Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Mealler fihristi


Anlam tercümesi Ayet: (170) Sure: Sûratu'l-Bakarah
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ اتَّبِعُوْا مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ قَالُوْا بَلْ نَتَّبِعُ مَاۤ اَلْفَیْنَا عَلَیْهِ اٰبَآءَنَا ؕ— اَوَلَوْ كَانَ اٰبَآؤُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ شَیْـًٔا وَّلَا یَهْتَدُوْنَ ۟
जब इन काफ़िरों से कहा जाता है कि उस मार्गदर्शन और प्रकाश का अनुसरण करो, जो अल्लाह ने उतारा है, तो वे हठ करते हुए कहते हैं : बल्कि हम उन मान्यताओं और परंपराओं का अनुसरण करेंगे, जिनपर हमने अपने बाप-दादा को पाया है। क्या वे अपने बाप-दादा का अनुसरण करेंगे, यद्यपि वे मार्गदर्शन और प्रकाश के बारे में कुछ भी न समझते हों, और न ही वे उस सत्य की ओर मार्गदर्शन पाते हों, जिससे अल्लाह प्रसन्न होता है?!
Arapça tefsirler:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• أكثر ضلال الخلق بسبب تعطيل العقل، ومتابعة من سبقهم في ضلالهم، وتقليدهم بغير وعي.
• अक्सर लोगों की पथभ्रष्टता का कारण विवेक से काम न लेना, तथा अपने से पूर्व लोगों का उनकी गुमराही में अनुसरण करना और बिना सोचे-समझे उनकी नक़ल करना है।

• عدم انتفاع المرء بما وهبه الله من نعمة العقل والسمع والبصر، يجعله مثل من فقد هذه النعم.
• मनुष्य का अल्लाह की दी हुई सोचने-समझने, सुनने और देखने की नेमतों से लाभ न उठाना, उसे ऐसे व्यक्ति के समान बना देता है जिसने इन नेमतों को खो दिया हो।

• من أشد الناس عقوبة يوم القيامة من يكتم العلم الذي أنزله الله، والهدى الذي جاءت به رسله تعالى.
• क़ियामत के दिन सबसे कठोर दंड पाने वालों में से एक वह व्यक्ति है, जो अल्लाह के उतारे हुए ज्ञान और उसके रसूलों द्वारा लाए हुए मार्गदर्शन को छिपाता है।

• من نعمة الله تعالى على عباده المؤمنين أن جعل المحرمات قليلة محدودة، وأما المباحات فكثيرة غير محدودة.
• अल्लाह की अपने मोमिन बंदों पर नेमतों में से एक यह है कि उसने हराम (निषिद्ध) चीज़ों को कम और सीमित कर दिया है। जहाँ तक अनुमेय (जायज़) चीज़ों का संबंध है, तो वे बहुत अधिक और असीमित हैं।

 
Anlam tercümesi Ayet: (170) Sure: Sûratu'l-Bakarah
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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