लिए, और अब प्रत्येक संप्रदाय अपने विश्वास तथा कर्म में मग्न है, भले ही वह सत्य से दूर हो।
Tafsiran larabci:
فَذَرْهُمْ فِیْ غَمْرَتِهِمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟
अतः (ऐ नबी!) आप उन्हें एक समय तक उनकी अचेतना में छोड़ दें।
Tafsiran larabci:
اَیَحْسَبُوْنَ اَنَّمَا نُمِدُّهُمْ بِهٖ مِنْ مَّالٍ وَّبَنِیْنَ ۟ۙ
क्या वे समझते हैं कि हम धन और संतान में से जिन चीज़ों के साथ उनकी सहायता कर रहे हैं।
Tafsiran larabci:
نُسَارِعُ لَهُمْ فِی الْخَیْرٰتِ ؕ— بَلْ لَّا یَشْعُرُوْنَ ۟
हम उन्हें भलाइयाँ देने में जल्दी कर रहे हैं? बल्कि वे नहीं समझते।[15]
15. अर्थात यह कि हम उन्हें अवसर दे रहे हैं।
Tafsiran larabci:
اِنَّ الَّذِیْنَ هُمْ مِّنْ خَشْیَةِ رَبِّهِمْ مُّشْفِقُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह वे लोग जो अपने पालनहार के भय से डरने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ یُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
और वे जो अपने पालनहार की आयतों पर ईमान रखते हैं।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ هُمْ بِرَبِّهِمْ لَا یُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
और वे जो अपने पालनहार का साझी नहीं बनाते।
Tafsiran larabci:
وَالَّذِیْنَ یُؤْتُوْنَ مَاۤ اٰتَوْا وَّقُلُوْبُهُمْ وَجِلَةٌ اَنَّهُمْ اِلٰی رَبِّهِمْ رٰجِعُوْنَ ۟ۙ
और वे लोग कि जो कुछ भी दें, इस हाल में देते हैं कि उनके दिल डरने वाले होते हैं कि वे अपने पालनहार ही की ओर लौटने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
اُولٰٓىِٕكَ یُسٰرِعُوْنَ فِی الْخَیْرٰتِ وَهُمْ لَهَا سٰبِقُوْنَ ۟
यही लोग हैं, जो भलाइयों में जल्दी करते हैं और यही लोग उनकी तरफ़ आगे बढ़ने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَلَا نُكَلِّفُ نَفْسًا اِلَّا وُسْعَهَا وَلَدَیْنَا كِتٰبٌ یَّنْطِقُ بِالْحَقِّ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
और हम किसी प्राणी पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालते। तथा हमारे पास एक पुस्तक है, जो सत्य के साथ बोलती है। और उनपर अत्याचार नहीं किया[16] जाएगा।
16. अर्थात प्रत्येक का कर्म-लेख है, जिसके अनुसार ही उसे बदला दिया जाएगा।
Tafsiran larabci:
بَلْ قُلُوْبُهُمْ فِیْ غَمْرَةٍ مِّنْ هٰذَا وَلَهُمْ اَعْمَالٌ مِّنْ دُوْنِ ذٰلِكَ هُمْ لَهَا عٰمِلُوْنَ ۟
बल्कि उनके दिल इससे अचेत हैं तथा इसके सिवा भी उनके कई काम हैं। वे उन्हीं को करने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
حَتّٰۤی اِذَاۤ اَخَذْنَا مُتْرَفِیْهِمْ بِالْعَذَابِ اِذَا هُمْ یَجْـَٔرُوْنَ ۟ؕ
यहाँ तक कि जब हम उनके सुखी लोगों को यातना में पकड़ेंगे, तो वे बिलबिलाने लगेंगे।
Tafsiran larabci:
لَا تَجْـَٔرُوا الْیَوْمَ ۫— اِنَّكُمْ مِّنَّا لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
आज मत बिलबिलाओ। निःसंदेह तुम्हें हमारी ओर से कोई सहायता नहीं मिलेगी।
Tafsiran larabci:
قَدْ كَانَتْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَكُنْتُمْ عَلٰۤی اَعْقَابِكُمْ تَنْكِصُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह मेरी आयतें तुम्हें सुनाई जाती थीं, तो तुम अपनी एड़ियों के बल फिर जाया करते थे।
Tafsiran larabci:
مُسْتَكْبِرِیْنَ ۖۚۗ— بِهٖ سٰمِرًا تَهْجُرُوْنَ ۟
अभिमान करते हुए, रात को बातें करते हुए उसके बारे में अनर्थ बकते थे।
Tafsiran larabci:
اَفَلَمْ یَدَّبَّرُوا الْقَوْلَ اَمْ جَآءَهُمْ مَّا لَمْ یَاْتِ اٰبَآءَهُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟ؗ
तो क्या उन्होंने इस वाणी (क़ुरआन) पर विचार नहीं किया, अथवा उनके पास वह चीज़[17] आई है, जो उनके पहले बाप-दादा के पास नहीं आई?
