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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߊ߬ߕߐ߲߬ߠߌ߲   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا تُوْبُوْۤا اِلَی اللّٰهِ تَوْبَةً نَّصُوْحًا ؕ— عَسٰی رَبُّكُمْ اَنْ یُّكَفِّرَ عَنْكُمْ سَیِّاٰتِكُمْ وَیُدْخِلَكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۙ— یَوْمَ لَا یُخْزِی اللّٰهُ النَّبِیَّ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ ۚ— نُوْرُهُمْ یَسْعٰی بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَبِاَیْمَانِهِمْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَاۤ اَتْمِمْ لَنَا نُوْرَنَا وَاغْفِرْ لَنَا ۚ— اِنَّكَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! तुम अल्लाह के सामने अपने गुनाहों से सच्ची तौबा करो। आशा है कि तुम्हारा पालनहार तुम्हारे गुनाहों को मिटा दे और तुम्हें क़ियामत के दिन ऐसी जन्नतों में दाख़िल करे, जिनके महलों के नीचे से नहरें बहती हैं। जिस दिन अल्लाह नबी को तथा उनके साथ ईमान लाने वालों को जहन्नम में दाखिल करके अपमानित नहीं करेगा। उनका प्रकाश सिरात पर उनके आगे तथा उनके दाएँ चल रहा होगा। वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार, हमारे लिए हमारे प्रकाश को पूर्ण कर दे, ताकि हम जन्नत में दाखिल हो सकें। और मुनाफ़िकों के जैसे न हो जाएँ, जिनका प्रकाश सिरात पर बुझ जाएगा। तथा हमारे गुनाह माफ़ कर दे। निःसंदेह तू हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है। इसलिए हमारे प्रकाश को पूरा करने और हमारे पापों को नजरअंदाज करने से विवश नहीं है।
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یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ جَاهِدِ الْكُفَّارَ وَالْمُنٰفِقِیْنَ وَاغْلُظْ عَلَیْهِمْ ؕ— وَمَاْوٰىهُمْ جَهَنَّمُ ؕ— وَبِئْسَ الْمَصِیْرُ ۟
ऐ रसूल, काफ़िरों से तलवार के द्वारा तथा मुनाफ़िकों से ज़बान के द्वारा और हदें (शरई दंड) क़ायम करके जिहाद करें। और उनपर सख़्ती करें, ताकि वे आपका भय महसूस करें। और उनका ठिकाना, जहाँ वे क़ियामत के दिन शरण लेंगे, जहन्नम है, और उनका वह ठिकाना बहुत बुरा ठिकाना है, जहाँ वे लौटकर जाएँगे।
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ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوا امْرَاَتَ نُوْحٍ وَّامْرَاَتَ لُوْطٍ ؕ— كَانَتَا تَحْتَ عَبْدَیْنِ مِنْ عِبَادِنَا صَالِحَیْنِ فَخَانَتٰهُمَا فَلَمْ یُغْنِیَا عَنْهُمَا مِنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا وَّقِیْلَ ادْخُلَا النَّارَ مَعَ الدّٰخِلِیْنَ ۟
अल्लाह ने उन लोगों के लिए, जिन्होंने अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार किया (यह स्पष्ट करने के लिए कि ईमान वालों के साथ उनका संबंध किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है) अल्लाह के दो नबियों : नूह और लूत अलैहिमस्सलाम की पत्नियों का उदाहरण दिया है। वे दोनों दो नेक बंदों की पत्नियाँ थीं। किन्तु दोनों ने अपने पतियों के साथ विश्वासघात किया। क्योंकि वे दोनों अल्लाह के मार्ग से रोकती तथा अपनी जाति के काफ़िरों का समर्थन करती थीं। इसलिए उन दोनों का इन दोनों नेक बंदों की पत्नियाँ होने का कोई लाभ न हुआ। और उनसे कहा गया : जहन्नम में प्रवेश करने वाले काफ़िरों और अवज्ञाकारियों के साथ तुम दोनों (भी) उसमें प्रवेश कर जाओ।
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وَضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوا امْرَاَتَ فِرْعَوْنَ ۘ— اِذْ قَالَتْ رَبِّ ابْنِ لِیْ عِنْدَكَ بَیْتًا فِی الْجَنَّةِ وَنَجِّنِیْ مِنْ فِرْعَوْنَ وَعَمَلِهٖ وَنَجِّنِیْ مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और अल्लाह ने उन लोगों के लिए, जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए, यह बतलाने के लिए कि काफ़िरों के साथ उनका संबंध उन्हें कुछ नुक़सान नहीं पहुँचाएगा और उन्हें प्रभावित नहीं करेगा जब तक कि वे सत्य पर सुदृढ़ हैं, फ़िरऔन की पत्नी की स्थिति का उदाहरण प्रस्तुत किया है, जब उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए अपने निकट जन्नत में एक घर बना और मुझे फ़िरऔन के अत्याचार और उसके बुरे कामों से बचा ले तथा मुझे उन लोगों से बचा ले, जो उसकी सरकशी एवं अत्याचार में उसका पालन करके अपने ऊपर अत्याचार करने वाले हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَمَرْیَمَ ابْنَتَ عِمْرٰنَ الَّتِیْۤ اَحْصَنَتْ فَرْجَهَا فَنَفَخْنَا فِیْهِ مِنْ رُّوْحِنَا وَصَدَّقَتْ بِكَلِمٰتِ رَبِّهَا وَكُتُبِهٖ وَكَانَتْ مِنَ الْقٰنِتِیْنَ ۟۠
तथा अल्लाह ने उन लोगों के लिए, जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए, मरयम बिन्त इमरान का उदाहरण पेश किया है, जिसने खुद को व्यभिचार से सुरक्षित रखा, तो अल्लाह ने जिबरील को उसके अंदर फूँक मारने का आदेश दिया। चुनाँचे उसने अल्लाह की शक्ति के साथ बिना बाप के ईसा बिन मरयम अलैहिस्सलाम का गर्भ धारण कर लिया। तथा उसने अल्लाह के नियमों की और उसके रसूलों पर अवतरित उसकी किताबों की पुष्टि की। और वह अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई बातों से बचकर उसका आज्ञापालन करने वालों में से थी।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• التوبة النصوح سبب لكل خير.
• सच्ची तौबा हर भलाई का कारण है।

• في اقتران جهاد العلم والحجة وجهاد السيف دلالة على أهميتهما وأنه لا غنى عن أحدهما.
• ज्ञान एवं तर्क के जिहाद तथा तलवार के जिहाद का एक साथ उल्लेख करना, उन दोनों के महत्व को इंगित करता है और यह कि उनमें से कोई भी छोड़ने योग्य नहीं है।

• القرابة بسبب أو نسب لا تنفع صاحبها يوم القيامة إذا فرّق بينهما الدين.
• किसी कारण या वंश की वजह से रिश्तेदारी इनसान को क़ियामत के दिन लाभ नहीं देगी यदि उन दोनों का धर्म अलग-अलग है।

• العفاف والبعد عن الريبة من صفات المؤمنات الصالحات.
• पाकदामनी और संदेह से दूरी नेक मोमिन स्त्रियों की विशेषताएँ हैं।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߟߊ߬ߕߐ߲߬ߠߌ߲
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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