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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߖߎߙߎ߲ߖߎߙߎ߲ߠߌ߲ߠߊ ߟߎ߬   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
كَذٰلِكَ مَاۤ اَتَی الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا قَالُوْا سَاحِرٌ اَوْ مَجْنُوْنٌ ۟۫
जिस तरह मक्का के लोगों ने झुठलाया है, उसी तरह पिछले समुदायों ने भी झुठलाया। चुनाँचे उनके पास अल्लाह की ओर से जो भी रसूल आया, उन्होंने उसके बारे में कहा : वह एक जादूगर है, या एक पागल है।
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اَتَوَاصَوْا بِهٖ ۚ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ طَاغُوْنَ ۟ۚ
क्या पहले के काफिरों और उनमें से बाद के लोगों ने रसूलों को झुठलाने की एक-दूसरे को वसीयत कर रखी है?! नहीं, बल्कि उनकी सरकशी ने उन्हें इसपर एकमत किया है।
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فَتَوَلَّ عَنْهُمْ فَمَاۤ اَنْتَ بِمَلُوْمٍ ۟ؗ
तो (ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वालों से किनारा कर लें। आपपर कोई दोष नहीं है। क्योंकि आप जो कुछ देकर उनके पास भेजे गए थे, वह आपने उन्हें पहुँचा दिया।
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وَّذَكِّرْ فَاِنَّ الذِّكْرٰی تَنْفَعُ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
तथा आपका उनसे किनारा करना, आपको उन्हें उपदेश करने और याद दिलाने से न रोके। अतः आप उन्हें उपदेश करें और याद दिलाते रहें। क्योंकि याद दिलाने से अल्लाह पर ईमान रखने वालों को लाभ होता है।
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وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْاِنْسَ اِلَّا لِیَعْبُدُوْنِ ۟
मैंने जिन्नों और इंसानों को केवल अपनी इबादत के लिए पैदा किया, मैंने उन्हें इसलिए नहीं पैदा किया कि वे किसी को मेरा साझी बनाएँ।
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مَاۤ اُرِیْدُ مِنْهُمْ مِّنْ رِّزْقٍ وَّمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ یُّطْعِمُوْنِ ۟
मैं उनसे कोई रोज़ी नहीं चाहता और न मैं उनसे यह चाहता हूँ कि वे मुझे खिलाएँ।
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اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الرَّزَّاقُ ذُو الْقُوَّةِ الْمَتِیْنُ ۟
निःसंदेह अल्लाह ही अपने बंदों को रोज़ी देने वाला है। सभी लोग उसकी रोज़ी के मोहताज हैं। वह बड़ा शक्तिशाली, अत्यंत मज़बूत है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। जबकि सभी जिन्न और इनसान उसकी शक्ति के अधीन हैं।
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فَاِنَّ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذَنُوْبًا مِّثْلَ ذَنُوْبِ اَصْحٰبِهِمْ فَلَا یَسْتَعْجِلُوْنِ ۟
निश्चय उन लोगों के लिए जिन्होंने (ऐ रसूल!) आपको झुठलाकर खुद पर अत्याचार किया, उनके पिछले साथियों के हिस्से की तरह यातना का एक हिस्सा है, जिसकी एक निश्चित अवधि है। इसलिए, वे मुझसे उसे उसके समय से पहले जल्दी लाने का मुतालबा न करें।
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فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ یَّوْمِهِمُ الَّذِیْ یُوْعَدُوْنَ ۟۠
फिर उन लोगों के लिए जिन्होंने अल्लाह का इनकार किया और अपने रसूल को झुठलाया, क़ियामत के दिन बड़ा विनाश और घाटा है, जिसमें उन्हें सज़ा देने का वादा किया जाता है।
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ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• الكفر ملة واحدة وإن اختلفت وسائله وتنوع أهله ومكانه وزمانه.
• कुफ़्र एक ही धर्म है, भले ही उसके साधन अलग-अलग हों, और उसके लोग, स्थान और समय अलग-अलग हों।

• شهادة الله لرسوله صلى الله عليه وسلم بتبليغ الرسالة.
• अल्लाह की अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए इस बात की गवाही कि आपने संदेश पहुँचा दिया।

• الحكمة من خلق الجن والإنس تحقيق عبادة الله بكل مظاهرها.
• जिन्नों और इनसानों को पैदा करने की हिकमत अल्लाह की इबादत को उसके सभी रूपों में अंजाम देना है।

• سوف تتغير أحوال الكون يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन ब्रह्मांड की स्थितियाँ बदल जाएँगी।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߖߎߙߎ߲ߖߎߙߎ߲ߠߌ߲ߠߊ ߟߎ߬
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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