17. अर्थात् कुरआन तथा रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम। इसपर तो इन्हें अल्लाह का कृतज्ञ होना और इसे स्वीकार करना चाहिए।
Tafsiran larabci:
اَمْ لَمْ یَعْرِفُوْا رَسُوْلَهُمْ فَهُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟ؗ
या उन्होंने अपने रसूल को नहीं पहचाना, इस कारण वे उसका इनकार कर रहे[18] हैं?
18. इसमें चेतावनी है कि वे अपने रसूल की सत्यता, अमानत तथा उनके चरित्र और वंश से भली भाँति अवगत हैं।
Tafsiran larabci:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ بِهٖ جِنَّةٌ ؕ— بَلْ جَآءَهُمْ بِالْحَقِّ وَاَكْثَرُهُمْ لِلْحَقِّ كٰرِهُوْنَ ۟
या वे कहते हैं कि उसे कोई पागलपन हैं। बल्कि वह तो उनके पास सत्य लेकर आए हैं और उनमें से अधिकांश लोग सत्य को बुरा जानने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَلَوِ اتَّبَعَ الْحَقُّ اَهْوَآءَهُمْ لَفَسَدَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهِنَّ ؕ— بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِذِكْرِهِمْ فَهُمْ عَنْ ذِكْرِهِمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟ؕ
और यदि सत्य उनकी इच्छाओं के पीछे चले, तो निश्चय सब आकाश और धरती और जो कोई उनमें है, सब बिगड़ जाएँ। बल्कि हम उनके पास उनकी नसीह़त लेकर आए हैं। ते वे अपनी नसीह़त से मुँह मोड़ने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
اَمْ تَسْـَٔلُهُمْ خَرْجًا فَخَرَاجُ رَبِّكَ خَیْرٌ ۖۗ— وَّهُوَ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) क्या आप उनसे कोई पारिश्रमिक माँग रहे हैं? तो आपके पालनहार का पारिश्रमिक उत्तम है और वह सब रोज़ी देने वालों से उत्तम है।
Tafsiran larabci:
وَاِنَّكَ لَتَدْعُوْهُمْ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
निःसंदेह आप तो उन्हें सीधे रास्ते की ओर बुलाते हैं।
Tafsiran larabci:
وَاِنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ عَنِ الصِّرَاطِ لَنٰكِبُوْنَ ۟
और निःसंदेह जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते, निश्चय वे सीधे रास्ते से हटने वाले हैं।
Tafsiran larabci:
وَلَوْ رَحِمْنٰهُمْ وَكَشَفْنَا مَا بِهِمْ مِّنْ ضُرٍّ لَّلَجُّوْا فِیْ طُغْیَانِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟
और यदि हम उनपर दया करें और जिस कष्ट[19] से वे पीड़ित हैं, उसे दूर कर दें, तो भी वे निश्चय अपनी सरकशी में दृढ़ता से बने रहेंगे इस हाल में कि भटक रहे होंगे।
20. इससे अभिप्राय वह अकाल है जो मक्का के काफ़िरों पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अवज्ञा के कारण आ पड़ा था। (देखिए : बुख़ारी : 4823)
Tafsiran larabci:
وَلَقَدْ اَخَذْنٰهُمْ بِالْعَذَابِ فَمَا اسْتَكَانُوْا لِرَبِّهِمْ وَمَا یَتَضَرَّعُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने उन्हें यातना में (भी) पकड़ा। फिर भी वे न अपने पालनहार के आगे झुके और न गिड़गिड़ाते थे।
Tafsiran larabci:
حَتّٰۤی اِذَا فَتَحْنَا عَلَیْهِمْ بَابًا ذَا عَذَابٍ شَدِیْدٍ اِذَا هُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟۠
यहाँ तक कि जब हमने उनपर कोई कठोर यातना[20] वाला द्वार खोल दिया, तो तुरंत वे उसमें निराश हो गए।[21]
20. कठोर यातना से अभिप्राय परलोक की यातना है। 21. अर्थात प्रत्येक भलाई से।
Tafsiran larabci:
وَهُوَ الَّذِیْۤ اَنْشَاَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
और वही है, जिसने तुम्हारे लिए कान तथा आँखें और दिल बनाए।[22] तुम बहुत कम आभार प्रकट करते हो।
22. सत्य को सुनने, देखने और उसपर विचार करके उसे स्वीकार करने के लिए।
Tafsiran larabci:
وَهُوَ الَّذِیْ ذَرَاَكُمْ فِی الْاَرْضِ وَاِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
और वही है, जिसने तुम्हें धरती में फैलाया और उसी की ओर तुम एकत्र किए जाओगे।
Tafsiran larabci:
وَهُوَ الَّذِیْ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ وَلَهُ اخْتِلَافُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
तथा वही है, जो जीवित करता और मारता है और उसी के अधिकार में रात और दिन का बदलना है। तो क्या तुम नहीं समझते?
