Check out the new design

ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (51) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߣߛߌ߬ߡߛߏ
وَاِذْ وٰعَدْنَا مُوْسٰۤی اَرْبَعِیْنَ لَیْلَةً ثُمَّ اتَّخَذْتُمُ الْعِجْلَ مِنْ بَعْدِهٖ وَاَنْتُمْ ظٰلِمُوْنَ ۟
इन नेमतों में से यह भी याद रखो कि हमने मूसा अलैहिस्सलाम से चालीस रातों के लिए वादा किया, ताकि इसमें, प्रकाश और मार्गदर्शन के तौर पर, तौरात को उतारा जाए। फिर तुमने यह किया कि उस अवधि के दौरान बछड़े की पूजा करने लगे। और ऐसा करके तुम अत्याचार करने वाले थे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• عِظَمُ نعم الله وكثرتها على بني إسرائيل، ومع هذا لم تزدهم إلا تكبُّرًا وعنادًا.
• बनी इसराईल पर अल्लाह की नेमतों की महानता और उनकी बहुतायत, इसके बावजूद, इससे केवल उनके अहंकार और हठ में वृद्धि हुई।

• سَعَةُ حِلم الله تعالى ورحمته بعباده، وإن عظمت ذنوبهم.
• अल्लाह की सहनशीलता और अपने बंदों पर उसकी दया की विशालता, भले ही उनके पाप बहुत बड़े हों।

• الوحي هو الفَيْصَلُ بين الحق والباطل.
• वह़्य ही सत्य एवं असत्य के बीच निर्णायक है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (51) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߣߛߌ߬ߡߛߏ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