Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Mealler fihristi


Anlam tercümesi Ayet: (176) Sure: Sûratu'l-A'râf
وَلَوْ شِئْنَا لَرَفَعْنٰهُ بِهَا وَلٰكِنَّهٗۤ اَخْلَدَ اِلَی الْاَرْضِ وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ ۚ— فَمَثَلُهٗ كَمَثَلِ الْكَلْبِ ۚ— اِنْ تَحْمِلْ عَلَیْهِ یَلْهَثْ اَوْ تَتْرُكْهُ یَلْهَثْ ؕ— ذٰلِكَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ۚ— فَاقْصُصِ الْقَصَصَ لَعَلَّهُمْ یَتَفَكَّرُوْنَ ۟
और यदि हम उसे इन आयतों से लाभ पहुँचाना चाहते, तो इनके द्वारा उसे ऊँचाइयाँ प्रदान करते। वह इस तरह कि उसे इनपर अमल करने की तौफीक़ देते, तो वह दुनिया एवं आख़िरत में ऊँचाइयाँ प्राप्त कर लेता। लेकिन उसने वह रास्ता चुना जो उसकी विफलता की ओर ले जाता है, जब वह अपनी आख़िरत पर अपनी दुनिया को प्राथमिकता देते हुए संसार की इच्छाओं की ओर अग्रसर हो गया और अपने मन की असत्य आकांक्षाओं के पीछे चलने लगा। अतः दुनिया के अत्यधिक मोह के विषय में उसकी मिसाल कुत्ते की तरह है, जो हर हाल में हाँफता रहता है, यदि वह बैठा हुआ है तो भी हाँफता रहता है और अगर धुतकार दिया जाता है तो भी हाँफता रहता है। यह मिसाल उन लोगों की है जो हमारी आयतों को झुठलाने के कारण गुमराह होने वाले हैं।तो (ऐ रसूल!) आप उन्हें कहानियाँ सुनाएँ; इस आशा में कि वे सोच-विचार करें, और परिणाम स्वरूप, वे जिस गुमराही और झुठलाने में लिप्त हैं, उससे बाज़ आ जाएँ।
Arapça tefsirler:
Bu sayfadaki ayetlerin faydaları:
• المقصود من إنزال الكتب السماوية العمل بمقتضاها لا تلاوتها باللسان وترتيلها فقط، فإن ذلك نَبْذ لها.
• आसमानी किताबों के उतारने का उद्देश्य उनकी अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करना है, केवल उनकी तिलावत करना और उन्हें ठहर-ठहर कर पढ़ना नहीं है। क्योंकि यह एक तरह से उन्हें छोड़ देने के अर्थ में है।

• أن الله خلق في الإنسان من وقت تكوينه إدراك أدلة الوحدانية، فإذا كانت فطرته سليمة، ولم يدخل عليها ما يفسدها أدرك هذه الأدلة، وعمل بمقتضاها.
• अल्लाह ने इनसान के अंदर उसकी रचना के समय ही से अपने एकत्व के प्रमाणों का बोध करने की क्षमता रखी है। अतः यदि उसकी फ़ितरत शुद्ध है और उसके अदंर बिगाड़ पैदा करने वाली कोई चीज़ प्रवेश नहीं करती, तो वह इन प्रमाणों का बोध करेगा और उनके अनुसार कार्य करेगा।

• في الآيات عبرة للموفَّقين للعمل بآيات القرآن؛ ليعلموا فضل الله عليهم في توفيقهم للعمل بها؛ لتزكو نفوسهم.
• इन आयतों में उन लोगों के लिए एक पाठ है, जिन्हें क़ुरआन की आयतों पर अमल करने की तौफ़ीक़ प्राप्त हुई है, ताकि उन्हें अपने ऊपर अल्लाह के इस अनुग्रह का बोध हो कि उसने उन्हें आयतों पर अमल करने की तौफ़ीक़ प्रदान की है; ताकि इससे उन्हें आत्म-शुद्धि प्राप्त हो।

• في الآيات تلقين للمسلمين للتوجه إلى الله تعالى بطلب الهداية منه والعصمة من مزالق الضلال.
• इन आयतों में मुसलमानों को यह शिक्षा-दीक्षा दी गई है कि मार्गदर्शन तलब करने और गुमराही के रास्तों से सुरक्षा मांगने के लिए अल्लाह की ओर रुख़ करें।

 
Anlam tercümesi Ayet: (176) Sure: Sûratu'l-A'râf
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Kur'an-ı Kerim meal tercümesi - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Mealler fihristi

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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