Tafsiran larabci:
بَلْ قَالُوْا مِثْلَ مَا قَالَ الْاَوَّلُوْنَ ۟
बल्कि उन्होंने वही बात कही, जो अगलों ने कही थी।
Tafsiran larabci:
قَالُوْۤا ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो जाएँगे, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?
Tafsiran larabci:
لَقَدْ وُعِدْنَا نَحْنُ وَاٰبَآؤُنَا هٰذَا مِنْ قَبْلُ اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
निःसंदेह यही वादा हमसे और इससे पहले हमारे बाप-दादा से किया गया। यह तो पहले लोगों की कहानियों के सिवा कुछ नहीं।
Tafsiran larabci:
قُلْ لِّمَنِ الْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهَاۤ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) उनसे कह दें : यह धरती और इसमें जो कोई भी है किसका है, यदि तुम जानते हो?
Tafsiran larabci:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
वे कहेंगे : अल्लाह का है। आप कह दें : फिर क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?
Tafsiran larabci:
قُلْ مَنْ رَّبُّ السَّمٰوٰتِ السَّبْعِ وَرَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِیْمِ ۟
आप पूछिए : सातों आकाशों का स्वामी तथा महान सिंहासन (अर्श) का स्वामी कौन है?
Tafsiran larabci:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
वे कहेंगे : अल्लाह ही के लिए है। आप कह दें : फिर क्या तुम डरते नहीं?
Tafsiran larabci:
قُلْ مَنْ بِیَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُوَ یُجِیْرُ وَلَا یُجَارُ عَلَیْهِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
आप उनसे कहिए : कौन है जिसके हाथ में हर चीज़ का अधिकार और वह शरण देता है और उसके मुक़ाबले में शरण नहीं दी जाती, यदि तुम जानते हो (तो बताओ)?
Tafsiran larabci:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ فَاَنّٰی تُسْحَرُوْنَ ۟
वे बोल पड़ेंगे : अल्लाह के लिए है। आप कहिए : फिर तुम कहाँ से जादू[23] किए जाते हो?
23. अर्थात जब यह मानते हो कि सब अधिकार अल्लाह के हाथ में है और शरण भी वही देता है, तो फिर उसके साझी कहाँ से आ गए और उन्हें कहाँ से अधिकार मिल गया?
Tafsiran larabci:
بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِالْحَقِّ وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
बल्कि हम उनके पास पूर्ण सत्य लाए हैं और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं।
Tafsiran larabci:
مَا اتَّخَذَ اللّٰهُ مِنْ وَّلَدٍ وَّمَا كَانَ مَعَهٗ مِنْ اِلٰهٍ اِذًا لَّذَهَبَ كُلُّ اِلٰهٍ بِمَا خَلَقَ وَلَعَلَا بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह ने न कोई संतान बनाई और न कभी उसके साथ कोई पूज्य था। उस समय अवश्य प्रत्येक पूज्य, जो कुछ उसने पैदा किया था, उसे लेकर चल देता और निश्चय उनमें से एक, दूसरे पर चढ़ाई कर देता। पवित्र है अल्लाह उससे, जो वे बयान करते हैं।
Tafsiran larabci:
عٰلِمِ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ فَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟۠
वह परोक्ष (छिपे) तथा प्रत्यक्ष (खुले) को जानने वाला है। सो वह बहुत ऊँचा है उससे, जो वे साझी बनाते हैं।
Tafsiran larabci:
قُلْ رَّبِّ اِمَّا تُرِیَنِّیْ مَا یُوْعَدُوْنَ ۟ۙ
(ऐ नबी!) आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! यदि तू कभी मुझे अवश्य ही वह (यातना) दिखाए, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है।
