Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Mealler fihristi


Anlam tercümesi Ayet: (61) Sure: Sûratu Âl-i İmrân
فَمَنْ حَآجَّكَ فِیْهِ مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَكَ مِنَ الْعِلْمِ فَقُلْ تَعَالَوْا نَدْعُ اَبْنَآءَنَا وَاَبْنَآءَكُمْ وَنِسَآءَنَا وَنِسَآءَكُمْ وَاَنْفُسَنَا وَاَنْفُسَكُمْ ۫— ثُمَّ نَبْتَهِلْ فَنَجْعَلْ لَّعْنَتَ اللّٰهِ عَلَی الْكٰذِبِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आपसे नजरान के ईसाइयों में से जो भी ईसा अलैहिस्सलाम के मामले में बहस करे, यह दावा करते हुए कि वह अल्लाह के बंदे नहीं हैं, इसके पश्चात कि उनके बारे में आपके पास सही ज्ञान आ चुका; तो उनसे कह दें : आओ, हम अपने पुत्रों और तुम्हारे पुत्रों, अपनी स्त्रियों और तुम्हारी स्त्रियों को बुला लें और अपने आपको और तुम्हें भी, और हम सब इकट्ठे हो जाएँ, और फिर अल्लाह से गिड़गिड़ाकर विनती करें कि वह हमारे और तुम्हारे बीच झूठ बोलने वालों पर अपना श्राप (ला'नत) भेजे।
Arapça tefsirler:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• من كمال قدرته تعالى أنه يعاقب من يمكر بدينه وبأوليائه، فيمكر بهم كما يمكرون.
• अल्लाह की शक्ति की पूर्णता में से यह है कि वह उन लोगों को दंडित करता है जो उसके धर्म और उसके दोस्तों के साथ चालें चलते हैं, चुनाँचे जिस तरह वे साजिश करते हैं, उसी तरह वह उनके विरुद्ध योजना बनाता है।

• بيان المعتقد الصحيح الواجب في شأن عيسى عليه السلام، وبيان موافقته للعقل فهو ليس بدعًا في الخلقة، فآدم المخلوق من غير أب ولا أم أشد غرابة والجميع يؤمن ببشريته.
• ईसा - अलैहिस्सलाम - के विषय में सही और अनिवार्य मत का बयान और इस बात का वर्णन कि वह बुद्धि के अनुकूल है। क्योंकि वह अपनी रचना में अनोखे (नवीन) नहीं हैं। बल्कि आदम, जो बिना बाप और माँ के पैदा हुए थे, और अधिक अनोखे हैं। इसके बावजूद उनके मानव होने को सभी लोग मानते हैं।

• مشروعية المُباهلة بين المتنازعين على الصفة التي وردت بها الآية الكريمة.
• दो विवादित पक्षों के बीच आयत में उल्लेख किए गए तरीक़े के अनुसार 'मुबाहला' की वैधता।

 
Anlam tercümesi Ayet: (61) Sure: Sûratu Âl-i İmrân
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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