Check out the new design

ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛߎ߬ߡߊ߲߬ߝߍ   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
قَالَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ اللّٰهُمَّ رَبَّنَاۤ اَنْزِلْ عَلَیْنَا مَآىِٕدَةً مِّنَ السَّمَآءِ تَكُوْنُ لَنَا عِیْدًا لِّاَوَّلِنَا وَاٰخِرِنَا وَاٰیَةً مِّنْكَ ۚ— وَارْزُقْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟
ईसा अलैहिस्सलाम ने उनके अनुरोध का उत्तर दिया और अल्लाह से यह कहते हुए दुआ की : हे हमारे रब! हमपर खाने का एक दस्तर-ख़्वान उतार दे, जिसके उतरने के दिन को हम एक पर्व बनाकर तेरे लिए आभार प्रकट करते हुए उसका सम्मान करें, तथा वह तेरे एकत्व (एकमात्र पूज्य होने) की निशानी और प्रमाण, तथा जिस चीज़ के साथ मैं भेजा गया हूँ उसकी सच्चाई का प्रमाण हो। तथा हमें ऐसी जीविका प्रदान कर, जो तेरी इबादत करने में हमारी मदद करे, और - ऐ हमारे रब! - तू सबसे उत्तम जीविका प्रदान करने वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ اللّٰهُ اِنِّیْ مُنَزِّلُهَا عَلَیْكُمْ ۚ— فَمَنْ یَّكْفُرْ بَعْدُ مِنْكُمْ فَاِنِّیْۤ اُعَذِّبُهٗ عَذَابًا لَّاۤ اُعَذِّبُهٗۤ اَحَدًا مِّنَ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
अल्लाह ने ईसा अलैहिस्सलाम की दुआ क़बूल कर ली और फरमाया : मैं यह दस्तर-ख़्वान उतारने वाला हूँ, जो तुमने अपने ऊपर उतारने की माँग की है। अतः जो कोई भी उसके उतरने के बाद कुफ्र करे, वह केवल खुद को दोषी ठहराए। क्योंकि मैं उसे ऐसी कड़ी यातना दूँगा, जो किसी और को नहीं दूँगा। क्योंकि उसने प्रकाशमान (स्पष्ट) निशानी देखी, इसलिए उसका कुफ़्र हठ का कुफ़्र है। तथा अल्लाह ने उनसे अपना वचन पूरा किया, सो उसे उनपर उतार दिया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَاِذْ قَالَ اللّٰهُ یٰعِیْسَی ابْنَ مَرْیَمَ ءَاَنْتَ قُلْتَ لِلنَّاسِ اتَّخِذُوْنِیْ وَاُمِّیَ اِلٰهَیْنِ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— قَالَ سُبْحٰنَكَ مَا یَكُوْنُ لِیْۤ اَنْ اَقُوْلَ مَا لَیْسَ لِیْ ۗ— بِحَقٍّ ؔؕ— اِنْ كُنْتُ قُلْتُهٗ فَقَدْ عَلِمْتَهٗ ؕ— تَعْلَمُ مَا فِیْ نَفْسِیْ وَلَاۤ اَعْلَمُ مَا فِیْ نَفْسِكَ ؕ— اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُیُوْبِ ۟
और उस समय को याद करो, जब अल्लाह तआला क़ियामत के दिन ईसा बिन मरयम अलैहिमस्सलाम को संबोधित करते हुए कहेगा : ऐ ईसा बिन मरयम! क्या तुमने लोगों से कहा था : मुझे और मेरी माँ को अल्लाह के अलावा पूज्य बना लो? तो ईसा अलैहिस्सलाम अपने पालनहार की पवित्रता बयान करते हुए कहेंगे : मेरे लिए उचित ही नहीं कि मैं उनसे सत्य के अलावा कुछ कहूँ। और यदि मान लिया जाए कि मैंने ऐसा कहा था, तो निश्चय तुझे उसका ज्ञान है, क्योंकि तुझसे कुछ भी छिपा नहीं है। तू जानता है जो कुछ मैं अपने दिल में छिपाता हूँ, और मुझे नहीं पता जो तेरे मन में है। निश्चय अकेला तू ही है जो हर परोक्ष (अनुपस्थित), हर छिपी हुई और हर प्रत्यक्ष चीज़ को जानता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
مَا قُلْتُ لَهُمْ اِلَّا مَاۤ اَمَرْتَنِیْ بِهٖۤ اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبَّكُمْ ۚ— وَكُنْتُ عَلَیْهِمْ شَهِیْدًا مَّا دُمْتُ فِیْهِمْ ۚ— فَلَمَّا تَوَفَّیْتَنِیْ كُنْتَ اَنْتَ الرَّقِیْبَ عَلَیْهِمْ ؕ— وَاَنْتَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ شَهِیْدٌ ۟
ईसा (अलैहिस्सलाम) ने अपने रब से कहा : मैंने उनसे केवल वही कहा, जो कुछ तूने मुझे कहने का आदेश दिया था कि उन्हें एकमात्र तेरी इबादत करने का आदेश दूँ। और जब तक मैं उनके बीच मौजूद था तो वे जो कुछ कहते थे मैं उसकी निगरानी करता था। फिर जब तूने मुझे जीवित आकाश पर उठाकर उनके बीच मेरे रहने की अवधि का समापन कर दिया, तो - ऐ मेरे रब! - तू ही उनके कर्मों का संरक्षक था, और तू हर चीज़ का साक्षी है, कोई भी चीज़ तुझसे छिपी नहीं। अतः जो कुछ मैंने उनसे कहा और जो कुछ उन्होंने मेरे बाद कहा, वह तुझसे छिपा नहीं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنْ تُعَذِّبْهُمْ فَاِنَّهُمْ عِبَادُكَ ۚ— وَاِنْ تَغْفِرْ لَهُمْ فَاِنَّكَ اَنْتَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
(ऐ मेरे पालनहार!) यदि तू उन्हें दंड दे, तो बेशक वे तेरे बंदे हैं, तू उनके साथ जो चाहे करे, और यदि तू उनमें से ईमान लाने वालों पर उपकार करते हुए उन्हें क्षमा कर दे, तो कोई तुझे उससे रोकने वाला नहीं। क्योंकि तू सबपर प्रभुत्वशाली है जिसे पराजित नहीं किया जा सकता, तथा अपने प्रबंधन में हिकमत वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالَ اللّٰهُ هٰذَا یَوْمُ یَنْفَعُ الصّٰدِقِیْنَ صِدْقُهُمْ ؕ— لَهُمْ جَنّٰتٌ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ؕ— رَضِیَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُ ؕ— ذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟
अल्लाह ईसा अलैहिस्सलाम से कहेगा : यह एक ऐसा दिन है जब सच्चे इरादों, कर्मों और बातों वालों को उनकी सच्चाई लाभ देगी। उनके लिए ऐसे बाग़ हैं, जिनके महलों तथा पेड़ों के नीचे से नहरें प्रवाहित हैं, वे उनमें सदा सर्वदा के लिए रहेंगे, उन्हें कभी मृत्यु नहीं आएगी। अल्लाह उनसे प्रसन्न होगा, अतः वह उनसे कभी नाराज़ नहीं होगा तथा वे शाश्वत आनंद प्राप्त होने के कारण अल्लाह से प्रसन्न होंगे। यह प्रतिफल और (अल्लाह का) उनसे प्रसन्न होना ही महान सफलता है, जिसके बराबर कोई सफलता नहीं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
لِلّٰهِ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا فِیْهِنَّ ؕ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟۠
आकाशों तथा धरती का राज्य अकेले अल्लाह ही का है, वही उनका स्रष्टा और उनके मामलों का प्रबंध करने वाला है, तथा उनमें विद्यमान् सभी प्राणियों का राज्य उसी का है, तथा वह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है, उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• توعد الله تعالى كل من أصرَّ على كفره وعناده بعد قيام الحجة الواضحة عليه.
• जो व्यक्ति स्पष्ट तर्क स्थापित होने के बाद भी अपने कुफ़्र तथा हठ पर अटल रहे, उसे अल्लाह की धमकी।