Tafsiran larabci:
رَبِّ فَلَا تَجْعَلْنِیْ فِی الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
तो ऐ मेरे पालनहार! मुझे उन अत्याचारी लोगों में शामिल न करना।
Tafsiran larabci:
وَاِنَّا عَلٰۤی اَنْ نُّرِیَكَ مَا نَعِدُهُمْ لَقٰدِرُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम आपको वह (यातना) दिखाने में, जिसका हम उनसे वादा करते हैं, अवश्य सक्षम हैं।
Tafsiran larabci:
اِدْفَعْ بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ السَّیِّئَةَ ؕ— نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَصِفُوْنَ ۟
(हे नबी!) आप बुराई को उस ढंग से दूर करें, जो सबसे उत्तम हो। हम अधिक जानने वाले हैं, जो कुछ वे बयान करते हैं।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ رَّبِّ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ هَمَزٰتِ الشَّیٰطِیْنِ ۟ۙ
तथा आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! मैं शैतानों की उकसाहटों से तेरी शरण चाहता हूँ।
Tafsiran larabci:
وَاَعُوْذُ بِكَ رَبِّ اَنْ یَّحْضُرُوْنِ ۟
तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं इस बात से भी तेरी शरण माँगता हूँ कि वे मेरे पास आएँ।
Tafsiran larabci:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ رَبِّ ارْجِعُوْنِ ۟ۙ
यहाँ तक कि जब उनमें से किसी के पास मौत आती है, तो कहता है : ऐ मेरे पालनहार! मुझे (संसार में) वापस भेजो।[24]
24. यहाँ मरण के समय काफ़िर की दशा को बताया जा रहा है। (इब्ने कसीर)
Tafsiran larabci:
لَعَلِّیْۤ اَعْمَلُ صَالِحًا فِیْمَا تَرَكْتُ كَلَّا ؕ— اِنَّهَا كَلِمَةٌ هُوَ قَآىِٕلُهَا ؕ— وَمِنْ وَّرَآىِٕهِمْ بَرْزَخٌ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
ताकि मैं जो कुछ छोड़ आया हूँ, उसमें कोई नेक कार्य कर लूँ। हरगिज़ नहीं, यह तो मात्र एक बात है, जिसे वह कहने वाला[25] है और उनके पीछे उस दिन तक जब वे (पुनः) उठाए जाएँगे, एक ओट[26] है।
25. अर्थात उसके कथन का कोई प्रभाव नहीं होगा। 26. ओट जिसके लिए बर्ज़ख शब्द आया है, उस अवधि का नाम है जो मृत्यु तथा प्रलय के बीच होगी।
Tafsiran larabci:
فَاِذَا نُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَلَاۤ اَنْسَابَ بَیْنَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ وَّلَا یَتَسَآءَلُوْنَ ۟
फिर जब सूर (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी, तो उस दिन[27] उनके बीच न कोई रिश्ते-नाते होंगे और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे।
27. अर्थात प्रलय के दिन। उस दिन भय के कारण सबको अपनी चिंता होगी।
Tafsiran larabci:
فَمَنْ ثَقُلَتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟
फिर जिसके पलड़े भारी हो गए, वही लोग सफल हैं।
Tafsiran larabci:
وَمَنْ خَفَّتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فِیْ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
और जिसके पलड़े हलके हो गए, तो वही लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला। जहन्नम ही में सदावासी होंगे।
Tafsiran larabci:
تَلْفَحُ وُجُوْهَهُمُ النَّارُ وَهُمْ فِیْهَا كٰلِحُوْنَ ۟
उनके चेहरों को आग झुलसाएगी तथा उसमें उनके जबड़े (झुलसकर) बाहर निकले होंगे।
Tafsiran larabci:
اَلَمْ تَكُنْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَكُنْتُمْ بِهَا تُكَذِّبُوْنَ ۟
क्या मेरी आयतें तुमपर पढ़ी न जाती थीं, तो तुम उन्हें झुठलाया करते थे?
