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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (51) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߝߊߟߊ߲
مَاۤ اَشْهَدْتُّهُمْ خَلْقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَلَا خَلْقَ اَنْفُسِهِمْ ۪— وَمَا كُنْتُ مُتَّخِذَ الْمُضِلِّیْنَ عَضُدًا ۟
ये लोग जिन्हें तुमने मुझे छोड़कर अपना सहायक व मित्र बना रखा है, तुम्हारे ही जैसे बंदे हैं। मैंने आकाशों तथा धरती को पैदा करते समय उन्हें उपस्थित नहीं किया था। बल्कि उस समय उनका अस्तित्व ही नहीं था। और न ही मैंने उनमें से कुछ को दूसरों के पैदा करने में उपस्थित किया था। क्योंकि मैं सृजन और प्रबंधन में अकेला हूँ। और मैं मानव जाति और जिन्न के शैतानों में से गुमराह करने वालों को अपना सहायक बनाने वाला न था। क्योंकि मैं सहायकों से बेनियाज़ हूँ।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• على العبد الإكثار من الباقيات الصالحات، وهي كل عمل صالح من قول أو فعل يبقى للآخرة.
• बंदे को चाहिए कि अधिक से अधित बाक़ी रहने वाले सत्कर्म करे। इससे अभिप्राय प्रत्येक नेक बात या काम है, जो आख़िरत के लिए बाक़ी रहता है।

• على العبد تذكر أهوال القيامة، والعمل لهذا اليوم حتى ينجو من أهواله، وينعم بجنة الله ورضوانه.
• बंदे को चाहिए कि क़ियामत की भयावहता को याद करे और इस दिन के लिए काम करे, ताकि उसकी भयावहता से मुक्ति पा सके, तथा अल्लाह की जन्नत और उसकी प्रसन्नता का आनंद ले सके।

• كَرَّم الله تعالى أبانا آدم عليه السلام والجنس البشري بأجمعه بأمره الملائكة أن تسجد له في بدء الخليقة سجود تحية وتكريم.
• अल्लाह ने सृष्टि की शुरुआत में फरिश्तों को हमारे पिता आदम अलैहिस्सलाम को अभिवादन एवं सम्मान का सजदा करने का आदेश देकर, उन्हें तथा पूरी मानव जाति को सम्मानित किया।

• في الآيات الحث على اتخاذ الشيطان عدوًّا.
• इन आयतों में शैतान को दुश्मन समझने पर बल दिया गया है।

 
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ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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