• تَبْرئة المسيح عليه السلام من ادعاء النصارى بأنه أبلغهم أنه الله أو أنه ابن الله أو أنه ادعى الربوبية أو الألوهية.
• मसीह अलैहिस्सलाम को ईसाइयों के इस दावे से बरी करना कि उन्होंने उन्हें सूचित किया था कि वह अल्लाह हैं, या अल्लाह के बेटे हैं, या उन्होंने रब होने अथवा पूज्य होने का दावा किया।

• أن الله تعالى يسأل يوم القيامة عظماء الناس وأشرافهم من الرسل، فكيف بمن دونهم درجة؟!
• अल्लाह सर्वशक्तिमान क़ियामत के दिन सबसे महान और प्रतिष्ठित लोगों अर्थात् रसूलों से भी पूछेगा, तो फिर उन लोगों का क्या हाल होगा जो उनसे नीचे हैं?!

• علو منزلة الصدق، وثناء الله تعالى على أهله، وبيان نفع الصدق لأهله يوم القيامة.
• सच्चाई की उच्च स्थिति, अल्लाह के द्वारा सच्चे लोगों की प्रशंसा और क़ियामत के दिन सच्चे लोगों के लिए सच्चाई के लाभ का वर्णन।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߛߎ߬ߡߊ߲߬ߝߍ
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