Tafsiran larabci:
قَالُوْا رَبَّنَا غَلَبَتْ عَلَیْنَا شِقْوَتُنَا وَكُنَّا قَوْمًا ضَآلِّیْنَ ۟
वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमारा दुर्भाग्य हमपर प्रभावी हो गया[28] और हम गुमराह लोग थे।
28. अर्थात अपने दुर्भाग्य के कारण हमने तेरी आयतों को अस्वीकार कर दिया।
Tafsiran larabci:
رَبَّنَاۤ اَخْرِجْنَا مِنْهَا فَاِنْ عُدْنَا فَاِنَّا ظٰلِمُوْنَ ۟
ऐ हमारे पालनहार! हमें इससे निकाल ले। फिर यदि हम दोबारा ऐसा करें, तो निश्चय हम अत्याचारी होंगे।
Tafsiran larabci:
قَالَ اخْسَـُٔوْا فِیْهَا وَلَا تُكَلِّمُوْنِ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : इसी में अपमानित होकर पड़े रहो और मुझसे बात न करो।
Tafsiran larabci:
اِنَّهٗ كَانَ فَرِیْقٌ مِّنْ عِبَادِیْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَاۤ اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
निःसंदेह मेरे बंदों में से कुछ लोग थे, जो कहते थे : ऐ हमारे पालनहार! हम ईमान ले आए। अतः तू हमें क्षमा कर दे और हमपर दया कर। और तू सब दया करने वालों से बेहतर है।
Tafsiran larabci:
فَاتَّخَذْتُمُوْهُمْ سِخْرِیًّا حَتّٰۤی اَنْسَوْكُمْ ذِكْرِیْ وَكُنْتُمْ مِّنْهُمْ تَضْحَكُوْنَ ۟
तो तुमने उन्हें मज़ाक़ बना लिया, यहाँ तक कि उन्होंने तुम्हें मेरी याद भुला दी और तुम उनसे हँसी किया करते थे।
Tafsiran larabci:
اِنِّیْ جَزَیْتُهُمُ الْیَوْمَ بِمَا صَبَرُوْۤا ۙ— اَنَّهُمْ هُمُ الْفَآىِٕزُوْنَ ۟
निःसंदेह आज मैंने उन्हें उनके धैर्य का यह बदला दिया है कि वही सफल हैं।
Tafsiran larabci:
قٰلَ كَمْ لَبِثْتُمْ فِی الْاَرْضِ عَدَدَ سِنِیْنَ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : तुम धरती पर कितने वर्षों तक रहे?
Tafsiran larabci:
قَالُوْا لَبِثْنَا یَوْمًا اَوْ بَعْضَ یَوْمٍ فَسْـَٔلِ الْعَآدِّیْنَ ۟
वे कहेंगे : हम एक दिन या दिन का कुछ भाग रहे। आप गणना करने वालों से पूछ लें।
Tafsiran larabci:
قٰلَ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا قَلِیْلًا لَّوْ اَنَّكُمْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : तुम नहीं रहे परंतु थोड़ा ही। काश कि तुमने जानते होते।[29]
29. आयत का भावार्थ यह है कि यदि तुम यह जानते कि परलोक का जीवन स्थायी है तथा संसार का अस्थायी, तो आज तुम भी ईमान वालों के समान अल्लाह की आज्ञा का पालन करके सफल हो जाते, और अवज्ञा तथा दुष्कर्म न करते।
Tafsiran larabci:
اَفَحَسِبْتُمْ اَنَّمَا خَلَقْنٰكُمْ عَبَثًا وَّاَنَّكُمْ اِلَیْنَا لَا تُرْجَعُوْنَ ۟
तो क्या तुमने समझ रखा था कि हमने तुम्हें उद्देश्यहीन पैदा किया है और यह कि तुम हमारी ओर नहीं लौटाए[30] जाओगे?
30. अर्थात परलोक में।
Tafsiran larabci:
فَتَعٰلَی اللّٰهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۚ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— رَبُّ الْعَرْشِ الْكَرِیْمِ ۟
तो बहुत ऊँचा है अल्लाह, जो सच्चा बादशाह है। उसके सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं, सम्मान वाले अर्श (सिंहासन) का रब है।
Tafsiran larabci:
وَمَنْ یَّدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ۙ— لَا بُرْهَانَ لَهٗ بِهٖ ۙ— فَاِنَّمَا حِسَابُهٗ عِنْدَ رَبِّهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ۟
और जो (भी) अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को पुकारे, जिसका उसके पास कोई प्रमाण नहीं, तो उसका हिसाब केवल उसके पालनहार के पास है। निःसंदेह काफ़िर लोग सफल नहीं होंगे।[31]
31. अर्थात परलोक में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होगी, और न मुक्ति ही मिलेगी।
Tafsiran larabci:
وَقُلْ رَّبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟۠
तथा आप प्रार्थना करें : ऐ मेरे पालनहार! क्षमा कर दे और दया कर, और तू सब दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है।
Tafsiran larabci:
 
Fassarar Ma'anoni Sura: Suratu Almu'aminoun
Teburin Jerin Sunayen Surori Lambar shafi
 
Fassarar Ma'anonin Alqura'ni - Fassara a Yaren Hindu - Teburin Bayani kan wasu Fassarori

ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

Rufewa