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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛߌ߬ߛߌ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

अद्-दुख़ान

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تهديد المشركين ببيان ما ينتظرهم من العقوبة العاجلة والآجلة.
बहुदेववादियों को यह बयान करके धमकी देना कि दुनिया एवं आख़िरत में कौन-सी सज़ा उनके इंतज़ार में है।

حٰمٓ ۟ۚۛ
{हा, मीम।} सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
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وَالْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟ۙۛ
अल्लाह ने सत्य का मार्ग दर्शाने वाले क़ुरआन की क़सम खाई है।
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اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ فِیْ لَیْلَةٍ مُّبٰرَكَةٍ اِنَّا كُنَّا مُنْذِرِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने क़ुरआन को लैलतुल-क़द्र (सम्मानित रात) में उतारा है, जो बहुत अच्छाइयों वाली रात है। हम इस क़ुरआन के माध्यम से डराने वाले हैं।
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فِیْهَا یُفْرَقُ كُلُّ اَمْرٍ حَكِیْمٍ ۟ۙ
इसी रात में आजीविका और मृत्यु (नियत समय) इत्यादि से संबंधित उस साल घटित होने वाले सभी सुदृढ़ मामलों का फैसला किया जाता है।
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اَمْرًا مِّنْ عِنْدِنَا ؕ— اِنَّا كُنَّا مُرْسِلِیْنَ ۟ۚ
हम प्रत्येक सुदृढ़ मामले का फैसला अपनी ओर से करते हैं। निःसंदेह हम ही रसूलों को भेजने वाले हैं।
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رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟ۙ
हम रसूलों को (ऐ रसूल!) आपके पालनहार की ओर से, उन लोगों पर दया के रूप में भेजते हैं, जिनकी ओर उन्हें भेजा जाता है। निःसंदेह वह महिमावान अल्लाह अपने बंदों की बातों को सुनने वाला, उनके कामों और इरादों को जानने वाला है। इनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
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رَبِّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۘ— اِنْ كُنْتُمْ مُّوْقِنِیْنَ ۟
वह आकाशों का पालनहार, धरती का पालनहार और उन दोनों के बीच की चीज़ों का पालनहार है। यदि तुम इसपर विश्वास करने वाले हो, तो मेरे रसूल पर ईमान लाओ।
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لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ ؕ— رَبُّكُمْ وَرَبُّ اٰبَآىِٕكُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। वही जीवित करता और मारता है। उसके सिवा कोई जीवन तथा मृत्यु देने वाला नहीं है। वही तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादाओं का पालनहार है।
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بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ یَّلْعَبُوْنَ ۟
ये मुश्रिक उसपर विश्वास करने वाले नहीं हैं, बल्कि वे उसके बारे में संदेह में पड़े हुए हैं और वे जिस झूठ पर क़ायम हैं उसके कारण उससे ग़ाफ़िल हैं।
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فَارْتَقِبْ یَوْمَ تَاْتِی السَّمَآءُ بِدُخَانٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
तो (ऐ रसूल!) आप अपनी जाति पर जल्द ही आने वाली यातना की प्रतीक्षा करें, जो उस दिन आएगी, जिस दिन आकाश स्पष्ट धुएँ के साथ आएगा, जिसे वे गंभीर भूख के कारण अपनी आँखों से देख रहे होंगे।
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یَّغْشَی النَّاسَ ؕ— هٰذَا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
