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ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ * - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ


ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߡߐ߱   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
وَمِنَ الَّیْلِ فَاسْجُدْ لَهٗ وَسَبِّحْهُ لَیْلًا طَوِیْلًا ۟
और उसे रात की दो नमाज़ों : मग़रिब एवं इशा की नमाज़ों के ज़रिए याद करें, तथा इनके बाद भी उसके लिए जागकर नमाज़ पढ़ें।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِنَّ هٰۤؤُلَآءِ یُحِبُّوْنَ الْعَاجِلَةَ وَیَذَرُوْنَ وَرَآءَهُمْ یَوْمًا ثَقِیْلًا ۟
ये मुश्रिक लोग सांसारिक जीवन से प्यार करते हैं और उसके लिए उत्सुक होते हैं, और क़ियामत के दिन को अपने पीछे छोड़ देते हैं, जो एक भारी दिन है, क्योंकि उसमें कठिनाइयों और क्लेशों का सामना होगा।
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نَحْنُ خَلَقْنٰهُمْ وَشَدَدْنَاۤ اَسْرَهُمْ ۚ— وَاِذَا شِئْنَا بَدَّلْنَاۤ اَمْثَالَهُمْ تَبْدِیْلًا ۟
हम ही ने उन्हें पैदा किया और उनके जोड़ों और अंगों आदि को मज़बूत करके उनकी रचना को मज़बूत किया। तथा जब हम उन्हें नष्ट करना और उन्हें बदलकर उन्हीं जैसों को लाना चाहेंगे, तो हम उन्हें नष्ट कर देंगे और उन्हें बदल देंगे।
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اِنَّ هٰذِهٖ تَذْكِرَةٌ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟
निश्चय यह सूरत एक उपदेश और याददेहानी है। अतः जो अल्लाह की प्रसन्नता तक पहुँचाने वाला मार्ग ग्रहण करना चाहे, उसे ग्रहण कर ले।
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وَمَا تَشَآءُوْنَ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟
और तुम अल्लाह की प्रसन्नता का मार्ग ग्रहण करने की इच्छा नहीं कर सकते, सिवाय इसके कि अल्लाह तुमसे ऐसा चाहे। क्योंकि सारा मामला अल्लाह के हाथ में है। अल्लाह जानता है कि उसके बंदों के लिए क्या अच्छा है, और उनके लिए क्या अच्छा नहीं है। वह अपनी रचना, तक़दीर (नियति) और शरीयत में हिकमत वाला है।
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یُّدْخِلُ مَنْ یَّشَآءُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— وَالظّٰلِمِیْنَ اَعَدَّ لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
वह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपनी रहमत में दाखिल करता है। अतः वह उन्हें ईमान और सत्कर्म का सामर्थ्य प्रदान करता है। तथा उसने अपने आपपर कुफ़्र और पापों के द्वारा अत्याचार करने वालों के लिए दर्दनाक यातना तैयार कर रखी है, और वह जहन्नम की यातना है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• خطر التعلق بالدنيا ونسيان الآخرة.
• दुनिया से लगाव और आख़िरत को भूल जाने का खतरा।

• مشيئة العبد تابعة لمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा, अल्लाह की इच्छा के अधीन है।

• إهلاك الأمم المكذبة سُنَّة إلهية.
• झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट करना अल्लाह की परंपरा रही है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߡߐ߱
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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