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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߡߊߙߌߦߡߊ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

मर्यम

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
إبطال عقيدة نسبة الولد لله من المشركين والنصارى، وبيان سعة رحمة الله بعباده.
बहुदेववादियों और ईसाइयों की ओर से अल्लाह के लिए संतान ठहराने के विचार का खंडन, तथा अपने बंदों के प्रति अल्लाह की विस्तृत दया का वर्णन।

كٓهٰیٰعٓصٓ ۟
(काफ़, हा, या, ऐन, साद) इस प्रकार के अक्षरों के बारे में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात की जा चुकी है।
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ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهٗ زَكَرِیَّا ۟ۖۚ
यह आपके पालनहार की अपने बंदे ज़करिय्या अलैहिस्सलाम पर दया की चर्चा है। हम यह कहानी आपके सामने उससे नसीहत (शिक्षा) प्राप्त करने के लिए बयान कर रहे हैं।
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اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ نِدَآءً خَفِیًّا ۟
जब उसने अपने पवित्र रब से, गुप्त रूप से, दुआ की, ताकि क़बूल होने की उम्मीद ज़्यादा हो।
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قَالَ رَبِّ اِنِّیْ وَهَنَ الْعَظْمُ مِنِّیْ وَاشْتَعَلَ الرَّاْسُ شَیْبًا وَّلَمْ اَكُنْ بِدُعَآىِٕكَ رَبِّ شَقِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे रब! मेरा हाल यह है कि मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गई हैं और मेरे सिर के अधिकतर बाल सफ़ेद हो चुके हैं, लेकिन मैं तुझसे माँगकर कभी निराश नहीं हुआ। बल्कि, जब भी तुझसे माँगा, तूने मेरी दुआ क़बूल की।
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وَاِنِّیْ خِفْتُ الْمَوَالِیَ مِنْ وَّرَآءِیْ وَكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا فَهَبْ لِیْ مِنْ لَّدُنْكَ وَلِیًّا ۟ۙ
मुझे अपने रिश्तेदारों के बारे में भय है कि कहीं वे दुनिया में व्यस्त हो जाने के कारण मेरी मृत्यु के बाद धर्म के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन न कर सकें। और मेरी पत्नी (भी) बाँझ है, उसे औलाद नहीं होती। अतः तू अपने पास से मुझे एक सहायक पुत्र प्रदान कर।
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یَّرِثُنِیْ وَیَرِثُ مِنْ اٰلِ یَعْقُوْبَ ۗ— وَاجْعَلْهُ رَبِّ رَضِیًّا ۟
जो मुझसे नुबुव्वत का उत्तराधिकारी तथा याक़ूब अलैहिस्सलाम के वंशज से उसका वारिस हो और (ऐ मेरे रब!) तू उसे धर्म, नैतिकता और ज्ञान में पसंदीदा बना।
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یٰزَكَرِیَّاۤ اِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلٰمِ ١سْمُهٗ یَحْیٰی ۙ— لَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ سَمِیًّا ۟
अल्लाह ने उनकी दुआ क़बूल कर ली और उन्हें पुकारा : ऐ ज़करिय्या! हम तुम्हें एक प्रसन्न करने वाला समाचार सुनाते हैं। हमने तुम्हारी दुआ क़बूल कर ली है और तुम्हें एक बालक प्रदान किया है, जिसका नाम यहया है। हमने उससे पहले यह नाम किसी को नहीं दिया है।
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قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا وَّقَدْ بَلَغْتُ مِنَ الْكِبَرِ عِتِیًّا ۟
ज़करिय्या ने अल्लाह की शक्ति पर आश्चर्य करते हुए कहा : मेरे यहाँ किसी बालक का जन्म कैसे होगा, जबकि मेरी पत्नी बाँझ है, उसके औलाद नहीं होती और मैं बुढ़ापे की अंतिम सीमा को पहुँच चुका हूँ और मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो चुकी हैंॽ!
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قَالَ كَذٰلِكَ ۚ— قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ وَّقَدْ خَلَقْتُكَ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَیْـًٔا ۟
फ़रिश्ते ने कहा : मामला ऐसा ही है जैसा आपने कहा कि आपकी पत्नी बच्चा जनने के योग्य नहीं है और आप बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँच चुके हैं तथा आपकी हड्डियाँ भी कमज़ोर हो चुकी हैं। परंतु आपके रब ने कहा है : तेरे रब का बाँझ माता और बुढ़ापे की चरम सीमा को पहुँचे हुए पिता से यहया को पैदा करना आसान है। हालाँकि मैंने (ऐ ज़करिय्या) तुझे इससे पहले पैदा किया है, जबकि तू कुछ भी चर्चा योग्य नहीं था; क्योंकि तेरा अस्तित्व ही नहीं था।
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قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّیْۤ اٰیَةً ؕ— قَالَ اٰیَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَ لَیَالٍ سَوِیًّا ۟
ज़करिय्या अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निर्धारित कर दे जिससे मैं आश्वस्त हो सकूँ, जो मुझे फ़रिश्तों द्वारा दी गई शुभ सूचना की प्राप्ति को इंगित करती हो। अल्लाह ने फरमाया : तुम्हें जो ख़ुशख़बरी दी गई है, उसके प्राप्त होने की निशानी यह है कि तुम तीन दिनों तक लोगों से बात नहीं कर सकोगे, जबकि तुम्हें कोई बीमारी नहीं होगी, बल्कि तुम सही और स्वस्थ होगे।
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فَخَرَجَ عَلٰی قَوْمِهٖ مِنَ الْمِحْرَابِ فَاَوْحٰۤی اِلَیْهِمْ اَنْ سَبِّحُوْا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
फिर ज़करिय्या अलैहिस्सलाम अपने उपासनागृह से निकलकर अपनी जाति के पास आए और उनसे, बात किए बिना, इशारे से बताया कि दिन के आरंभ और अंत में अल्लाह की पवित्रता का वर्णन करो।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الضعف والعجز من أحب وسائل التوسل إلى الله؛ لأنه يدل على التَّبَرُّؤِ من الحول والقوة، وتعلق القلب بحول الله وقوته.
• अपनी कमज़ोरी और लाचारी प्रकट करना अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के सबसे प्रिय साधनों में से है। क्योंकि यह खुद के शक्ति एवं सामर्थ्य से रहित होने और अल्लाह की शक्ति एवं सामर्थ्य के प्रति हृदय के लगाव को दर्शाता है।

• يستحب للمرء أن يذكر في دعائه نعم الله تعالى عليه، وما يليق بالخضوع.
• बेहतर यह है कि आदमी दुआ करते समय अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का उल्लेख करे, और जो उसकी विनम्रता के उपयुक्त हो।

• الحرص على مصلحة الدين وتقديمها على بقية المصالح.
• धर्म के हित का ख्याल रखना और उसे बाक़ी हितों पर प्राथमिकता देना।

• تستحب الأسماء ذات المعاني الطيبة.
• अच्छे अर्थ वाले नाम पसंदीदा हैं।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߡߊߙߌߦߡߊ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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