वह यातना आपकी पूरी जाति को अपनी चपेट में ले लेगी और उनसे कहा जाएगा : यह यातना जो तुम्हें पहुँची है, एक दर्दनाक यातना है।
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رَبَّنَا اكْشِفْ عَنَّا الْعَذَابَ اِنَّا مُؤْمِنُوْنَ ۟
तो वे अपने पालनहार से गिड़गिड़ाते हुए कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमसे उस अज़ाब को दूर कर दे, जिसे तूने हमपर भेजा है। अगर तूने उसे हमसे दूर कर दिया, तो हम तुझपर और तेरे रसूल पर ईमान ले आएँगे।
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اَنّٰی لَهُمُ الذِّكْرٰی وَقَدْ جَآءَهُمْ رَسُوْلٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
उनके लिए नसीहत हासिल करने और पश्चाताप कर अपने पालनहार की ओर लौटने का अवसर अब कहाँ रहा, जबकि उनके पास एक स्पष्ट संदेश वाला रसूल आ चुका है और वे उसकी सच्चाई और अमानतदारी से भी अवगत हैं?!
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ثُمَّ تَوَلَّوْا عَنْهُ وَقَالُوْا مُعَلَّمٌ مَّجْنُوْنٌ ۟ۘ
फिर उन्होंने उस पर विश्वास करने से मुँह फेर लिया और उन्होंने उसके बारे में कहा : वह एक सिखाया हुआ व्यक्ति है, जिसे कोई दूसरा सिखाता है, वह संदेशवाहक नहीं है। तथा उन्होंने उसके बारे में कहा कि : वह पागल है।
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اِنَّا كَاشِفُوا الْعَذَابِ قَلِیْلًا اِنَّكُمْ عَآىِٕدُوْنَ ۟ۘ
जब हम तुम पर से यातना को थोड़ा टाल देंगे, तो तुम अपने कुफ़्र और झुठलाने के रवैये की ओर लौट जाओगे।
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یَوْمَ نَبْطِشُ الْبَطْشَةَ الْكُبْرٰی ۚ— اِنَّا مُنْتَقِمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) उनके लिए उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब हम बद्र के दिन आपकी जाति के काफ़िरों की बड़ी पकड़ करेंगे। निश्चय ही हम उनसे, उनके अल्लाह के साथ कुफ़्र करने और उसके रसूल को झुठलाने के कारण, बदला लेने वाले हैं।
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وَلَقَدْ فَتَنَّا قَبْلَهُمْ قَوْمَ فِرْعَوْنَ وَجَآءَهُمْ رَسُوْلٌ كَرِیْمٌ ۟ۙ
निश्चय ही हमने उनसे पहले फ़िरऔन की जाति को आज़माया और उनके पास अल्लाह की ओर से एक सम्मानित रसूल आया, जिसने उन्हें अल्लाह के एकेश्वरवाद (अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने) और उसकी इबादत की ओर आमंत्रित किया। और वह मूसा अलैहिस्सलाम हैं।
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اَنْ اَدُّوْۤا اِلَیَّ عِبَادَ اللّٰهِ ؕ— اِنِّیْ لَكُمْ رَسُوْلٌ اَمِیْنٌ ۟ۙ
मूसा ने फ़िरऔन और उसके लोगों से कहा : बनी इसराईल को मेरे लिए छोड़ दो। क्योंकि वे अल्लाह के बंदे हैं। तुम्हें उन्हें दास बनाने का कोई अधिकार नहीं है। मैं तुम्हारे लिए अल्लाह की ओर से एक रसूल बनाकर भेजा गया हूँ। उस बात के प्रति विश्वसनीय हूँ, जिसे उसने मुझे तुमको पहुँचाने का आदेश दिया है, मैं उसमें कुछ कमी या वृद्धि नहीं करता हूँ।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• نزول القرآن في ليلة القدر التي هي كثيرة الخيرات دلالة على عظم قدره.
• क़ुरआन का लैलतुल-क़द्र में अवतरित होना, जो कि बहुत अच्छाइयों वाली रात है, उसकी महानता को दर्शाता है।

• بعثة الرسل ونزول القرآن من مظاهر رحمة الله بعباده.
• रसूलों का भेजना और क़ुरआन का उतरना, अल्लाह की अपने बंदों पर दया के प्रतीकों में से है।

• رسالات الأنبياء تحرير للمستضعفين من قبضة المتكبرين.
• रसूलों के संदेश का उद्देश्य कमज़ोरों को अहंकारियों के चंगुल से मुक्त करना है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛߌ߬ߛߌ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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