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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫: (80) ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߐ߬ߖߟߎ߬ߡߊ߬ߣߍ߲ ߠߎ߬
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
यह बदला जो हमने नूह अलैहिस्सलाम को दिया, इसी तरह का बदला हम उन लोगों को देते हैं, जो बेहतर तौर पर केवल अल्लाह की इबादत करते और उसका आज्ञापालन करते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• من مظاهر الإنعام على نوح: نجاة نوح ومن آمن معه، وجعل ذريته أصول البشر والأعراق والأجناس، وإبقاء الذكر الجميل والثناء الحسن.
• नूह अलैहिस्सलाम पर अल्लाह के अनुग्रह के प्रकटीकरण में से कुछ इस प्रकार हैं : नूह अलैहिस्सलाम और उनके साथ ईमान लाने वालों को डूबने से बचाना, उनकी संतति को सभी वर्गों एवं नस्लों के मनुष्यों का मूल बनाना और उनके सुंदर स्मरण और अच्छी प्रशंसा को बाद में आने वाले समुदायों में बाक़ी रखना।

• أفعال الإنسان يخلقها الله ويفعلها العبد باختياره.
• बंदों के कार्यों को अल्लाह पैदा करता है और बंदा उन्हें अपनी मर्ज़ी से करता है।

• الذبيح بحسب دلالة هذه الآيات وترتيبها هو إسماعيل عليه السلام؛ لأنه هو المُبَشَّر به أولًا، وأما إسحاق عليه السلام فبُشِّر به بعد إسماعيل عليه السلام.
• इन आयतों की दलालत और इनके क्रम से यह बात निकलकर सामने आती है कि ज़बीह (ज़बह के लिए प्रस्तावित व्यक्ति) इसमाईल अलैहिस्सलाम हैं। क्योंकि सबसे पहले उन्हीं की खुशख़बरी दी गई थी। रही बात इसहाक़ अलैहिस्सलाम की, तो उनकी खुशख़बरी इसमाईल अलैहिस्सलाम के बाद दी गई थी।

• قول إسماعيل: ﴿سَتَجِدُنِي إِن شَآءَ اْللهُ مِنَ اْلصَّابِرِينَ﴾ سبب لتوفيق الله له بالصبر؛ لأنه جعل الأمر لله.
• इसमाईल अलैहिस्सलाम का यह कहना : ﴾سَتَجِدُنِي إِن شَآءَ اْللهُ مِنَ اْلصَّابِرِينَ﴿ ''अगर अल्लाह ने चाहा तो आप अवश्य मुझे धैर्यवानों में से पाएँगे।'' इस बात का कारण है कि अल्लाह ने उन्हें सब्र का सामर्थ्य प्रदान किया, क्योंकि उन्होंने इस मामले को अल्लाह के हवाले कर दिया था।

 
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ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
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ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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